बीमा क्लेम निरस्त करना सेवा में कमी

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चोरी की सूचना बीमा कम्पनी को न देने के आधार पर बीमा क्लेम निरस्त करना सेवा में कमी
बीमा कम्पनी को मय ब्याज उपभोक्ता को ४.०३ लाख भुगतान का आदेश
जिला उपभोक्ता फोरम ने वाहन चोरी के बीमा क्लेम को बीमा कम्पनी को सूचना देने के आधार पर खारिज करना उपभोक्ता सेवा में कमी मानते हुये बीमा कम्पनी को उपभोक्ता को ४ लाख ३ हजार ८ सौ रूपये के भुगतान का आदेश दिया है। इसमें ५ हजार वाद व्यय तथा १० हजार मानसिक क्षतिपूर्ति भी शामिल है। इसके अतिरिक्त बीमा कम्पनी को ७ प्रतिशत वार्षिक की दर से वाद दायर करने से भुगतान की तिथि तक का ब्याज भी भुगतान करने को आदेशित किया गया है।
काशीपुर के होशियार सिंह की ओर से अधिवक्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट द्वारा जिला उपभोक्ता फोरम उधमसिंह नगर में परिवाद दायर करके कहा गया था कि परिवादी ने वर्ष २००९ में स्वरोजगार हेतु एक महेन्द्रा बुलेरों खरीदी थी जिसका बीमा चोला मण्डलम एम०एस०जनरल इंश्योरेंस ंकं०लि० से रू. २०४१९ का प्रीमियम भुगतान करके कराया। बीमा अवधि मे वाहन २१-०८-२०१३ को चोरी होने पर सूचना पुलिस व बीमा कम्पनी को दी गयी जब वाहन पुलिस द्वारा काफी तलाश करने पर भी नहीं मिला तब परिवादी ने बीमा क्लेम दिलाये जाने हेतु कम्पनी के काशीपुर शाखा से निवेदन किया और सभी औपचारिकतायें पूर्ण की परन्तु परिवादी को न तो क्लेम दिया गया और न ही निरस्त करने की सूचना। इस पर उसने अपने अधिवक्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट के माध्यम से नोटिस भिजवाया जिस पर भी कोई कार्यवाही न करने पर परिवाद दायर किया गया।
बीमा कम्पनी की ओर से कम्पनी के मुख्यालय में १६३ दिन बाद वाहन की चोरी की सूचना देने को बीमा क्लेम निरस्त करने का आधार बताते हुये बीमा क्लेम खारिज करने का कथन किया।
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष आर०डी०पालीवाल तथा सदस्या नरेश कुमारी छाबडा तथा सदस्य सबाहत हुसैन खान ने परिवादी के अधिवक्ता नदीम उद्दीन के तर्कों से सहमत हुये अपने निर्णय में लिखा कि बीमा की शर्त के अनुसार वाहन की चोरी के मामले में परिवादी द्वारा पुलिस को तुरन्त सूचना देनी थी। जिसमें कोई विलम्ब नहीं किया गया था। पुलिस द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज करके मामले का अन्वेषण किया गया व वाहन तथा अपराधी का पता न लगने पर न्यायालय म अन्तिम रिपोर्ट (एफ.आर.) प्रेषित कर दी जिसे न्यायालय ने स्वीकार भी कर लिया। परिवादी अपराधी को दोष सिद्ध कराने हेतु न्यायालय में साक्ष्य तब देता जब अपराधी का पता चलता व उसके विरूद्ध पुलिस न्यायालय में आरोप पत्र भेजती व न्यायालय में अभियोजन चलता, परन्तु इन तथ्यों की जानकारी होने के बावजूद भी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी के क्लेम को खारिज करना सेवा में कमी माना जायेगा।
जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कम्पनी को वाहन की बीमित धनराशि रू. तीन लाख अठासी हजार ७ प्रतिशत साधारण ब्याज सहित जो परिवाद दायर करने की तिथि ०७-०५-२०१५ से वास्तविक भुगतान की तिथि तक देय होगा, का भुगतान एक माह क अन्दर करने का आदेश दिया। साथ ही मानसिक क्षति के लिये रू. १० हजार तथा वाद व्यय के लिये रू. ५ हजार का भी भुगतान करने का आदेश दिया है।

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