आवाम को भिखारी बना दिया ;वरिष्ठ नेत्री BJP

लाइन में खड़े हैं वे घोटालेबाज हैं?’ #आवाम को रोज कतार में खड़ा होना पड़ता है#बिना तैयारी के ही सरकार ने यह घोषणा कर दी #सरकार अभी इस निर्णय के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थी #सरकार को पहले बैंकों में पर्याप्त नोटो की आपूर्ति करानी चाहिए थी #उसके बाद मौजूदा नोटों का प्रचलन समाप्त किया जाता# एक दिन में चार हजार के निर्णय ने आवाम को भिखारी बना दिया है# भारतीय जनता पार्टी की एक वरिष्ठ नेत्री पूर्व उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांता चावला ने बयान जारी कर कहा#प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी पर कहा कि हमने देश से सिर्फ 50 दिन मांगे हैं, 30 दिसंबर के बाद गलती निकल जाए तो सजा के लिए तैयार हूं, उन्होंने कहा कि ईमानदार लोग इस काम में मेरा साथ दे रहे हैं, यह मुद्दा अहंकार का नहीं है; नरेन्द्र मोदी
#केंद्र सरकार ने लोगों को हो रही समस्या को ध्यान में रखते हुए नोट बदलने और कैश निकालने की सीमा में बढ़ोतरी# www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal)

देश में बड़े नोटों को अमान्य करार दिये जाने के बाद बैंकों में आम जनता की सहूलियत के लिए काउंटर बढ़ाने की मांग करते हुए भारतीय जनता पार्टी की एक वरिष्ठ नेत्री ने रविवार को कहा कि बिना तैयारी के ही सरकार ने यह घोषणा कर दी है और सरकार के इस फैसले ने आवाम को भिखारी बना दिया है। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की पूर्व उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांता चावला ने बयान जारी कर कहा, ‘देश में काले धन के प्रवाह को बंद करने के लिए केंद्र सरकार ने एक हजार और पांच सौ रूपये के नोटों को रद्द कर एक अच्छा काम किया है लेकिन देश की मौजूदा हालात देख कर ऐसा लगता है कि सरकार अभी इस निर्णय के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थी। सरकार ने बिना तैयारी के ही इस आशय की घोषणा कर दी है । मुझे लगता है कि सरकार को पहले बैंकों में पर्याप्त नोटो की आपूर्ति करानी चाहिए थी और उसके बाद मौजूदा नोटों का प्रचलन समाप्त किया जाता।’
भाजपा की इस मुखर नेता ने कहा, ‘जिन लोगों का पैसा बैंकों में जमा है उन्हें उनके आवश्यकता अनुसार धन मिलने की व्यवस्था बैंकों में होनी चाहिए थी । एक दिन में चार हजार के निर्णय ने आवाम को भिखारी बना दिया है क्योंकि उन्हें रोज कतार में खड़ा होना पड़ता है। बैंकों में और अधिक संख्या में काउंटर होने चाहिए । पर्याप्त संख्या में नोट, खास कर छोटे नोट होने चाहिए ताकि कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़े । इसके अलावा प्रति दिन दी जाने वाली राशि भी कम से कम दस हजार होनी चाहिए।
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान आठ नवंबर को किया था। सरकार ने लोगों को अपने पुराने नोट बदलवाने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है। अब बैंकों और एटीएम के बाहर लोगों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। इससे लोगों को काफी असुविधा भी हो रही है। विपक्षी दल भी सरकार की तैयारी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साध रहे हैं।

 

बैंकों के बाहर लाइन में खड़े लोगों का अपमान

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र पर उनके रविवार को दिए गए बयान को लेकर उन पर निशाना साधा है। केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी ने ऐसा बयान देकर अपने वैध पैसों के लिए बैंकों के बाहर लाइन में खड़े लोगों का अपमान किया है। केजरीवाल ने अपने टि्वटर अकाउंट पर मोदी के उस बयान की वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, ‘लाइनों में खड़े लोगों के लिए यह बड़ा अपमान है।’ कांग्रेस के आनंद शर्मा ने भी निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी का यह बयान ‘असंवेदनशील’ है। उन्होंने एएनआई से बात करते हुए कहा, ‘जो लाखों लोग और सरकारी कर्मचारी बैंकों के बाहर लाइन में खड़े हैं वे घोटालेबाज हैं?’ इनके साथ ही प्रशांत भूषण ने कहा, ‘भ्रष्ट साथी जैसी अंबानी और अडानी को छोड़ दिया गया है। जो छोटे लोग अपने पैसे बदलवाने के लिए बैंकों के बाहर खड़े हैं, पीएम मोदी उनका मजाक उड़ा रहे हैं।’ बता दें, पीएम मोदी ने रविवार को और रैली संबोधित करते हुए कहा था, ‘कैसे कैसे लोग, टूजी घोटाला, कोयला घोटाला, अरबों-खरबों, मालूम है ना, आज चार हजार रुपए बदलने के लिए लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है।’ पीएम मोदी ने जापान यात्रा से लौटकर पहली बार देश को संबोधित किया है। पीएम 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान करने के बाद जापान यात्रा पर चले गए थे।
रैली में भावुक होते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘कुछ ताकतें मेरे खिलाफ हैं, वे मुझे जीने नहीं देंगी। वे मेरी जिंदगी खत्म कर सकते हैं क्योंकि उन्होंने 70 साल में लूट मचाई है, वह खतरे हैं, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं।’ गोवा में रविवार को लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैंने घर-परिवार, सब देश के लिए छोड़ दिया। जनता से 30 दिसंबर तक का वक्त चाहिए उसके बाद देश जो सजा देगा मुझे मंजूर होगी। सबकुछ गरीब लोगों के लिए कर रहे हैं। 50 दिनों के लिए लोगों का साथ चाहिए।’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘जो लोग पहले चवन्नी गंगा में नहीं डालते थे अब 500-1000 के नोट वहां डाल रहे हैं।’##

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केंद्र सरकार ने लोगों को हो रही समस्या को ध्यान में रखते हुए नोट बदलने और कैश निकालने की सीमा में बढ़ोतरी कर दी है। रविवार को वित्त मंत्रालय ने नोट बदलने की सीमा को 4000 से बढ़ाकर 4500 रुपए प्रतिदिन कर दी है। वहीं अब सप्ताह में 20000 की जगह 24000 रुपए निकाल पाएंगे। एटीएम से पैसे निकालने की सीमा को 2000 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपए प्रतिदिन कर दी गई है। वित्तमंत्रालय ने रविवार को बताया, ‘सभी बैंकों को सलाह दी गई है कि एटीएम से एक दिन में 2000 रुपए निकालने की सीमा को 2500 रुपए, सप्ताह में अकाउंट से 20 हजार रुपए निकालने की सीमा को 25 हजार रुपए और नोट बदलने की सीमा को 4000 रुपए से 4500 रुपए किया जाए। इसके साथ ही कहा गया है कि एक दिन में चेक से केवल 10 हजार रुपए निकालने की सीमा को खत्म किया जाए।’
वित्तमंत्रालय ने बैंकों द्वारा नए नोटों को बांटने और उनकी उपलब्धता पर रविवार को समीक्षा की है। पहले चार दिनों (10 नवंबर से 13 नवंबर शाम पांच बजे तक) में 3.0 लाख करोड़ रुपए के पुराने नोट बैंकों में जमा कराए गए हैं। करीब 50 हजार करोड़ रुपए ग्राहकों को एटीएम, अकाउंट्स या पुराने नोट बदलकर दिए गए हैं। वित्तमंत्रालय ने बैंकों से कि छोटी कीमत के नोट बांटने और उपलब्ध कराने के लिए कहा है। राज्य के मुख्य सचिवों को उन ग्रामीण इलाकों की पहचान करने के लिए कहा गया है, जहां पर कैश नहीं होने की दिक्कत हो रही है।
साथ ही वित्तमंत्रालय ने कहा कि ऐसी खबरें आ रही हैं कि कुछ बिजनेस हाउस ( जैसे अस्पताल) ग्राहकों से चेक, डीडी या ऑनलाइन के जरिए पैसे नहीं ले रहे हैं। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि अगर ऐसी कोई दिक्कत है तो इसकी तुरंत शिकायत डीएम या जिला प्रशासन से करें। बैंकों से सीनियर सिटीजन और दिव्यांग लोगों के लिए अलग से लाइन लगाने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही नोटों के बदलने, कैश और जमा कराने की अलग-अलग लाइन बनाने के लिए कहा गया है। साथ ही बैंकों से कहा गया है कि मरीजों के लिए आपातकाल के लिए बड़ी अस्पतालों के बाहर मोबाइल बैंकिंग की सुविधा शुरू की जाए।
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान आठ नवंबर को किया था। इसके बाद बैंकों से ट्रांजेक्शन करने पर सीमा लगा दी गई थी। अब केंद्र सरकार ने इसकी सीमा में बढ़ोतरी की है।

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