नेता यह नहीं सोचे कि वह हमेशा सत्ता में रहेगा – किसने कहा? & Top News 11 July 20

11 JULY 20; Himalayauk Bureau # हेल्दी डाइट और नेचुरल इम्यूनिटी बूस्टर # राजस्थान की राजनीति में इन दिनों बवाल # मैं ही वापस आऊंगा – नेता को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह हमेशा के लिए ही सत्ता में रहेगा – शरद पवार # विकास दुबे के एनकाउंटर का मामला देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट #विकास दुबे के दो साथियों को महाराष्ट्र्र एटीएस ने शनिवार को गिरफ्तार किया # बीजेपी और जेडीयू की सहयोगी एलजेपी के तेवर कुछ और ही बयां कर रहे हैं. # केजरीवाल सरकार ने अपने विश्वविद्यालयों के लिए परीक्षा रद्द कर दी # भारत ने वन्यजीव सर्वेक्षण होने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया ####

हर व्यक्ति स्वस्थ रहना चाहता है और अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाना चाहता है. इसके लिए उसे हेल्दी डाइट और नेचुरल इम्यूनिटी बूस्टर की तलाश रहती है. वर्तमान की यह महामारी एक अच्छे इम्यूनिटी सिस्टम के महत्व पर जोर देती है. 

सहजन के फायदे (Benefits Of Drumstick) जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. सहजन की सब्जी (Drumstick Vegetable) हर किसी ने खाई होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह एक चीज आपके स्वास्थ्य के लिए रामबाण साबित हो सकती है. सहजन एक तरह की सब्जी है जिसे अंग्रेजी में मोरिंग  (Moringa) या ड्रमस्टिक कहते हैं. जो न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होती है बल्कि कब्ज, डायबिटीज (Dabetes) और गठिया से छुटकारा दिलाकर आपका इम्यून सिस्टम मजबूत (Strong Immune System) बना सकता है. सहजन की पत्तियां और फूल भी खाने के प्रयोग में लाया जाए जाते हैं. सहजन के उपयोग (Sahjan) से कई गंभीर रोग दूर हो सकते हैं. सहजन में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, आयरन, फास्‍फोरस और पोटैशियम आदि कई पोषक तत्‍व पाए जाते हैं. अगर हफ्ते में 3 दिन इस चीज का सेवन किया जाता है तो आप न सिर्फ ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को कंट्रोल कर सकते हैं बल्कि पेट के स्वास्थ्य के लिए भी सहजन (Sahjan) काफी लाभकारी मानी जाती है.

साथ ही यह आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने (Increase Immunity) में भी फायदेमंद साबित हो सकती है. डायबिटीज के लिए सहजन (Sahjan For Diabetes) का उपयोग किया जा सकता है. साथ ही सहजन गठिया के लिए (Sahjan For Arthritis) भी असरदार साबित हो सकती है.  गठिया के रोगियों के लिए सहजन काफी लाभकारी हो सकती है. सहजन की पत्ती का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया में फायदा हो सकता है. इससे गठिया के दर्द को भी कम करने में मदद मिल सकती है. मोच आने पर भी सहजन की पत्‍ती का इस्‍तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए पहले पत्ती की लुगदी बना लें और उसे सरसों का तेल डालकर धीमी आंच पर पकाएं और प्रभावित जगह पर लगाएं.  डायबिटीज में सहजन का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद मिल सकती है. सहजन में राइबोफ्लेविन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जिसके चलते यह ब्‍लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. सहजन की सब्‍जी खाने से शुगर कंट्रोल में रह सकता है.

सहजनको आप डायबिटीज में किसी औषधि की तरह ले सकते हैं. यह समय इम्यूनिटी बढ़ाने का है, हर किसी को अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने पर जोर देना चाहिए. सहजन का सेवन कर इम्यून सिस्टम को बूस्ट किया जा सकता है.  सहजन का सेवन करने से इम्‍यूनिटी मजबूत होती है. बाकि औषधियों की ही तरह आप इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सहजन का उपयोग कर सकते हैं.  सहजन में कैल्शियम, मैग्‍नीशियम और फास्‍फोरस काफी मात्रा में पाया जाता है. इसमें मौजूद बीटा कैरोटीन एंटीऑक्‍सीडेंट का कार्य करता है. जो शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर कर सकता है. सहजन का सेवन करने से हड्डियों को मजबूत बनाया जा सकता है.  सहजन की छाल का पाउडर शहद में मिलाकर खाने से वात और कफ दोष दूर हो सकते हैं. सहजन की जड़ अस्‍थमा, पथरीके लिए लाभकारी माना जाता है. इसका नियमित सेवन करने से अस्थमा के मरीजों को फायदा पहुंच सकता है. इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो सांस से जुड़ी परेशानियों को दूर कर सकते हैं.

लेमनग्रास बेसिकली एक पौधा है, जिसकी पत्तियों और तेल का उपयोग दवा बनाने के लिए किया जाता है. इसको मुख्यतया थाई फूड में ज्यादा उपयोग किया जाता है. इसका उपयोग सूप बनाने के लिए, वेजिटेबल स्टेव्स और नोनवेज में किया जा सकता है. लेमनग्रास का उपयोग फ्लेवर के रूप में और हर्बल टी में लिए भी किया जाता है.

  • यह पाचन को बेहतर बनाता है. आप इसे चाय में ले सकते हैं. यह पेट खराब होने पर उसे ठीक करने में भी सहायक है.
  • जर्नल ऑफ एग्रीक्लचर और फूड केमस्ट्री में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार इसमें कुछ एंटीऑक्सिडेंट गुण हैं. ये एंटीऑक्सिडेंट शरीर को रोगाणुओं से लड़ने में मदद करते हैं.
  • यदि आप स्वस्थ तरीके से वजन कम करना चाहते हैं, तो लेमनग्रास का उपयोग कर सकते हैं. यह वजन घटाने में मदद करता है. साथ ही यह यूरिन के जरिए बॉडी के टोक्सिन बाहर निकालकर शरीर को स्वस्थ रखता है.
  • इसमें कुछ रोगाणुरोधी गुण होते हैं, जो आपको ओरल इंफेक्शन बचा सकते हैं. कुछ अध्ययनों से यह भी पता चला है कि यह दांतों के सड़ने का कारण बने बैक्टीरिया को भी खत्म कर सकता है.

अशोक गहलोत ने कहा कि दिल्ली में बैठे हुए बीजेपी के केंद्रीय नेता कोरोना काल में भी षड्यंत्र कर रहे हैं.

राजस्थान में सरकार गिराने की कोशिश कर रही BJP: CM अशोक गहलोत #  एसओजी अधिकारियों के अनुसार इन नंबरों पर हुई बातचीत से ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार को गिराने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है. 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि बीजेपी उनके सरकार को गिराने की साजिश कर रही है. अशोक गहलोत ने कहा कि दिल्ली में बैठे हुए बीजेपी के केंद्रीय नेता कोरोना काल में भी षड्यंत्र कर रहे हैं.

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को गिराने की साजिश में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दो नेताओं को गिरफ्तार किया है. एसओजी अब राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का भी बयान दर्ज करेगी. इसके लिए अशोक गहलोत और सचिन पायलट से समय मांगा गया है.

गहलोत ने शनिवार को अपने आरोप में कहा कि बीजेपी राजनीति कर रही है और मेरी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि विधायकों को अपनी निष्ठा बदलने के लिए 10 से 15 करोड़ रुपये तक की पेशकश की जा रही है.  

बता दें कि अशोक गहलोत ने अपनी सरकार गिराने की साजिश का खुलासा करने का दावा किया है. इसके बाद स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने बीजेपी के दो नेताओं को गिरफ्तार किया, जिनपर कांग्रेस के विधायकों को प्रलोभन देने का आरोप है. उधर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने तीन विधायकों के खिलाफ विधायक की खरीद-फरोख्त की शिकायत दर्ज की है.

राजस्थान की राजनीति में इन दिनों बवाल मचा हुआ है. यहां पर शुक्रवार को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप में यह खुलासा करते हुए मुकदमा दर्ज किया कि ब्यावर के रहने वाले बीजेपी के एक स्थानीय नेता भरत मालानी और उदयपुर के अशोक सिंह ने कांग्रेस के नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की. बताया गया कि बांसवाड़ा के कुशलगढ़ की निर्दलीय विधायक रमिला खड़िया से इनकी बातचीत टेप की गई है, जिनमें यह कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट में झगड़ा है. सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और ऐसे में विधायकों के खरीद-फरोख्त से हम अच्छी कमाई कर सकते हैं.

उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि पूरा देश जाने की बीजेपी अब अपनी सारी सीमाएं पार कर रही है. वह मेरी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है.” गहलोत ने कहा, “हम विधायकों को पाला बदलने के लिए ऑफर देने की बात सुनते रहे हैं. कुछ लोगों को 15 करोड़ रुपये तक देने का वादा किया गया है और कुछ को अन्य प्रलोभन (Favours) देने की बात कही गई है. यह लगातार हो रहा है. 

एंटी करप्शन ब्यूरो ने 3 विधायकों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. जिसमें निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुड़ला, सुरेश टांक के अलावा कांग्रेस के विधायक सुखबीर सिंह जोजावर का भी नाम है. आरोप है कि उन्होंने बांसवाड़ा में विधायकों को खरीदने की कोशिश की. राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि मामले की तफ्तीश की जा रही है. शुरुआती जांच में यह सरकार गिराने की साजिश लगती है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्नाटक और मध्य प्रदेश में सरकार बदलने का जिक्र करते हुए कहा, “बीजेपी का असली चेहरा साल 2014 की जीत के बाद ही सामने आ गया था. पहले वो जो काम छुप कर कर रही थी अब वो खुलकर कर रहे हैं. आपने गोवा, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्यों में यह देखा.” विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों के बीच कर्नाटक में पिछले साल और मध्य प्रदेश में जून में बीजेपी सत्तासीन हुई थी. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी जबकि कर्नाटक में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार थी.

गहलोत ने कहा कि बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्होंने पिछले महीने राज्यसभा चुनाव में जीतने के लिए “गुजरात में सात विधायकों को खरीदा”. राजस्थान में भी ऐसा ही करने की कोशिश क गई लेकिन हमने उन्हें रोक दिया और ऐसा सबक सीखाया कि वो लंबे समय तक याद रखेंगे.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “हम कोरोनावायरस से लड़ने पर ध्यान दे रहे हैं और बीजेपी हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है. वाजपेयी जी के समय में ऐसा नहीं था, लेकिन 2014 के बाद धर्म के आधार पर विभाजन हुआ है.”

राज्य विधानसभा में कुल 200 विधायकों में से कांग्रेस के पास 107 विधायक और भाजपा के पास 72 विधायक हैं। राज्य के 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को है.

नेता को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह हमेशा के लिए ही सत्ता में रहेगा – शरद पवार

मुंबई:  शरद पवार आगे कहा, ‘मैं जिन बालासाहेब ठाकरे को जानता हूं, उनकी वजह से मुझे पता है कि जो बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा थी और उनके जो काम करने का तरीका था, वह बीजेपी से बिल्कुल मेल नहीं खाता है. बालासाहेब ठाकरे की जो भूमिका थी और जिस तरह से बीजेपी काम करती है उस में जमीन-आसमान का फर्क है. बालासाहेब ठाकरे ने कुछ व्यक्तियों का सम्मान किया था, जिनमें अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और प्रमोद महाजन शामिल हैं और उनके सम्मान की वजह से वह साथ में आए थे और राज्य में भी सरकार बनाई थी.’

पवार ने कहा, ‘कांग्रेस और शिवसेना में हमेशा से अनबन रही है, यह मैं नहीं मानता हूं और पहले भी यह सिद्ध हो चुका है की राष्ट्रीय मुद्दे पर अपने भविष्य को ना सोचते हुए शिवसेना ने कांग्रेस का समर्थन किया था. जिस समय इंदिरा गांधी के खिलाफ पूरा देश खड़ा था, उस समय देश में अनुशासन लाने के लिए बालासाहेब ठाकरे इंदिरा गांधी के साथ खड़े नजर आए थे और यह सुनकर हम सभी को आश्चर्य हुआ था कि बालासाहेब ठाकरे ने चुनाव में अपने उम्मीदवार भी खड़े नहीं किए थे. क्या कोई राजनीतिक पार्टी ऐसा करेगी, यह कोई नहीं सोच सकता. पहले भी शिवसेना और कांग्रेस के बीच में ज्यादा मतभेद नहीं थे और अब उसी रास्ते पर उद्धव ठाकरे चलते हुए नजर आ रहे हैं.’

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने शिवसेना (Shiv Sena) के मुखपत्र ‘सामना’ (Saamana) को इंटरव्यू दिया है. इंटरव्यू में उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की. एनसीपी सुप्रीमो ने कहा, ‘अगर आप लोकसभा के चुनाव में देखें तो महाराष्ट्र के वोटरों ने केंद्र में जो सरकार है उनके ही पक्ष में वोट दिया और जब राज्य का प्रश्न आया तब महाराष्ट्र में एक अलग चित्र देखने मिला और केवल महाराष्ट्र ही नहीं मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ में भी देखा गया कि जो बीजेपी सरकार है, लोगों ने उसके खिलाफ वोट किया. लोगों ने लोकसभा में अलग और विधानसभा में अलग तरह से वोट दिया.’

उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले 5 साल में महाराष्ट्र में भी अगर देखा जाए तो लोग सरकार से खुश नहीं थे. जो शिवसेना का वोटर है वह भी राज्य के बीजेपी सरकार से खुश नहीं था. पिछले 5 साल में बीजेपी ने शिवसेना को किस तरह से रोका जाए, उसके लिए काम किया और इसके कारण शिवसेना के कार्यकर्ता भी निराश थे. बीजेपी ने शिवसेना को किनारा करने की कोशिश की और एक संदेश देने की कोशिश की कि अब जो बीजेपी करेगी वही सही है और बीजेपी ही सबसे बड़ी पार्टी है, यह बात लोगों को अच्छी नहीं लगी.’

शरद पवार ने आगे कहा, ‘किसी भी राजनेता को जनता के बीच में जाकर यह नहीं कहना चाहिए कि मैं ही वापस आऊंगा और महाराष्ट्र के उस समय के मुख्यमंत्री बार-बार यही कह रहे थे कि मैं वापस आऊंगा, मैं वापस आऊंगा और यह बात लोगों को अच्छी नहीं लगी.’

उन्होंने आगे कहा, ‘किसी भी नेता को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह हमेशा के लिए ही सत्ता में रहेगा. इस देश के वोटरों ने इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी जैसे मजबूत नेता जिसके साथ पूरा देश खड़ा रहता था, उन्हें भी गिरा दिया. इसलिए इस तरह की गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए.’

एनसीपी सुप्रीमो ने कहा, ‘बीजेपी जो सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और बीजेपी को जो 105 सीटें मिली थीं, उसके लिए शिवसेना भी जिम्मेदार है और यह मेरा स्पष्ट मानना है कि अगर बीजेपी को मिले शिवसेना के वोट हटा दिए जाएं तो हर बार की तरह बीजेपी को 50 60 सीट ही मिलती थी. इसलिए जो बार-बार 105-105 कह रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि जिस दूसरी पार्टी की वजह से उन्हें 105 सीटें आईं, उन्होंने उनके साथ ही धोखा करने की कोशिश की.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे और शिवसेना के बीच में भी कुछ मुद्दों पर जरूर मतभेद थे, पर इसका यह मतलब नहीं था कि हम एक दूसरे से बात भी नहीं करते थे. अभी के नेतृत्व से ज्यादा उस समय में शिवसेना के नेताओं से और बालासाहेब ठाकरे से बात किया करते थे. बालासाहेब ठाकरे किसी व्यक्ति के लिए ऐसे छुपकर मदद नहीं करते थे. वह अगर दूसरी पार्टी का भी हो तो वह खुलकर मदद करते थे. भविष्य के बारे में ना सोचते हुए भी मदद करते थे. अपने घर की ही बात बताता हूं, सुप्रिया सुले के पहली बार चुनाव लड़ने के समय बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना से कोई उम्मीदवार ही खड़ा नहीं किया था और यह केवल बालासाहेब ठाकरे ही कर सकते थे.’

उन्होंने आगे कहा, ‘महाराष्ट्र में जो तीन पार्टियां साथ में आई हैं, उसका फायदा महाराष्ट्र की जनता को मिलता हुआ नजर आ रहा है. ऐसा मेरा मानना है पर दुर्भाग्य यह है कि पिछले कुछ समय से कोरोना के कारण बाकी चीजें रुक गई हैं और पूरा फोकस इसी पर है. अगर तीनों पार्टियां साथ नहीं होतीं तो कोरोनावायरस पर कंट्रोल नहीं पाया जा सकता था. आप ही विचार करिए तीन अलग-अलग विचारधाराओं की पार्टी एक साथ आ रही हैं और मुख्यमंत्री के साथ खड़ी हैं.’ 

शरद पवार ने आगे कहा, ‘मैं ना ही सरकार का प्रिंसिपल हूं और ना ही रिमोट कंट्रोल. रिमोट कंट्रोल से सरकार रूस जैसे देश में चलती है, जहां पर अब पुतिन 2036 तक राष्ट्रपति रहेंगे. इसका मतलब वहां पर जो लोकशाही है, उसे एक तरफ कर दिया गया है और केवल एक ही व्यक्ति के पास सत्ता है. हमारी सरकार लोकतंत्र की सरकार है और यह सरकार रिमोट कंट्रोल पर कभी नहीं चल सकती.’

विकास दुबे के एनकाउंटर का मामला देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट

विकास दुबे के एनकाउंटर का मामला देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की गई है.

सुप्रीम कोर्ट में वकील अनूप अवस्थी ने जनहित याचिका दायर की है. अपनी याचिका में अनूप अवस्थी ने मांग की है कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके साथी के एनकाउंटर की जांच कोर्ट की निगरानी में कराई जाए. उन्होंने मांग की है कि विकास और उसके साथी के एनकाउंटर की जांच सीबीआई या एनआईए जैसी जांच एजेंसियों से कराई जाए.

च लाख के इनामी बदमाश विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर अनूप अवस्थी की याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अब तक चार याचिकाएं दाखिल हो चुकीं. अनूप अवस्थी से पहले घनश्याम उपाध्याय, पीयूसीएल की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर हो चुकी हैं. जबकि अटल बिहारी दुबे ने भी पत्र याचिका दायर की है.

9 जुलाई के दिन विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर से पकड़ा गया था. उज्जैन से विकास को लेकर कानपुर वापस आ रही पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की वह गाड़ी सड़क पर ही पलट गई थी, जिसमें विकास सवार था. पुलिस के मुताबिक हादसे के बाद विकास दुबे ने घायल पुलिसकर्मियों की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की. पुलिस पर फायरिंग की. जवाबी कार्रवाई में उसे मार गिराया गया, लेकिन यूपी पुलिस की इस कहानी को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं.

विकास दुबे के दो साथियों को महाराष्ट्र्र एटीएस ने शनिवार को गिरफ्तार किया

कानपुर गोलीकांड में गैंगस्टर विकास दुबे के दो साथियों को महाराष्ट्र्र एटीएस ने शनिवार को गिरफ्तार किया है. आरोपी के नाम गुड्डन त्रिवेदी और सोनू तिवारी हैं. गुड्डन त्रिवेदी घटना के वक्त वहां पर मौजूद था. एटीएस द्वारा पकड़ा गया गुड्डन त्रिवेदी कानपुर हत्याकांड को अंजाम देने के बाद अपना फोन गांव के पास ही एक दुकान पर छोड़कर फरार हो गया था.

गुड्डन अपने ड्राइवर के साथ दतिया तक कार से आया और फिर वहां से ट्रक के जरिए नासिक और फिर दूसरी ट्रक से पुणे होते हुए ठाणे पहुंचा. गुड्डन त्रिवेदी ठाणे में ही अपने एक जानने वाले के घर पर रुका. यहां से वह पुलिस की हर कार्रवाई की खबर टीवी के माध्यम से ले रहा था.

गुड्डन त्रिवेदी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद डर गया था. जिसके घर में वो रुका हुआ था वह लोग भी चाह रहे थे कि घर से गुड्डन चला जाए, क्योंकि एसटीएफ उन लोगों को भी गिरफ्तार कर रही है या फिर सख्ती बरत रही है जो इन आरोपियों को शरण दे रहे हैं. गुड्डन के दबदबे के चलते वो लोग अपने घर से जबरन उसे नहीं निकाल पा रहे थे.

शनिवार यानी आज एटीएस की जुहू यूनिट को जानकारी मिली कि कानपुर शूटकाउट केस में फरार अभियुक्तों में से एक मुंबई में है. इसके बाद ठाणे और उसके आसपास के इलाकों में तलाशी शुरू हुई. एटीएस जुहू यूनिट ने ठाणे में जाल बिछाया और आरोपी अरविंद उर्फ गुड्डन त्रिवेदी और उसके ड्राइवर सोनू तिवारी को पकड़ लिया.

शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि गुड्डन विकास दुबे के साथ कई अपराध में शामिल रहा है, जिसमें मंत्री संतोष शुक्ला मर्डर केस भी है. यूपी सरकार ने उसकी गिरफ्तारी के लिए इनाम की भी घोषणा की थी.

2 जुलाई को कानपुर पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे की दबिश करने पहुंची थी. विकास दुबे के घर में दाखिल होते ही पुलिस पर गोलियां बरसाई जाती हैं. इसमें 8 पुलिसकर्मिय शहीद हो जाते हैं.

उत्तर प्रदेश की एसटीएफ के हाथों गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर में शुक्रवार सुबह मारा गया. इसके बाद ईडी ने पुलिस से उसकी संपत्ति की जानकारी मांगी है. विकास दुबे का बड़ा बेटा विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. अब वह लखनऊ लौट आया है. लखनऊ लौटने के बाद वह अपनी दादी से मिलने पहुंचा है.

कानपुर के बिकरू गांव में पुलिसवालों ने गांव वालों को समझाने का काम शुरू कर दिया है. पुलिस लोगों को विश्वास दिलाने का प्रयास कर रही है कि विकास दुबे मारा गया है और अब किसी से डरने की जरूरत नहीं है. लोगों के साथ पुलिस की मीटिंग चल रही है. लोगों ने बताया कि पुलिस उनकी बिल्कुल भी बात नहीं सुनती थी. गांव में सिर्फ विकास की ही चलती थी. बिना विकास के कोई कुछ नहीं करता था.

विकास दुबे के गांव में आरएएफ तैनात कर दी गई है. जांच में पता चला है कि विकास दुबे को फॉर्च्यूनर गाड़ी कानपुर के एक बड़े उद्योगपति ने 2015 में गिफ्ट की थी. इसके अलावा विकास 1 जुलाई को एक बड़ी कंपनी की पार्टी में भी शामिल हुआ था.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विकास दुबे की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है. ईडी ने उत्तर प्रदेश पुलिस से विकास दुबे की संपत्ति की सूची मांगी है. विकास दुबे के नाम पर लखनऊ में दो बड़े मकान हैं. अपने फाइनेंसर और सबसे विश्वस्त जय बाजपेयी के जरिये विकास दुबे ने अपनी काली कमाई का हिस्सा दुबई और थाईलैंड में निवेश किया था.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक नोटबंदी के पहले के करीब 6.30 करोड़ रुपये की नगदी को विकास दुबे ने 2% सूद पर चलाया था. बताया जा रहा है कि जय बाजपेयी ने इस 2% को 5% छूट पर मार्केट में दे रखा है. विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे से पुलिस ने कई मामलों में पूछताछ की है और खासकर नेताओं और व्यापारियों के साथ संबंध को लेकर भी पूछताछ हुई है.

उत्तर प्रदेश में मार्च, 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद से ही ताबड़तोड़ एनकाउंटर हुए। कई बार इन एनकाउंटर्स को लेकर सवाल भी उठे। कानपुर के कुख़्यात बदमाश विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उठ रहे तमाम सवालों के बीच पुलिस को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2014 में दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच करानी होगी।  ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, मार्च, 2017 के बाद से दुबे 119वां अभियुक्त था, जो पुलिस के मुताबिक़ क्रॉस फ़ायरिंग में मारा गया। अब तक एनकाउंटर के 74 मामलों में मजिस्ट्रियल जांच पूरी हो चुकी है और उत्तर प्रदेश पुलिस को इन सभी मामलों में क्लीन चिट मिल चुकी है।  अख़बार के मुताबिक़, 61 मामलों में पुलिस द्वारा फ़ाइल की गई क्लोजर रिपोर्ट को अदालतों द्वारा स्वीकार किया जा चुका है। 

आंकड़ों के मुताबिक़, मार्च, 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस ने 6,145 ऑपरेशंस किए हैं, जिसमें 119 अभियुक्तों की मौत हुई है और 2,258 लोग घायल हुए हैं। इन ऑपरेशंस में 13 पुलिसकर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है और इनमें से 8 तो 2 जुलाई को बिकरू गांव में हुई घटना में मारे गए थे। कुल 885 पुलिसकर्मी इन ऑपरेशंस में घायल हुए हैं। 

पिछले साल हैदराबाद में हुए रेप मामले के चार अभियुक्तों का पुलिस द्वारा एनकाउंटर करने के बाद जब पुलिस की भूमिका को लेकर खासा शोर मचा था तो सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश वी.एन. सिरपुरकर की अध्यक्षता में एक कमेटी को इस मामले की स्वतंत्र जांच करने का आदेश दिया था। लेकिन अभी तक इस मामले में जांच जारी है और कुछ ठोस निकलकर नहीं आया है।  जनवरी, 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में हो रहे ताबड़तोड़ एनकाउंटर्स को बेहद गंभीर मुद्दा बताया था। एनकाउंटर्स में हुई मौतों को लेकर 2017 से अब तक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) भी उत्तर प्रदेश सरकार को तीन नोटिस जारी कर चुका है।

बीजेपी और जेडीयू की सहयोगी एलजेपी के तेवर कुछ और ही बयां कर रहे हैं.

पटना: बिहार एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन एनडीए में बीजेपी और जेडीयू की सहयोगी एलजेपी के तेवर कुछ और ही बयां कर रहे हैं. अब बिहार बीजेपी के सीनियर नेता और विधान परिषद संजय पासवान ने एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान पर निशाना साधा है. चिराग पासवान ने कहा था कि कोरोना काल में बिहार में चुनाव कराना ठीक नहीं होगा.

इस पर संजय पासवान ने कहा, ‘’जो लोग इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं, चाहे वे हमारे सहयोगी हों या विपक्ष में, लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते. चुनाव आयोग फैसला (चुनाव रोकने) में सक्षम है.’’ इसके साथ ही उन्होंने रामविलास पासवान को लेकर भी बयान दिया.

संजय पासवान ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह सत्ता में बने रहने के लिए राम विलास पासवान की रणनीति और दांवपेच का हिस्सा है. हमारे वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि एनडीए में सब ठीक है इसलिए हम भी मानते हैं कि सब ठीक है. बीजेपी और जेडीयू बिना एलजेपी के भी सरकार में रहे हैं.

चिराग पासवान ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा था, ‘’कोरोना के प्रकोप से बिहार ही नहीं पूरा देश प्रभावित है. कोरोना के कारण आम आदमी के साथ साथ केंद्र और बिहार सरकार का आर्थिक बजट भी प्रभावित हुआ है. ऐसे में चुनाव से प्रदेश पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा. संसदीय बोर्ड के सभी सदस्यों ने इस विषय पर चिंता जताई है. चुनाव आयोग को भी इस विषय पर सोच कर निर्णय लेना चाहिए कहीं ऐसा ना हो की चुनाव के कारण एक बड़ी आबादी को ख़तरे में झोंक दिया जाए. इस महामारी के बीच चुनाव होने पर पोलिंग पर्सेंटेज भी काफ़ी नीचे रह सकते है जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.’’

केजरीवाल सरकार ने अपने विश्वविद्यालयों के लिए परीक्षा रद्द कर दी

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपने विश्वविद्यालयों के लिए परीक्षा रद्द कर दी है. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली राज्य के जितने भी विश्वविद्यालय हैं उनकी आगामी परीक्षा रद्द कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी बच्चों को अगले सेमेस्टर में प्रमोट कर दिया जाएगा.

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ”सभी यूनिवर्सिटीज़ को फाइनल एग्ज़ाम कैंसिल कर छात्रों के इवैल्युएशन का कोई पैमाना तैयार कर डिग्री जल्द से जल्द देने के लिए कहा गया है. कोरोना की वजह से एग्ज़ाम लेना और डिग्री न देना अन्याय होगा. ये निर्णय स्टेट यूनिवर्सिटीज़ के लिए लिया गया है.”

सिसोदिया ने कहा, ”दिल्ली के अंदर आने वाली सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़ के लिए केंद्र को निर्णय लेना है. इसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख निवेदन किया है कि दिल्ली सरकार जैसा फैसला देश की दूसरी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़ के लिए भी लिया जाए.”

भारत में कोरोना से प्रभावित राज्यों की लिस्ट में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तीसरे पायदान पर है. यहां अभी तक 109140 संक्रमण के मामले सामने आए हैं. जिसमें से 3300 संक्रमित लोगों की मौत हो गई है. वर्तमान में दिल्ली में 21146 संक्रमित मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं. वहीं अब तक 84694 संक्रमितों का सफल इलाज हुआ है.

महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली देश के ऐसे राज्यों में शामिल हो गए हैं जहां कोरोना का संक्रमण 1 लाख के आंकडें को पार कर चुका है.

भारत ने वन्यजीव सर्वेक्षण होने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया

नई दिल्ली: भारत में बाघों की गणना 2018  के चौथे चरण ने दुनिया का सबसे बड़ा कैमरा ट्रैप वन्यजीव सर्वेक्षण होने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. इसको एक महान क्षण बताते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्वीट किया करते हुए कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत का जीता जागता उदाहरण है, जिसे प्रधानमंत्री के शब्दों में संकल्प से सिद्धि के माध्यम से हासिल किया गया है.

जावड़ेकर ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपने लक्ष्य से चार साल पहले ही बाघों की संख्या दोगुनी करने वाले अपने संकल्प को पूरा कर लिया है. नवीनतम गणना के मुताबिक, देश में बाधों की अनुमानित संख्या 2,967 हैं. इसके हिसाब से भारत में विश्व के कुल 75 फीसदी बाघ हैं. भारत ने 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग में 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने वाले का संकल्प लिया था.

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के के मुताबिक,  “2018-19 में किए गए सर्वेक्षण की चौथी गणना संसाधन और डेटा दोनों के हिसाब से अब तक का सबसे व्यापक रहा है. कैमरा ट्रैप (मोशन सेंसर्स के साथ लगे हुए बाहरी फोटोग्राफिक उपकरण, जो किसी भी जानवर के गुजरने पर रिकॉर्डिंग शुरू कर देते हैं) को 141 ​​विभिन्न साइटों में 26,838 स्थानों पर रखा गया था और 1,21,337 वर्ग किलोमीटर (46,848 वर्ग मील) के प्रभावी क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया. कुल मिलाकर, कैमरा ट्रैप ने वन्यजीवों की 3,48,58,623 तस्वीरों को खींचा (जिनमें 76,651 बाघों के, 51,777 तेंदुए के बाकी अन्य जीवों थे). इन तस्वीरों के माध्यम से, 2,461 बाघों (शावकों को छोड़कर) की पहचान स्ट्राइप-पैटर्न- रिकॉग्नाइज सॉफ्टवेयर का उपयोग करके की गई.

कैमरा ट्रैप का उपयोग करने के साथ-साथ, 2018 “स्टेटस ऑफ़ टाइगर्स इन इंडिया” का मूल्यांकन व्यापक फुट सर्वेक्षण के माध्यम से भी किया गया, जिसमें 522,996 किमी (324,975 मील) का सफर तय किया गया. वनस्पति और गोबर वाले 317,958 निवास स्थलों को शामिल किया गया यह अनुमान लगाया गया कि अध्ययन किए गए वन का कुल क्षेत्रफल 381,200 वर्ग किमी था और कुल मिलाकर 620,795 श्रम-दिवस आंकड़ों को इकट्ठा करने और समीक्षा करने में लगाए गए.

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने बाघ गणना को भारतीय वन्यजीव संस्थान के द्वारा तकनीकी सहयोग से चलाया और राज्य वन विभागों और भागीदारों द्वारा इसे कार्यान्वित किया जाता है. 2018 के रिणामों से पता चलता है कि भारत में अब बाघों की कुल अनुमानित संख्या 2,967 है, जिनमें से 2,461 बाघों को व्यक्तिगत रूप से कैप्चर किया गया है, जो बाघों की संख्या का 83% है . बाघ संरक्षण में भारत ने अपनी भूमिका मजबूती के साथ स्थापित कर की है जिसे दुनियाभर में एक मानक के रूप में माना जाता है.

दिनांक: 12 जुलाई 2020 (Panchang 12 July 2020)

दिनांक: 12 जुलाई 2020 (Panchang 12 July 2020) विक्रमी संवत्: 2077मास अमांत: आषाढमास पूर्णिमांत: श्रावणपक्ष: कृष्णवार: रविवारतिथि: सप्तमी – 15:50:16 तकनक्षत्र: उत्तराभाद्रपद – 08:18:49 तककरण: बव – 15:50:16 तक, बालव – 29:01:02 तकयोग: अतिगंड – 21:50:05 तकसूर्योदय: 05:31:46 AMसूर्यास्त: 19:21:30 PMसूर्य राशि: मिथुनसूर्य नक्षत्र: पुनर्वसुचन्द्रमा: मीनऋतु: वर्षाराहुकाल: 17:37:46 से 19:21:29 तक तक (इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है)शुभ मुहूर्त का समय – अभिजित मुहूर्त: 11:58:58 से 12:54:17 तकदिशा शूल: पश्चिमअशुभ मुहूर्त का समय -दुष्टमुहूर्त: 17:30:52 से 18:26:11 तककुलिक: 17:30:52 से 18:26:11 तककालवेला / अर्द्धयाम: 11:58:58 से 12:54:17 तकयमघण्ट: 13:49:36 से 14:44:55 तककंटक: 10:08:20 से 11:03:39 तकयमगण्ड: 12:26:38 से 14:10:20 तकगुलिक काल: 15:54:03 से 17:37:46 तक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *