पर्यावरण वन राज्य मंत्री का वन अनुसंधान संस्थान देदून का दौरा

#अनिल माधव दवे, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण वन तथा भारत सरकार के अन्य अधिकारीगण १६ से १९ दिसम्बर, २०१६ तक देहरादून दौरे पर  # भारतीय वन सेवा के २०१६-१८ बैच के प्रवेेश  प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन भाषण में माननीय मंत्री ने परिक्षार्थियों से ईमानदार एवं प्रतिबद्व होने का आह्वान # श्री दवे ने अपने सम्बोधन में अपेक्षा की कि अनुसंधान द्वारा वन क्षेत्र के आसपास रहने वालों की आजीविका की बेहतरी तथा उनकी आर्थिक क्षमता में बढोतरी होनी चाहिए#

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  देहरादून, माननीय अनिल माधव दवे, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन, सचिव, श्री ए०एन०झा०, डा० एस०एस० नेगी, वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव तथा भारत सरकार के अन्य अधिकारीगण १६ से १९ दिसम्बर, २०१६ तक देहरादून दौरे पर हैं। माननीय मंत्री जी ने सर्वप्रथम आज प्रातः समस्त अधिकारियों के साथ संस्थान परिसर के ब्रांडिस चौक के समीप स्थित वन शहीद स्थल में जाकर वन शहीदों को श्रदांजली दी व श्रदासुमन अर्पित किए।

माननीय मंत्री की देहरादून में यह पहली यात्रा है। देहरादून शहर में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन के कई संस्थान एवं कार्यालय हैं जैसे भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् (आई०सी०एफ०आर०ई०), वन अनुसंधान संस्थान(एफ०आर०आई०), भारतीय वन्य जीव संस्थान( डब्लू०आई०आई०), इंदिरा गांधी राश्ट्रीय वन अकादमी(आई०जी०एन०एफ०ए०), केन्द्रीय राज्य वन सेवा अकादमी (कैसफोस), भारतीय वन सर्वेक्षण(एफ०एस०आई०) आदि।   भारतीय वन सेवा के २०१६-१८ बैच के प्रवेेश  प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन भाषण में माननीय मंत्री ने परिक्षार्थियों से ईमानदार एवं प्रतिबद्व होने का आह्वान किया। उन्होने अपेक्षा की कि हमारे जीवन की अधिक से अधिक गतिविधियां डिजिटल होनी चाहिए, ताकि हम एक भ्रष्‍टाचार मुक्त समाज बना सकें। इसके लिए वित्तीय लेनदेन जहां तक संभव हो नगदी रहित होना चाहिए, यदि ऐसा संभव ना हो हमें कम से कम नगदी का उपयोग करना चाहिए।

इस समारोह के बाद माननीय अनिल माधव दवे ने भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं षिक्षा परिशद् एवं वन अनुसंधान संस्थान के अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों को वन अनुसंधान संस्थान के प्रमंडल कक्ष में संबोधित किया। इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं षिक्षा परिशद् के उप महानिदेशक (अनुसंधान) डा० जी०एस०गोराया ने एक प्रस्तुति की जिसमें परिषद् की उपलब्धियों एवं भविश्य के कार्यक्रमों के बारे में सभी गणमान्य व्यक्तियों को परिचित कराया गया।

श्री दवे ने अपने सम्बोधन में अपेक्षा की कि अनुसंधान द्वारा वन क्षेत्र के आसपास रहने वालों की आजीविका की बेहतरी तथा उनकी आर्थिक क्षमता में बढोतरी होनी चाहिए। डा० शशि कुमार, महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिशद् द्वारा माननीय मंत्री जी को एक वन अनुसंधान संस्थान के मुख्य भवन का काष्‍ठ निर्मित स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

श्री अनिल माधव दवे ने वन अनुसंधान संस्थान का दौरा किया। इस अवसर पर वन अनुसंधान संस्थान निदेषक, डा० सविता भी मौजूद थी। सर्वप्रथम वे दीक्षान्त गृह गए और उसकी भव्य वास्तुकला की भूरि-भूरि प्रशसा की। माननीय मंत्री ने वन उत्पाद, गैर काष्‍ठ वन उत्पाद तथा कीट विज्ञान संग्रहालयों का भी दौरा किया। वहां के संग्रह के रखरखाव एवं विविधता से माननीय मंत्री अत्यंत प्रभावित हुए। अंत में श्री दवे, जायलेरियम गए और वहां पर रखे भारत एवं विदेश के काष्‍ठ संग्रह ने उन्हें खासा प्रभावित किया। उन्होने संस्थान से यह अपेक्षा की कि संग्रहालयों को अधिक से अधिक परस्पर संवादात्मक (Interactive) बनाने का प्रयास करेंगे जिसके फलस्वरूप यह आम आदमी के लिए अधिक रूचिकर हों।

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