कुलभूषण जाधव को सज़ा-ए-मौत के बाद खुलासा हुआ कि

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कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में मिली सज़ा-ए-मौत के बाद खुलासा हुआ कि पाकिस्तान की जिस टीम ने पिछले साल मार्च में कुलभूषण को पकड़ा था, उसमें पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब जहीर भी शामिल थे जो नेपाल के लुंबिनी से लापता हो गए थे. वहीं पाकिस्तान का आरोप है कि हबीब भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की हिरासत में है. पाकिस्तान डीफेंस ने इस बाबत 9 अप्रैल को एक ट्वीट भी किया था. हालांकि भारत सरकार की तरफ से इस बात की कोई जानकारी सामने नहीं आई है कि हबीब रॉ की हिरासत में है. पाकिस्तान ने भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर कुलभूषण जाधव को रॉ का एजेंट बताते हुए जासूसी के आरोप में पिछली साल गिरफ्तार कर लिया था और अब उन्हें मौत की सजा सुनाई है. कुलभूषण को पाकिस्तानी सेना ने कोर्ट मार्शल की कारवाई में मौत की सजा सुनाई है. पाकिस्तानी सेना ने कुलभूषण जाधव पर जासूसी करने, तोड़फोड़ की कारवाई और ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के तहत सजा सुनाई है.
पाकिस्तान में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को जासूस बता मौत की सजा सुनाने के बाद मामला गरमाया हुआ है. पाक की सेना इस मामले में नए-नए कदम उठा रही है. अब कथित जासूसी के मामले में पकड़े गए एक स्थनीय गैंग लीडर उजैर बलोच को पाक सेना ने हिरासत में लिया है. उसे पिछले साल ही ईरानी खुफिया एजेंसी को मदद पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. सूत्रों का कहना है कि इस मामले का सीधे तौर पर जाधव से संबंध हो सकता है. हालांकि, पाकिस्तानी सेना के अधिकारी ने बलोच की गिरफ्तारी की बात तो स्वीकारी है लेकिन, इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है. पाकिस्तानी दावे के अनुसार उजैर बलोच को पिछले साल जनवरी में कराची के पास से एक छापे में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद हुई जांच में उजैर को दोषी बताया गया था. यह भी बताया जाता है कि बलोच को दुबई में सन 2014 में इंटरपोल ने गिरफ्तार किया था. इसकी गिरफ्तारी को लेकर पाक में विवाद रहा है. इस बीच कुछ मामलों में उसे अदालत से राहत मिला है लेकिन जासूसी के अलावा बलोच पर हत्या और गैंगवार के कई संगीन मामले भी दर्ज हैं. अब देखना यह है कि इसकी गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तानी सेना क्या अगला कदम उठाती है.
द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है, लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब जहीर हबीब लंबे वक्त से कुलभूषण पर नज़र रखे हुए थे. इतना ही नहीं जब कुलभूषण अपने परिजनों से मराठी में बात करते थे, तो हबीब उनकी इन बातचीत पर गौर करते थे. हबीब की मदद से ही पाकिस्तनी टीम ने कुलभूषण को गिरफ्तार किया था. लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब 2014 में पाकिस्तानी सेना से रिटायर हुए थे, लेकिन उसके बाद भी आईएसआई के लिए काम करते थे. हबीब का नेपाल आना-जाना लगा रहता था और भारतीय एजेंसियां हबीब पर लंबे समय से नज़रे रख रही थीं. हालांकि पाकिस्तान को हबीब का कोई सुराग नहीं मिला है, लेकिन वह उसके लापता होने के पीछे भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का हाथ बता रहा है. लेफ्टिनेंट कर्नल को आखिरी बार भारत-नेपाल सीमा पर देखा गया था.
पाकिस्तान ने कहा है कि जाधव 60 दिन के भीतर फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं, जिसकी सुनवाई मेजर जनरल रैंक का अधिकारी करेगा. वहां भी सजा बरकरार रहती है तो जाधव के पास पाकिस्तानी सेना प्रमुख के पास अपील करने का मौका होगा और पाकिस्तानी राष्ट्रपति से माफी की अपील का आखिरी रास्ता होगा. पाकिस्तानी कोर्ट का फांसी का ये फैसला सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि खुद पाकिस्तान में भी सवालों के घेरे में हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए हैं.
पाकिस्तान में कुलभूषण को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद देशभर में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. राजधानी दिल्ली सहित मुंबई, नागपुर और पटना तक लोग हाथों में बैनर लिए सड़कों पर उतर आए हैं. लोग हाथों में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और भारत में पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल बासित की तस्वीर लिए अपना विरोध जता रहे हैं और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.

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