राज्यवर्धन राठौड़ मंत्री के बैचमेट थे कुलभूषण जाधव

मंत्री- राठौड़ IMA देहरादून से कोर्स करने के बाद आर्मी में नियुक्त हुए #दोनों युवाओं ने पुणे स्थित नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) के साथ ज्वाइन की थी # दोनों बैचमेट्स (कुलभूषण यादव और राज्यवर्धन) ने सेना से समयपूर्व सेवानिवृत्ति (premature retirement) ले ली थी #पाकिस्तान जाधव का इस्तेमाल भारत से कुछ बड़ी सुविधा हासिल करने के लिए कर सकता है- अमेरिका 

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मोदी सरकार में मंत्री के बैचमेट थे कुलभूषण जाधव
कुलभूषण जाधव के बारे में लोगों को कम ही जानकारी है। बहुत कम ही लोगों को इस बात की जानकारी है कि कुलभूषण जाधव मोदी सरकार में मंत्री और ओलंपिंक में सिल्वर मेडल जीतने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के बैचमेट है। करीब 30 साल पहले दोनों युवाओं ने पुणे स्थित नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) के साथ ज्वाइन की थी। एक आज मंत्री है और दूसरे को पाकिस्तान में जासूसी का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है। जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों में संलिप्त रहने को लेकर मौत की सजा पाने वाले कुलभूषण जाधव और सूचना प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ एक ही बैच के है। दोनों एनडीए के 77 वें कोर्स के हैं। एनडीए से तीन साल का कोर्स पूरा करने के बाद जाधव ने भारतीय नौ सेना ज्वाइन की और 1991 में मेरीटाइम फोर्स इंजियनियरिंग ब्रांच में कमीशंड हुए। वहीं, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून से एक साल का कोर्स करने के बाद आर्मी में नियुक्त हुए। दोनों बैचमेट्स (कुलभूषण यादव और राज्यवर्धन) ने सेना से समयपूर्व सेवानिवृत्ति (premature retirement) ले ली थी। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 2014 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थामा और आज वह केंद्रीय मंत्री हैं। वहीं जाधव ने नौसेना छोड़ने के बाद इरान के चाबहार बंदरगाह पर छोटा से बिजनेस शुरू किया। जहां से उन्हें अगवा किया गया और 2016 में पाकिस्तान ले जाया गया। पाकिस्तान हमेशा से ये कहता आया है कि कुलभूषण जाधव हिन्दुस्तान की खुफिया एजेंसी RAW का एजेंट है। जाधव को 3 मार्च, 2016 को बलूचिस्‍तान के मश्‍केल क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। जाधव पर जासूसी और कराची तथा बलूचिस्‍तान में अशांति फैलाने का आरोप है। पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करते हुए भारत सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि जाधव कभी इंडियन नेवी का सदस्य रहा है, और रिटायरमेंट के बाद से उसका भारत सरकार या इंडियन नेवी से कोई संपर्क नहीं रहा है।

दोनों बैचमेट्स (कुलभूषण यादव और राज्यवर्धन) ने सेना से समयपूर्व सेवानिवृत्ति (premature retirement) ले ली थी। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 2014 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थामा और आज वह केंद्रीय मंत्री हैं।

पाकिस्तान जाधव का इस्तेमाल भारत से कुछ बड़ी सुविधा हासिल करने के लिए कर सकता है- अमेरिका 

अमेरिका के शीर्ष विशेषज्ञों ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाने के पाकिस्तान के निर्णय पर चिंता जतायी है और कहा है कि पाकिस्तान स्वयं को विश्व मंच पर अलग…थलग किए जाने के खिलाफ भारत को एक ‘‘कड़ा संदेश’’ देना चाहता है।पाकिस्तान में सैन्य फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल की ओर से आतंकवाद एवं जासूसी के मामले में कथित संलिप्तता को लेकर सेना अधिनियम के तहत जाधव (46) को मौत की सजा सुनाई गई है।अमेरिका के विदेश मंत्रालय में दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो में पूर्व वरिष्ठ अधिकारी एलिसा एरिस ने कहा, ‘‘जाधव के मामले में कई अनियमितताएं हैं जैसे उसे दूतावास पहुंच मुहैया नहीं कराने के अलावा कोर्ट मार्शल को लेकर गोपनीयता बरतना। मुझे सबसे अधिक हैरानी जाधव के मामले की इतनी जल्द सुनवायी पर हुई जबकि मुम्बई हमलावरों के मामले में सुनवायी कितनी बार स्थगित हुई है।’’ एरिस ने पीटीआई से कहा, ‘‘मुम्बई मामले की सुनवाई करीब नौ साल से लटकी हुई है।’’ वर्तमान समय में एरिस विदेश संबंध परिषद में भारत, पाकिस्तान और दक्षिण एशिया के लिए सीनियर फेलो हैं। वाशिंगटन स्थित एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल में दक्षिण एशिया सेंटर के निदेशक भरत गोपालस्वामी का मानना है कि जाधव की दोषसिद्धि के लिए जरूरी सबूत ‘‘कमजोर’’ हैं और पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से बताई गई कहानी में ‘‘तारतम्यता नहीं है।’’ गोपालस्वामी ने कहा कि और सबूत मुहैया कराए बिना यह दोषसिद्धि आतंकवाद से मुकाबले के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत की आक्रामक कूटनीति के जवाब में ‘‘राजनीतिक रूप से प्रेरित प्रतीत होती है।’’ प्रतिष्ठित वूडरो विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया मामलों से जुड़े उपनिदेशक एवं वरिष्ठ एसोसिएट माइकल कुगलमैन ने कहा, ‘‘यह पूरी कहानी रहस्य एवं अनिश्चितता में डूबी हुई है। यद्यपि यह स्पष्ट लगता है कि पाकिस्तान भारत को एक स्पष्ट संदेश देना चाहता है, चाहे वह पाकिस्तान में हस्तक्षेप को लेकर हो या पाकिस्तान को विश्व मंच पर अलग..थलग करने के भारत के प्रयासों के खिलाफ हो।’’उन्होंने कहा, ‘‘वहीं यह देखते हुए कि भारत कितनी हद तक यह सुनिश्चित करना चाहेगा कि जाधव को फांसी नहीं हो, पाकिस्तान के पास ऐसा कुछ है जिसका इस्तेमाल वह भारत के साथ सौदेबाजी के लिए कर सकता है। पाकिस्तान जाधव का इस्तेमाल भारत से कुछ बड़ी सुविधा हासिल करने के लिए कर सकता है।’’ यद्यपि अमेरिकी विदेश मंत्रालय और व्हाइट हाउस दोनों ने ही जाधव को सजा सुनाये जाने पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

 

पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज़ मुशर्रफ ने कहा कि जैसा भारतीय मीडिया में बताया जा रहा है वो सही नहीं है, भारतीय (कथित) जासूस कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने बचाव के लिए एक वकील मुहैया कराया था. मुशर्रफ ने कहा कि जाधव भारत के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा गया था और उसका मामला फील्ड जेनरल कोर्ट मार्शल के सामने चलाया गया जिसमें उसे बचाव के लिए एक वकील भी दिया गया. जासूसी के अरोप में पकड़े गए किसी के साथ पाकिस्तान में ऐसा ही होता है.

मुशर्रफ ने भारतीय मीडिया के रुख के इत्तेफाक नहीं जताया. उन्होंने कहा की भारतीय मीडिया जैसा कह रही है वैसा नहीं है. जाधव को बचाव के लिए वकील मुहैया कराया गया था. मुशर्रफ ने आगे कहा कि जाधव ने खुद क्रिमिनल लॉयर की जगह सिविल लॉयर की मांग की थी जो उन्हें मुहैया कराया गया. मुशर्रफ ने कहा कि अभी भी जाधव आगे अपील कर सकते हैं और मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जा सकते हैं. मुशर्रफ ने ये भी कहा कि जाधव के पास राष्ट्रपति के पास दया याचिका डालने का भी विकल्प है. मुशर्रफ का मानना है कि पश्चिमी देशों के फांसी के रुख को बहाना बनाकर भारतीय मीडिया पाकिस्तान के खिलाफ प्रोपगैंड करेगी और पाकिस्तान पर दबाव डालने की कोशिश करेगी. उन्होंने आगे कहा कि किसी और देश को ये बताने हक नहीं है कि पाकिस्तान को क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

 इंडियन एजेंसी रॉ के नेवी ऑफिसर कमांडर कुलभूषण सुधीर जाधव उर्फ हुसैन मुबारक पटेल को पाकिस्तान के बलुचिस्तान में 3 मार्च 2016 को गिरफ्तार किया गया था. उनपर जासूसी का मामला चलाकर पाकिस्तान में उन्हें फांसी की सज़ा सुनाई गई है.

 

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