विरोधियों ने इस मुद्दे को लपक लिया

आरक्षण  विभाजनकारी बयान  # www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal & Daily Newspaper)
विरोधियों ने इस मुद्दे को लपक लिया है. यूपी चुनाव सामने है तो सभी सियासी दल इस मुद्दे को अपने-अपने तरीके से उठाएंगे ही- 
आरक्षण को विभाजनकारी बताने वाला बयान देकर अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक मनमोहन वैद्य के बयान पर राजद के नेता लालूप्रसाद यादव का वह ट्वीट याद करना जरा रोचक होगा, जो उन्होंने वैद्य के बयान के तत्काल सामने आया कि मोदी जी आपके आरएसएस के प्रवक्ता आरक्षण पर फिर अंट-शंट बके हैं. बिहार में रगड़-रगड़ के धोया,शायद कुछ धुलाई बाकी रह गई थी जो अब यूपी जमकर करेगा.
लालू यादव और नीतीश कुमार दोनों मंडल आंदोलन के झंडाबरदार रहे हैं और बिहार की सियासत में दोनों की पिछड़े तबके में पकड़ बहुत अच्छी है. लालू और नीतीश दोनों एक साथ महागठबंधन के साथ चुनाव मैदान में भी थे, लिहाजा मोहन भागवत के आरक्षण की समीक्षा के बयान को दोनों मिलकर अपने पक्ष में भुना ले गए.
देहरादून मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आर0एस0एस0 के प्रवक्ता मनमोहन वैध के आरक्षण खत्म करने के ब्यान को संविधान की भावना व ड़ा0 बीम राव अम्बेडकर का अपमान बताया है। श्री रावत ने कहा कि आर0एस0एस0 द्वारा ऐसा ब्यान देकर भाजपा देश व समाज को बाटना चाहती है उन्होने कहा कि जब तक कांग्रेस का एक भी कार्यकर्ता है तो भाजपा के मंसूबे पूरे नही होने देगें, एन चुनाव के समय भाजपा के मार्गदशक संग्ठन द्वारा ऐसी बातें करना संदेह के साथ-साथ संविधान की भावना व संविधान निर्माता ड़ा0 भीम राव अम्बेड़कर का भी अपमान है हम यह किसी भी कीमत पर होने नही देगें।
वहीं मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा द्वारा पूर्व में विधानसभा के अन्दन व बाहर घोषित किए गए भ्रष्ट्राचारी नेताओ को शामिल करने को भाजपा की चाल-खाल व चरित्र बदलने पर बधाई दी है और कहा भाजपा बहुत जल्दी बदल गई है। उन्होने कहा कि अब भाजपा जिनको कोसती थी उनका स्वागत सत्कार उनके नेता और कार्यकर्ता कैसे करेंगे।
दलित वोट बैंक के सहारे चुनावी संभावनाएं तलाशने वाली और आरक्षण की पुरजोर वकालत करने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने  भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आरोप लगाया कि वे दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों का आरक्षण खत्म करना चाहते हैं। मायावती ने संघ और भाजपा को चेताया और कहा, ‘‘भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों को इन वर्गों के आरक्षण को खत्म करने की बार-बार बंदर घुड़की देने की बात बंद करनी चाहिए।’’
उन्होंने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश को विशेषकर दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों के मसीहा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के प्रति ‘मुंह में राम बगल में छुरी’ की तरह बर्ताव करने वाले भाजपा और उनके नीति निर्धारक आरएसएस तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इन वर्गों के मामले में जातिवादी मानसिकता का पर्दाफाश करते हुए कहना चाहती हूं कि इन वर्गों के लोगों को अंबेडकर के अथक प्रयासों से संविधान में आरक्षण और जो अन्य कानूनी अधिकार मिले, वो उनका संवैधानिक अधिकार है।’’
मायावती ने कहा कि इस अधिकार को कोई सरकार खासकर भाजपा और उसकी कंपनी के लोग तथा आरएसएस के लोग भी नहीं छीन सकते। अगर आरक्षण खत्म करने के लिए मोदी सरकार कानून बनाती है तो इन वर्गों के लोग उसे हमेशा के लिए राजनीति करना भुला देंगे।
गौरतलब है कि जयपुर साहित्योत्सव में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कल (शुक्रवार को) आरक्षण व्यवस्था की फिर से समीक्षा करने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि अगर आरक्षण व्यवस्था जारी रही तो इससे अलगाववाद को बल मिलेगा। इसके बाद बसपा, राजद समेत कांग्रेस ने भी मनमोहन वैद्य के बयान की कड़ी आलोचना की। बता दें कि बिहार चुनाव से पहले भी संघ प्रमुख मोहन बागवत ने आरक्षण खत्म करने की बात कही थी, इसका खामियाजा भाजपा को बिहार विधान सभा चुनाव में हार के रूप में भुगतना पड़ा था।

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