सह प्रमुख लेफ्टिनेंट ने रक्षा बजट को लेकर सरकार पर सीधा निशाना साधा

13 तारीख, 13 बडी नेशनल खबरे TOP 13 NATIONAL NEWS 13 MARCH 2018; Presented by ; www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal) 

थल सेना के सह प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरदचंद ने रक्षा बजट को लेकर सरकार पर सीधा निशाना साधा है. रक्षा मामलों पर संसद की स्थाई समिति से सह सेना प्रमुख ने कहा है कि ‘हाल के रक्षा बजट ने सैन्य आधुनिकीकरण की उनकी उम्मीदों पर कुठाराघात किया है. रक्षा बजट एक झटके की तरह है. हमने मेक इन इंडिया के लिए 25 परियोजनाओं को सूचीबद्ध किया था, लेकिन उनको अमलीजामा पहनाने के लिए पर्याप्त बजट नहीं है. नतीजतन कुछ परियोजनाएं बंद हो सकती हैं.’

लेफ्टिनेंट जनरल शरदचंद ने मेजर जनरल बीसी खंडूरी की अध्यक्षता वाली संसद की स्थाई समिति से कहा है कि सेना का 68 प्रतिशत साज़ो-सामान विंटेज श्रेणी का, यानि कि जरूरत के लिहाज से काफी पुराना पड़ चुका है. उन्होंने संसदीय समिति से कहा है कि 123 जारी परियोजनाओं और आपातकालीन खरीद के लिए 29,033 करोड़ रुपये दिए जाने हैं, ऐसे में आधुनिकीकरण के लिए 21,338 करोड़ रुपये का आवंटन नाकाफी है. वाइस चीफ ने समिति से कहा है कि चीन से सटी सीमा पर सड़कों और ढांचागत सुविधाओं के लिए सेना की मांग से 902 करोड़ रुपये कम मिले हैं. वैसे उड़ी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले और चीन से लगी सीमा पर डोकलाम विवाद के बाद सरकार की ओर से कहा गया कि सेना को संसाधनों की कमी नहीं पड़ने दी जाएगी. सह सेना प्रमुख के इस बयान से ये नहीं लगता है कि सरकार अपने वायदों के हिसाब से काम कर रही है. अब देखना ये होगा कि इतने कम बजट में सेना कैसे दो मोर्चों पर चुनौती का सामना करती है.
वही दूसरी ओर सेना प्रमुख बिपिन रावत ने मंगलवार को देश की सैन्य शक्ति को अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सैन्य शक्ति को बढ़ावा देना भी जरूरी है. उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि चीन की सैन्य ताकत पर वहां की अर्थव्यवस्था का असर साफ दिखाई देता है.
सेना की मजबूती से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था
आर्मी चीफ ने कहा कि ऐसा सोचा जाता है कि रक्षा पर खर्च किया गया बजट देश पर बोझ है. कुछ लोग कहते हैं कि सेना पर खर्च करने से देश को कुछ नहीं मिलता, जबकि ऐसा मानना बिल्कुल ही गलत है. उन्होंने कहा कि अगर रक्षा पर खर्च बढ़ेगा तो इससे देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था और सैन्य सुरक्षा, दोनों एकदूसरे के पूरक हैं. आर्मी चीफ ने कहा कि ऐसा सोचा जाता है कि रक्षा पर खर्च किया गया बजट देश पर बोझ है. कुछ लोग कहते हैं कि सेना पर खर्च करने से देश को कुछ नहीं मिलता, जबकि ऐसा मानना बिल्कुल ही गलत है. उन्होंने कहा कि अगर रक्षा पर खर्च बढ़ेगा तो इससे देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था और सैन्य सुरक्षा, दोनों एकदूसरे के पूरक हैं. बिपिन रावत ने रक्षा बजट का खुलासा करते हुए कहा कि ऐसा माना जाता है कि पूरा रक्षा बजट सेना पर खर्च होता है, जबकि ऐसा कतई नहीं है. सेना को मिलने वाले कुल बजट का 35 फिसदी हिस्सा राष्ट्र निर्माण के योगदान पर खर्च होता है. उन्होंने कहा कि जब सीमाओं पर आधारभूत संरचना मजबूत होती है तो हम बॉर्डर से दूर रहने वाले लोगों से जुड़ाव महसूस करते हैं. यह पूरे राष्ट्र को जोड़ने का काम करता है पाकिस्तान की हरकतों पर आर्मी चीफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान सीमा पार से गतिविधियों को बढ़ाता हैं तो हमारे पास अगले लेवल पर जाने का विकल्प है. सीमा पार बैठे लोगों को हमसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हमने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी कार्रवाई में पाकिस्तान बराबर नुकसान हो. बिपिन रावत ने कहा कि चीन अपनी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिसा सैन्य ताकत पर खर्च करता है तो इसका साफ देखा जा सकता है. आज चीन अमेरिका को भी चुनोती दे रहा है. चीन अपनी सैन्य ताकत और अर्थव्यवस्था पर समान रूप से ध्यान देता है. इसी का नतीजा है कि आज दुनिया के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर चीन मजबूती के साथ खड़ा दिखाई देता है.

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दिल्लीः आम जनता के लिए आधार से जुड़ी राहत की खबर आई है. सुप्रीम कोर्ट ने आधार को सेवाओं से लिंक कराने की आखिरी तारीख को बढ़ा दिया है. कोर्ट ने कहा जब तक आधार योजना की वैधता पर संविधान पीठ का फैसला नहीं आता तब तक लिंकिंग अनिवार्य नहीं है. यानी जब तक सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आधार को लिंक कराने से जुड़े मामले पर फैसला नहीं देती तब तक आधार कार्ड को लिंक कराने की जरूरत नहीं है.
पहले सभी सरकारी सेवाओं और सर्विसेज का फायदा लेने के लिए 31 मार्च तक आधार कार्ड को इनसे लिंक कराने के लिए सरकार ने डेडलाइन दी थी. लिहाजा आज सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आम जनता को काफी राहत मिलेगी.
पैन कार्ड और बैंक एकाउंट के साथ ही मोबाइल नंबर, शेयर स्टॉक्स, क्रेडिट कार्ड, एलपीजी कनेक्शन, इंश्योरेंस, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट और किसान विकास पत्र, म्यूचुअल फंड जैसी सभी स्कीम और सुविधाओं को आधार नंबर से लिंक करने की आखिरी तारीख 31 मार्च बताई गई थी लेकिन अब इसे बढ़ा दिया है.
कल ही हमने आपको खबर दी थी कि भी सुप्रीम कोर्ट में आधार कार्ड को लेकर दाखिल याचिकाओं में इस बात को लेकर स्थिति साफ नहीं है कि आधार को सेवाओं से लिंक कराने की तारीख आगे बढ़ेगी या नहीं, हालांकि ये कहा जा रहा था कि अगर सुनवाई 31 मार्च 2018 से आगे चलेगी तो आधार कार्ड को सेवाओं से लिंक कराने की तारीख आगे बढ़ सकती है और आज ऐसा ही हुआ.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
आज आधार पर बड़ी सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच जजों की की संवैधानिक बेंच ने कहा कि जब तक इस मामले पर फैसला नहीं आ जाता तब तक जरूरी नहीं होगा कि अलग-अलग सेवाओं के साथ आधार कार्ड को लिंक किया जाए. सरकार आधार लिंकिंग के लिए फिलहाल किसी को मजबूर नहीं कर सकती है. हालांकि शीर्ष अदालत की तरफ से ये बात सामने आई है कि लाभकारी योजनाओं और सरकारी सब्सिडी के जिन मामलोंमें आधार लिंक की समयसीमा तय की गई है वो पहले की तरह लागू रहेगी.
आधार 12 अंकों का विशिष्ट पहचान पत्र है जो कि देश के नागरिकों के लिए पहचान का प्रमाण पत्र है. आधार पर साफ लिखा रहता है कि आधार पहचान का प्रमाणपत्र है नागरिकता का नहीं.

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नई दिल्ली: विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा आयोजित डिनर पार्टी शुरू हो गई है। इसमें विपक्ष के कई दिग्गज नेता एक के बाद एक पहुंच रहे हैं। सोनिया के इस सियासती भोज में कई दिग्गज नेता शिरकत । इस डिनर पार्टी में 17 विपक्षी पार्टियों के नेताओं के शामिल होने की संभावना है।
ऐसे कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को रोकने के लिए पूरे विपक्ष को एकजुट करने की पुरजोर कोशिश में लगी हुई हैं। जानकारी के मुताबिक, सोनिया गांधी के डिनर में टीडीपी, बीजेडी और तेलंगाना राष्ट्र समिति को बुलाया नहीं गया है। हाल में ही टीडीपी ने आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर मोदी कैबिनेट में शामिल अपने सभी मंत्रियों को हटा लिया है लेकिन वह NDA की सहयोगी बनी हुई है। सोनिया के डिनर में झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन और बिहार से जीतन राम मांझी शामिल होंगे। जीतन राम मांझी हाल ही में एनडीए छोड़ आरजेडी के साथ आए हैं, जो कांग्रेस की सहयोगी पार्टी है।

सोनिया की इस पार्टी में लगभग सभी भाजपा विरोधी दलों को निमंत्रण भेजा गया था। हालांकि उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल और बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने इस पार्टी से दूरी बना ली है।
2019 की लड़ाई में विपक्ष के मोर्चे को मजबूत करने के लिए कांग्रेस पुरजोर कोशिश कर रही है. यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्ष की 19 पार्टियों के नेताओं को आज शाम डिनर पर बुलाया है. इस डिनर में शरद पवार, सीताराम येचुरी आदि शामिल होंगे. वहीं तृणमूल कांग्रेस की तरफ से डेरेक ओ ब्रायन, ममता बनर्जी के प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद रहेंगे. तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट के बीच सोनिया गांधी का डिनर काफी अहम है.
डिनर में शामिल होंगे ये बड़े नाम
समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, एआईयूडीएफ से बदरुद्दीन अजमल, एनसीपी से शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, आरजेडी से मीसा भारती और जय प्रकाश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, झारखंड मुक्ति मोर्चा से हेमंत सोरेन, झारखंड विकास मोर्चा से बाबू लाल मरांडी, राष्ट्रीय लोकदल से अजीत सिंह और जयंत सिंह, सीपीआई से डी राजा, सीपीएम से सीताराम येचुरी और मोहम्मद सलीम, तमिलनाडु की पार्टी डीएमके से कनिमोझी, बीएसपी से सतीश चंद्रा, भारतीय ट्राइबल पार्टी से शरद यादव, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओ ब्रायन और सुदीप बंदोपाध्याय, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा से जीतन राम मांझी ये वो बड़े नाम हैं जो सोनिया गांधी के डिनर में शामिल हो रहे हैं.
इनके अलावा आईयूएमएल, आरएसपी, केरल कांग्रेस, जनता दल सेक्युलर के नेता भी सोनिया गांधी के भोज में मौजूद रहेंगे. इनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी भोज में मौजूद रहेंगे. दरअसल लोकसभा चुनाव 2019 से पहले विपक्ष को गोलबंद करने के लिए सोनिया गांधी ने डिनर आयोजित किया है. इसमें कांग्रेस समेत 20 पार्टियां शामिल हो रही हैं.
स्वादिष्ट खाने के साथ राजनीतिक घनिष्ठता बढ़ाने की कोशिश होगी. कांग्रेस 2019 से पहले नरेंद्र मोदी बनाम सब करने की कोशिश में हैं. कांग्रेस को लगता है कि विपक्ष अगर एकजुट होकर लड़े तो मोदी का रथ रुक सकता है. 16, 17, 18 मार्च को होने वाले पार्टी अधिवेशन में भी कांग्रेस गठबंधन पर प्रस्ताव ला सकती है.

व्यस्तता की वजह से नहीं शामिल होंगी ममता बनर्जी
जानकारी के मुताबिक कोशिश ममता बनर्जी को भी बुलाने की थी लेकिन व्यस्तता के कारण वो नहीं आ पाई. इन सब के बीच ये बात सबसे अहम है ममता बनर्जी ने हाल में ही तीसरे मोर्चे का मुद्दा उठाने वाले टीआरएस से नजदीकियां बढ़ाई है. शरद पवार, सोनिया गांधी के डिनर में आ तो रहे हैं लेकिन मार्च के आखिरी में उन्होंने भी विपक्ष की बैठक बुलाई है. जाहिर है तीसरे मोर्चे के सुगबुगाहट से कांग्रेस का परेशान होना लाजिमी है.
पिछले महीने में ही सोनिया गांधी विपक्ष के नेताओं को लंच दे चुकी हैं. आज के डिनर में क्या खिचड़ी पकती है ये तो आने वाले दिनों में पता चलेगा लेकिन विपक्षी एकता इस बात पर ही निर्भर करेगी कि खिचड़ी का कितना हिस्सा कांग्रेस सहयोगियों के लिए छोड़ने को तैयार होती है.

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन सरकार के भविष्य पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं. पीडीपी के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री हसीब द्राबू की बर्खास्तगी के बाद बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर के अपने नेताओं को दिल्ली बुलाया है.

हसीब द्राबू बीजेपी और पीडीपी गठबंधन के शिल्पकारों में से एक माने जाते हैं. बीजेपी महासचिव राम माधव के साथ मिलकर उन्होंने विचारधारा के हिसाब से उत्तर और दक्षिण ध्रुव कही जाने वाली बीजेपी और पीडीपी को साथ लाने में बड़ी भूमिका निभाई. लेकिन सिर्फ एक बयान की वजह से मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया. शुक्रवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम में हसीब द्राबू ने कहा कि कश्मीर राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि इसके सामाजिक पहलू हैं. यह बयान पीडीपी की राय के खिलाफ है क्योंकि पीडीपी कश्मीर को राजनीतिक समस्या मानकर पाकिस्तान के साथ बातचीत के जरिए इसके हल की मांग करती है.

इस बयान से पीडीपी ने खुद को अलग करके द्राबू को बर्खास्त कर दिया. बीजेपी इसमें गठबंधन से खुद को अलग करने की पीडीपी की रणनीति देख रही है. इसीलिए राज्य के बीजेपी नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष और बीजेपी नेता कविंद्र गुप्ता कहते हैं कि संसद का सर्वानुमति से पारित प्रस्ताव है कि पीओके भी भारत का हिस्सा है.

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चाइल्ड पोर्नोग्राफी रैकेट मामले में सीबीआई ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. सीबीआई के मुताबिक, यह सब एक वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए चल रहा है. 40 देशों में इस ग्रुप के करीब 119 सदस्य हैं. इनमें सबसे ज्यादा सदस्य भारत में सक्रिय हैं. इसके बाद पाकिस्तान और अमेरिका का नंबर है. सीबीआई ने इस मामले में इलेक्ट्रोनिक गैजेट का फॉरेंसिक एग्जामिशन भी कराया है. तिरुवंनतपुरम में की गई जांच में यह खुलासा हुआ है. चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में भारत सबसे बड़े कंज्यूमर और डिस्ट्रिब्यूटर्स बन रहा है. यह बढ़ोतरी उस हालात में है जब देश में इंटरनेट पर इस तरह के मैटेरियल पर लगाम लगाने की कोशिश की जा रही है. साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, देश में हर 40 मिनट में एक गंदा वीडियो बनाया जाता है. इस तरह के कंटेंट को इंटरनेट पर अपलोड करने के मामले में केरल लिस्ट में टॉप पर है. वहीं, हरियाणा में मोबाइल पर सबसे ज्यादा इस तरह के कंटेंट देखे जाते हैं. चिंता की बात यह है कि इस तरह के जितने पोर्न वीडियो अपलोड किए जाते हैं, उनमें बच्चों और किशोरों के ज्यादा हैं. यही कारण है कि schoolgirls, teens और desi girls जैसे टॉप सर्च कीवर्ड्स हैं. इन सबसे चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल (CSAM) को बढ़ावा मिल रहा है. साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्स्ट के एनालिसिस के मुताबिक, देश में 35-40 प्रतिशत कंटेंट रोजाना डाउनलोड किया जाता है, जो हजारों टेराबाइट्स में होगी. इंडियन साइबर सिक्युरिटी साइबर आर्मी (ICA) के डायरेक्टर किसल्य चौधरी के मुताबिक, चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कंटेंट और वीडियो के कस्टमर्स तेजी से बढ़ रहे हैं. इसे लेकर कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं है लेकिन हमारे शोध में पता चला है कि प्रति दिन सर्च इंजन पर 1,16,000 सवाल आते हैं, ये सब चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर होते हैं. इस तरह के सर्च के आंकड़े ऐसे हैं कि आप इन्हें प्रति सेकंड में भी अनुमान लगा सकते हैं. इस हिसाब से प्रति सेकंड में सर्च इंजन पर 380 लोग एडल्ट कंटेंट की तलाश कर रहे हैं.
छोटे शहरों में ज्यादा शूट होते हैं ऐसे कंटेंट
हाल के दिनों के ट्रेन्ड को देखते हुए कहा जा रहा है कि छोटे शहर (2,3 और 4 टायर की सिटीज) में ऐसे एडल्ट कंटेंट ज्यादा शूट किए जा रहे हैं. इन्हें मोबाइल से शूट किया जा रहा है और यहीं से ये डिस्ट्रीब्यूट हो रहे हैं. बैकग्राउंड-ग्रामीण इलाकों के बच्चे सॉफ्ट टारगेट्स हैं लेकिन सबसे ज्यादा संख्या शहरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की है जो इसमें फंस जा रहे हैं.
क्या कहता है कानून?
वरिष्ठ वकील और आई टी एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बावजूद CSAM के कंटेंट तेजी से बढ़ रहे हैं. आईटी एक्ट के तहत इस तरह के कंटेंट देखने या शेयरिंग करने को लेकर सख्त सजा का प्रावधान है, लेकिन कानून को लागू करने में ढिलाई हो रही है. सरकार का जोर वेबसाइट्स को ब्लॉक करने को लेकर है लेकिन, कंटेंट के सोर्स को नहीं देखा जा रहा है.

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नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सलवादियों द्वारा एक बारूदी सुरंग में विस्फोट करने से सीआरपीएफ के 9 जवान शहीद हो गए, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं. इस घटना में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के एंटी लैंडमाइन वाहन को अपना निशाना बनाया था. सीआरपीएफ पर हुए इस हमले को लेकर अब उल्टा सुरक्षा अधिकारियों की कार्यशौली पर सवाल उठने लगे हैं.
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के साथ सीआरपीएफ की मुठभेड़ जारी है. करीब कई घंटे से चल रही मुठभेड़ में अब तक 9 सीआरपीएफ जवान के शहीद होने की खबर है. हालांकि इसकी अबतक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. स्पेशल डीजी(एंटी नक्सल ऑपरेशन) डीएम अवस्थी ने बताया कि सीआरपीएफ की 212 बटालियन का एक दस्ता किस्टाराम के जंगल के इलाके की गश्त पर निकला था उसी वक्त उनका वाहन नक्सलियों के बिछाए लैंड माइन की चपेट में आ गया और उसमें विस्फोट हो गया. अतिरिक्त सुरक्षा बल घटनास्थल पर पहुंच गया है. इस वक्त कोई फायरिंग नहीं हो रही है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए आईडी ब्लास्ट से बेहद दुखी हूं, मैं उन जवानों को नमन करता हूं जिन्होंने देश की सेवा करते हुए अपनी जान गवां दी.’

 छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों पर एक और बड़ा नक्सली हमला किया गया है। आज को हुए इस नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 9 जवानों के शहीद होने की खबर आई है। वहीं, 25 सुरक्षाबल के जवानों के जख्मी होने की भी खबर है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर एंटी लैंडमाइन व्हीकल को उड़ा दिया है।   छत्तीसगढ़ में हो रहे ये नक्सली हमले कुछ नए नहीं हैं, आंकड़ों की बात करें तो हर 6 से 8 महीने के अंतराल में ऐसी वारदात को अंजाम देते रहते हैं जिसमें हमारे देश के कई जवान शहीद हो जाते है। भारत में नक्सली हमलों की शुरुआत पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी से हुई थी। भारत के कई हिस्सों में नक्सली गुटों का प्रभाव बढ़ रहा है जिनमें झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं। इस मुद्दे पर अगर भारत की केंद्र और राज्य सरकारों की बात की जाए तो वह इन हमलो पर रोक के तमाम दावे करता हैं लेकिन नक्सली हमले के बाद वो कुछ भी बोलने लायक नहीं रह पाते है। केवल मोदी सरकार ही नहीं बल्कि कांग्रेस सरकार के शासन काल में भी कई बार बड़े नक्सली हमले हो चुके हैं जिनमे भारत के कई वीर शहीद हुए है।

 

छत्तीसगढ़ के नक्सलवाद प्रभावित सुकमा जिले में नक्सवादियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सेना के एंटी लैंडमाइन व्हीकल को उड़ा दिया है. इस विस्‍फोट में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 9 जवान शहीद हो गए हैं. वहीं छह जवान घायल हो गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सुकमा हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारों के लिए मैं सहानुभूति व्यक्त करता हूं. मैं घायल जवानों के तेजी से ठीक होने की प्रार्थना करता हूं.
नहीं सीख रहे हैं गलतियों से
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्व डीजी एसके सूद ने कहा कि सुकमा इलाके में नक्सली सीआरपीएफ को लगातार निशाना बना रहे हैं. और बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी मारे जा रहे हैं. इसका मतलब यह है कि सीआरपीएफ के आला अधिकारी इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए, ना कि उन्हें दोहराना चाहिए.
जानकारी के मुताबिक, क्रिस्टारम थाने से सीआरपीएफ की 212वीं बटालियन के जवान एंटी लैंडमाइंस व्हीकल में सवार होकर गश्त पर निकले थे. इस इलाके में सड़क निर्माण का काम चल रहा है. यह बटालियन काम में लगे श्रमिकों को सुरक्षा देने के मकसद से गए थे, लेकिन यहां पहले से ही घात लगाए बैठे नक्सलियों ने सीआरपीएफ की गाड़ी को निशाना बनाते हुए बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया. यह विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसमें बारूदी सुरंग रोधी वाहने के ही परखच्चे उड़ गए. मौके पर ही 8 जवान मारे गए जबकि एक अन्य घायल जवान ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. दो अन्य घायलों का उपचार चल रहा है.
नक्‍सलविरोधी अभियान के स्‍पेशल डीजी डीएम अवस्‍थी ने कहा कि एक पेट्रोलिंग पार्टी किस्टाराम से पालोड़ी जा रही थी जब नक्‍सलियों ने आईईडी से एंटी लैंउ माईन व्‍हीकल को निशाना बनाया. उन्‍होंने बताया कि अतिरिक्‍त सुरक्षाबलों को घटनास्‍थल पर भेजा गया है् और वहां अभी फायरिंग नहीं हो रही है.

सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि जिले के किस्टाराम थाना क्षेत्र में नक्सवादियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर एंटी लैंडमाइन व्हीकल को उड़ा दिया. इस घटना में सीआपीएफ के 9 जवान शहीद हो गए. वहीं पांच जवान घायल हो गए हैं. इनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को सीआपीएफ के 212 वीं बटालियन के जवान एंटी लैंडमाइन व्हीकल में सवार होकर रवाना हुए थे. जब वह किस्टाराम थाना क्षेत्र में थे तब नक्सलियों ने एक शक्तिशाली विस्फोट में वाहन को उड़ा दिया. इसमें सीआरपीएफ केे नौ जवान शहीद हो गए.
उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल को रवाना किया गया है. शवों और घायल जवानों को जंगल से बाहर निकालने की कार्रवाई की जा रही है.

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बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की जयपुर में फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ के सेट पर तबीयत खराब होने की वजह से बी-टाउन काफी चिंतित दिखा. हर किसी ने उनके स्वस्थ होने की कामना की. मुंबई से चार्टेड प्लेन से रवाना होकर जयपुर पहुंचे डॉक्टर ने उनसे मिले. दिल्ली के संसद भवन से बाहर निकलते वक्त अमिताभ बच्चन की सेहत के बारे में पत्नी जया बच्चन ने बताया कि अमितजी की तबीयत ठीक है, उनके पीठ, कमर और गर्दन में दर्द है. कॉस्ट्यूम काफी हैवी है, इसलिए तकलीफ ज्यादा है. इसके अलावा वह ठीक हैं. हालांकि वह अभी आराम करेंगे.
उन्होंने मंगलवार को पूरी रात जगकर सुबह 5 बजे तक शूटिंग की. कुछ एक्शन और थ्रिलर सीन्स शूट करने की वजह से उनके कंधे में हल्का दर्द हुआ. बता दें कि 75 वर्षीय दिग्गज एक्टर अमिताभ बच्चन यह फिल्म अपने को-स्टार आमिर खान, कैटरीना कैफ और फातिमा सना शेख के साथ कर रहे हैं. इसकी शूटिंग देश के बाहर थाईलैंड और माल्टा में भी की जा चुकी है. ‘धूम-3’ के डायरेक्टर विजय कृष्णा आचार्य ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ को डायरेक्ट कर रहे हैं. यह फिल्म 1839 की नॉवेल ‘कन्फेशंस ऑफ अ ठग्स’ से एडॉप्ट की है. अमिताभ फिल्म के पहले हिस्से की शूटिंग थाईलैंड में कर चुके हैं और उन्होंने यह भी बताया था कि यह उनके करियर की सबसे मुश्किल शूटिंग्स में से एक रही.

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 सूचना के अधिकार (आरटीआई) से खुलासा हुआ है कि न्यूनतम जमा राशि नहीं रखे जाने पर ग्राहकों से जुर्माना वसूली के प्रावधान के कारण मौजूदा वित्तीय वर्ष के शुरूआती 10 महीनों (अप्रैल-जनवरी) के दौरान देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में करीब 41.16 लाख खाते बंद कर दिये गये हैं।      

मध्यप्रदेश के नीमच निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने आज “पीटीआई- भाषा” को बताया कि उनकी आरटीआई अर्जी पर एसबीआई के एक आला अधिकारी ने उन्हें 28 फरवरी को भेजे पत्र में यह जानकारी दी।        

 इस पत्र में बताया गया कि न्यूनतम जमा राशि उपलब्ध नहीं होने पर दंड शुल्क लगाने के प्रावधान के कारण स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 में 31 जनवरी तक बंद किये गये बचत खातों की संख्या लगभग 41.16 लाख है।       

न्यूनतम जमा राशि नहीं रखे जाने पर जुर्माना वसूली के कारण एसबीआई में बहुत बड़ी तादाद में बचत खातों के बंद होने की चौंकाने वाली जानकारी आज उस वक्त सामने आयी, जब देश के सबसे बड़े बैंक ने इस मद में दंड शुल्क को एक अप्रैल से 75 प्रतिशत तक घटाने का अहम फैसला किया है। 

देश में गरीब तबके के लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने के सरकार के महत्वाकांक्षी अभियान के बीच खासकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा इस मद में जुर्माना वसूली को लेकर लम्बे समय से बहस चल रही है।       

गौड़ ने कहा कि अगर एसबीआई इस मद में जुर्माने की रकम को घटाने का निर्णय समय रहते कर लेता, तो उसे 41.16 लाख बचत खातों से हाथ नहीं धोना पड़ता। इसके साथ ही, इन खाताधारकों को परेशानी नहीं होती जिनमें बड़ी तादाद में गरीब लोग शामिल रहे होंगे।

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 भाजपा के बूथ मैनेजमेंट से कांग्रेस बेहद प्रभावित नजर आ रही है। इसीलिए अब कांग्रेस ने भी एक बूथ मैनेजमेंट प्लान बनाया है। कांग्रेस अपने बूथ मैनेजमेंट प्लान को सबसे पहले राजस्थान में लागू करेगी।

कांग्रेस ने अपने इस बूथ मैनेजमेंट में आधुनिक तकनीक का इस्‍तेमाल शुरू कर दिया है। इसके लिए कांग्रेस ने सबसे पहले अपने कार्यकर्ताओं की पहचान करना शुरू कर दिया है। राजस्थान चुनाव में कांग्रेस सबसे पहले सार्वजनिक तौर पर उपलब्‍ध जानकारी के जरिए अपने कोर वोट बैंक का पता लगाएगी। इसके बाद इन उपलब्ध आंकड़ों की मदद से कांग्रेस सभी राजनीतिक मुद्दों पर पहले मतदाताओं के मूड को भांपने के लिए सर्वे कराएगी। राजस्थान और अन्य राजों में होने वाले चुनावों के बाद कांग्रेस अपने डाटाबेस के सहारे साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान जनता से सीधा संवाद करने की कोशिश करेगी।  साल 2018 में राजस्‍थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके बाद साल के अंत तक मध्‍य प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ भाजपा की मजबूत पकड़ वाले राज्यों में भी चुनाव होंगे। भारतीय जनता पार्टी अपने राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह के नेतृत्‍व में पहले से ही माइक्रो लेवल तक बूथ मैनेजमेंट का काम कर रही है, जिसका नतीजा हाल ही के चुनावों में दिखाई दिया है।

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बीजेपी की शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा देशहित के नाम पर अजीबो गरीब फरमान जारी करने की आदत पड़ चुकी है। नया उदाहरण राजस्थान में देखने को मिला। जहां वसुंधरा राजे की सरकार ने कॉलेज जानेवाली लड़कियों को कालेज जाने के लिए विशेष कपड़े पहनने का आदेश जारी कर दिया गया। जिसके बाद छात्राओं ने इस सरकारी फरमान को सिरे से खारीज करते हुए विरोध भी शुरु कर दिया। विरोध बढ़ता देख सरकार ने आनन फानन में यूनिफॉर्म अनिवार्य करने का फैसला वापस ले लिया है। इस फैसले में कॉलेज जाने वाली लड़कियों को यूनिफॉर्म पहनने का आदेश दिया था। इसमें भी लड़कियों को ‘भारतीय परिधान’ पहनने के निर्देश दिए थे। अब कहा गया है कि यह आदेश जरूरी नहीं बल्कि स्वैच्छिक है। कॉलेज जानेवाली लड़कियां चाहें तो यूनीफॉर्म पहनें चाहे न पहनें। वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर कहा कि लड़कियों के लिए यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य नहीं है, वो जिसमें अपनी पढ़ाई में बेहतर कर सकती हैं, हम उन्हें वो उपलब्ध करवाएंगे। वसुंधरा ने ट्वीट में #Girlsfirst भी जोड़ा। सरकार ने इससे पहले कॉलेज में लड़कों के लिए यूनिफॉर्म में पैंट शर्ट और सर्दियों में जर्सी और लड़कियों के लिए साड़ी, सलवार कुर्ता और सर्दियों में कार्डीगन को ड्रेस के तौर पर लागू करने की बात कही थी। इसका छात्रों ने काफी विरोध किया था। कई संगठनों ने इसे महिलाओं की आजादी पर हमला भी बताया था।

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सत्ता में आने के बाद अकसर नेताओं की संपत्ति कई गुणा बढ़ जाती है लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली इस मामले में विपरीत है। उनकी संपत्ति पिछले 4 साल में करीब 1.61 करोड़ रुपये कम हो गई है जबकि उनकी पत्नी संगीता जेतली की संपत्ति बढ़ी है। नामांकन के साथ दिए गए शपथपत्र में खुलासा हुआ कि जेतली के पास पत्नी संगीता जेतली के मुकाबले ज्यादा गहने हैं। शपथपत्र के मुताबिक वित्त मंत्री और उनकी पत्नी की कुल संपत्ति करीब 111.40 करोड़ रुपये है। 32 करोड़ 70 लाख 52 हजार 223 रुपये की चल संपत्ति है। वहीं अचल संपत्ति 35 करोड़ 60 लाख रुपये है। संगीता जेतली के पास 1 करोड़ 41 लाख 81,333 रुपये की चल और 41 करोड़ 70 लाख रुपये की अचल संपत्ति है। वर्ष 2014 में जेतली की कुल संपत्ति 71.56 करोड़ रुपये और पत्नी की 41.46 करोड़ रुपये थी। इसमें उनकी चल संपत्ति 36.86 करोड़ रुपये और पत्नी की 46.16 लाख रुपये थी जबकि अचल संपत्ति 34.70 करोड़ रुपये और पत्नी की 41 करोड़ रुपये थी। उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपना दिल्ली का पता दिया था लेकिन राज्यसभा चुनाव का नामांकन पत्र उन्होंने गुजरात के पते से दाखिल किया है।

(12 )पॉन्टी चड्ढा की जेब में थे माया, मुलायम और अखिलेश यादव 

राज्यसभा सांसद और पूर्व समाजवादी पार्टी के नेता अमर सिंह ने यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ और पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जबरदस्त तारीफ करते हुए अमर सिंह ने कहा है कि मोदी अपने आप में स्टार हैं, उन्हें किसी बॉलीवुड स्टार की ज़रुरत नहीं है। सीएम योगी की तारीफ करते हुए अमर सिंह ने मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और मायावती को आड़े हाथों लिया है। अमर सिंह ने कहा है कि योगी आदित्‍य नाथ को कोई खरीद नहीं सकता जबकि शराब कारोबारी पॉन्टी चड्ढा की जेब में थे माया, मुलायम और अखिलेश यादव। अमर सिंह ने ये बयान इंडिया टीवी को दिये गए एक इंटरव्यू में दिया है। नरेश अग्रवाल के बीजेपी में शामिल होने और जया बच्चन पर विवादित बयान देने के मामले में अमर सिंह ने कहा कि वो जिस दल से आए हैं उनसे यही अपेक्षा था। अमर सिंह ने कहा कि उस दल में इसी तरह का माहौल है। उन्होंने कहा कि आजम खान ने जया प्रदा के बारे में जो कहा था उसके लिए मुलायम सिंह ने कभी ऐतराज नहीं किया। उन्होंने कहा कि जया प्रदा के बारे में जब भी आजम खान ने गंदी बातें कही कभी भी जया बच्चन ने आवाज़ नहीं उठाई।

योगी आदित्य नाथ के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यकाल की अमर सिंह ने खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि ये व्यक्ति पीतल के बर्तन में खाता है, इसे एसी से परहेज है। उन्होंने ये भी कहा कि आदित्य नाथ भ्रष्ट नहीं हैं और भ्रष्ट अधिकारियों से दूर ही रहते हैं। उन्होंने कहा कि, ‘एक टाइम था जब यूपी की कुर्सी पर बैठने वाले सारे सीएम शराब कारोबारी पॉन्टी चड्ढा की चड्ढी पहनते थे। चाहे मायावती हो, चाहे मुलायम सिंह हों या फिर अखिलेश यादव, सबके कमर का नाप लेकर चड्ढा ने चड्ढी बनवा रखी थी।'( अमर सिंह का ये बयान नीचे वीडियो के 19वें मिनट में है। इस कार्यक्रम में अमर सिंह ने जया बच्चन और अमिताभ बच्चन के साथ अपने रिश्तों पर भी बात की। अमर सिंह ने कहा कि जब ये बच्चन परिवार कई फीट गहरे गड्ढे में था तब पूरी दुनिया जानती है कि कौन था वो जिसने उनकी मदद की। उन्होंने कहा कि जब अमिताभ बच्चन और जया बच्चन को कोई पहचानता नहीं था तब मैंने उन्हें पहचाना।

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रजनीकांत ने मंगलवार को कहा कि वह अभी तक पूर्णकालिक राजनेता नहीं बन पाए हैं. दयानंद सरस्वती आश्रम में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘ अब तक मैं पूर्णकालिक राजनेता नहीं बन पाया हूं. मैंने अपनी पार्टी की भी घोषणा नहीं की है. (अभी) मैं राजनीति के बारे में कोई बात नहीं करना चाहता.
कुछ दिनों से रजनीकांत आश्रम में मेडिकेशन कर रहे हैं. रजनीकांत मीडिया को कमल हासन के सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें हासन ने कहा था कि वह राजनीतिक मुद्दों पर बात नहीं करते.

कमल हासन ने सोमवार को कहा था कि कई मामलों में रजनीकांत की प्रतिक्रिया नहीं मिली है. ऐसे में केवल कावेरी विवाद में उनकी चुप्पी के बारे में बात करना गलत है. उन्होंने मीडिया से कहा, ‘ ये केवल अकेला मुद्दा नहीं है जिस पर रजनीकांत ने अपने विचार नहीं रखे हैं. बल्कि अन्य कई मुद्दे भी हैं और केवल एक मुद्दे को उठाना सही नहीं है.’

गौरतलब है कि पिछले महीने ही कमल हासन ने अपनी पार्टी लॉन्च की थी, जिसका नाम है मक्कल नीधि मय्यम यानी ‘जनता न्याय केंद्र’. रजनीकांत भी जल्द ही नई राजनीतिक पार्टी बनाने वाले हैं. हासन, कावेरी सहित कई मुद्दों पर काफी मुखर रहे हैं. उनकी पार्टी ‘मक्कल नीधि मय्यम लोगों से समाज में लगातार बदलाव लाने की अपील कर रहे हैं. जब कमल हासन ने अपनी पार्टी लॉन्च की थी, उस वक्त रजनीकांत ने उनकी खूब तारीफ की थी.

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