मध्य प्रदेश – कांग्रेस के लिए अच्छी खबर & TOP NATIONAL NEWS 23 JULY

HIGH LIGHT; जंतर मंतर और बोट क्लब जैसी जगहों पर प्रदर्शन पर लगी रोक को हटा दिया #मध्य प्रदेश- छावनी परिषद के चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली #योगी सरकार ने यश भारती सम्मान पाने वालों को बड़ा झटका दिया- हर महीने की पेंशन घटाकर आधा कर दिया # प्रधानमंत्री मोदी के जवाब से खुश नहीं दिख रहे हैं 

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के जंतर मंतर और बोट क्लब जैसी जगहों पर प्रदर्शन पर लगी रोक को हटा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि 2 हफ्ते में प्रदर्शनों को लेकर गाइडलाइन बनाएं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ”नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं हो सकता है.” अदालत ने कहा, ”प्रदर्शनकारियों और नागरिकों के परस्पर विरोधी अधिकारों के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है.”
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने प्रदूषण का हवाला देते हुए पिछले साल जंतर-मंतर पर किसी भी प्रकार के प्रदर्शन और लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया था. एनजीटी के इस कदम के खिलाफ कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था और इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
एनजीटी में दाखिल याचिका में कहा गया था कि जंतर-मंतर पर होने वाले धरने और विरोध-प्रदर्शनों की वजह से ध्वनि प्रदूषण होता है. एनजीटी ने जंतर-मंतर की जगह प्रदर्शन के लिए रामलीला मैदान को तय करने की संभावना पर विचार करने को कहा था.

(2) छावनी परिषद के चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली
पचमढ़ी: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए अच्छी खबर आई है. पचमढ़ी छावनी परिषद के चुनाव में 23 साल बाद कांग्रेस के 7 में से 6 पार्षदों को जीत मिली है. मात्र एक ही सीट पर बीजेपी के समर्थन वाला प्रत्य़ाशी जीत दर्ज कर पाने में सफल हो पाया है. यह प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के लिए तगड़ा झटका है. बता दें कि छावनी परिषद में अध्यक्ष सेना के पदेन अधिकारी होते हैं. वर्तमान में कमांडेंट कर्मवीर इसके अध्यक्ष हैं.
पचमढ़ी छावनी परिषद में दो साल पहले चुनाव हुए थे. यहां दो साल से सेना की समिति ही छावनी परिषद का संचालन कर रही थी. कल यानि रविवार को छावनी के सभी 7 वार्डों के लिए मतदान हुआ था. मतदान सुबह 8 बजे से लेकर रात के 5 बजे तक हुआ था. मतगणना के बाद रात तकरीबन 9 बजे इसके नतीजे घोषित किए गए. जानकारी के मुताबिक यहां कुल 4495 मतदाता हैं.
हाल ही में मध्य प्रदेश कांग्रेस में बड़ा बदलाव करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और छिंदवाड़ा से सांसद कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. निश्चित तौर पर यह जीत प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए प्रयासरत कांग्रेस के लिए प्रेरणा का काम करेगी.
पचमढ़ी मध्य प्रदेश के पर्वतीय स्थल होशंगाबाद जिले में स्थित है. यह राज्य का एक बड़ा पर्यटन केन्द्र भी है. राजधानी भोपाल से यह तकरीबन 200 किलोमीटर की दूरी पर है. सतपुड़ा श्रेणियों के बीच स्थित होने और अपने सुंदर स्थानों के कारण इसे सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है. यहां घने जंगल, वाटरफाल और कई तालाब हैं. सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का भाग होने के कारण यहां आसपास बहुत घने जंगल हैं.
(3)योगी सरकार ने यश भारती सम्मान पाने वालों को बड़ा झटका दिया- हर महीने की पेंशन घटाकर आधा कर दिया
यूपी की योगी सरकार ने यश भारती सम्मान पाने वालों को बड़ा झटका दिया है. इस सम्मान के तहत पहले हर महीने 50 हजार की पेंशन दी जाती थी. लेकिन अब इसे घटाकर आधा कर दिया गया है. इतना ही नहीं इसमें से उन लोगों के नामों को हटा दिया जाएगा, जो सरकारी नौकरी वाले हैं या टैक्स अदा करते हैं. इस नियम के कारण इस सम्मान को पा चुके कई बड़े नाम इसमें से कट सकते हैं. योगी सरकार ने समाजवादी पार्टी की सरकार में यश भारती व पद्म सम्मान पाने वालों को पेंशन देने के लिए बनी नियमावली में संशोधन किया है. पेंशन की राशि 50 हजार से घटाकर 25 हजार रुपये प्रति माह कर दी है.
यश भारती से सम्मानित सरकारी सेवकों, सरकार के पेंशनरों और आयकरदाताओं को इस पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा. मुख्यमंत्री ने इससे पहले यश भारती पेंशन को बंद करने का निर्णय लिया था, लेकिन भाजपा के अंदर से बढ़ते दबाव के बाद योगी सरकार ने पेंशन नियमावली में संशोधन करते हुए यश भारती सम्मान पेंशन की राशि आधी घटाकर इसे चालू रखने का फैसला लिया है. सरकार ने संशोधन के बाद यश भारती पुरस्कार व पेंशन संबंधी आवेदन की तिथि बढ़ाते हुए 31 जुलाई कर दी है. 31 जुलाई के बाद प्राप्त होने वाले आवेदनपत्रों पर संस्कृति विभाग द्वारा विचार नहीं किया जाएगा. अखिलेश सरकार में यश भारती एवं पद्म सम्मान से सम्मानित लोगों के लिए मासिक पेंशन नियमावली-2015 जारी की गई थी. इसके तहत यश भारती सम्मान से सम्मानित लोगों को 50 हजार रुपए मासिक पेंशन दी जाती थी. इस सम्मान को क्रिकेटर सुरेश रैना, आर पी सिंह, फिल्म एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी, अनुराग कश्यप और नसीरुद्दीन शाह जैसे लोगों को दिया जा चुका है, लेकिन अब नए नियमों के मुताबिक उनके नाम हटाए जा सकते हैं योगी सरकार ने इस पेंशन को बंद करने का निर्णय लिया था, भाजपा पदाधिकारी समेत कुछ नेताओं ने मुख्यमंत्री को खुला पत्र लिखकर यश भारती पेंशन दोबारा शुरू करने की मांग की थी. अब सरकार ने यश भारती सम्मान को जारी रखने, लेकिन अखिलेश सरकार में जारी की गई मासिक पेंशन नियमावली-2015 में संधोशन करते हुए मासिक पेंशन नियमावली-2018 जारी कर दी है. प्रमुख सचिव (संस्कृति) जितेंद्र कुमार की ओर से जारी नियावली के मुताबिक, यश भारती एवं पद्म पुरस्कारों से सम्मानित ऐसे लोग पेंशन पात्र नहीं होंगे, जो सरकारी पेंशन पा रहे हों, सरकारी सेवा में कार्यरत हों या आयकर दाता हों. यही नहीं, आवेदकों की जन्मभूमि और कर्मभूमि उत्तर प्रदेश ही होनी चाहिए. ऐसे पात्र लोगों को जीवन भर प्रतिमाह 25 हजार रुपये पेंशन दी जाएगी. वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में पेंशनर को जीवित होने का प्रमाणपत्र देना होगा. पेंशन की स्वीकृति के लिए निर्धारित प्रारूप पर निदेशक संस्कृति को आवेदन देना होगा. संस्कृति विभाग के निदेशक शिशिर कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा यश भारती पुरस्कार से संबंधित महानुभाव, जिनको पूर्व से पेंशन प्राप्त हो रही थी, उनसे कुछ अतिरिक्त सूचनाएं विभाग द्वारा आवेदन प्रारूप के माध्यम से मांगी गई थीं. इस संदर्भ में उनको पेंशन देने के लिए विभाग द्वारा प्रेषित किए गए आवेदन प्रारूप प्राप्त होने की अंतिम तिथि 4 जुलाई से एक सप्ताह निर्धारित की गई. फिर विभाग में आवेदन पत्र प्राप्त होने की अंतिम तिथि 22 जुलाई तक की गई. लेकिन बहुत से लोगों के आवेदनपत्र विभाग में अब तक प्राप्त नहीं हो सके, जिससे आवेदनोत्र जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 जुलाई तक किए जाने का निर्णय लिया गया है.
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प्रधानमंत्री मोदी के जवाब से खुश नहीं दिख रहे हैं
सोमवार को संसद मानसून सत्र शुरू होने से पहले ही विपक्षी नेताओं का गुस्सा साफ देखने को मिल रह है। अविश्वास प्रस्ताव के बहस के बाद प्रधानमंत्री मोदी के जवाब से खुश नहीं दिख रहे हैं। अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली टीडीपी का कहना है कि पीएम ने हमारे किसी भी सवालों का जवाब नहीं दिया। टीडीपी सांसद जयदेव गल्ला ने कहा कि हमनें प्रस्ताव को लेकर अहम बातें रखी लेकिन प्रधानमंत्री ने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। पीएम ने वही पुरानी बातों को दुहराया इसलिए अब हमारे पास विरोध करने के सिवा और कुछ नहीं है। बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव को शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया गया और बहस की गई। इस दौरान टीडीपी ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा, स्पेशल पैकेज, आर्थिक मद से जुड़े सवालों को रखा था। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलान के लिए टीडीपी सांसदों ने संसद भवन के सामने खड़े होकर विरोध प्रर्दशन कर रही है। इसके लिए उन्होंने सरकार के विरोध में नारा लगाया और साथ ही बीजेपी पर वादाखिलाफी तथा नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। टीडीपी के अलावा कांग्रेस नेताओं ने भी बेरोजगारी को लेकर सोमवार को मौजूदा सरकार को घेरा है। कांग्रेस सांसदों का कहना है कि बेरोजगारी देश को जकड़ रही लेकिन बीजेपी कोई ध्यान नहीं दे रही। इस सरकार ने बेरोजगारी बढाई है। सरकार युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह विफल दिख रही है। इसके अलावा अरवल में मॉब लिंचिंग की ताजा घटना को लेकर अवसुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पहलु खां की तरह राजस्थान में दुखद घटना घटी। गाय के नाम पर इंसानियत को मारा जा रहा है। इसके लिए पुलिस भी मिली हुई है। 18 जुलाई को संसद मानसून सत्र शुरू होते ही विपक्षी दल मॉब लिंचिंग को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
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बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह में रेप की दर्दनाक दास्तां सामने आई है। इससे पहले 29 लड़कियों ने रेप की घटना की कहानी सुनाकर घटना की पुष्टि की है। इससे जुड़ी एक और घटना सामने आई है कि सात साल की बच्ची के साथ रेप किया गया फिर उसको जलाकर शेल्टर में ही दफना दिया गया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बच्चियों के साथ दरिंदगी करने के बड़े मामले की जांच चल रही है। साथ ही एक सात साल की बच्ची का रेप कर दफनाने की घटना की जांच के लिए शेल्टर हाउस परिसर की खुदाई शुरू कर दी गई है। खुदाई के बाद मिली चीजों को जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। पीएमसीएच में भर्ती बच्चियों के हालत को देखकर स्थिति का पता चल रहा है। इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि 29 में से कुछ बच्चियों की स्थिति नाजुक है जबकि अधिकतर पीड़ित बच्चियों का मानसिक हालत ठीक नहीं है। इनका इलाज जारी है। इस मामले के सामने आने के बाद बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार की मौजूदा सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि एनजीओ के मालिक का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ संबंध है। मुख्यमंत्री इस मामले की जांच जल्दी करवाकर इंसाफ करें। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के एक रिपोर्ट ने मामले को उजागर किया था। मुजफ्फरपुर में बालिका गृह में दिव्यांग बच्चियों को रखा जाता है। इसके संचालन की जिम्मेदारी सेवा संकल्प एवं विकास समिति को मिली है। फिलहाल मामला सामने आने के बाद एनजीओ के कई अधिकारियों पर केस दर्ज किया गया है।
#Bihar: Owner of the NGO that runs the shelter home is close to CM Nitish Kumar, had even campaigned for him in elections: Tejashwi Yadav, RJD on Muzaffarpur Shelter Home Rape Case

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