उ0प्र0 के टैक्सी-मजदूर देखकर बुरा लगता है- अमित शाह

सपा और कांग्रेस के बीच शीघ्र गठबंधन -हिमालयायूके की खबर फिर सत्‍य होगी-   क्‍यों बुरा लगता है अमित शाह को ; बडी खबर ; हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल
भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार (16 दिसंबर) को कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी सरकार के पांच साल के दौरान किए गए गलत कामों के लिए पहला जवाब जनता को देना होगा।’ शाह ने कहा कि अखिलेश को सबसे पहले मथुरा के लिए जवाब देना होगा, जहां सरकार की जमीन पर वर्षों से अतिक्रमण किया गया था, बुलंदशहर के लिए जवाब देना होगा, जहां सामूहिक बलात्कार किया गया और उनके मंत्री आजम खान ने इसका मजाक बनाया और इस एटा के लिए जवाब देना होगा, जहां 100 लोगों ने जहरीली शराब के कारण अपनी जान गंवाई। उन्होंने अखिलेश और उनके चाचा एवं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का संदर्भ देते हुए कहा, ‘राज्य को भारी आर्थिक मदद दी गई थी लेकिन चाचा-भतीजे ने उसे हड़प लिया।’ शाह ने कहा कि उत्तरप्रदेश के युवा पूरे देश के विकास में लगे हैं लेकिन उनके अपने राज्य में सुविधाओं का अभाव है। पिछले 15 साल में भ्रष्टाचार करने वाले लोग तो बदले हैं लेकिन स्थिति में सुधार नहीं आया है।
अमित शाह ने कहा कि उत्तरप्रदेश में सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार है, और कुछ भी नहीं।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे उत्तरप्रदेश के युवाओं को दूसरे राज्यों में टैक्सी चलाते देख या मजदूरों के रूप में काम करते देखकर बुरा लगता है। (वे ऐसा इसलिए करते हैं) क्योंकि उनके अपने राज्य में कोई अवसर ही नहीं है।’ शाह ने कहा कि सिर्फ भाजपा सरकार ही यह सुनिश्चित कर सकती है कि वे अपने जिले में काम करें और अपने माता-पिता एवं परिवार के साथ रहें। विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा कि नोटबंदी ने बसपा सुप्रीमो मायावती के जहाज की हवा निकाल दी है और ‘(कांग्रेस के उपाध्यक्ष) राहुल बाबा रोज पदयात्राएं कर रहे हैं।’ शाह ने कहा, ‘बेहतर होगा कि राहुल बेरोजगारी, गरीबी और भुखमरी के खिलाफ यात्राएं निकालें। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि वह संप्रग और राजग सरकार के बीच तब तक अंतर नहीं देख सकेंगे, जब तक वे ‘अपनी आंखों से इतालवी चश्मे’ नहीं हटा लेंगे। शाह ने कहा, ‘वह पूछते हैं कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद क्या बदलाव आया है। वह इसे नहीं देख सकते क्योंकि उन्होंने अपनी आंखों पर इतालवी चश्मा पहना हुआ है।’
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:: समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की तैयारियां  ; हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल की खबर एक बार फिर सत्‍य साबित होने की ओर- हमारे न्‍यूज पोर्टल के पाठको को ज्ञात हो- इस बारे में हमने काफी समय पूर्व खबर प्रकाशित की थी – सम्‍पादक-  

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं. चुनाव आयोग की घोषणा का इंतजार किया जा रहा है, जैसे ही चुनावों की तारीखें घोषित होती हैं, गठबंधन की घोषणा भी कर दी जाएगी.

वैसे तो इस बात की सुगबुगाहट काफी समय से चल रही थी. लेकिन अब धीरे—धीरे ये साफ हो चला है कि समाजवादी पार्टी इस बार चुनावों में कांग्रेस के साथ मैदान में उतरने जा रही है. हालांकि अभी कांग्रेस और सपा के नेता कोई टिप्पणी करने से बच रहे हैं. लेकिन सपा सूत्रों के अनुसार मुस्लिम वोट बैंक को सपा से जोड़े रखने की चुनौती पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के लिए बड़ी चिंता का सबब बनी हुई है.

 बसपा लगातार मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने की पुरजोर कोशिश करती दिख रही है. ऐसे में कांग्रेस के साथ सपा का चुनावी गठबंधन होता है तो मुस्लिम वोटरों का सपा से बसपा के पाले में शिफ्ट होने की संभावनाएं कमजोर पड़ेंगीं. यही नहीं सपा, कांग्रेस के एक साथ मैदान में उतरने से मुस्लिम वोटरों का भरोसा ज्यादा दिलाया जा सकता है कि यह गठबंधन भाजपा को सत्ता में आने से रोक सकता है. कांग्रेस के साथ दिक्कत ये है कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की काफी कोशिशों के बाद भी प्रदेश में संगठन का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा है. बीते कई विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को काफी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. 2002 के विधानसभा में कांग्रेस के 334 प्रत्याशियों की की जमानत जब्त हो गई थी, 2007 में 393 उम्मीदवारों में से 323 और वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के 355 उम्मीदवारों में 240 अपनी जमानत गंवा बैठे थे. कांग्रेस की तरफ से जो प्रस्ताव दिया गया है, उसमें पिछले विधानसभा चुनाव में जीती 28 सीटों के साथ ही ऐसी सीटें शामिल की गई हैं, जहां से कांग्रेस प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे थे. इसके अलावा 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान ऐसी विधानसभाएं जहां कांग्रेस नंबर एक की पोजीशन पर रही थी, इन्हें भी शामिल किया गया है. इन सभी को मिलाकर करीब 85 सीटें कांग्रेस की बन रही हैं. पता चला है कि रायबरेली और सहारनपुर की सीटों पर भी कांग्रेस दावा कर रही है, जिसे देखते हुए मांग 100 सीटों के करीब पहुंच रही है. उधर सपा करीब 85 सीटें देने को राजी बताई जा रही है. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों गुलाम नबी आजाद से हुई चर्चा में सपा को कांग्रेस की मांग से अवगत करा दिया गया है. अब इस पर सपा नेतृत्व को फैसला लेना है. माना जा रहा है कि एक से दो दिन में इस गठबंधन पर मुहर लग जाएगी. लेकिन इसकी घोषणा चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखें घोषित करने के बाद ही की जाएंगीं. इस गठबंधन को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी रजामंदी जता चुके हैं. सार्वजनिक तौर पर अखिलेश यादव खुद स्वीकार कर चुके हैं कि कांग्रेस के साथ गठबंधन में सबसे ज्यादा फायदा समाजवादी पार्टी को ही होगा. वैसे तो समाजवादी पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश में चुनाव जीतने जा ही रही है, कांग्रेस के साथ गठबंधन होता है तो यह आंकड़ा 300 सीटों के पार चला जाएगा.

 

वही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को एटा में परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर जमकर निशाना साधा.
अमित शाह ने कहा कि 7 नवंबर से पहले कालेधन पर प्रधानमंत्री पर उंगलियां उठाने वाले अखिलेश यादव और मायावती अब नोटबंदी की जाप कर रही हैं. उन्होंने कहा, “ यूपी में सिर्फ भ्रष्टाचार हुआ, विकास नहीं. अब विपक्ष नोटबंदी की जाप कर रहा है. मोदी सरकार ने यह फैसला कालेधन को रोकने के लिया, लेकिन ममता बनर्जी तिलमिलाई हुई हैं. राहुल गांधी रोज पैदल मार्च निकाल रहे हैं, मायावती के चेहरे की हवाईयां उड़ी हुई हैं तो वहीं अखिलेश को होश ही नहीं है.”
शाह ने कहा कालेधन के पेनाल्टी का पैसा गरीबों के लिए खर्च होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा, बसपा और कांग्रेस ने मिलकर 12 लाख करोड़ का घोटाला किया. मोदी सरकार के ढाई साल बाद भी विपक्ष घोटाले का एक भी आरोप नहीं लगा पाई.
शाह ने कहा कि प्रदेश में 14 साल तक कभी बसपा तो कभी सपा की सरकार रही. सपा सांपनाथ है तो बसपा नागनाथ. दोनों ने मिलकर जनता को लूटा है. शाह ने अपील की कि बीजेपी की सरकार बनवाईये. हम युवाओं को रोजगार देना चाहते हैं और प्रदेश का विकास करना चाहते हैं.
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