UTTRAKHAND TOP NEWS 21 JULY 2018

देहरादून 21 जुलाई, 2018(सू.ब्यूरो)
 मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में यूनाईटेड क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड के उपाध्यक्ष श्री संजय रावत ने शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने उत्तराखण्ड को क्रिकेट की मान्यता प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश को क्रिकेट की मान्यता मिलने से राज्य के युवाओं को रणजी ट्राफी आदि में खेलने के अवसर प्राप्त होंगे तथा राज्य के अधिक से अधिक युवा क्रिकेट से जुड सकेंगे। एसोसिऐशन के उपाध्यक्ष श्री रावत ने इस सम्बंध में राज्य की सभी क्रिकेट एसोसिएशन की संयुक्त बैठक आयोजित किये जाने की भी अपेक्षा की। इस अवसर पर एसोसिएशन के सचिव श्री संजय गुसाईं एवं कोषाध्यक्ष श्री रोहित चौहान भी उपस्थित थे।

28वीं GST Council की बैठक

देहरादून 21 जुलाई, 2018(सू.ब्यूरो)

शनिवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 28वीं GST Council की बैठक केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में आयोजित हुई। 

बैठक मे उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व वित्त मंत्री श्री प्रकाश पंत ने किया।
इस सम्बंध मे केबिनेट मंत्री श्री प्रकाश पंत ने बताया कि इस बैठक में उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में जो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं उसमें पूर्व में 10 लाख तक के टर्न ओवर पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य था, जिसे बढ़ाकर अब 20 लाख कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जीएसटी एक्ट में संसोधन किये जाने का भी निर्णय लिया गया है, जिसका बिल लोकसभा में प्रस्तुत होगा। उत्तराखंड समेत जिन 06 राज्यों यथा पॉन्डिचेरी, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू कश्मीर, बिहार को जीएसटी आने के बाद राजस्व में नुकसान हो रहा था, इन राज्यों के हितों को ध्यान में रखते हुए सचिव स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है, जो अध्ययन कर इस सम्बंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
उन्होंने बताया कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन के माइग्रेशन हेतु समय सीमा बढाते हुए 31 अगस्त कर दी गई है तथा पूर्व में हर माह रिटर्न्स दाखिल करने की अनिवार्यता में संसोधन कर 03 माह कर दिया गया है। इसमें 5 करोड़ के टर्न ओवर वाले व्यापारियों को लाभ मिलेगा। इससे उत्तराखंड के व्यपारियों को भी लाभ मिलेगा और राज्य के राजस्व में हो रहे नुकसान का भी सकारात्मक हल निकलेगा।

देहरादून शहर में अनधिकृत निर्माणों एवं अवैध अतिक्रमणों में ध्वस्तीकरण, चिन्हांकन व सीलिंग का कार्य निरन्तर

देहरादून 21 जुलाई, 2018(सू.ब्यूरो)

अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने बताया कि मा.न्यायालय के निर्देशों के क्रम में देहरादून शहर में मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, नगर निगम देहरादून एवं जिला प्रशासन देहरादून द्वारा जन सामान्य हेतु बनाये गये फुटपाथों, गलियों, सड़कों एवं अन्य स्थलों पर किये गये अनधिकृत निर्माणों एवं अवैध अतिक्रमणों में ध्वस्तीकरण, चिन्हांकन व सीलिंग का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। शनिवार को इस अभियान के अन्तर्गत 166 अवैध अतिक्रमणों के ध्वस्तीकरण, 88 अतिक्रमणों के चिन्हीकरण व 09 अवैध भवनों के सीलिंग का कार्य सम्पादित किया गया है। इस प्रकार अब तक कुल 2731 अवैध अतिक्रमणों का ध्वस्तीकरण, 4964 अतिक्रमणों का चिन्हीकरण व 104 भवनों के सीलिंग का कार्य सम्पादित किया जा चुका है।
अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने बताया है कि मा.न्यायालय के आदेश के क्रम में सार्वजनिक मार्गों पर अतिक्रमण हटाने का कार्य बदस्तूर जारी है। उन्होंने टास्क फोर्स के अधिकारियों को निर्देश दिये है कि मा.न्यायालय के निर्देशानुसार शहर की मुख्य सड़कों पर 27 जुलाई, 2018 तक अवैध अतिक्रमणों के ध्वस्तीकरण, चिन्हांकन व सीलिंग की कार्यवाही हर हाल में पूरी कर लें। श्री ओमप्रकाश ने समाचार पत्रों में अतिक्रमण से संबंधित प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेते हुए कहा कि कई स्थानों पर लोगों द्वारा पुनः अतिक्रमण किया जा रहा है, जो उचित नही है। उन्होंने इस संबंध में सख्त निर्देश दिये कि भविष्य में जिन अधिकारियों व कर्मचारियों के क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण पुनः मिलेगा, ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। उन्होंने निर्देश दिये कि ऐसे स्थानों की पूरी निगरानी रखी जाए।
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मलिन बस्तियों  की जनता को राहत दिलाई जा सके; भाजपा सरकार का पूरा प्रयास  

देहरादून २१ जुलाई। मलिन बस्तियों में अतिक्रमण हटाने के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी द्वारा कल प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी करके जो आरोप सरकार पर लगायें है वह निराधार है, क्योंकि मलिन बस्तियों के निवासियों को गुमराह करने का काम पिछली कांग्रेस सरकार ने किया और मलिन बस्ती सुधार, पुर्नवास पुर्नस्थापन एवं अतिक्रमण निषेध विधेयक २०१६ को एक केवल एक चुनावी सगूफे के रूप में प्रचारित प्रसारित किया गया। क्योंकि इस अधिनियम के तहत जो व्यवस्थायें की गई उसके अनुसार सैकडो मलिन बस्तियों के हजारों गरीब निवासियों में से लगभग ४०-५० लोगों को ही लाभान्वित किया जा सकता है। इस प्रकार इस अधिनियम और इसके तहत बनाये गये नियम मलिन बस्तिवासियों के साथ एक मजाक है। इन्हीं कठिनाईयों को देखते हुये वर्तमान बीजेपी सरकार द्वारा मा० उच्च न्यायालय के आदेश से उत्पन्न परिस्थितियों के मध्येनजर अधिनियम की खामियों को दूर करने के लिये आवश्यक वैधानिक कदम उठाने का निश्चिय किया है। यदि कांग्रस की सरकार द्वारा मलिन बस्तियों के सम्बन्ध में मजाक बन चुके उक्त विधयेक को लाने से पहले ही गम्भीरता दिखाई होती आज ऐसी स्थिति ही उत्पन्न नहीं होती।

                   आज कांग्रेस मलिन बस्तियों की पैराकारी का जो ढोंग कर रही है, वास्तव में उनकी समस्याओं के लिये उनकी सरकार की ही नीतियाँ जिम्मेदार है। केवल चुनावी लाभ के लिये मलिन बस्तियों के नियमितिकरण, सुधार, पुर्नवास एवं पुर्नस्थापन के नाम पर जो विधेयक लाया गया उसमें मलिन बस्तियों से सम्बन्धित जमीनी हकीकतों को पूरी तरह नजर अंदाज किया गया है।   कांग्रेस को मलिन बस्तियों की हजारों आबादी के सापेक्ष केवल ४० से ५० लोगों को लाभांवित  करने वाले नियम बनाने के लिये माफी मांगनी चाहिये। यदि उस समय राजनीतिक रोटियाँ सेंकने की बजायें मलिन बस्तियों का व्यापक सर्वेक्षण और इससे सम्बन्धित सभी कानूनी अरचणों को दूर करने के लिये कदम उठाये जाते तो आज यह स्थिति उत्पन्न ही नहीं होती।

                  भाजपा सरकार का पूरा प्रयास है कि मलिन बस्तियों मे ंनिवास करने वाली जनता को राहत दिलाई जा सके, इसके लिये सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। यही नहीं जनता के कष्टों का कारण यह भी है कि वर्ष २०१३ से २०१६ के बीच मा० उच्च न्यायालय को भी भ्रामक सूचनायें दी गई। इसी कारण संभवतः उच्च न्यायालय को अतिक्रमण हटाने के लिये इतने अधिक सख्त आदेश जारी करने पडे। अफसोस है कि आज कांग्रेस पार्टी झूठ बोलकर अपने समय के गुनाहों का आरोप भाजपा सरकार पर मड रही है। कल कांग्रेस की प्रेस काँन्फे्रस में जो महानुभाव चीख-चीख कर कह रहे थे कि अधिनियम पहले से बना हुआ है और नये अधिनियम या किसी संशोधन की क्या जरूरत है तो उन्हें यह भी बताना चाहिये कि क्या केवल ४० से ५० लोगों का नियमितीकरण कर देने से मलिन बस्तियों की समस्याओं का समाधान हो जाता है? और यदि नहीं तो ऐसा अधिनियम बनाने से क्या लाभ। स्पष्ट होता है कि उद्देश्य मलिन बस्तिय के नियमितीरकण की समस्या का समाधान नहीं था बल्कि चुनाव से पहले वोट पाने का एकमात्र हथकण्डा था।                  

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प्रदेश को नगर विकास के क्षेत्र में एक रोल माडल के रूप में लाया जायेगा

देहरादून 21 जुलाई, 2018 (मी0से0)
नगरीय विकास में प्रदेश ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल किया है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के नगर विकास राज्य मंत्री श्री गिरीश चन्द्र यादव के साथ नगर विकास मंत्री श्री मदन कौशिक के साथ यमुना कालोनी में की गई बैठक में दी गई।
नगर विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने कहा प्रदेश को नगर विकास के क्षेत्र में एक रोल माडल के रूप में लाया जायेगा। इस सम्बन्ध में समय-समय पर प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। उत्तर प्रदेश के नगर विकास राज्य मंत्री गिरीश चन्द्र यादव ने बताया कि नगर विकास के क्षेत्र में जो भी राज्य अच्छा कर रहें है, उनके अनुभव को भी उत्तर प्रदेश नगर विकास योजना में लागू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश ने नगर विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।
बैठक में उत्तराखण्ड में नगर विकास के क्षेत्र इनोवेटिव एवं नवीन कार्यो की जानकारी देते हुए सम्बन्धित अधिकारियों ने बताया ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन योजना के अन्तर्गत 96 नगर निकाय को ओ.डी.एफ. घोषित कर दिया गया है। 92 नगर निकाय में यूजर चार्जेज लगाकर घर-घर से कूडा उठाने की कार्यावाही की जा रही है। 46 नगर निकाय में ठोस अपशिष्ट के निस्तारण हेतु भूमि उपलब्ध है।
बैठक में बताया गया कि टिहरी चम्बा नगर में सी.एस.आर के अर्न्तगत टी.एच.डी.सी. से समन्वय कर 766 लाख रूपये की डी.पी.आर एवं श्रीनगर, कीर्तिनगर में 868 लाख रूपये लागत की योजना नममि गंगे योजना में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन योजना तैयार की जा रही है।
प्रदेश में 24955 व्यक्तिगत शौचालय हेतु आवेदन सत्यापित कर 13388 शौचालय निर्मित किये जा चुके है। उत्तराखण्ड पहला ऐसा राज्य है, जहां उत्तराखण्ड कूडा फेकना एंव थूकना प्रतिशेध अधिनियम 2016 लागू है। इसके अन्तर्गत 200 रूपये से 5000 हजार रूपये तक एवं 6 माह का कारावास प्रावधान है। उल्लघन पर अभी तक 11.69 लाख रूपये वसूला जा चुका है।
बैठक में निदेशक शहरी विकास श्री बी.एस. मनराल, अपर निदेशक श्री यू.डी.राणा, अधिक्षण अभियन्ता श्री रवि पाण्डये सहित प्रमुख अधिकारी थे।

#####लम्बीधार-किमाडी-देहरादून मोटर मार्ग अवरुद्ध 

 देहरादून, 21 जुलाई 2018 जिला आपदा परिचालन केंद्र से प्राप्त सूचना के अनुसार लोनिवि प्रांतीय खंड के अन्तर्गत लम्बीधार-किमाडी-देहरादून मोटर मार्ग अवरुद्ध है, लोनिवि निर्माण खंड के अन्तर्गत ब्रहम्पुरी वार्ड नंबर 42 में बिंदाल नदी किनारे वाली ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध है, पीएमजीएसवाई कालसी के अन्तर्गत  बाईला मोटर मार्ग किमी 17 बन्द है। 300 मी0 तक सड़क बह गयी है तथा जेसीबी द्वारा लागातार कार्य किया जा रहा है।  अवरुद्ध मोटर मार्गों  को खोलने  के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा युद्धस्तर पर कार्यवाही गतिमान है। 

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मानवतावादी मूल्यों को बढावा देने में रेडक्रास की महत्वपूर्ण भूमिका

चमोली 21 जुलाई,2018 (सू0वि0)  

मानवतावादी मूल्यों को बढावा देने में रेडक्रास की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। स्थानीय स्तर से लेकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर रेडक्रास के कार्यो को आज भी आदर के साथ देखा जाता है। रेडक्रास स्वयं सेवक के नाते हम विपदा में फसे लोगो को बेहतर मदद कर सकते है। सेवा भावना के साथा ज्ञान व प्रशिक्षण के जरिये हम इस पुनीत कार्य को आगे बढा सकते है। 

यह बात घाट विकास खण्ड में रेडक्रास सोसाईटी द्वारा आयोजित जूनियर रेडक्रास के प्रभारी अध्यापको एवं जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापको के लिए आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी एपी सरोज ने कही। उन्होने हर माध्यमिक विद्यालय में गठित यूथ रेडक्रास के सिद्धान्तो और लक्ष्यों के अनुरूप कार्य करने का अनुरोध किया। उन्होने कहा कि यूथ रेडक्रास के जरिये स्थानीय स्तर पर आपदा के दौरान बचाव व राहत में विद्यालय संस्थागत रूप से मदद में हाथ बंटा सकते है। हर विद्यालय मे यूथ रेडक्रास के जरिये इस तरह की संस्थागत व्यवस्था बनायी जानी चाहिए। इस एक दिवसीय कार्यशाला में बडी संख्या मे घाट विकास खण्ड के इंटर कालेजो के प्राधानाचार्य एवं जूनियर के प्रधानाचार्य के अलावा बडी संख्या के प्रभारी शिक्षक भी सम्मिलित हुए।

कार्यक्रम का संचालन रेडक्राॅस के राज्य स्तरीय प्रशिक्षक दिलवर बिष्ट ने किया। उत्तराखण्ड राज्य रेडक्राॅस समिति के सदस्य ओम प्रकाश भट्ट ने रेडक्राॅस की अवधारणा के बारे में जानकारी दी। राज्य प्रशिक्षक मानवेन्द्र रावत तथा वीरेन्द्र बिष्ट में स्कूल आपदा प्रबन्धन में रेडक्राॅस की भूमिका तथा आपदाकाल में प्राथमिक सहायता का प्रशिक्षण दिया। जिला रेडक्राॅस समिति के उपाध्यक्ष विनोद रावत जूनयिर रेडक्राॅस के कार्यक्रमों को कैसे गति प्रदान की जा सकती है इसकी जानकारी दी। इस अवसर पर घाट विकासखण्ड के जूनियर हाईस्कूल शिक्षक, संघ के पदाधिकारी नैनसिंह नेगी तथा राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी ने रेडक्राॅस की अवधारणा के अनरूप कार्य करने का आहवान करते हुए आपदाकाल में रेडक्राॅस के जरिये शिक्षकों की क्षमताओं का उपयोग किये जाने में हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया। घाट इंटर काॅलेज के प्रधानाचार्य लक्ष्मी प्रसाद सती ने ग्राम स्तर पर आपदा प्रबन्धन कमेटियों को सक्रिय करने तथा इसके जूनियर रेडक्राॅस को माध्यम बनाकर कार्य करने का आश्वासन दिया। उप खण्ड शिक्षा अधिकारी ओमंकार मिश्रा ने भी अपने विचार रखे। 

 

महाकुम्भ नामक मैगजीन का भी विमोचन

हरिद्वार। हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण एवं नोयडा की इलेटस टेक्नोमीडिया प्राईवेट लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में महाकुम्भ-2021 विशय पर रोषनाबाद स्थित स्थानीय होटल में आयोजित दो दिवसीय इनोवेषन समिट का षुभारम्भ कैबिनेट मंत्री श्री मदन कौषिक एवं जिलाधिकारी श्री दीपक रावत ने संयुक्त रुप से किया। इनोवेषन समिट में 2021 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले महाकुम्भ के बेहतर आयोजन को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। 
     इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री कौषिक ने विषेशज्ञों एवं अधिकारियों से कहा कि हरिद्वार में आयोजित होने वाला महाकुम्भ 2021 सकुषल सम्पन्न हो सके इसके लिए महाकुम्भ मेले के प्रबन्धन और हरिद्वार के इन्फ्रास्टक्चर पर विषेश ध्यान दिये जाने की आवष्यकता है। उन्होंने महाकुम्भ प्रबन्धन विशय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कुम्भ के दौरान आयोजित होने वाले षाही स्नानों को निर्विघन एवं निर्विवाद सम्पन्न कराया जाना एवं अखाड़ों और विषाल जनसमुदाय को अनुषासन में रखना अधिकारियों के लिए बड़ी चनौती है। विषेशज्ञों को कुम्भ मेले में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था एवं बेहतर षाही स्नान प्रबन्धन पर विचार करना होगा। उन्होंने इलाहबाद में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले का उदाहरण देते हुए कुम्भ मेले क्षेत्र का विस्तार किये जाने की भी बात कही। साथ ही चण्डीघाट पर रिंग रोड बनाये जाने की भी बात कही। कहा कि चार-पांच महीनों में रिंग रोड़ का कार्य षुरु कर दिया जायेगा। नगर हरिद्वार के इन्फ्रास्टक्चर को लेकर विचार रखते हुए श्री कौषिक ने कहा कि हरिद्वार का इन्फ्रास्टक्चर इस प्रकार होना चाहिए  हरिद्वार की यात्रा पर आये यात्री बिना किसी असुविधा के स्नान करके वापस चले जाय। षहर में कितने पुल बनाये जायें, चिकित्सा सेंन्टर कितनी दूरी पर हों, कौन सी सुविधाएं कहा स्थापित की जायें आदि विशयों पर हरिद्वार की भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखकर कार्य किये जाने की आवष्यकता है। उन्होंने कहा कि 2021 में हरिद्वार में महाकुम्भ आयोजित होना है। इस इनोवेषन समिट का हरिद्वार षहर को लाभ मिलेगा। 
       जिलाधिकारी श्री दीपक रावत ने कहा कि महाकुम्भ को दुर्घटना रहित बनाना जिला प्रषासन का पहला लक्ष्य है। संत समाज और प्रषासन के मध्य तालमेल बनाये रखने के प्रयास किये जायेगें। 
    इसके अलावा प्रोजेक्ट कोओर्डीनेटर इण्डिया ईयू काफरपोरेषन आन आईसीटी श्री सचिन गौर, नेषनल आईसीटी एक्सपर्ट एडीबी हर्शिता भटनागर, कमिषनर आफ पुलिस नासिक डाॅ0 रविन्द्र कुमार सिंगल, एसपी मंजूनाथ हरिद्वार आदि के द्वारा भी विचार रखे गये। 
    इस अवसर पर श्री कौषिक द्वारा महाकुम्भ नामक मैगजीन का भी विमोचन किया गया।
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