वियना में डॉ निशंक & उत्‍तराखण्‍ड की प्रमुख खबरे 27 JUNE 2018

हिमालयायूके  न्‍यूज पोर्टल ब्‍यूरो
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत गुरुवार, दिनांक 28 जून को प्रातः 9.00 बजे से न्यू कैन्ट रोड मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हॉल में आम जनता से मुलाकात कर उनकी समस्याओं व शिकायतों की सुनवाई करेंगे।

 

वियना में डॉ निशंक की पुस्तक के अंग्रेजी अनुवाद का विमोचन ।*  हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल ब्‍यूरो
वियना : अपने यूरोपिय यात्रा के दूसरे चरण में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं संसदीय समिति के अध्यक्ष , हरिद्वार से सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ऑस्ट्रिया की राजधानी पहुंचे । वियना में डॉ निशंक  की बहुचर्चित पुस्तक “विश्व धरोहर गंगा” के अंग्रेजी अनुवाद का विमोचन किया गया । इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधित्व कर रहे श्री मयंक शर्मा, विश्व परमाणु ऊर्जा संस्था के डॉ अंसारी,  वियना कि हिंदू मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री आहूजा के अतिरिक्त स्थानीय समुदाय के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे । डॉ निशंक ने इस अवसर पर उद्योग जगत से जुड़े लोगों से मुलाकात की
। इस अवसर पर डॉ निशंक ने मौसम परिवर्तन और हिमालय विषय पर व्याख्यान भी दिया । डॉ निशंक ने इस बात को रेखांकित किया कि हाल में ही विश्व आर्थिक फोरम की बैठक में प्रधानमंत्री जी द्वारा विश्व समुदाय के समक्ष मौसम परिवर्तन को सबसे बड़ी चुनौती बताया गया है । उन्होंने कहा कि विश्व में जल संरक्षण की आवश्यकता पहले से अधिक महसूस की जा रही है। 
डॉ रमेश पोखरियाल निशंक की बहुचर्चित पुस्तक “विश्व धरोहर गंगा” के अंग्रेजी अनुवाद का विमोचन  ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में  किया गया – डॉ निशंक ने इस अवसर पर मौसम परिवर्तन और हिमालय विषय पर व्याख्यान भी दिया – उद्योग जगत से जुड़े लोगों से मुलाकात की 
हिमालय और अन्य वैश्विक हिमनदों पर विपरीत प्रभाव पड़ने से हम एक गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं । डॉ निशंक ने कहा कि आज की आवश्यकता है कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करें । हम जितना प्रकृति से समन्वय स्थापित करेंगे उतना ही हमारा जीवन सुखमय और समृद्ध होगा । उन्होंने यूरोपीय देशों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दिशा में उठाए जा रहे कदमों की सराहना की और कहा कि विकास और पर्यावरण की रक्षा का समन्वय स्थापित करने के लिए विश्वव्यापी कदम उठाए जाने चाहिए । इससे पूर्व डॉ निशंक का  वियना में स्वागत करते हुए श्री मयंक शर्मा ने कहा कि उनके कृतित्व से उनके सामाजिक हित से जुड़े अभियानों से पूरा विश्व परिचित है । उन्होंने डॉक्टर निशंक को स्पर्श गंगा, आशीर्वाद रोजगार योजना, संवेदना जैसी जनहित कार्यक्रमों के लिए बधाई दी ।

देहरादून 27 जून, 2018 हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल ब्‍यूरो
जोत चकबन्दी से जहाॅं काश्तकार को एक मुश्त भूमि मुहैया हो सकेगी वहीं दूसरी ओर सरकार की किसानों की आय दोगुनी करने की योजना को भी पंख लगेंगे, साथ ही पलायन पर भी अंकुश लग सकेगा। 

 प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा के सभागार में चकबन्दी बंदोबस्त व राजस्व परिषद से जुड़े अधिकारियों की बैठक लेते हुए कही।
उन्होंने पिछली बैठकों में लिए गये निर्णयों पर अभी तक क्या कार्रवाई की गई की जानकारी सम्बन्धित अधिकारियों से प्राप्त की। अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि चकबन्दी के लिए डाक्यूमैन्ट्री फिल्म का निर्माण कर लिया गया है, जिसका अनुश्रवण मंत्री जी द्वारा किया गया। इस अवसर पर पर्वतीय क्षेत्रों के लिए जोत चकबन्दी एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 2018 तथा तत्सम्बन्धी प्रस्तावित नियमावली के पुनरावलोकन हेतु गठित समिति ने इस बैठक में बताया कि बैनामा दाखिल खारिज से लेकर खाता खतौनी का मिलान कर गांववासियों की सहमति से चकबन्दी के कार्यों में तेजी लाई जा सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि कृषि भूमि को व्यवसायिक रूप में परिवर्तित करने वाले लोगों से 10 प्रतिशत कृषि कर तथा आवासीय प्रयोग वाली भूमि पर 2 प्रतिशत कर लिये जाने का प्रस्ताव किया जाय ताकि कृषि भूमि के दुर प्रयोग पर अंकुश लग सके। उन्होंने सुझाव दिया कि उप जिलाधिकारियों को अधिकार दिये जायें कि गवाहों की तहकीकात व सुनवाई करते हुए जमीन के वास्तविक मालिक का पता लगाया जाय। उन्होंने कहा कि आम आदमी को इसका लाभ मिले इसके लिए जिलाधिकारियों को पट्टे धारकों को उनकी भूमि, भूमिधरी अधिकार के अन्तर्गत निर्गत करने हेतु पत्राचार किया जाय। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक जिलाधिकारी के माध्यम से चकबन्दी कार्य शुरू करने हेतु 8 लेखपाल पटवारी, कानूनगो जैसे कार्मिकों की सूची मंगायी जाय जो कम्प्यूटर कार्य में भी दक्ष हों ताकि ऐसे कार्मिकों को चकबन्दी के सर्वे कार्य करने का प्रशिक्षण भी दिया जा सके। उन्होंने कहा कि आंशिक एवं स्वैच्छिक चकबन्दी की चिन्हिकरण प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाय। उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से लखौली, औण़ी, पंचूर तथा खैरासैंण में चलायी जा रही चकबन्दी कार्यों की अभी तक की गई कार्रवाई की प्रगति की जानकारी ली। बताया गया कि इन गांवों में चकबन्दी समितियों का गठन, खाता-खतौनियों का सत्यापन कर लिया गया है तथा डिजीटल सर्वे का कार्य किया जाना है, यदि डिजीटल सर्वे के लिए मशीनों को खरीदने की आवश्यकता हो तो उनका प्रस्ताव शासन को प्राथमिकता के आधार पर भेजा जाय। बैठक मे चकबन्दी से जुड़े विभागों के अधिकारियों द्वारा आ रही समस्यों से भी मंत्री जी को अवगत कराया और पर्वतीय क्षेत्रों में चकबन्दी को और अधिक सुदृढ़ बनाये जाने के लिए जिला प्रशासन व शासन को भी इस कार्य में तेजी लानी होगी।
इस अवसर पर कृषि सलाहकार नेत्रमणी मलासी, निदेशक कृषि डाॅ0 गौरीशंकर, निदेशक उद्यान आर.सी.श्रीवास्तव, अपर निदेशक कृषि के.सी.पाठक, प्रभारी राजस्व परिषद विप्रा त्रिवेदी, संयुक्त सचिव कृष्ण सिंह इत्यादि अधिकारी मौजूद थे।

सोमवार, दिनांक 25 जून, 2018 को सचिवालय में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में स्टेट लेवल को-आपरेटिव कमेटी की बैठक के पश्चात जारी किए गए प्रेस नोट में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 12 मल्टी स्टेट कम्पनियों से लेनदेन न किए जाने की अपील की बात कही गई थी। प्रेस नोट में त्रुटिवश कंपनियों के नाम का उल्लेख किया गया था। बैठक में अनधिकृत रूप से लेन देन करने वाली कंपनियों पर रोक लगाने संबंधी सामान्य चर्चा हुई थी।
आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक श्री सुब्रत दास ने इस पर आपत्ति जताते हुए बताया है कि आरबीआई द्वारा इस तरह की कोई अपील जारी नहीं की गई है। हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल ब्‍यूरो

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई रेलवे लाइन के प्रगति की समीक्षा
देहरादून 28 जून, 2018   हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल ब्‍यूरो
 बुधवार को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रगति(प्रो एक्टिव गवर्नेन्स एंड टाइमली इम्पलीमेंटेशन) में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई रेलवे लाइन के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने भूमि अधिग्रहण, फारेस्ट क्लीयरेंस आदि औपचारिकताओं को तेजी से पूरा करने के लिए मुख्य सचिव की सराहना की। इस परियोजना से तीर्थयात्री कम समय में आसानी से यात्रा कर सकेंगे। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में कुटीर उद्योग और अन्य लघु उद्योग भी विकसित होंगे। लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि 16216 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस रेलवे लाइन के पहले पैकेज का कार्य शुरू हो गया है। पहले चरण में 5.7 किलोमीटर वीरभद्र-न्यू ऋषिकेश रेलवे लाइन विकसित किया जा रहा है। यार्ड, अंडर ब्रिज रोड, ओवर ब्रिज रोड और चंद्रभागा नदी पर पुल बनाने का कार्य चल रहा है। दिसंबर 2018 तक यह कार्य पूर्ण हो जाएगा। मुख्य सचिव ने बताया कि परियोजना के लिए 790 हैक्टर भूमि की आवश्यकता है। इसमें 16 पुल, 17 सुरंग, 12 रेलवे स्टेशन बनने हैं। टनल के 7 पैकेज के लिए जिओ टेक्निकल परीक्षण का कार्य चल रहा है। 125 किलोमीटर रेल लाइन में 105 किलोमीटर लाइन सुरंग में होगी।
प्रधानमंत्री ने सभी मुख्य सचिवों से एसएलबीसी की बैठकों भीम एप, रुपे कार्ड के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के लिए कहा। उन्होंने वेलनेस सेन्टर, सौभाग्य योजना पर भी तेजी लाने के निर्देश दिए।
इस दौरान अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, श्री रणवीर सिंह, सचिव वन श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, सचिव श्री आर.मीनाक्षी सुन्दरम, रेल विकास निगम के परियोजना निदेशक श्री हिमांशु बडोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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देहरादून 27 जून, 2018  हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल ब्‍यूरो 
जल संरक्षण व जल स्रोतों के विकास के लिये जिलाधिकारियों को उपलब्ध करायी जायेगी 50-50 लाख की धनराशि
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों से आगामी बरसात में जनपद स्तर पर सघन वृक्षारोपण एवं जल संरक्षण की दिशा में किये जा रहे प्रयासों एवं कार्ययोजना की जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में जल संरक्षण की दिशा में सघन प्रयास किये जाय, इसके लिये सभी जिलाधिकारियों को 50-50 लाख की धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि इस अभियान में सभी विधानसभा क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों की भागीदारी एवं सहयोग प्राप्त किया जाय। जो जल स्रोत सूख गये है उनमें इस बरसात में किये गये प्रयासों से कितना पानी उपलब्ध होता है इसकी भी जानकारी रखी जाय। उन्होंने इस सम्बन्ध में महाराष्ट्र में किये जा रहे जल संरक्षण के प्रयासों का स्थलीय निरीक्षण कर लौटे अधिकारियों से वहां के अनुभवाों से भी इस दिशा में पहल करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जलागम प्रबन्धन के लिये धनराशि की कमी नही होने दी जायेगी। इस दिशा में आम लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित किये जाने पर भी उन्होंने बल दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस दिशा में और प्रभावी व कारगर योजना बनानी होगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भी जल संचय की दिशा में कार्य किया है, वह जनता के सहयोग से ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में हमारे प्रयास भविष्य के लिये भी दृष्टान्त बन सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कामगार किसानों को भी अन्य राज्यों में इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों की जानकारी प्राप्त करने के लिये उनके भ्रमण की भी व्यवस्था कराने को कहा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने जिलाधिकारियों को अपने जनपदों में पानी के संकट वाले क्षेत्रों का चिन्हीकरण, जल स्रोतों के रिसोर्स की पुलिंग के साथ ही इसमें आ रही कमी की और ध्यान देने को कहा। आने वाले समय में इस दिशा में कारगर कदम उठाने से ही भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में हम सफल हो सकेंगे। इसके लिये छोटे-छोटे जलाशयों के निर्माण सूखे श्रोतों को पुनजीर्वित करने पर ध्यान दिया जाना होगा।

 

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प्रदेश के विकास में प्रभावी वित्तीय प्रबंधन महत्वपूर्णः मुख्यमंत्री
  • मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड वित्तीय प्रशासन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के नवनिर्मित भवन का उदघाटन किया।
  • पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखा गया संस्थान का नाम।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सुद्धोवाला में उत्तराखण्ड वित्तीय प्रशासन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के नवनिर्मित भवन का उदघाटन किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड वित्तीय प्रशासन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के नवनिर्मित भवन का नामकरण पं.दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने वित्त सेवा के अधिकारियों के पंचम बैच के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। 
वित्त सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पं0 दीनदयाल उपाध्याय उत्तराखण्ड वित्तीय प्रशासन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के विधिवत प्रारम्भ होने से वित्त सेवा के अधिकारियों  व कार्मिकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिक सुचारू रूप से संचालित होगा। संस्थान में वित्त सेवा के प्रशिक्षु व वित्तीय प्रबन्धन से जुडे़ लोगो के लिए अच्छी सुविधाएं व प्रशिक्षण कार्यक्रम है। वित्तीय प्रबन्धन की क्षमता को बढ़ाने, कौशल विकास व अपडेटेशन के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कम से कम धनराशि से बड़े लक्ष्य प्राप्त करना वित्तीय प्रबन्धन कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी योग्यता की पृष्ठभूमि वाले प्रशिक्षु अधिकारियों के वित्त सेवा में आने से प्रशासन को वित्तीय प्रबन्धन व तकनीकी प्रबन्धन का एक साथ लाभ होगा। हमारे समक्ष चुनौती है कि अपने सीमित वित्तीय संसाधनों से अधिकतम योजनाओं को पूरा करे। इस कार्य में प्रभावी वित्तीय प्रबन्धन की अहम भूमिका होगी। हमें अपने कर्त्तव्यो का पालन कुशल प्रबन्धन के साथ ही पूरी ईमानदारी व निष्ठा से करना होगा।  
वित्त मंत्री श्री प्रकाश पन्त ने कहा कि वित्तीय प्रबन्धन में ज्ञान, अनुभव  एवं प्रशिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका है। जल्द ही राजकीय कार्मिकों के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम आरम्भ किए जाएगे। संस्थान में एक पुस्कालय भी स्थापित किया जाएगा। उत्तराखण्ड देश में पहला राज्य है जहां 1947 से वर्तमान तक के सभी वित्तीय एक्ट एक ही स्थान पर उपलब्ध है, जिन्हे शीघ््रा ही डिजिटल किया जाएगा।  
ज्ञातव्य है कि राजकीय विभागों को वित्तीय प्रबन्धन पर प्रशिक्षण प्रदान करना, मध्य एवं उच्च स्तर के अधिकारियों हेतु रिफ्रेशर कोर्स तैयार करना, विभिन्न विभागों के साथ वित्तीय प्रबंधन के विभिन्न आयामों पर विचार-विमर्श, विभागों को वित्तीय प्रबंधन हेतु प्रोफेशनल सहायता प्रदान करना, वित्तीय प्रबंधन पर शोध कार्य हेतु प्रशिक्षण देना, शोध पत्र प्रकाशित करवाने में सहायता करना, सरकार एवं पब्लिक सेक्टर यूनिट के अधिकारियों को वित्तीय नियम एवं प्रक्रिया की जानकारी देना प0 दीनदयाल उपाध्याय उत्तराखण्ड वित्तीय प्रशासन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के मुख्य कार्य होंगे। संस्थान सरकार के लिए वित्तीय प्रबन्धन में  थिंक टैंक का कार्य भी करेगा।
पं. दीनदयाल उपाध्याय उत्तराखण्ड वित्तीय प्रशासन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान में राज्य के कोषागार में सहायक लेखाकार, ऑडिट विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी व तकनीकी प्रशिक्षण, वित्त सेवा के अधिकारियों के लिए 6 माह का व्यावसायिक प्रशिक्षण, विभिन्न स्तर के अधिकारियों जैसे डी0डी0ओ0, एच0ओ0डी0, वित्त नियंत्रक, सचिवालय के विभिन्न स्तर के अधिकारियो के लिए प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है। अन्य विभाग भी भुगतान आधार पर अपने कर्मचारियों को ट्रेनिंग हेतु इस संस्थान का उपयोग कर सकता है।
इस अवसर पर विधायक श्री सहदेव सिंह पुण्डीर व सचिव श्री अमित सिंह नेगी भी उपस्थित थे।

 

हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल ब्‍यूरो जल संरक्षण व जल स्रोतों के विकास के लिये जिलाधिकारियों को उपलब्ध करायी जायेगी 50-50 लाख की धनराशि
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों से आगामी बरसात में जनपद स्तर पर सघन वृक्षारोपण एवं जल संरक्षण की दिशा में किये जा रहे प्रयासों एवं कार्ययोजना की जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में जल संरक्षण की दिशा में सघन प्रयास किये जाय, इसके लिये सभी जिलाधिकारियों को 50-50 लाख की धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि इस अभियान में सभी विधानसभा क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों की भागीदारी एवं सहयोग प्राप्त किया जाय। जो जल स्रोत सूख गये है उनमें इस बरसात में किये गये प्रयासों से कितना पानी उपलब्ध होता है इसकी भी जानकारी रखी जाय। उन्होंने इस सम्बन्ध में महाराष्ट्र में किये जा रहे जल संरक्षण के प्रयासों का स्थलीय निरीक्षण कर लौटे अधिकारियों से वहां के अनुभवाों से भी इस दिशा में पहल करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जलागम प्रबन्धन के लिये धनराशि की कमी नही होने दी जायेगी। इस दिशा में आम लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित किये जाने पर भी उन्होंने बल दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस दिशा में और प्रभावी व कारगर योजना बनानी होगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भी जल संचय की दिशा में कार्य किया है, वह जनता के सहयोग से ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में हमारे प्रयास भविष्य के लिये भी दृष्टान्त बन सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कामगार किसानों को भी अन्य राज्यों में इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों की जानकारी प्राप्त करने के लिये उनके भ्रमण की भी व्यवस्था कराने को कहा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने जिलाधिकारियों को अपने जनपदों में पानी के संकट वाले क्षेत्रों का चिन्हीकरण, जल स्रोतों के रिसोर्स की पुलिंग के साथ ही इसमें आ रही कमी की और ध्यान देने को कहा। आने वाले समय में इस दिशा में कारगर कदम उठाने से ही भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में हम सफल हो सकेंगे। इसके लिये छोटे-छोटे जलाशयों के निर्माण सूखे श्रोतों को पुनजीर्वित करने पर ध्यान दिया जाना होगा।

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बुधवार को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रगति(प्रो एक्टिव गवर्नेन्स एंड टाइमली इम्पलीमेंटेशन) में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई रेलवे लाइन के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने भूमि अधिग्रहण, फारेस्ट क्लीयरेंस आदि औपचारिकताओं को तेजी से पूरा करने के लिए मुख्य सचिव की सराहना की। इस परियोजना से तीर्थयात्री कम समय में आसानी से यात्रा कर सकेंगे। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में कुटीर उद्योग और अन्य लघु उद्योग भी विकसित होंगे। लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि 16216 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस रेलवे लाइन के पहले पैकेज का कार्य शुरू हो गया है। पहले चरण में 5.7 किलोमीटर वीरभद्र-न्यू ऋषिकेश रेलवे लाइन विकसित किया जा रहा है। यार्ड, अंडर ब्रिज रोड, ओवर ब्रिज रोड और चंद्रभागा नदी पर पुल बनाने का कार्य चल रहा है। दिसंबर 2018 तक यह कार्य पूर्ण हो जाएगा। मुख्य सचिव ने बताया कि परियोजना के लिए 790 हैक्टर भूमि की आवश्यकता है। इसमें 16 पुल, 17 सुरंग, 12 रेलवे स्टेशन बनने हैं। टनल के 7 पैकेज के लिए जिओ टेक्निकल परीक्षण का कार्य चल रहा है। 125 किलोमीटर रेल लाइन में 105 किलोमीटर लाइन सुरंग में होगी।
प्रधानमंत्री ने सभी मुख्य सचिवों से एसएलबीसी की बैठकों भीम एप, रुपे कार्ड के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के लिए कहा। उन्होंने वेलनेस सेन्टर, सौभाग्य योजना पर भी तेजी लाने के निर्देश दिए।
इस दौरान अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, श्री रणवीर सिंह, सचिव वन श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, सचिव श्री आर.मीनाक्षी सुन्दरम, रेल विकास निगम के परियोजना निदेशक श्री हिमांशु बडोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

HARDWAR NEWS  हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल ब्‍यूरो
हरिद्वार। जिलाधिकारी हरिद्वार श्री दीपक रावत की अध्यक्षता में जनपद हरिद्वार के अग्रणी बैंक पंजाब नेशनल बैंक भेल के सभागार में जिला स्तरीय सलाहकारी समिति की बैठक आहुत की गयी। बैठक में कुछ बैंकों द्वारा अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए बैठक को बीच में ही स्थागित कर दिया।
डीएम ने कहा कि बैंकों के माध्यम से केंद्र सरकार की योजनाओं से लाभार्थियों को समयबद्ध अवधि में लाभान्वित किया जाना हमारा लक्ष्य है किन्तु बैंक इन सभी कार्यो में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि तीन माह में एक बार होने वाली समीक्षा में बैंक प्रशासन को सहयोग नहीं कर रहे हैं। जिससे योजनाओं का लाभ पात्रो को समय पर नहीं मिल पा रहा है।बैंकों के पास पूर्ण तथ्यात्मक जानकारियों का भी अभाव बैठकों में रहता है।डीएम ने कड़ी अनुपस्थित बैंकों की शिकायत उच्च स्तर पर किये जाने की बात कही। उन्होंने हिदायत देते हुए बैंकों को कहा कि बैंक डीएलआरसी बैठक को चाय पीने और पिलाने की बैठक न समझें। बैंकों के माध्यम से जन कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित करें।
बैठक में एचडीएफसी, बैंक आॅफ इण्डिया, बंधन बैंक, अल्मोड़ा काॅपरेटिव बैंक, एसयूजी, इण्डियन ओवरसीज, सेंट्रल बैंक, कोटक महिंद्रा आदि बैंकों के प्रतिनिधि अनुपस्थित रहे।

CHAMOLI NEWS  हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल ब्‍यूरो

चमोली 27 जून,2018 (सू0वि0) 
जनपद के प्रभारी व वित्त, पेयजल एवं स्वच्छता, आबकारी, भाषा, विधायी, संसदीय कार्य, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री प्रकाश पंत की अध्यक्षता में 28 जून को अपराह्न 2.00 बजे से कलेक्टेªट सभागार में जिला योजना समिति की बैठक आहूत की गयी है। 
इस आशय की जानकारी देते हुए मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पाण्डे ने बताया कि जनपद के प्रभारी मंत्री श्री पंत 28 जून को प्रातः 11 बजे रूद्रप्रयाग से प्रस्थान कर कार द्वारा अपराह्न 1.00 बजे गोपेश्वर लोनिव के गेस्ट हाउस पहॅुचेंगे जहां वे अल्प विश्राम करने के बाद 2 बजे कलेक्टेªट में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक लेंगे।  उन्होंने बताया कि बैठक में जिले की वार्षिक जिला योजना वर्ष 2018-19 की विभागवार वित्तीय परिव्यय व भौतिक लक्ष्यों का निर्धारण  एवं विभागवार प्रस्तावों एवं कार्य योजनाओं पर विचार-विमर्श कर अंतिम रूप दिया जायेगा। इसके साथ ही जिला योजना, राज्य सैक्टर, केन्द्र पोषित, एवं वाह्य सहायतित योजनाओं की प्रगति समीक्षा भी की जायेगी।  मुख्य विकास अधिकारी श्री पाण्डे ने नियोजन समिति के सभी सम्मानित सदस्यों से उक्त बैठक में प्रतिभाग करने का अनुरोध किया है। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को को वित्तीय वर्ष 2018-19 के वित्तीय परिव्यय एवं भौतिक लक्ष्यों तथा जिला योजना के प्रस्ताव व कार्य योजनाओं सहित निर्धारित तिथि एवं समय पर बैठक में प्रतिभाग करने के निर्देश दिये हैं। 
चमोली 27 जून,2018 (सू0वि0)  हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल ब्‍यूरो
बद्रीनाथ विधायक, महेन्द्र भट्ट 28 जून को अपराह्न दो बजे कलेक्टेªट सभागार में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में शिरकत करेंगे। जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार विधायक श्री भट्ट जिला योजना समिति की बैठक में प्रतिभाग करने के बाद गोपेश्वर लोनिवि के गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगे। दूसरे दिन 29 जून को चांईगांव का भ्रमण कर रात्रि विश्राम जोशीमठ करेंगे। 30 जून को विधायक पीपलकोटी में कार्यकर्ताओं को भेंट कर रात्रि विश्राम के लिये पोखरी पहॅुचेंगे। 01 जूलाई को नैल, काण्डई, खाल बजेठा, पाव क्षेत्र में भ्रमण कर रात्रि विश्राम पोखरी करेंगे।
चमोली 27 जून, 2018 (सू0वि0)    हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल ब्‍यूरो
वित्तीय वर्ष 2018-19 की जिला योजना को अंतिम स्वरूप देने को लेकर बुधवार को मुख्य विकास अधिकारी हसांदत्त पांडे की अध्यक्षता में क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना समिति के सदस्यों के साथ ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत से अनुमोदित प्रस्तावों तथा विभागावार वित्तीय परिव्यय पर गहनता से चर्चा की गई। विदित हो कि आगामी गुरूवार को जिले के प्रभारी मंत्री एवं वित्त, आबकारी, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री प्रकाश पंत की अध्यक्षता में वित्तीय वर्ष 2018-19 की जिला योजना का अनुमोदन होना है।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 की जिला योजना के लिए शासन द्वारा 4085.00 लाख का परिव्यय आवंटित है। लम्बित कार्यो को देखते हुए शासन द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार इसमें से 60 प्रतिशत धनराशि पुराने संचालित कार्यो में जबकि 40 प्रतिशत धनराशि से नई योजनाओं पर कार्य किया जाना है। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष के आवंटित परिव्यय के आधार पर इस वित्तीय वर्ष के लिए विभागों को धनराशि आवंटन प्रस्तावित की गई है, जिसे जिला योजना समिति की बैठक में अनुमोदन हेतु रखा जायेगा।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि पर्यटन गतिविधियों को बढावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा होम-स्टे जैसी महत्वाकांक्षी योजना संचालित की गई है, जिसके तहत होम-स्टे चलाने के इच्छुक लोगों को सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को इस महत्वाकांक्षी योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को लाभान्वित करने को कहा। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपने क्षेत्र में जल संचय एवं जल सर्वद्वन के लिए भी कार्य करने पर जोर दिया। 
जिले में विभिन्न विभागों एवं जिला प्रशासन द्वारा लगाये जाने वाले बहुउद्देशीय शिविरों की जानकारी जनप्रतिनिधियों को न होने की बात पर मुख्य विकास अधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी के माध्यम से क्षेत्र के समस्त जनप्रतिनिधियों को आयोजित होने वाले शिविर की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये। सदस्यों की वन विभाग द्वारा विगत वित्तीय वर्ष में किये गये कार्यो की सूची की मांग पर सीडीओ ने सभी सदस्यों को कार्यो की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिये। विद्युत से वंचित गांवों में सोलर से विद्युत आपूर्ति बहाल करने के निर्देश उरेडा को दिये। पेयजल लाईन की लीकेज की समस्या पर जल संस्थान को तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा। जिला योजना की बैठक में विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने अपने विभाग से संबधित प्रस्तावित कार्यो एवं वित्तीय परिव्यय की विस्तार से जानकारी दी गई।
जिला योजना समिति के सदस्यों ने जिले में पर्यटन गतिविधियों को बढाने के लिए वन विभाग से पर्यटक वन क्षेत्रों में अनुमति शर्तो को आसान बनाने का सुझाव रखा। सदस्यों ने लघु सिंचाई विभाग द्वारा संचालित कार्यो की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए लघु सिंचाई को कार्यदायी संस्था नामित न करने का सुझाव भी दिया। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में पेयजल लाईन लिकेज होने के कारण पेयजल आपूर्ति बाधित होने की समस्या से अवगत कराते हुए सदस्यों ने शीघ्र पेयजल लाईनों की मरम्मत कराने की बात कही।  
इस अवसर पर ब्लाक प्रमुख उर्मिला बिष्ट, जिला योजना समिति के सदस्य भांगीरथी कुंजवाल, देवेन्द्र सिंह नेगी, मनोज भण्डारी, धनादेवी, मीना देवी, भगवती देवी, दर्शन सिंह, भगत सिंह नेगी आदि सहित सीएमओ डा0 तृप्ति बहुगुणा, डीएफओ अमित कंवर, डीएफओ सुरेन्द्र प्रताप सिंह, सीवीओ डा0 लोकेश कुमार, सीईओ एलएम चमोली, डीडीओ एसके राय सहित समस्त विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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