13 OCT. Karwa Chauth special: 16 श्रृंगार के बिना अधूरा करवा चौथ का व्रत, 7वां है सबसे जरूरी

करवा चौथ 13 अक्टूबर –  16 श्रृंगारों से सज-संवर तथा राशि के अनुसार साड़ी पहन कर गौरी गणेश की पूजा करना अति‍ शुभ 

  करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर 2022 को रखा जाएगा। महिलाएं इस दिन 16 श्रृंगार कर दुल्हन की तरह सजती हैं। इसके बाद कथा सुनकर चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और फिर पति को देखकर पानी पिती हैं।  करवा चौथ व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाएं इस दिन सोलह श्रृंगार पहनती है इन श्रृंगारों से खुद को सजाने के बाद पूरे विधि विधान से भगवान गौरी गणेश की पूजा-अर्चना करती हैं. करवा चौथ की शाम चांद को अर्घ्य देने से पहले सुहागिनें इन 16 श्रृंगारों से खुद को सजाती और संवारती हैं. इन श्रृंगारों में पत्नीयों को देख पति भी खुश होता है.

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करवा चौथ के दिन यूं तो कोई भी गिफ्ट आप अपनी पत्नी को दे सकते हैं। लेकिन शास्त्रों के अनुसार इस दिन कुछ चीजें देना शुभ होता है तो कुछ चीजें बिलकुल भी नहीं देना चाहिए। इन्हें शुभ नहीं माना जाता है। त्यौहार के दिन सूरज के उदय से पहले घर की बड़ी महिला या सास द्वारा मिली सरगी खाकर व्रत की शुरूआत करने वाली बहुएं शाम के चांद को अर्घ्य देने के लिए 16 श्रृंगार से खुद सजाती और संवारती हैं. इन श्रृंगारों को धारण कर सुहागिन चांद के निकलने का इन्तज़ार करती हैं. चांद का दीदार होने पर पूरे 16 श्रृंगारों से सजी महिलाएं पूरे विधि विधान से भगवान गौरी-गणेश की पूजा-अर्चना करती हैं इस दौरान कुछ महिलाएं कथा पाठ करती हैं तो कुछ इसे बड़ी सिद्दत से सुनती है. इन श्रृंगारों में पत्नीयों को देख पति भी बहुत खुश होता है.

कहा जाता है कि इस दिन पूर्ण श्रृंगार कर पूजा करना शुभ माना जात है। वहीं ज्योतिषास्त्र के अनुसार इस दिन महिलाएं अगर राशि के अनुसार साड़ी पहनें तो और भी ज्यादा शुभ माना जाएगा। साज-सज्जा के लिए 16 श्रृंगार में सुहागिन सिंदूर, बिंदी, काजल, मेहंदी, मांग टीका, गजरा, मंगलसूत्र, नथ, कान की बालियां और चूड़ियां पहनती हैं इसके आलावा करवा चौथ के मौके पर बहुएं लाल रंग का सुहाग जोड़ा, हाथों और पैरों की अंगुलियों में लालता, अगूंठी, कमरपेटी या कमरबंद, बिछुआ और पैरों में पायल पहनकर खुद को खूबसूरत बनाती हैं

मेष राशि: लाल या फिर ऑरेंज रंग की साड़ी, वृषभ, मिथुन राशि: हरे रंग के कपड़े, कर्क राशि: चमकीला कलर, सिल्वर कलर पहनना शुभ, सिंह राशि: सिंह राशि की महिलाओं को लाल, नारंगी और गोल्डन कलर पहनना शुभ, कन्या राशि: इस राशि की महिलाओं के लिए पीले या हरे रंग के कपड़े और चूड़ियों का चुनाव करना शुभ, कन्या राशि: इस राशि की महिलाओं के लिए पीले या हरे रंग के कपड़े और चूड़ियों का चुनाव करना शुभ, वृश्चिक राशि: इस राशि की महिलाओं को लाल रंग के कपड़ों का चुनाव करना चाहिए। साथ ही लाल चूड़ियां भी पहनें। क्योंकि इस राशि का स्वामी मंगल ग्रह है। धनु राशि: धनु राशि की महिलाओं को पीले या सुनहरे रंग की साड़ी, लहंगा या शूट पहनना चाहिए। मकर राशि: मकर राशि की महिलाओं के लिए नीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होगा। कुंभ: नीले रंग, मीन ; इस राशि की महिलाएं अगर पीले या सुनहरे रंग के कपड़े पहने तो शुभ रहेगा।

करवा चौथ के दिन यूं तो कोई भी गिफ्ट आप अपनी पत्नी को दे सकते हैं। लेकिन शास्त्रों के अनुसार इस दिन कुछ चीजें देना शुभ होता है तो कुछ चीजें बिलकुल भी नहीं देना चाहिए। इन्हें शुभ नहीं माना जाता है।

करवा चौथ पर अगर आप अपनी पत्नी को कोई ड्रेस या फिर साड़ी गिफ्ट दे रहे हैं तो काले रंग की बिलकुल भी ना दें, इसे अशुभ माना गया है।
सुहागन स्त्री को इस दिन सफेद रंग के कपड़े देना शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए अपनी पत्नी को सफेद रंग की कोई वस्तु गिफ्ट करें.
पत्नी को करवा चौथ के दिन 16 श्रृंगार का सामान दें, या फिर श्रृंगार की कोई भी एक चीज दें। ये बहुत शुभ माना जाता है

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इस खास मौके पर सुहागिनों को मंगलसूत्र पहनना करना अनिवार्य होता है. माथे पर बिंदी व सिंदूर उनकी सुंदरता में चार चांद लगाने हैं. हाथों की मेहंदी और उंगलियों में पहनीं जाने वाली अंगुठियों की अपने आप में खास अहमियत होती है. अगुंठी को इनके श्रृंगार का अभिन्न आभूषण माना जाता है. इन श्रृंगारों में पहनी जाने वाली कमरपेटी या कमरबंद को घर की स्वामिनी होने का प्रतीक बताया जाता है.

  करवाचौथ के दिन विवाहित महिलाएं गौरी और गणेश की विधि-विधान से पूजा करती हैं। इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। इस पूजा के लिए महिलाएं खूब सजती सवंरती हैं। मगर क्या आप जानती हैं कि महिलाएं इस दिन 16 श्रृंगार करती हैं। इन साज-सज्जा के समानों कुछ जरूरी चीजें होती हैं जिसे इस्तेमाल करना जरूरी होता है। जानिए 16 श्रृंगार में क्या-क्या आता है और क्या हैं इनका महत्व…. बिंदी: संस्कृत भाषा के बिंदु शब्द से बिंदी की उत्पत्ति हुई है. भवों के बीच रंग या कुमकुम से लगाई जाने वाली बिंदी भगवान शिव के तीसरे नेत्र का प्रतीक मानी जाती है। इसे परिवार की समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। सिंदूर: उत्तर भारत में लगभग सभी प्रांतों में सिंदूर को स्त्रियों का सुहाग चिन्ह माना जाता है और विवाह के अवसर पर पति अपनी पत्नी के मांग में सिंदूर भर कर जीवन भर उसका साथ निभाने का वचन देता है। काजल: काजल आंखों का श्रृंगार है। इससे आंखों की सुन्दरता तो बढ़ती ही है, काजल दुल्हन और उसके परिवार को लोगों की बुरी नजर से भी बचाता है. मेहंदी: मेहंदी के बिना सुहागन का श्रृंगार अधूरा माना जाता है. शादी के वक्त दुल्हन और शादी में शामिल होने वाली परिवार की सुहागिन स्त्रियां अपने पैरों और हाथों में मेहंदी रचाती हैं. ऐसा माना जाता है कि नववधू के हाथों में मेहंदी जितनी गाढ़ी रचती है, उसका पति उसे उतना ही ज्यादा प्यार करता है. लाल जोड़ा: आमतौर से शादी के वक्त दुल्हन को शादी का लाल जोड़ा पहनाया जाता है. पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में फेरों के वक्त दुल्हन को पीले और लाल रंग की साड़ी पहनाई जाती है. इसी तरह महाराष्ट्र में हरा रंग शुभ माना जाता है और वहां शादी के वक्त दुल्हन हरे रंग की साड़ी मराठी शैली में बांधती हैं. करवा चौथ पर भी सुहागिनों को लाल जोड़ा या शादी का जोड़ा पहनने का रिवाज है. गजरा: दुल्हन के जूड़े में जब तक सुगंधित फूलों का गजरा न लगा हो तब तक उसका श्रृंगार फीका सा लगता है. दक्षिण भारत में तो सुहागिन स्त्रियां प्रतिदिन अपने बालों में हरसिंगार के फूलों का गजरा लगाती है. करवा चौथ पर किए जाने वाले 16 श्रृंगार में से एक गजरा भी है. मांग टीका: सिंदूर के साथ पहना जाने वाला मांग टीका जहां एक ओर सुंदरता बढ़ाता है, वहीं वह सौभाग्य का भी प्रतीक माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि नववधू को मांग टीका सिर के ठीक बीचों-बीच इसलिए पहनाया जाता है कि वह शादी के बाद हमेशा अपने जीवन में सही और सीधे रास्ते पर चले और वह बिना किसी पक्षपात के सही निर्णय ले सके. नथ: ऐसी मान्यता है कि सुहागिन स्त्री के नथ पहनने से पति के स्वास्थ्य और धन-धान्य में वृद्धि होती है. इसलिए करवा चौथ के अवसर पर नथ पहनना न भूलें. कर्णफूल या कान की बालियां: सोलह श्रृंगार में एक आभूषण कान का भी है. करवा चौथ पर अपना कान सूना ना रखें. उसमें सोने की बालियां जरूर पहनें. हार या मंगलसूत्र: दसवां श्रृंगार है मंगलसूत्र या हार. सुहागिनों के लिए मंगलसूत्र और हार को वचनबद्धता का प्रतीक माना जाता है. सौभाग्य का भी प्रतीक माना जाता है. आलता: नई दुल्हनों के पैरों में आलता देखा होगा आपने. इसका खास महत्व है. 16 श्रृंगार में एक ये श्रृंगार भी जरूरी है करवा चौथ के दिन.


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