मेरे स्वास्थ्य पर अफ़वाहें – शाह का टविट & पूर्व सीएम की तबीयत खराब- वेंटिलेटर पर & Top News 9 May 20

9 MAY 20 # High Light# मेरे स्वास्थ्य के बारे में मनगढ़ंत अफ़वाहें – कुछ लोगों ने मेरी मौत के लिए भी ट्वीट कर दुआ मांगी- अमित शाह ने कहा # महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती वाले दिन #  अमित शाह, अपने फर्जी आरोपों को साबित करें या माफी मांगें- टीएमसी #छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी की अचानक तबीयत खराब –  वेंटिलेटर पर # विटामिन डी की सही मात्रा आवश्‍यक है # महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभाग ने स्कूली स्टूडेंट्स को राहत दी # चीन से 600 अरब डॉलर का हर्जाना वसूलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर :Coronavirus Live Updates: # अबू धाबी और दुबई से केरल लौटे दो भारतीय कोरोनावायरा पॉजिटिव पाए गए #:कोरोना बिना वैक्सीन के ही चला जाएगा. फिर दोबारा नहीं आएगा; अमेरिकी राष्ट्रपति # तमिलनाडु में दुकानों पर शराब बेचने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया #लॉकडाउन में योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली से फिल्‍म जगत प्रभावित, फिल्‍म बनेगी # कोरोना की वजह से मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व माले से कोच्चि के लिये रवाना # Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR Mob 9412932030 Mail; himalayauk@gmail.com

Amit Shah clarifies on his health rumours, says he is fine and not suffering from any disease

 Union Home Minister Amit Shah on Saturday said he is “totally healthy” and not suffering from any disease. Taking to micro-blogging site Twitter, Shah said in a statement that the rumours about his health conditions have been spread through social media. “I am totally healthy and I am not suffering from any disease,” he said in the statement in Hindi which was posted on his Twitter handle. He said that since the last few days people have been concocting stories about his health and even have gone to the extent of tweeting on his death.

Shah stated that even though he came across the rumours, he didn’t pay heed as he has been working late at night discharging his duties as the Home Minister amid the current coronavirus COVID-19 situation. He added that the people spreading rumours have been enjoying their fictitious tales and so he chose not to clarify. However, since the past two days, the Bharatiya Janata Party (BJP) workers and his well-wishers have been worrying about his health. He said that their concern for his health couldn’t be overlooked and so he clarified on his health conditions on Saturday.   

He added that according to a belief in Hinduism such kind of rumours, on the other hand, improves the health of the person concerned. Shah asked the people spreading rumours to let him do his work and advised them to do theirs.

Shah expressed gratefulness to his party workers and well-wishers for being concerned and asking about his health. He added that he has no ill-feelings for those who spread rumours and thanked them too.

 Reacting to the rumours, BJP president J P Nadda said that making “inhuman” comments about the health of Shah is “extremely condemnable”. “Making inhuman comments about the health of Home Minister Amit Shah is extremely condemnable. Spreading such misleading remarks about anyone’s health shows the mindset of people doing so. I strongly condemn it and pray to God to grant them good sense,” Nadda said in a tweet.

His tweet came after Shah, also Nadda’s predecessor as the BJP president, asserted in a statement that he is “totally healthy” and rejected rumours being spread about his ill health on social media.

मेरे स्वास्थ्य की चिंता करने वाले सभी लोगों को मेरा संदेश।

अमित शाह ने अपने स्वास्थ्य को लेकर जानकारी दी है. साथ ही अफवाहों को दरकिनार करते हुए कहा है कि वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं. अमित शाह ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उन्हें किसी भी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है. इसके साथ ही अमित शाह ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के इस वक्त में देर रात तक काम करने के कारण इन सब पर उन्होंने ध्यान नहीं दिया.

अमित शाह ने कहा, ‘पिछले कई दिनों से कुछ मित्रों ने सोशल मीडिया के माध्यम से मेरे स्वास्थ्य के बारे में कई मनगढ़ंत अफवाएं फैलाई हैं. यहां तक कि कई लोगों ने मेरी मृत्यु के लिए भी ट्वीट कर दुआ मांगी है. मेरी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं और मेरे शुभचिंतकों ने विगत दो दिनों से काफी चिंता व्यक्त की, उनकी चिंता को मैं नजरअंदाज नहीं कर सकता. इसलिए मैं आज स्पष्ट करता चाहता हूं कि मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हूं और मुझे कोई बीमारी नहीं है.’

मेरे स्वास्थ्य के बारे में मनगढ़ंत अफ़वाहें – कुछ लोगों ने मेरी मौत के लिए भी ट्वीट कर दुआ मांगी- अमित शाह ने कहा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि वह स्वस्थ हैं और उन्हें कोई बीमारी नहीं है। बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर अमित शाह को लेकर पूछा जा रहा था कि वह आख़िर कहां हैं और क्या उनका स्वास्थ्य ख़राब है। शायद शाह ने ऐसे ही सवालों का जवाब दिया है। 

शाह ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, ‘बीते कुछ दिनों से कुछ मित्रों ने मेरे स्वास्थ्य के बारे में मनगढ़ंत अफ़वाहें फैलाई हैं। यहां तक कि कुछ लोगों ने मेरी मौत के लिए भी ट्वीट कर दुआ मांगी है।’

शाह ने लिखा है कि देश कोरोना संकट से लड़ रहा है और गृह मंत्री होने के नाते वह अपने कार्यों में व्यस्त रहे और उन्होंने इस तरह की बातों का कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि लेकिन जब पार्टी के कार्यकर्ताओं, शुभचिंतकों ने भी चिंता व्यक्त की, तो वह यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं और उन्हें कोई बीमारी नहीं है। 

अंत में शाह ने लिखा है, ‘जिन लोगों ने ये अफ़वाहें फैलाई हैं, उनके प्रति मेरे मन में कोई दुर्भावना या द्वेष नहीं है।’ शाह ने लिखा है कि वह ऐसे लोगों को भी धन्यवाद देते हैं। .

 अमित शाह ने कहा, ‘हिंदू मान्यताओं के अनुसार ऐसा मानना है कि इस तरह की अफवाह स्वास्थ्य को लेकर अधिक मजबूत करती है. मेरे शुभचिंतकों और पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को मेरा हालचाल पूछने और मेरी चिंता करने के लिए आभार व्यक्त करता हूं. जिन लोगों ने ये अफवाएं फैलाई हैं उनके प्रति मेरे मन में कोई दुर्भावना या द्वेष नहीं है.’

केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने इस पत्र में कहा है कि पिछले कुछ दिनों से कुछ मित्रों ने सोशल मीडिया के माध्यम से मेरे स्वास्थ्य के बारे में कई मनगढ़ंत अफवाहें फैलाई हैं. यहां तक कि कई लोगों ने मेरी मृत्यु के लिए भी ट्वीट कर दुआ मांगी है. देश इस समय कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ रहा है और देश के गृह मंत्री होने के नाते देर रात तक अपने कामों में व्यस्त रहने के कारण मैंने इन सब बातों पर ध्यान नहीं दिया. जब यह मेरे संज्ञान में आया तो मैंने सोचा यह सभी लोग अपनी काल्पनिक सोच का आनंद लेते रहे इसलिए मैंने कोई स्पष्टता नहीं की.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सेहत पर अफवाह फैलाना गंदी मानसिकता है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर कहा है, आप दीर्घायु हों यही हम सबकी कामना है.

महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती वाले दिन

.महाराष्ट्र में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में विद्रोह के स्वर मुखर होने लगे हैं। आने वाले दिन प्रदेश में बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती वाले हैं। देखना है पार्टी हाईकमान फिर से दखल देकर इन नेताओं को शांत कराने में कितना सफल हो पाता है। इस बार यह नाराजगी 21 मई को होने वाले विधान परिषद चुनाव को लेकर है। इन चुनावों में बीजेपी में टिकट बंटवारे को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं। 

बीजेपी ने गोपीचंद पडलकर, रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, प्रवीण दटके और डॉ. अजीत गोपछडे को मैदान में उतारा है जबकि देवेंद्र फडणवीस सरकार में राजस्व मंत्री रहे एकनाथ खडसे, पंकजा मुंडे, विनोद तावड़े, चंद्रशेखर बावनकुले जैसे वरिष्ठ नेताओं को मौका नहीं दिया गया है। 

जिन नेताओं को विधान परिषद के लिए टिकट दिया गया है, उसमें पडलकर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में आये थे। वही स्थिति रणजीत सिंह मोहिते पाटिल की भी है। उनके पिता विजय सिंह मोहिते पाटिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में थे और प्रदेश में उप मुख्यमंत्री भी रहे हैं। रणजीत सिंह मोहिते पाटिल भी राष्ट्रवादी कांग्रेस की तरफ से सांसद रह चुके हैं और पिता-पुत्र दोनों, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में आए थे। 

इस टिकट बंटवारे से एक बार फिर फडणवीस पर सवाल खड़े होने लगे हैं कि क्या वह पार्टी में वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर अपने प्रतिद्वंद्वियों को ख़त्म कर रहे हैं? टिकट बंटवारे को लेकर एक बार फिर वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे विरोध की भूमिका में आ गए हैं। 

विदर्भ में अच्छी-खासी पकड़ रखने वाले चंद्रशेखर बावनकुले भी इस मामले को लेकर मीडिया के समक्ष आने वाले हैं। लेकिन निगाहें पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे पर लगी हैं कि वे क्या निर्णय लेंगी।

प्रवीण दटके नागपुर महानगरपालिका में नगरसेवक हैं और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी हैं जबकि गोपछडे का संबंध राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से है। खडसे ने कहा है कि विधान परिषद वरिष्ठ नेताओं का सभागृह होता है लेकिन जिन्हें टिकट दिया गया है वे दूसरी पार्टी से आए नेता हैं तथा इसमें से एक ने ‘नरेंद्र मोदी गो बैक’ के नारे भी लगाए हैं।

महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद दिसंबर, 2019 में पंकजा मुंडे, एकनाथ खडसे, चंद्रशेखर बावनकुले आदि ने बगावती सुर बुलंद किये थे लेकिन बाद में पार्टी के दिल्ली स्तर के नेताओं के दखल के बाद मामला शांत हो गया था। उस समय एकनाथ खडसे की नागपुर में विधानसभा अधिवेशन के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भेंट करने की ख़बरें चली थीं। खडसे को लेकर यह कहा जा रहा था कि वह एनसीपी में चले जाएंगे।  खडसे ने दिल्ली जाकर पवार से मुलाक़ात भी की थी और उस मुलाक़ात के बाद बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की जयंती पर उनकी बेटी पंकजा मुंडे द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने प्रदेश बीजेपी के नेताओं पर जमकर हमले किये थे। उन्होंने बार-बार इस बात को कहा था कि महाराष्ट्र में सेठजी-भटजी (बनियों और ब्राह्मणों) की पार्टी कही जाने वाली बीजेपी को मुंडे और उन्होंने ओबीसी के लोगों से जोड़कर उसका आधार बढ़ाया। 

खडसे ने कहा था कि उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया, पार्टी की कोर कमेटी से भी बाहर कर दिया गया और बैठकों में भी नहीं बुलाया जाता। उस कार्यक्रम में पंकजा मुंडे और खडसे ने इस बात को स्पष्ट रूप से कहा था कि उन्हें मजबूर किया जा रहा है कि वे पार्टी छोड़ दें। 

कार्यक्रम के बाद पंकजा मुंडे ने अपने पिता के नाम पर बनी एक सामाजिक संस्था के बैनर तले कार्यक्रम करने भी शुरू कर दिए थे लेकिन बाद में सब कुछ शांत हो गया था। शायद पार्टी हाईकमान की तरफ से उन्हें विधान परिषद का कोई आश्वासन मिला हो। लेकिन अब विधान परिषद के टिकट बंट चुके हैं तो विद्रोह के स्वर फिर से मुखर हैं। 

# अमित शाह, अपने फर्जी आरोपों को साबित करें या माफी मांगें- टीएमसी

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर प्रवासियों को लेकर आने वाली ट्रेनों को न आने देने का आरोप लगाने वाले पत्र को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से कहा कि वह अपने आरोप साबित करें या माफी मांगें. साथ ही बनर्जी ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री हफ्तों तक चुप्पी साधे रखने के बाद झूठ बोलकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि शाह उन लोगों की बात कर रहे हैं जिन्हें केंद्र ने किस्मत के भरोसे छोड़ दिया.
 अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया, ”इस संकट के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में नाकाम रहे गृह मंत्री हफ्तों तक चुप्पी साधे रखने के बाद केवल झूठ बोल कर लोगों को गुमराह करने के लिए बोलते हैं. विडम्बना यह है कि वह ऐसे लोगों के बारे में बात कर रहे है जिन्हें सरकार ने उनकी किस्मत के सहारे छोड़ दिया. अमित शाह अपने झूठे आरोप साबित करें या माफी मांगें.”

कोरोना लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को लिखे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पत्र पर सियासी बवाल मच गया है. जहां अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया तो वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है.

पश्चिम बंगाल में दूसरे राज्यों से मजदूरों को वापस लाने के मामले में ममता सरकार के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाए हैं. अमित शाह ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा है. पत्र में प्रवासी मजदूरों की समस्या को लेकर राज्य सरकार के रवैये पर सवाल खड़ा किया गया है. अमित शाह ने कहा है कि दूसरे राज्य में मौजूद बंगाल के मजदूर अपने राज्य बंगाल आना चाहते हैं, लेकिन राज्य सरकार का रवैया ठीक नहीं है. लोगों को अपने यहां लाने में बंगाल सरकार तत्परता नहीं दिखा रही और राज्य में ट्रेनों को प्रवेश करने की मंजूरी नहीं दे रही है.

टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया कि इस संकट की घड़ी में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने वाले केंद्रीय गृह मंत्री झूठ के पुलिंदा के साथ लोगों को गुमराह करने के लिए हफ्तों की चुप्पी के बाद बोल रहे हैं! विडंबना यह है कि लोगों को अपनी सरकार ने ही उनके हाल पर छोड़ दिया है. अमित शाह, अपने फर्जी आरोपों को साबित करें या माफी मांगें.

अभिषेक बनर्जी की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने पूछा, “पिछले कुछ हफ्तों से अभिषेक बनर्जी कहां हैं? इस संकट में, लोगों के पास भोजन, दवा नहीं है. प्रवासी बाहर फंस गए हैं. वह सिर्फ ट्वीट कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते. उन्हें लोगों के सामने आना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए. यह उनका कर्तव्य है क्योंकि वे यहां सत्ता में हैं. केवल केंद्र को दोष देने के बजाय प्रवासी संकट के बारे में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.”

  वहीं टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर पलटवार किया. डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि आखिरकार गृह मंत्री नींद से जाग गए हैं. बीते 40 दिनों में आपने किसी एक प्रवासी मजदूर को मुट्ठी भर चावल भी दिया है. आपने प्रवासी मजदूरों से मुंह क्यों मोड़ लिया. यूपी में श्रम कानून क्यों बदला, पहले इसका जवाब दीजिए.

टीएमसी सांसद ने कहा कि आपने गुजरात डॉक्टर्स भेजे जबकि बंगाल इंटर मिनिस्ट्रियल टीम भेजी. क्यों? आप बंगाल में समस्या क्यों खड़ी करना चाहते हैं. समस्या यह है कि जब नींद पत्र लिखते हैं तो सही तथ्य पेश नहीं कर पाते.

पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों के मुद्दों पर कांग्रेस ने भी टीएमसी को घेरने की कोशिश की. कांग्रेस के नेता एआर चौधरी ने कहा, ‘मैंने एक दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह के साथ चर्चा की थी. उन्होंने मुझे बताया कि वे पश्चिम बंगाल सरकार से लगातार पूछ रहे हैं कि उन्हें प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए कितनी ट्रेनों की आवश्यकता है, लेकिन 2 दिन पहले तक राज्य सरकार ने सूची नहीं भेजी थी. मुझे आज पता चला कि राज्य सरकार ने 8 ट्रेनें मांगी हैं. मैं राज्य सरकार और अमित शाह जी से अपील करता हूं कि वे बंगाल के फंसे हुए प्रवासी कामगारों को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करें.

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी की अचानक तबीयत खराब –  वेंटिलेटर पर

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी की अचानक तबीयत खराब हो गई है. सांस लेने में तकलीफ तकलीफ महसूस होने के बाद उन्हें रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ है. हालात को बिगड़ता देख डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा है. अजीत जोगी को रायपुर के श्री नारायण हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों ने कहा है कि उनकी हालत नाजुक बनी हुई है.

मेडिकल साइंस में कार्डियक अरेस्ट उस अवस्था को कहते हैं जब दिल शरीर के में खून पंप करना बंद कर देता है. कार्डियक अरेस्ट अचानक होता है. हालांकि जिन्हें दिल की बीमारी होती है उनमें कार्डियक अरेस्ट की आशंका ज्यादा होती है. डॉक्टरों के मुताबिक कार्डियक अरेस्ट से पहले छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी, पसीना आना, चक्कर आना, बेहोशी, जैसे लक्षण दिख सकते हैं.

अस्पताल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उन्हें आज 12.30 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों के मुताबिक पूर्व सीएम जोगी के घर पर ही उनका CPR चालू करवाया गया है और इसी अवस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया. डॉक्टर की एक टीम लगातार उनपर नजर रख रही है.

CPR का मतलब Cardio pulmonary Resuscitation होता है. यह एक प्राथमिक चिकित्सा है. ये कृत्रिम सांस देने की एक प्रक्रिया है. इसमें रोगी की छाती पर दबाव दिया जाता है फिर मुंह से कृत्रिम तरीके से सांस दी जाती है.

इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अजीत योगी के पुत्र अमित जोगी से फोन पर बात कर अजीत जोगी के बारे में जानकारी ली है. भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी जी के स्वास्थ्य के बारे में उनके सुपुत्र अमित जोगी जी से फोन पर बात हुई. मैंने उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है.

आज सुबह तक अजीत योगी की तबीयत ठीक ही थी. उन्होंने प्रवासी मजदूरों के हालत पर ट्वीट किया था और केंद्र सरकार से मांग की थी कि जैसे विदेशों में फंसे मजदूरों को लाने के लिए वंदे भारत चालू किया गया है वैसे ही मजदूरों को घर तक पहुंचाने के लिए अभियान शुरू किया जाना चाहिए.

विटामिन डी की सही मात्रा आवश्‍यक है

 नई दिल्ली: दुनिया भर से कोरोना वायरस (coronavirus) से  होने वाली मौतों पर हुए एक अध्ययन में विटामिन डी (vitamin D) की कमी और मृत्यु दर में संबंध पाया गया है. अमेरिका की नार्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में हुए इस अध्ययन में चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ईरान, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्विट्जरलैंड, यूके और अमेरिका के अस्पतालों और क्लिनिक में कोरोना से जुड़े आंकड़े लिए गए हैं.

10 देशों पर हुई इस रिसर्च में सामने आया है कि इटली, स्पेन और यूके जैसे देशों में जहां कोरोना की मृत्यु दर ज्यादा पाई गई है, वहां मरीजों में विटामिन डी की कमी देखी गई. नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के मैक कोर्निक स्कूल ऑफ इंजीनिरिंग के प्रोफेसर बैकमैन और उनकी टीम ने इन सभी देशों से मिले आंकड़ों पर अध्ययन किया. इस अध्ययन में खास तौर पर विटामिन डी और साइटोकिन स्टॉर्म के बीच संबंध समझाया गया है. साइटोकिन स्टॉर्म एक ऐसी स्थिति है जिसमे इम्मयून सिस्टम के ज्यादा सक्रिय होने पर शरीर मे सूजन बढ़ जाती है.

साइटोकिन स्टॉर्म फेफड़ों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाता है जिस से एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम के कारण मरीज की मौत हो जाती है. बैकमैन के मुताबिक, विटामिन डी न सिर्फ हमारे इम्मयून सिस्टम को मजबूत करता है बल्कि ये हमारे इम्यून सिस्टम को खतरनाक रूप से ज्यादा सक्रिय होने से भी बचाता है. शरीर मे विटामिन डी की सही मात्रा मरीजों को  कई अन्य बड़ी बीमारियों से भी बचा सकती है.

हालांकि अध्ययन में ये भी साफ किया गया है कि विटामिन डी की सही मात्रा मरीज को कोरोना के संक्रमण से तो नहीं बचा सकती लेकिन ये बीमारी के ज्यादा जटिल होने और मौत से बचा सकती है.

महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभाग ने स्कूली स्टूडेंट्स को राहत दी

मुंबई:  महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभाग ने स्कूली स्टूडेंट्स को राहत दी है. अब स्कूल शैक्षणिक सत्र 2020-21 में फीस नहीं बढ़ा सकेंगे. स्कूल पिछले सत्र यानी 2019-20 की बकाया वसूली एक साथ करने लिए भी अभिभावकों को मजबूर नहीं कर सकेंगे.

इसके अलावा स्कूलों को बकाया फीस की वसूली के लिए मासिक/त्रैमासिक का विकल्प देना होगा. बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना (Corona) ने भीषण तबाही मचाई है. यहां तेजी से कोरोना फैल रहा है.  

वहीं अगर देश की बात करें तो भारत में कोरोना वायरस (COVID-19) के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,320 नए मामले सामने आए हैं और 95 मौतें हो चुकी हैं. 8 मई तक देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 60 हजार के करीब और मृतकों की संख्या 2000 के पास पहुंच चुकी है. 

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के 59,662 मामले हैं. इनमें से 39,834 एक्टिव केस हैं. यानी जिनका अभी इलाज चल रहा है. जबकि 17,847 लोग ठीक हो चुके हैं और 1981 लोगों की मौत हो चुकी है.

भारत में कोरोना वायरस से ठीक होने (Recovery Rate) का प्रतिशत 29.91 प्रतिशत है. महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात समेत अन्य कई राज्यों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र में 19,000 से ज्यादा, गुजरात में 7000 से ज्यादा और दिल्ली में 6000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं.

चीन से 600 अरब डॉलर का हर्जाना वसूलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी फैलाने के आरोप को लेकर चीन से 600 अरब डॉलर का हर्जाना वसूलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. जिसमें मांग की गई है कि वह केंद्र सरकार को निर्देश दे कि वह चीन से हर्जाना वसूलने के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाए.

याचिका में कहा गया है कि इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने और भारत में हजारों लोगों की जान लेने वाला कोरोना वायरस चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से निकला है.

 ये याचिका तमिलनाडु के मदुरै के रहने वाले एक शख्स ने दायर की है. जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस को जानबूझकर चीन ने भारत के खिलाफ जैविक हथियार के तौर पर तैयार किया है. कहा गया है कि क्योंकि कोई व्यक्ति अंतरराष्ट्रीय न्यायालय नहीं जा सकता है इसीलिए केंद्र सरकार को इस संबंध में याचिका दायर करने के लिए निर्देश दे.

Coronavirus Live Updates: : देश में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर शनिवार को 1,981

Coronavirus Live Updates: देश में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर शनिवार को 1,981 हो गई और संक्रमितों की संख्या 59,662 पर पहुंच गई. पिछले 24 घंटों में इस वायरस के कारण 95 लोगों की मौत हुई है और 3,320 नए मामले सामने आए है.  स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में 39,834 लोगों का उपचार चल रहा है जबकि 17,846 लोग स्वस्थ्य हो गए हैं और एक मरीज विदेश चला गया है. शुक्रवार सुबह से लेकर अब तक कुल 95 लोगों की मौत हुई है. 3,320 नए मामले सामने आए है.

 महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 731, गुजरात में 449, मध्य प्रदेश में 200, राजस्थान में 101, दिल्ली में 68, उत्तर प्रदेश में 66, आंध्र प्रदेश में 41, पश्चिम बंगाल में 160, तमिलनाडु में 40, तेलंगाना में 29, कर्नाटक में 30, पंजाब में 29, जम्मू-कश्मीर में 9, हरियाणा में 8, केरल में 4, झारखंड में 3, बिहार में 5, हिमाचल प्रदेश में दो, ओडिशा में दो, चंडीगढ़, असम और मेघालय में एक मौत हुई है.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 मामलों के लिए अस्पताल से छुट्टी दिये जाने की नीति में बदलाव किया है. अब कोरोना वायरस संक्रमण के केवल गंभीर मरीजों की ही अस्पताल से छुट्टी दिये जाने से पहले जांच की जायेगी. नये बदलावों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों में गंभीर बीमारी विकसित होती है या रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है तो ऐसे मरीजों को अस्पताल द्वारा छुट्टी देने से पहले आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी. कोविड-19 के हल्के और बहुत हल्के मामलों में लक्षणों के समाप्त होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दिये जाने से पहले जांच कराये जाने की जरूरत नहीं होगी. अब तक के नियमों के अनुसार, किसी मरीज को तब छुट्टी दी जाती थी जब 14 दिन पर उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आती थी और इसके बाद फिर 24 घंटे के अंतराल में रिपोर्ट निगेटिव आती थी.

अबू धाबी और दुबई से केरल लौटे दो भारतीय कोरोनावायरा पॉजिटिव पाए गए

अबू धाबी और दुबई से केरल लौटे दो भारतीय कोरोनावायरा पॉजिटिव पाए गए हैं. ये दोनों गुरुवार को एयर एंडिया के विशेष विमान से तिरुवनंतपुरम वापस लाए गए 363 भारतीयों में शामिल हैं. सरकार ने बताया कि दोनों में एक संक्रमित का इलाज कोझिकोड में जबकि दूसरे का इलाज कोच्च‍ि में किया जा रहा है.

इन दो नए मामलों के सामने आने के बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या 505 हो गई है जिनमें से 17 लोग अब भी अस्पताल में हैं. यहां 4 लोगों की मौत इस वायरस के संक्रमण से हुई है जबकि 484 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं.

सोमवार को ही केंद्र सरकार ने 7 मई से विदेश में फंसे भारतीयों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाने के लिए योजनाओं की घोषणा की थी, जिसे पहले खाड़ी युद्ध के दौरान भारतीयों को भारतीयों को निकालने के अभ‍ियान के बाद सबसे बड़ा अभ‍ियान बताया जा रहा था. पहले खाड़ी युद्ध के दौरान 1.7 लाख भारतीयों को वापस लाया गया था.

सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार जिन लोगों को वापस लाया जा रहा है उन्हें डिपार्चर प्वाइंट पर कोरोनावायरस की जांच के लिए एंटीबॉडी टेस्ट कराने के साथ-साथ कई स्तर की जांच से गुजरना होगा. साथ ही भारत पहुंचने पर उनकी थर्मल जांच भी की जाएगी.

उन्हें वापस लौटने पर सात दिन के लिए सरकार के क्वारेंटीन सेंटर में भी रहना होगा जहां उनका RT-PCR टेस्ट होगा. इस टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही वो अपने घर जा सकेंगे जहां भी उन्हें सात और दिनों के लिए पृथकवास में रहना होगा.

कोरोना बिना वैक्सीन के ही चला जाएगा. फिर दोबारा नहीं आएगा; अमेरिकी राष्ट्रपति

वॉशिंगटन: दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका कोरोना वायरस महामारी की चपेट में है. देश में दो महीने में कोरोना से 78 हजार लोगों की मौत हो गई है. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि कोरोना वायरस बिना वैक्सीन के ही खत्म हो जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका महानता की तरफ बढ़ रहा है. ये बात राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में अपनी पार्टी रिपब्लिकन के सांसदों से बातचीत के दौरान कही.

ट्रंप ने कहा, “कोरोना बिना वैक्सीन के ही चला जाएगा. फिर दोबारा नहीं आएगा. इससे पहले भी दुनिया में ऐसे वायरस और फ्लू आए, उनकी वैक्सीन नहीं मिली और फिर गायब हो गए. वो दोबारा नहीं आए.”

ट्रंप का कहना है कि ये बात वह डॉक्टरों से बातचीत के आधार पर कह रहे हैं. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि कोरोना इसी साल चला जाएगा. एक दिन वायरस चला जाएगा. ट्रंप ने ये भी कहा, अभी हमारे पास वैक्सीन नहीं है, अगर वैक्सीन होती तो ज्यादा मददगार साबित होती. कोरोना की वजह से पूरी दुनिया प्रभावित है. कई देश बड़ी महामारी की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा बर्बादी अमेरिका में हो रही है. दुनिया में वायरस से 2.76 लाख मौतें हो चुकी हैं, इनमें से 78 हजार से ज्यादा मौतें अकेले अमेरिका में हुई हैं. ये आंकड़ा हर रोज बढ़ता ही जा रहा है.

अमेरिका ने बेरोजगारी के रूप में अपना सबसे खराब दौर 1933 में देखा था जब दुनिया वैश्विक मंदी की चपेट में थी, जिसकी शुरुआत अमेरिका से ही हुई थी. उस वक्त अमेरिका में बेरोजगारी की दर 25 फीसदी तक पहुंच गई थी. अब भी अमेरिकी अर्थशास्त्री इस बात की आशंका जता रहे हैं कि अमेरिका में मई के महीने में बेरोजगारी की दर 20 फीसदी को पार कर जाएगी, क्योंकि अगले कुछ महीनों तक तो अर्थव्यवस्था का पटरी पर लौटना नामुमकिन दिख रहा है. एक अनुमान ये भी है कि बेरोजगारी की ये रफ्तार 2021 तक भी जारी रह सकती है.

तमिलनाडु में दुकानों पर शराब बेचने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया

तमिलनाडु में दुकानों पर शराब बेचने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. राज्य सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट के कल जारी हुए आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है जिसमें हाईकोर्ट ने कोरोना संकट के दौरान ठेकों के बाहर ग्राहकों में सामाजिक दूरी न बनाने को लेकर राज्य में शराब की दुकानें बंद करने का आदेश दिया था, 
लेकिन हाईकोर्ट ने शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी करने की बात कही थी. तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर कहा है कि राज्य सरकार लोगों में सामाजिक दूरी के नियम का पालन करवा रही है और जो लोग ऐसा नहीं करते हैं पुलिस उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है. 

 साथ ही कहा है कि तमिलनाडु में शराब की बिक्री बंद करने से राज्य के बार्डर पर समस्या खड़ी हो सकती है क्योंकि पड़ोसी राज्यों में शराब की बिक्री खुली है, ऐसे में राज्य के लोग शराब लेने के लिए पड़ोसी राज्यों में जाएंगें और कोरोना के दौरान लोगों की आवाजाही और बढ़ जाएगी.

बता दें कि शुक्रवार को हाईकोर्ट ने राज्य में शराब की दुकानों को बंद करने के आदेश दिए थे लेकिन शराब की ऑनलाइन बिक्री की इजाजत दे दी थी. 

लॉकडाउन में योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली से फिल्‍म जगत प्रभावित, फिल्‍म बनेगी 

भोजपुरी फिल्मों के जुबली स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ (Nirahua) इस लॉकडाउन में कई सार्थक काम कर रहे हैं. लॉकडाउन के कारण मुंबई स्थित अपने आवास में रह रहे निरहुआ ने सोशल मीडिया पर लाइव के दौरान अपने कई आगामी कार्यों की जानकारी अपने फ़ैन लोगों को दी. निरहुआ ने बताया की उनकी योजना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) पर फ़िल्म बनाने और उनके किरदार को निभाने की है. उन्होंने बताया कि महापुरुषों की जीवनी पढ़ने का शौक़ उन्हें बचपन से रहा है और ख़ाली समय में उन्हें उनके बारे में पढ़ना काफ़ी पसंद है.

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की कार्यशैली ने उन्हें काफ़ी प्रभावित किया था और उनकी प्रेरणा से ही निरहुआ (Nirahua) ने भाजपा में प्रवेश किया था. निरहुआ ने बताया की लॉ डाउन में वे योगी जी की कार्यशैली और उनकी जीवनी का अध्ययन कर रहे हैं. निरहुआ ने कहा की वे चाहते हैं की वे योगी जी की रियल लाइफ़ का पर्दे पर बखूबी चित्रण करें इसीलिए फ़िल्म के निर्माण में थोड़ा वक़्त लग सकता है लेकिन फ़िलहाल रीसर्च वर्क शुरू हो गया है.

बता दें कि निरहुआ (Nirahua) यानी दिनेश लाल यादव (Dinesh Lal Yadav) भोजपुरी सिनेमा के सबसे चर्चित स्टार हैं. उनकी और आम्रपाली दुबे की जोड़ी भोजपुरी सिनेमा में काफी पसंद की जाती है. यहां तक कि आम्रपाली दुबे ने भी भोजपुरी सिनेमा में निरहुआ रिक्शावाला के जरिए डेब्यू किया था, जहां से उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली थी. वहीं, एक्टर की बात करें तो निरहुआ ने साल 2005 में लगातार 5 सुपरहिट फिल्में दी थीं. दिनेश लाल यादव बिग बॉस शो के कंटेस्टेंट रह चुके हैं. निरहुआ गाजीपुर के छोटे से गांव टंडवा से ताल्लुक रखते हैं. दिनेश लाल यादव को उत्तर प्रदेश सरकार का सर्वोच्च सम्मान यश भारती से सम्मानित किया जा चुका है.

कोरोना की वजह से मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व माले से कोच्चि के लिये रवाना

नई दिल्ली:कोरोना की वजह से मालदीव में फंसे 698 भारतीयों को लेकर नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व माले से कोच्चि के लिये रवाना हो गया है. 698 यात्रियों में 19 गर्भवती महिलाएं और 14 बच्चे शामिल हैं. युद्धपोत में पहले गर्भवती महिलाओं और बच्चों को चढ़ाया गया. इसमें 595 पुरुष और 103 महिलाएं हैं. यह युद्धपोत 10 मई को कोच्चि पहुंचेगा.  दूसरा युद्धपोत आईएनएस मगर भी माले के रास्ते में है. वह भी माले से 250 से 300 यात्रियों को लेकर भारत आएगा. इससे पहले माले पहुंचने पर आईएनएस जलाश्व युद्धपोत को पूरी तरह से सेनेटाइज किया गया. ऐसे व्यवस्था की गई जिसमें लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आ सकें. 

युद्धपोत पर राहत के साथ-साथ चिकित्सा सामग्री भी है ताकि किसी भी आपात हालात से निपटा जा सके. सोशल डिस्टेंसिग और मेडिकल सुविधा की वजह से पहली खेप में नौसेना केवल करीब 1,000 लोगों को माले से लेकर आएगी. वैसे मालदीव में करीब 3,500 भारतीय लोग फंसे हैं. विदेशों में फंसे भारतीयों को निकलने के लिये नौसेना ने ऑपरेशन समुद्र सेतु लांच किया है. इस काम मे फिलहाल दो युद्धपोत को तैनात किया गया है लेकिन नौसेना का कहना है कि उसके कई युद्धपोत विदेशों में फंसे लोगो को लाने के लिये तैयार हैं. जब भी सरकार से हरी झंडी मिलेगी वो अपने युद्धपोत में लोगो को सुरक्षित लेकर आएंगे. 

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