विधान सभा और लोकसभा चुनाव- 2024- महासग्राम;  बनने लगे राजनीतिक चक्रव्यूह —

DT 14 JUNE 2023# मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव कांग्रेस के हाथ से सत्ता एक बार फिर फिसलती हुई दिख रही है # मघ्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव  # कर्नाटक में मिले झटके के बाद बीजेपी सतर्क #  2024 में बीजेपी केंद्र सरकार में शामिल सभी मंत्रियों को लोकसभा का चुनाव लड़ाने का मन बना चुकी है. मोदी सरकार के कई बड़े और तेज तर्रार मिनिस्टर चुनाव के मैदान में दिख सकते हैं. यानी विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जैसे नेता अपने लिए वोट मांगते हुए दिखाई दे सकते हैं. अभी ये राज्यसभा के सदस्य हैं. # पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इन मंत्रियों को संदेश दे दिया है कि 2024 में अपने लिए लोकसभा सीटों की तलाश शुरू कर दें # महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले महाराष्ट्र में सीएम की पसंद कौन हैं इसको लेकर चौंकाने वाले सर्वे के आंकड़े  # महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. विधानसभा चुनाव से पहले एक ओपिनियन पोल # महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे सबसे आगे चल रहे हैं जिन्हें ओपिनियन पोल में 26 फीसदी लोगों ने चुना है. मतलब महाराष्ट्र के 26 फीसदी लोग ये मानते हैं कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के अगले सीएम बनें.

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मघ्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. यह ओपिनियन पोल करीब पांच महीने पहले काराया गया है.इस पोल के मुताबिक बीजेपी को 45 फीसदी वोटों के  119 से 129 के बीच सीटें मिल सकती हैं. वहीं राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस 39 फीसदी वोटों के साथ 94 से 104 के बीच सीटें जीत सकती है. राज्य के दूसरे दलों और निर्दलियों को 16 फीसदी वोट के साथ चार से नौ सीटें मिलने का अनुमान है.  इस ओपिनियन पोल में मध्य प्रदेश में एक बार फिर बीजेपी (BJP) की सरकार बनती हुई नजर आ रही है.कांग्रेस (Congress) के हाथ से सत्ता एक बार फिर फिसलती हुई दिख रही है.आइए जानते हैं कि इस ओपिनियन पोल के मुताबिक किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं.

ग्वालियर-चंबल क्षेत्र – 34 सीटें शामिल हैं. इनमें से बीजेपी को 15 से 20 सीटें जीतने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस के खाते में 12 से 17 सीटें आ सकती हैं. अन्य दलों को 1 से 2 सीटें मिलने की उम्मीद है.प्रदेश के मालवा ट्राइबल एरिया में 28 सीटें आती हैं. इस इलाके में बीजेपी को 11 से 15 सीटें मिलने का संभावना है. वहीं कांग्रेस को 12 से 17 सीटें मिल सकती हैं. इस इलाके में कांग्रेस बीजेपी से अच्छा प्रदर्शन कर सकती है.अन्य पार्टियों की झोली में एक से दो सीटें आ सकती हैं. 

मध्य प्रदेश के मालवा उत्तर इलाके में 63 सीटें – बीजेपी को 32 से 37 सीटें जीत सकती है. कांग्रेस को 24 से 29 सीटें मिलने का अनुमान है. अन्य के खाते में 0 से दो सीटें जा सकती हैं. वहीं अगर विंध्य क्षेत्र की बात करें तो वहां पर 56 विधानसभा सीटें आती हैं. यहां बीजेपी 31 से 36 सीटें जीत सकती है. वहीं कांग्रेस को 19 से 24 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. वहीं अन्य के खाते में एक से तीन सीटें आ सकती हैं. 

महाकौशल में विधानसभा की 49 सीटें आती हैं.यहां 47 फीसदी वोट के साथ बीजेपी के 23 से 28 सीटें जीतने का अनुमान है. वहीं कांग्रेस को 41 फीसदी के वोट के साथ 20 से 25 सीटें जीतने का अनुमान है. वहीं अन्य पार्टियां और राजनीतिक दल 12 फीसदी वोट के साथ 1 सीट जीत सकते हैं.  इस ओपिनियन पोल को मैटराइज नाम की एजेंसी ने जी न्यूज के लिए किया है. यह ओपिनियन पोल  24 मई से 12 जून के बीच किया गया

2024 में बीजेपी केंद्र सरकार में शामिल सभी मंत्रियों को लोकसभा का चुनाव लड़ाने का मन बना चुकी है. मोदी सरकार के कई बड़े और तेज तर्रार मिनिस्टर चुनाव के मैदान में दिख सकते हैं. यानी विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जैसे नेता अपने लिए वोट मांगते हुए दिखाई दे सकते हैं. अभी ये राज्यसभा के सदस्य हैं. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इन मंत्रियों को संदेश दे दिया है कि 2024 में अपने लिए लोकसभा सीटों की तलाश शुरू कर दें, जहां से वे चुनाव लड़ सकते हैं. यही नहीं, इन मंत्रियों की सीटों को लेकर भी चर्चा होने लगी है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर दिल्ली की किसी सीट या फिर तमिलनाडु से चुनाव लड़ सकते हैं. धर्मेंद्र प्रधान  ओडिशा की ही किसी सीट से चुनाव में उतरने की संभावना है. मंत्री ज्योतिरादित्य ने सिंधिया ने तो तैयारी शुरू भी कर दी है. पिछले महीने ही मंच से उनका माफी वाला वीडियो भी आया था. 2019 में कांग्रेस के टिकट पर सिंधिया गुना सीट से चुनाव लड़े थे लेकिन बीजेपी के हाथों हार गए थे. बाद में सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए और राज्यसभा से सांसद बने. अब एक बार फिर वे लोकसभा की तैयारी कर रहे हैं. वित्त, कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारामन तमिलनाडु से चुनावी मैदान में आ सकती हैं. विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर तमिलनाडु से ताल ठोंक सकते हैं. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल महाराष्ट्र से लड़ सकते हैं. धर्मेंद्र प्रधान के उड़ीसा से चुनावी समर में उतरने की संभावना है. नारायण राणे – महाराष्ट्र  सर्बानंद सोनोवाल – असम अश्विनी वैष्णव – उड़ीसा हरदीप सिंह पुरी – पंजाब या जम्मू-कश्मीर मनसुख मंडाविया – ; गुजरात भूपेंद्र यादव – म; हरियाणा या राजस्थान परषोत्तम रुपाला -; गुजरात

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले महाराष्ट्र में सीएम की पसंद कौन हैं इसको लेकर चौंकाने वाले सर्वे के आंकड़े 

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे सबसे आगे चल रहे हैं जिन्हें ओपिनियन पोल में 26 फीसदी लोगों ने चुना है. मतलब महाराष्ट्र के 26 फीसदी लोग ये मानते हैं कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के अगले सीएम बनें. ओपिनियन पोल के अनुसार, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के वर्तमान सीएम से पिछड़ गए हैं. लेकिन वो एकनाथ शिंदे को कड़ी टक्कर देते हुए नजर आ रहे हैं. देवेंद्र फडणवीस को 23 फीसदी लोग चाहते हैं कि वो महाराष्ट्र के अगले सीएम बनें. फडणवीस लोगों की पसंद में दूसरे नंबर पर हैं  शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के पूर्व सीएम रह चुके हैं. उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र की 11 फीसदी जनता का साथ मिला है. कांग्रेस के अशोक चव्हाण को सिर्फ नौ फीसदी लोगों ने पसंद किया है. वहीं एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार को सात फीसदी लोगों ने चुना है. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एनसीपी से ये आवाज उठी थी कि एनसीपी अगले महाराष्ट्र सीएम उम्मीदवार होंगे और कई जगह उनके पोस्टर भी लगे थे. वहीं अन्य नेताओं को 24 फीसदी लोगों ने पसंद किया है.

मरांडी ने सीएम सोरेन को ‘एक्सीडेंटल सीएम’ बताया

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) पर एक बार फिर जोरदार निशाना साधा है. उन्होंने एक के बाद एक दो ट्वीट कर हेमंत सरकार को घेरा है. मरांडी ने सीएम सोरेन को ‘एक्सीडेंटल सीएम’ बताया है. साथ ही कहा है कि एक्सिडेंटल राजकुमार बहुत हताश, निराश, कुपित और व्यथित होकर कोपभवन में बैठे हैं. इससे पहले पूर्व सीएम मरांडी ने लोकसभा चुनावों को लेकर एकजुट हो रही विपक्षी एकता को लेकर निशाना साधा था. मरांडी ने 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर पटना में 23 जून को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक को लेकर कहा था कि ये वही लोग हैं जो परिवार और पैसे के लिए इकट्ठा हो रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने अपने पहले ट्वीट में लिखा है कि सोचता हूं कि एक्सिडेंटल राजकुमार हेमंत ने अपने पोषित “बिचौलियों” से कितने अवैध काम करवाए,  जबरदस्ती कब्जे से लेकर कूटरचित दस्तावेज तक बनवाए, फर्जी लोगों को मालिक बनाकर सेना की जमीनों को बिकवाया, दलालों से हर तरीके की मदद ली, लूट कर जब सब कुछ भर लिया तो एंट्री हो गई “ईडी” की. सूचना है कि एक्सिडेंटल राजकुमार बहुत हताश, निराश, कुपित और व्यथित होकर कोपभवन में बैठे हैं. इन दिनों लोगों से मिलना जुलना भी कम हो गया है. सही बात है, इतनी “तपस्या” से ग़रीबों का खून चूस कर बनाई गई बेहिसाब संपत्ति को ईडी झटके में एक के बाद एक ज़मींदोज़ करती जा रही है और इनके सारे लुटेरे बेईमान चेले-चटिये बारी-बारी से जेल जा रहे हैं, जाने वाले भी हैं. इसीलिए कहा गया है कर्म प्रधान विश्व रचि राखा -जो जस करहि सो तस फल चाखा. 

पूर्व सीएम मरांडी ने एक और ट्वीट करते हुए सीएम हेमंत सोरेन को घेरा. उन्होंने लिखा कि हाल -ए-हेमंत सरकार, सरकारी स्कूलों का हाल-शिक्षक नहीं हैं, पढ़ाई नहीं हो रही, सरकारी अस्पतालों का हाल- कुप्रबंधन, इलाज के अभाव में मरीजों की मृत्यु, बुनियादी सुविधाएं  राज्य में बिजली, पानी की भारी किल्लत, सरकारी दफ्तर- भयंकर भ्रष्टाचार, बिना “चढ़ावा” कोई काम नहीं, जनता के लिए काम -कोई काम नहीं, केवल वादाखिलाफी, युवाओं और छात्रों के लिए- केवल लाठी और मुकदमा, राज्य की आर्थिक स्थिति- बहुत खराब, राजस्व में अरबों रुपये का गोलमाल और दलालों- बिचौलियों की बल्ले बल्ले, मुखिया क्या कर रहे – कुछ नहीं, मुख्यमंत्री आवास में बैठकर जांच एजेंसियों से अपनी गर्दन बचाने का उपाय खोज रहे, फिर राज्य का क्या होगा?- भगवान भरोसे.

बीजेपी ने ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी के केंद्र सरकार पर लगाए गए आरोपों को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से भड़काया गया मामला बताया. इन दावों पर उद्धव ठाकरे गुट की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सवाल खड़े किए हैं. 

शिवसेना के उद्धव गुट की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि क्या ये पीएम और सरकार की शानदार विफलता नहीं है कि राहुल गांधी बिना किसी पद के ही तारों को खींच रहे हैं. केंद्र सरकार की ओर से जैक डॉर्सी के सनसनीखेज दावों को खारिज कर दिया था. इसके बाद विपक्ष और सरकार के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है.

बीजेपी नेता संबित पात्रा ने ट्विटर पर एक कार्टून पोस्ट किया था. इस कार्टून में राहुल गांधी एक कठपुतली चलाने वाले के तौर पर दिखाए गए हैं. वहीं, जैक डॉर्सी को कठपुतली के तौर पर दिखाया गया है. जिसके डोर राहुल गांधी के हाथों में दिखाई गई है.  संबित पात्रा ने ये कार्टून पोस्ट करने के साथ लिखा कि अनुमान लगाने की कोई जरूरत नहीं है, हम सभी जानते हैं कि डोर कौन खींच रहा है. ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी ने किसान आंदोलन से जुड़े मामलों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ कई सनसनीखेज दावे किए.   शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘वो सांसद नहीं हैं. वो मंत्री नहीं हैं. वो प्रधानमंत्री नहीं हैं. न विपक्षी पार्टी के अध्यक्ष हैं. एक नागरिक है और इस ट्वीट के हिसाब से वो फिर भी डोर खींच रहे हैं. क्या ये पीएम और सरकार की विफलता नहीं है.’ ट्विटर के को-फाउंडर रहे जैक डॉर्सी ने एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार ने ट्विटर को उसके कर्मचारियों पर छापा मारने और ऑफिस को बंद करने की धमकी दी थी. उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने कुछ लोगों के अकाउंट बंद करने का दबाव बनाया था.

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