अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन और अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर उद्घाटन; 2024 के चुनाव के लिए मंच तैयार
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन से पहले इसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है. #पीएम मोदी ने अबू धाबी में BAPS हिंदू मंदिर का उद्घाटन करने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया #सैम पित्रोदा भी मंदिर के राष्ट्रीय मुद्दा बनने से परेशान # सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दल इस पर भी एक-दूसरे को घेर रहे हैं. शशि थरूर ने अयोध्या राम मंदिर के 22 जनवरी को उद्घाटन और इसके कुछ दिन बाद अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर के उद्घाटन को लेकर कहा है कि ये दोनों आयोजन 2024 के चुनाव के लिए मंच तैयार करेगा. शशि थरूर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि इसके तुरंत बाद चुनाव की तारीखें घोषित की जाएंगी. थरूर ने कहा कि 2024 के लिए नरेंद्र मोदी संदेश देना चाहते हैं कि वह एक हिंदू हृदय सम्राट हैं,
Logon www.himalayauk.org (Leading Newsportal & Daily Newspaper & youtube Channel) चन्द्रशेखर जोशी की विशेष रिपोर्ट मो0 9412932030
लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटें यूपी (80), महाराष्ट्र (48), पश्चिम बंगाल (42), बिहार (40) और तमिलनाडु (39) में हैं. इन टॉप 5 राज्यों में से 3 राज्यों में इंडिया गठबंधन की तो 2 राज्यों में एनडीए की सरकार है. विपक्ष की 2 बड़ी खामियां सामने आई है. पहली बड़ी खामी एकजुटता को लेकर है. सर्वे में पूछा गया कि चुनाव तक विपक्षी गठबंधन INDIA एकजुट रह पाएगा? तो 50 फीसदी लोगों ने नहीं में और 37 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया. जानकारों का कहना है कि हर मीटिंग के बाद कलह की खबरें जिस तरह से सामने आती है, इससे जनता के बीच गलत संदेश जाता है.
बीजेपी ने 2024 में 50 प्रतिशत वोट लाने का लक्ष्य रखा है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने के लिए बीजेपी ने शिगूफा छोड़ा है, जिससे बिखरा विपक्ष बैकफुट पर चला जाए. एबीपी-सी वोटर ओपिनियन पोल के आंकड़े भी बीजेपी के पक्ष में ही दिख रहे हैं. ओपिनियन पोल के इस आंकड़े के मुताबिक अगर अभी चुनाव हुए, तो बीजेपी को 295-335 सीटें मिल सकती है. इस ओपिनियन पोल में विपक्ष को अधिकतम 205 सीटें मिलने की संभावनाएं जताई गई है. असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, पूर्वोत्तर, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की 153 सीटों पर अन्य पार्टियां काफी महत्वपूर्ण है. ओपिनियन पोल के मुताबिक यहां एनडीए को 42 प्रतिशत वोट मिल सकता है, जिससे वो 80-90 सीटें आसानी से जीत सकती है. भारत के उत्तर भाग में स्थित दिल्ली, हरियाणा, यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, कश्मीर, एमपी, राजस्थान और हिमाचल में लोकसभा की कुल 180 सीटें हैं. ओपिनियन पोल डेटा के मुताबिक लोकसभा चुनाव में इन राज्यों से एनडीए गठबंधन को 150-160 सीटें मिल सकती है. इंडिया को 20-30 सीट मिलने की बात कही गई है. इन राज्यों के औसत वोट प्रतिशत में भी काफी अंतर है. एनडीए को इन राज्यों में 50 प्रतिशत तो इंडिया को 36 प्रतिशत वोट मिलने की संभावनाएं व्यक्त की गई है.
बीजेपी की रणनीति और आंकड़ों के इतर कुछ समीकरण विपक्ष का हौसला बढ़ाने वाला है राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इंडिया गठबंधन अगर इन राज्यों में अपना समीकरण दुरुस्त कर लेता है और छोटी पार्टियों का वोट 4-5 प्रतिशत तक शिफ्ट करा लेता है, तो यहां सीटों का हिसाब-किताब उलट सकता है. उत्तर भाग के अधिकांश राज्यों में एनडीए के बीजेपी का सीधा मुकाबला इंडिया के कांग्रेस से है. इनमें एमपी, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रमुख है. इन राज्यों में पिछले चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट मिली थी. कांग्रेस अगर इस बार यहां अच्छा प्रदर्शन करती है, तो 2024 का खेल पलट सकता है.
राजस्थान में वसुंधरा और मध्य प्रदेश में शिवराज के मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से लोकसभा चुनाव में बीजेपी को नुकसान हो सकता है. दोनों ही राज्यों में बीजेपी ने नए चेहरे को सीएम की कुर्सी सौंपी है. पिछले चुनाव में दोनों ही राज्यों में बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की थी. सी-वोटर के मुताबिक 44.4 प्रतिशत लोगों का कहना है कि कांग्रेस को इन राज्यों में नई लीडरशिप से लोकसभा चुनाव में फायदा होगा. विपक्ष अगर इन समीकरण को साधने में कामयाब हो जाता है, तो वो मोदी के विजयी रथ को रोक सकती है. इंडिया गठबंधन को 38 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान जताया गया है. लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटें यूपी (80), महाराष्ट्र (48), पश्चिम बंगाल (42), बिहार (40) और तमिलनाडु (39) में हैं. इन टॉप 5 राज्यों में से 3 राज्यों में इंडिया गठबंधन की तो 2 राज्यों में एनडीए की सरकार है. इंडिया गठबंधन को इन राज्यों में 50-60 सीटें मिलने की बात कही गई है. अन्य पार्टियों के खाते में 20 प्रतिशत वोट और 10-20 सीटें जाने की संभावनाएं जताई गई है.
सी-वोटर के मुताबिक 30.04 % लोगों का कहना है कि राजस्थान में वसुंधरा और मध्य प्रदेश में शिवराज के मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से लोकसभा चुनाव में बीजेपी को नुकसान हो सकता है. दोनों ही राज्यों में बीजेपी ने नए चेहरे को सीएम की कुर्सी सौंपी है. पिछले चुनाव में दोनों ही राज्यों में बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की थी. 2. सी-वोटर के मुताबिक 44.4 प्रतिशत लोगों का कहना है कि कांग्रेस को इन राज्यों में नई लीडरशिप से लोकसभा चुनाव में फायदा होगा. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में जीतू पटवारी और छत्तीसगढ़ में दीपक बैज को प्रदेश की कमान सौंपी है. हरियाणा और हिमाचल में कांग्रेस 2019 के मुकाबले मजबूत हुई है. हिमाचल में तो पार्टी की सरकार है. 2019 में इन दोनों राज्यों के 14 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी.
दक्षिण के 5 राज्यों में बीजेपी की हालत ठीक नहीं है. यहां इंडिया गठबंधन चाहे, तो क्लीन स्वीप भी कर सकता है. सी-वोटर ओपिनियन पोल के मुताबिक दक्षिण के 5 राज्यों में एनडीए को 20-30 सीटें मिल सकती है. इंडिया गठबंधन को 70-80 और अन्य पार्टियों को 25-35 सीटें मिलने की बात कही गई है. बीजेपी सिर्फ कर्नाटक और तेलंगाना में ही मजबूत स्थिति में है. अगर कांग्रेस यहां मोर्चाबंदी करती है, तो दक्षिण में बीजेपी को काफी नुकसान हो सकता है. पिछली बार बीजेपी को दक्षिण भारत के कर्नाटक में 25 और तेलंगाना में 4 सीटें मिली थी. दोनों ही राज्यों में 2019 की तुलना में कांग्रेस मजबूत हुई है. कर्नाटक और तेलंगाना में वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है.
सर्वे में 34 प्रतिशत लोगों ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए उपर्युक्त चेहरा माना, जबकि 13 प्रतिशत ने सीएम अरविंद केजरीवाल, 10 प्रतिशत ने नीतीश कुमार, 9 प्रतिशत ने ममता बनर्जी का नाम लिया. विपक्ष को चुनाव से पहले इस विवाद को पूरी तरह सुलझाना होगा और सभी बड़े नेताओं को अपने समर्थकों को मजबूत संदेश देना होगा, तभी बात बन सकती है.
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन से पहले इसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है. सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दल इस पर भी एक-दूसरे को घेर रहे हैं. अब कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने मंदिर के बहाने बीजेपी और नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है.
शशि थरूर ने अयोध्या राम मंदिर के 22 जनवरी को उद्घाटन और इसके कुछ दिन बाद अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर के उद्घाटन को लेकर कहा है कि ये दोनों आयोजन 2024 के चुनाव के लिए मंच तैयार करेगा. शशि थरूर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि इसके तुरंत बाद चुनाव की तारीखें घोषित की जाएंगी. थरूर ने कहा कि 2024 के लिए नरेंद्र मोदी संदेश देना चाहते हैं कि वह एक हिंदू हृदय सम्राट हैं, लेकिन उन्होंने सवाल किया कि अच्छे दिनों का क्या हुआ? एक तरफ जहां विपक्ष इस बात पर बंटा हुआ है कि इस कार्यक्रम में शामिल होना है या नहीं, तो वहीं पीएम मोदी ने अबू धाबी में BAPS हिंदू मंदिर का उद्घाटन करने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है, जो संयुक्त अरब अमीरात में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा.
थरूर ने आगे कहा “2019 में जब विनाशकारी नोटबंदी की वजह से चिजें गलत जा रहीं थीं, तब पुलवामा आतंकवादी हमले को नरेंद्र मोदी ने आम चुनाव में राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल बनाते हुए इसे जमकर भुनाया. अब 2024 में यह साफ है कि भाजपा अपने मूल रूप में वापस आ जाएगी. नरेंद्र मोदी को हिंदू हृदय सम्राट के रूप में पेश किया जाएगा. कांग्रेस सांसद ने कहा, 2024 का चुनाव हिंदुत्व बनाम लोकप्रिय कल्याण का होता जा रहा है. पर सवाल ये उठता है कि अच्छे दिनों का क्या हुआ? प्रति वर्ष 2 करोड़ नौकरियों का क्या हुआ? आर्थिक विकास का क्या हुआ जिससे सामाजिक-आर्थिक सीढ़ी के निचले पायदानों को फायदा होगा? खर्च योग्य आय को जेब में डालने का क्या हुआ और हर भारतीय के बैंक खाते में 15-15 लाख का क्या हुआ?”
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा कि राम मंदिर उद्घाटन का राष्ट्रीय मुद्दा बनना उन्हें परेशान करता है. शशि थरूर ने भी इसी तरह की राय व्यक्त की और कहा कि धर्म एक व्यक्तिगत मुद्दा है और वह भी राम मंदिर का दौरा करना चाहेंगे, लेकिन 2024 के चुनाव से पहले उद्घाटन के दिन नहीं.
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