उ0प्र0 में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी

सोशल मीडिया पर बीजेपी का वॉर रूम # Execlusive: www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal) 

बीजेपी, सपा, बसपा, कांग्रेस लगातार एक्टिव हैं। सोशल मीडिया का वॉर रूम बनाया गया है, कन्‍टेट तैयार कर हजारो Whatsapp ग्रुप में भेजा जा रहा है। फेसबुक पर बीजेपी उ0 प्र0 की बनाई गई 16 हजार आईडी पर कन्‍टेंट को अपलोड किया जा रहा है। बीजेपी ने अपने यूपी आईटी सेल को 8 भागों में बांटा है। पार्टी ने यूपी को 1470 ब्लॉक और 92 जिले में बांटा है। सोशल मीडिया को लीड करने के लिए प्रदेश में 25 पदाधिकारी हैं, जिनका काम इन सभी के साथ को-ऑर्डिनेट करना है। बीजेपी के बांटे गए 6 क्षेत्रों जैसे काशी प्रांत, पश्चिम प्रांत, ब्रज प्रांत, कानपुर, अवध, गोरखपुर की ये पदाधिकारी मॉनिटरिंग करते हैं। बीजेपी अलग-अलग प्रांत के हिसाब से Whatsapp ग्रुप और फेसबुक आईडीज से जुड़े लोगों और वर्कर्स से बात करती है। बीजेपी अपने फेसबुक पेज पर हर रोज 10 पोस्ट डालती है। इन पोस्‍ट में पॉलिटिकल ट्रेंड के हिसाब से बीजेपी का पॉजिटिव वर्जन दिखाया जाता है। चाहे वो सपा का फैमिली मैटर हो या बसपा-कांग्रेस का मजाक उड़ाना। सभी 16 हजार फेसबुक आईडी पर एक साथ 10 पोस्ट की जाती हैं। बूथ लेवल पर काम कर रहे 1 लाख सोशल मीडिया से जुड़े कार्यकर्ताओं को उसे शेयर, लाइक और कमेंट करवाकर लोगों तक पहुंचाया जाता है। इसी तरह Whatsapp पर भी रोजना 10 पोस्ट टाइमली पोस्‍ट किया जाता है, जिसे दूसरे ग्रुप से जुड़े लोगों तक पहुंचाया जाता है। कन्‍टेंट को शेयर करते समय इस बात का ध्‍यान रखा जाता है कि फाइल छोटी से छोटी साइज की हो। कन्‍टेंट में मोदी सरकार की पॉलिसीज को सर्वोपरि बताया जाता है। ये बातें ज्‍यादातर मजाकिया लहजे में होती हैं जैसे राहुल गांधी पर कमेंट, केजरीवाल पर जोक्स, मायावती और मुलायम पर कार्टून आदि।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी की तरफ से यूपी विधानसभा चुनाव के लिए स्थानीय नेताओं पर ही ज्यादा भरोसा किया जा रहा है. पार्टी प्रदेश स्तर के नेताओं को ही चुनाव प्रचार की कमान सौंप रही है. साथ ही, संगठन की जिम्मेदारी भी प्रदेश के नेता ही संभालेंगे. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के यूपी के नेता और सभी सांसदों को अपने-अपने क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है. पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही स्टार प्रचारक होंगे लेकिन, पार्टी उनकी ताबड़तोड़ रैली कराने के बजाए सीमित संख्या में ही रैलियों को कराने पर विचार कर रही है. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी यूपी के सात चरणों के चुनाव में कुल दस से बारह रैली कर सकते हैं, जिसमें हर चरण में कम-से-कम एक रैली होगी. अभी हाल ही में खत्म हुई बीजेपी की परिवर्तन रैली अभियान में मोदी ने सात रैली की थी.
बीजेपी को लगता है कि भले ही पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में किसी चेहरे को नहीं उतारा है. लेकिन, यूपी के ही अलग-अलग क्षेत्रों और अलग-अलग तबके के नेताओं को प्रचार की कमान देकर पार्टी उनके प्रभाव का फायदा उठा सकती है. बिहार विधानसभा चुनाव के बाद असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने स्थानीय नेताओं को आगे कर ही चुनाव लड़ा था. इसका फायदा भी हुआ. हालाकि, असम की तरह यूपी में मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा बीजेपी ने घोषित नहीं किया है. बीजेपी को लगता है कि समाजवादी कुनबे की कलह से यूपी में उसकी राह आसान हो सकती है. लिहाजा पार्टी की तरफ से इस बार नकारात्मक के बजाए सकारात्मक चुनाव प्रचार की रणनीति पर जोर दिया जा रहा है.
बिहार और दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने लालू-नीतीश और केजरीवाल के उपर सीधा हमला किया था. लेकिन, पार्टी की अति आक्रामकता नकारात्मकता में तब्दील हो गई थी. जिसका खामियाजा भुगतना भी पड़ा था.
अब पार्टी इससे सबक लेकर सकारात्मक सोंच के साथ विकास को सबसे बड़ा मुद्दा बनाकर आगे बढ़ना चाहती है.

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