देदून बल्लीवाला फ्लाई ओवर ;मौत का फ्लाईओवर

देदून बल्लीवाला फ्लाई ओवर में हो रही लगातार हो रही मौतों का जिम्‍मेदार कौन ? #जन संघर्ष मोर्चा   के सुलगते सवाल-#फ्लाईओवर पर 8 लोगों की मौत # बल्लीवाला फ्लाई ओवर में हो रही मौतों के सौदागर कौन # #तत्कालीन बहुगुणा सरकार और महाधिवक्ता  उनियाल को बताया जिम्‍मेदार # ४ लेन के फ्लाई ओवर को किया बगैर टैण्डर के EPIL कम्पनी के नाम # फ्लाई ओवर बना मात्र २ लेन #जन संघर्ष मोर्चा ने मा० न्यायालय के समक्ष रखा था मामला # जन संघर्ष मोर्चा के सुलगते सवाल # देदून बल्लीवाला फ्लाई ओवर में  आगेे कोई दुर्घटना नही होगी- कौन देगा- इस की गारंटी  #

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देहरादून- ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए बना बल्लीवाला फ्लाईओवर मौत का फ्लाईओवर बन गया है. बल्लीवाला फ्लाईओवर के इसी मोड़ पर कई हादसे हो चुके हैं. जिसमें अब तक आठ लोगों की मौत हो गई है. इस फ्लाई ओवर का उद्घाटान 25 जुलाई 2016 को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया था. उन्होंने उदघाटन के मौके पर ही फ्लाईओवर की बनावट को लेकर सवार उठाए थे और दीवारों को ऊंचा करने के निर्देश दिए थे.  जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी०एम०वी०एन० के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुखिया श्री बहुगुणा व तत्कालीन महाधिवक्ता श्री यू०के० उनियाल ने मा० उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री वारिन घोष को गुमराह कर कम्पनी से मोटी रकम लेकर ब्लैक लिस्टेड कम्पनी के खिलाफ दायर जनहित याचिका को ही खारिज करा दिया था।

फ्लाईओवर का निर्माण सीपीआईएल कंपनी ने किया है, एनएच का कार्य मॉनिटिरिंग करना था। मानकों के अनुसार फ्र्लाओवर का कार्य ठीक हुआ है। सुरक्षा के दृष्टिगत फ्लाईओवर पर जाल लगा दिया गया है। बल्लीवाला फ्लाईओवर पर सुरक्षा इंतजाम न होने के चलते आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और विभागीय अधिकारियों की है।  फ्लाईओवर का निर्माण ही गलत तरीके से हुआ है। उक्त स्थान की चौड़ाई कम होने के बाद भी निर्माण कर दिया गया। अगर प्रशासन शुरुआती दौर में ही सख्ती बरतता तो इस तरह की दिक्कत न आती। फ्लाईओवर कतई सुरक्षित नहीं है, ये इतना संकरा है कि लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं. बल्लीवाला फ्लाई ओवर की पहचान खूनी फ्लाई ओवर के रूप में है। करीब एक साल में इस फ्लाईओवर से गिरकर आठ लोग जान गवां चुके हैं। इसके बावजूद हाइवे प्रशासन सबक नहीं ले रहा है।

 बल्लीवाला से बल्लूपुर चौक तक वाहनों की आवाजाही में सहूलियत के लिहाज से देदून में बल्लीवाला फ्लाईओवर बनना शुरू हुआ था।  फ्लाईओवर पर वाहन दौड़ने लगे। तब से लेकर अब तक फ्लाईओवर पर 8 लोगों की मौत हादसों में हो चुकी है। इतना ही नहीं हादसों में यहां गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। इतने हादसों का कारण फ्लाईओवर के तीखे मोड़ और इसका संकरा होना बताया जाता है। जरूरत इस बात की महसूस की जा रही है कि फ्लाईओवर पर सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता किए जाएं, अगर फ्लाईओवर की बनावट में कोई तकनीकी कमी है तो उसे दुरुस्त करने की मांग भी दूनाइट्स कर रहे हैं। 

           नेगी ने कहा कि जनता के हितों को लेकर मोर्चा द्वारा मा० उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गयी थी, जिसमें तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुखिया श्री बहुगुणा द्वारा साठगाँठ कर ४ लेन के फ्लाई ओवर को बिना टेण्डर प्रकि्रया अपनाये व उस फ्लाई ओवर को २ लेन में परिवर्तित किये जाने को मा० न्यायालय में चुनौती दी थी। उस वक्त मोर्चा द्वाा सडक पर भी आन्दोलन चलाया गया थ कि इस प्रकार के २ लेन फ्लाई ओवर से लोगों के जीवन से खिलवाड हो सकता है क्योंकि ये ईपीआईएल कम्पनी ब्लैक लिस्टेड कम्पनी है तथा उक्त फ्लाई ओवर को ४ लेन का ही बनाया जाए

          नेगी ने हैरानी जतायी तथा कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि उत्तराखण्ड के तत्कालीन महाधिवक्ता श्री उनियाल ने उक्त फ्लाई ओवर सम्बन्धी जाँच को अलग दिशा में दर्शा कर मा० न्यायालय को गुमराह कर मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी की ही जाँच करा दी। उक्त जाँच में पूरी सरकार लगी तथा मा० न्यायालय ने भी अपनी नजर टेडी की लेकिन बावजूद इसके रघुनाथ सिंह नेगी मोर्चा अध्यक्ष को क्लीन चिट देनी पडी।

          नेगी ने कहा कि मा० न्यायालय ने अन्त में यह कहकर याचिका खारिज कर दी कि याचिकाकर्ता राजनीतिक व्यक्ति है।

जन संघर्ष मोर्चा अध्‍यक्ष  श्री रघुनाथ नेगी द्वारा प्रेषित प्रेस रिलीज 

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