पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी बंगले के लिए हकदार नहीं ;सुप्रीम कोर्ट

CM EXउत्‍तराखण्‍ड में पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को सरकारी बंगला छोडना पडेगा-‘ सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश यूपी के संबंध में दिया है, पर यह फैसला अन्य राज्यों पर भी लागू होगा. Execlusive Report: www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal)
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए उत्तर प्रदेश के छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि दो महीने के भीतर बंगले को खाली कर दिया जाए.
अब इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, मुलायम सिंह यादव, मायावती, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह, एनडी तिवारी और रामनरेश को सरकारी बंगला छोड़ना पड़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी बंगले के लिए हकदार नहीं हैं. लिहाजा वे दो महीने के अंदर उन्हें खाली कर दें. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला एक गैर सरकार संस्था ‘लोक प्रहरी’ द्वारा दायर की गई एक याचिका पर आया है.
माना जा रहा है कि अब यह फैसला अन्य राज्यों पर भी लागू होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से 2 महीने में सरकारी बंगला खाली करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को 2 महीने में बंगला खाली करना होगा। उत्तर प्रदेश के 6 पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जीवन भर सरकारी आवास के पात्र नहीं हैं। न्यायमूर्ति अनिल आर दवे की अध्यक्षता वाली पीठ ने वर्ष 2004 की एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसा कोई भी सरकारी आवास दो से तीन माह के भीतर खाली कर दिया जाना चाहिए। इस पीठ में न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव भी थे। पीठ ने कहा, ‘उन लोगों के पास जीवन भर के लिए सरकारी आवास को अपने पास रखे रहने का अधिकार नहीं है।’ यह फैसला उत्तरप्रदेश के गैर सरकारी संगठन लोक प्रहरी की ओर से दायर याचिका पर आया है। इस याचिका में सरकारी बंगले पूर्व मुख्यमंत्रियों को और अन्य ‘अयोग्य’ संगठनों को आवंटित किए जाने के खिलाफ निर्देश जारी करने की मांग की गई थी। लोक प्रहरी ने आरोप लगाया था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद उत्तरप्रदेश सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगले आवंटित करने के लिए ‘पूर्व मुख्यमंत्री आवास आवंटन नियम, 1997 (गैर विधायी) बना दिया।
एनजीओ ने दावा किया था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले आवंटित करने के लिए वर्ष 1997 में बनाए गए नियम असंवैधानिक और अवैध थे और जो लोग उनमें रह रहे हैं, वे उत्तरप्रदेश सार्वजनिक परिसर (अनाधिकृत कब्जाधारकों के निष्कासन) कानून के तहत अनाधिकृत कब्जाधारक हैं। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि पद छोड़ने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा सरकारी आवास को अपने पास रखे रहना उत्तरप्रदेश मंत्री (वेतन-भत्ते एवं अन्य सुविधाएं) कानून के प्रावधानों के खिलाफ है। इस याचिका पर फैसला 27 नवंबर 2014 को सुरक्षित रख लिया गया था।
इन पूर्व मुख्यमंत्रियों में नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, राजनाथ सिंह, मायावती, कल्याण सिंह और राम नरेश यादव के नाम हैं। यूपी में पूर्व मुख्यमंत्रियों को ताउम्र बंगला मिलने का प्रावधान सरकार ने किया हुआ था। इसी प्रावधान के तहत मायावती, मुलायम, राजनाथ जैसे पूर्व CM के पास दो-दो सरकारी आवास थे। कोर्ट के इस आदेश के बाद इन सभी को 2 महीने में सरकारी आवास खाली करना होगा।

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