13 JULY ; गुरु पूर्णिमा ; गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः।। & ग्रहों का शुभ संयोग

SPECIAL; सावन माह में अगर भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग का दर्शन किया जाए तो कहते है कि सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। धर्मानुसार देश में भगवान शिव शिवलिंग रुप में 12 स्थानों पर विराजमान है- Presents by Chandra Shekhar Joshi Chief Editor

गुरु पूर्णिमा मंत्र | Guru Purnima Mantra;
– गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः
ओम गुरुभ्यो नमः। – ओम परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ।
ओम वेदाहि गुरु देवाय विद्यहे परम गुरुवे धीमहि तन्नोः प्रचोदयात्। – ओम गुं गुरुभ्यो नमः।

13 July 2022: आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा और बुधवार का दिन है। पूर्णिमा आज रात 12 बजकर 8 मिनट तक रहेगी। आज दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक इन्द्र योग रहेगा। साथ ही आज रात 11 बजकर 19 मिनट तक पूर्वाषाढा नक्षत्र रहेगा

 आज 13 जुलाई 2022 बुधवार ( Wednesday) का दिन है। आषाढ़ मास ( Ashadh Month) की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 12:06 AM, July 14 तक है। सूर्य मिथुन राशि पर योग-वैधृ  -वैधृति करण-विष्टि और बव आषाढ़ मास है, आज का दिन बहुत ही शुभ फलदायक है।

गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुों की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में गुरु को विशेष दर्जा दिया गया है। आषाढ़ पूर्णिमा गुरु वेद व्‍यास का जन्‍मदिन भी है और उनको ही यह पर्व समर्पित है। महर्षि वेद व्‍यास ने ही वेद-पुराणों  की रचना की है। इस साल 13 जुलाई 2022, बुधवार को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस गुरु पूर्णिमा पर 4 बेहद शुभ राजयोग बन रहे हैं। 


गुरु पूर्णिमा का पर्व 13 जुलाई को मनाया जाएगा. रुचक, भद्र, हंस और शश नाम के चार विशेष योग इस बार गुरु पूर्णिमा को खास बना रहे हैं.  

वेदों के रचयिता वेद व्यास को मानते हैं. मान्यता है कि वेद व्यास का जन्म आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को हुआ था. उन्हीं की जयंती के उपलक्ष्य में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का बहुत ही महत्व है. इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व 13 जुलाई 2022 दिन बुधवार को है. गुरु पूर्णिमा के दिन लोग गंगा नदी या किसी अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं तथा उसके बाद जरूरत मंद लोगों को दान देते हैं. इससे भक्तों पर गुरु की विशेष कृपा रहती है. उनकी कुंडली से गुरु दोष समाप्त हो जाता है. गुरु पूर्णिमा पर गुरु, मंगल, बुध और शनि ग्रह के शुभ संयोग से रुचक, शश, हंस और भद्र नामक राजयोग का निर्माण हो रहा है. इस राज योग के कारण यह गुरु पूर्णिमा विशिष्ट महत्त्व की हो गई है. धार्मिक मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन से जातक की कुंडली में गुरु दोष व पितृदोष समाप्त होता है. उन्हें नौकरी, करियर व व्यापार में अत्यधिक लाभ मिलता है.

पूर्णिमा तिथि 13 जुलाई को रात्रि के 12:06 बजे तक है. इसके उपरांत सावन का प्रवेश हो जाएगा और उदया तिथि में 14 जुलाई से सावन के महीने का प्रारंभ होगा.

पंचांग के अनुसार, गुरु पूर्णिमा 12 जुलाई को रात्रि में 2 बजकर 35 मिनट से शुरू हो रही है. इसलिए उदया तिथि में 13 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा. गुरु पूर्णिमा का स्नान पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ होते ही शुरू हो जाएगा. गुरु पूर्णिमा के स्नान – दान का उत्तम शुभ मुहूर्त सूर्योदय के पहले तक माना जाता है. वैसे पूर्णिमा तिथि 13 जुलाई को रात्रि के 12:06 बजे तक है. इसके उपरांत सावन का प्रवेश हो जाएगा और उदया तिथि में 14 जुलाई से सावन के महीने का प्रारंभ होगा.

इस दिन केसर का तिलक लगाना चाहिए और पीली वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है। इस दिन गीता पाठ करना अति उत्तम माना गया है। इस दिन पिता, गुरु व दादा का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। इस दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना शुभ माना जाता है। गुरु पूर्णिमा के दिन चांदी या पीतल की कोई वस्तु खरीदनी चाहिए। इस दिन कॉपी-किताबें या स्टेशनरी का समान खरीदना शुभ माना जाता है।

गुरु पूर्णिमा का स्नान-दान: 13 जुलाई को सुबह करीब 4 बजे प्रारंभ

इन्द्र योग: 13 जुलाई को दोपहर 12:45 बजे तक

चन्द्रोदय समय: 13 जुलाई, शाम 07:20 बजे

भद्राकाल: 13 जुलाई को सुबह 05 बजकर 32 मिनट से दोपहर 02 बजकर 04 मिनट तक

राहुकाल: 13 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 27 मिनट से दोपहर 02 बजकर 10 मिनट तक


 जिसके प्रति मन में सम्मान होता है  जिसकी डांट में भी एक अद्भुत ज्ञान होता है   जन्म देता है कई महान शख्सियतों को  वो गुरु तो सबसे महान होता है

पंचांग के मुताबिक़, गुरु पूर्णिमा के दिन सूर्य, शुक्र और बुध ग्रह मिथुन राशि में विराजमान रहेंगे. 3 ग्रहों के एक ही राशि में होने से त्रिग्रही योग का निर्माण होता है. ज्योतिष के अनुसार त्रिग्रही योग बहुत शुभ फलदायी होता है. इस अद्भुत संयोग का कुछ राशियों पर बेहद शुभ प्रभाव पडेगा. इन राशियों को भरपूर धनलाभ होगा. मिथुन राशि: इस दौरान मिथुन राशि के जातकों को भाग्य का पूरा साथ मिलेगा. आर्थिक आयु में वृद्धि होगी. खर्चों पर अंकुश लगेगा. बचत बढ़ेगी. परिवार में चली आ रही समस्याओं का समाधान मिलेगा. वैवाहिक और पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा.  तुला राशि: इन जातकों को नौकरी मिलने के आसार हैं. लम्बे समय से अटका हुआ कार्य पूरा होगा. आर्थिक लाभ होने के योग बनें हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वालों के लिए यह समय अनुकूल है. उन्हें शुभ समाचार मिल सकता है.   धनु राशि: धनु राशि वालों के लिए यह समय उत्तम रहेगा. इन्हें कार्यस्थल पर तारीफ मिल सकती है.  इनके बॉस इनके कार्यों से अति प्रसन्न रहेंगे. जो स्टूडेंट्स सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहें हैं. उन्हें शुभ समाचार मिले सकता है. जो लोग प्रॉपर्टी में निवेश करना चाहते हैं. उनके लिए निवेश लाभदायी होगा. इस राशि के लोग भवन या नया वाहन खरीद सकते हैं.

  पंचांग (Panchang) का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है. इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है.

13 July 2022: आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा और बुधवार का दिन है। पूर्णिमा आज रात 12 बजकर 8 मिनट तक रहेगी। आज दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक इन्द्र योग रहेगा। साथ ही आज रात 11 बजकर 19 मिनट तक पूर्वाषाढा नक्षत्र रहेगा। इसके अलावा आज आषाढ़ी पूर्णिमा है। 

 गुरु पूर्णिमा के दिन पैसों की तंगी दूर करने के लिए जरूरतमंद लोगों को चने की दाल दान करें। पीली मिठाई देने से भी गुरु मजबूत होंगे और आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। सफलता के लिए उपाय; इस दिन लक्ष्‍मीनारायण मंदिर में कटा हुआ गोल नारियल अर्पित करें। भगवान विष्‍णु की पूजा करें, साथ ही दान करें। पीली मिठाई-वस्‍त्रों का दान करना सबसे अच्‍छा रहेगा। ऐसा करने से कुंडली में गुरु दोष भी दूर होगा और किस्‍मत का भी साथ मिलने लगेगा।

शादी में आ रही रुकावट दूर करने का उपाय;  शादी में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए गुरू पूर्णिमा के दिन गुरु यंत्र स्‍थापित करें। रोजाना गुरु यंत्र की विधिवत पूजा करें। ऐसा करते ही जल्‍द ही शादी पक्की होगी।

विद्यार्थियों के लिए उपाय ; जिन लोगों को पढ़ाई में दिक्‍कत आ रही है या मनमाफिक सफलता नहीं मिल रही है वे गुरु पूर्णिमा के दिन गाय की सेवा करें। गुरु का सम्‍मान करें। हो सके तो गीता का कुछ हिस्‍सा रोज पढ़ें। तेजी से लाभ होगा। गुरू पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा करके आशीर्वाद लें। उन्‍हें पीले वस्‍त्र दान करें। ऐसा करने से तेजी से भाग्‍योदय होगा। 

शुभ मुहूर्त

  • पूर्णिमा तिथि – आज  रात 12 बजकर 8 मिनट तक
  • इन्द्र योग –  आज दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक
  • पूर्वाषाढा नक्षत्र –  आज रात 11 बजकर 19 मिनट तक 

राहुकाल

  • दिल्ली– दोपहर 12:27 से दोपहर 02:10 तक
  • मुंबई– दोपहर 12:44 से दोपहर 02:23 तक
  • चंडीगढ़- दोपहर 12:28 से दोपहर 02:13 तक
  • लखनऊ– दोपहर 12:12 से दोपहर 01:55 तक
  • भोपाल- दोपहर 12:26 से दोपहर 02:07 तक
  • कोलकाता– दोपहर पहले 11:42 से दोपहर 01:23 तक
  • अहमदाबाद– दोपहर 12:45 से दोपहर 02:26 तक
  • चेन्नई– दोपहर 12:14 से दोपहर 01:51 तक

सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

  • सूर्योदय- सुबह 5:32 बजे 
  • सूर्यास्त- शाम 7:21 बजे

शास्त्रों में कुछ वस्तुओं का जिक्र है जिन्हें अगर आप सावन में घर ले आएं

शिव भक्तों के लिए सावन का महीना महत्वपूर्ण माना जाता है. चारों ओर भगवान भोलेभंडारी की कृपा पाने के लिए पूजा-पाठ, व्रत, साधना की जाती है. मान्यता है कि सावन के पवित्र माह में भक्तों की मनोकामना शिव जी जल्द सुनते हैं. ऐसे में शास्त्रों में कुछ वस्तुओं का जिक्र है जिन्हें अगर आप सावन में घर ले आएं तो भोलेनाथ की कृपा से भाग्योदय होता है. आइए जानते हैं सावन में कौन सी चीजें खरीदने से शिव जी प्रसन्न होते हैं.

त्रिशूल को तीन देव और तीनों लोकों का प्रतीक माना गया है. इसके घर में होने से अपदाओं का डर नहीं रहता. तांबे या चांदी का त्रिशूल घर में रखना शुभ माना गया है. शिव जी का त्रिशूलबुरी शक्तियों से  घर और परिवार की रक्षा करता है.

रुद्राक्ष स्वंय शिव जी का पर्याय माना गया है. इसे सावन में शुभ मुहूर्त में घर लाने से व्यक्ति के तरक्की के रास्ते खुल जाते हैं. साथ ही सावन में रुद्राक्ष की माला धारण करने से समस्त बीमारियों का नाश होता है. घर में रुद्राक्ष रखने से सकारात्मकता आती है.

कहते है शिव जी की रमाई भस्म को घर में रखने से दरिद्रता कभी नहीं आती. इसे सावन के किसी भी सोमवार के दिन शिव मंदिर से ले आएं और एक चांदी की डिब्बे में रख दें. पूरे महीने उसे शिव पूजा में शामिल करें इसके बाद तिजोरी या धन के साथ पर रखे दें. ऐसा करने से बरकत बनी रहेगी.

भोलेनाथ के साथ हमेशा नजर आने वाले डमरू के घर में होने से कभी अमंगल नहीं होता. डमरू की ध्वनि में इतनी शक्ति है जो घर के वातावरण को तनाव मुक्त बना देती है. सावन में शिव की स्तुति रोजाना घर डमरू बजाकर की जाए तो शिव जी बहुत प्रसन्न होते हैं.

गंगाजल;;  सावन में कांवड यात्रा शुरू हो जाती है. शिव जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त लंबी यात्रा कर कड़े नियमों का पालन करते हुए नदी से गंगाजल भरकर लाते हैं और शिवलिंग पर अर्पित करते हैं. कहते हैं इससे महादेव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्त की हर कामना को पूर्ण होती है. ऐसे में अगर आप सावन के पहले दिन या किसी भी सोमवारको गंगाजल घर लाकर किचन में रख दें. इससेघर में सुख-समृद्धि और धन-धान्य में कभी कमी नहीं आएगी.

चांदी का कड़ा;;  धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान भोलेनाथ पैरों में चांदा का कड़ा धारण किए हुए है. सावन का महीने में चांदी का कड़ा खरीदना शुभ माना जाता है. जो जातक चांदी का कड़ा हाथ या पैर में पहनने के इच्छुक हैं वो इसे सावन के शुभ मुहूर्त में धारण करें. इसके लिए किसी जानकार की सलाह जरूर लें.

दिया ज्ञान का भण्डार हमें  किया भविष्य के लिए तैयार हमें
हैं आभारी उन गुरुओं के हम जो किया कृतज्ञ अपार हमें
— CHANDRA SHEKHAR JOSHI EDITOR Mob 9412932030

गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः।। भावार्थ: गुरु ब्रह्मा है, गुरु विष्णु है, गुरु हि शंकर है। गुरु हि साक्षात् परब्रह्म है, उन सद्गुरु को प्रणाम। CHANDRA SHEKHAR JOSHI EDITOR Mob 9412932030

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