जस्टिस लोया की मौत केस; जज बदल दिये गए
जज लोया की मौत हार्ट अटैक से हुई- नागपुर पुलिस- www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)
जज बृजगोपाल लोया के केस से जस्टिस अरुण मिश्रा ने खुद को अलग कर लिया, जिसके बाद अब इस केस की सुनवाई के लिए जज बदल दिये गए हैं. अब इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच करेगी
सोमवार की सुनवाई लिस्ट के मुताबिक, ये मामला कोर्ट 1 में 45 नंबर पर है. चीफ जस्टिस के साथ जस्टिस एएम खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड़ सुनवाई करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के चार सबसे वरिष्ठ जजों के विवाद में ये केस भी एक वजह है.
चार जजों की तरफ से कहा गया था कि जूनियर जजों को अहम केस दिए जाते हैं. इस विवाद में जस्टिस लोया की मौत के केस की भी चर्चा हुई थी और जस्टिस लोया का केस उसी बेंच में है, जिसमें जस्टिस अरुण मिश्रा भी थे.
क्या है पूरा मामला?
जज लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में दिल का दौरा पड़ने से उस समय मौत हो गई थी, जब वह अपनी एक सहकर्मी की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे. यह मामला तब सामने आया जब उनकी बहन ने भाई की मौत पर सवाल उठाए थे. बहन के सवाल उठाने के बाद मीडिया की खबरों में जज लोया की मौत और सोहराबुद्दीन केस से उनके जुड़े होने की परिस्थितियों पर संदेह जताया गया था.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायमूर्तियों ने मुख्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ बगावत करते हुए पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान इन न्यायमूर्तियों ने खुले तौर पर जज लोया के केस की सुनवाई को लेकर आपत्ति उठाई थी. इन न्यायमूर्तियों की ये भी शिकायत है कि मुख्य न्यायमूर्ति सभी अहम मुकदमें खुद ही सुन लेते हैं यानी मास्टर ऑफ रोस्टर होने का फायदा उठाते हैं.
मुख्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की कार्यशैली पर सवाल उठाने वालों में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ शामिल रहे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. साथ ही कहा था कि इसे मामले को सुनवाई के लिए उपयुक्त बेंच के सामने पेश किया जाए. इसके बाद से मामले को हस्तांतरित करने को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे थे.
अब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने लोया केस की सुनवाई खुद करने का फैसला लिया है. सोमवार को उनकी पीठ के समक्ष इस केस को पेश किया जाएगा. इस केस में मुख्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ में अन्य न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल होंगे.
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ के समक्ष लोया केस को 45 नंबर मुकदमा के रूप में पेश किया जाएगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत मामले की सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है. इससे पहले आजतक ने लोया मामलेे की सुनवाई दूसरी बेंच को भेजने की बात कही थी. साथ ही महान्यायवादी (Attorney General) केके वेणुगोपाल ने भी आजतक से बातचीत के दौरान लोया केस को दूसरे बेंच में भेजने की तसदीक की थी.
सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर का है ये मामला
गुजरात में सोहराबुद्दीन शेख, उनकी पत्नी कौसर बी और उनके सहयोगी तुलसीदास प्रजापति के नवंबर 2005 में हुई कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में पुलिसकर्मी समेत कुल 23 आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे हैं. बाद में यह मामला सीबीआई को सौंपा गया और मुकदमे को मुंबई ट्रांसफर किया गया.
वहीं, नागपुर पुलिस ने जज लोया की मौत के चार साल बाद उनकी मौत की वजह का खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक, जज लोया की मौत हार्ट अटैक से हुई थी. पुलिस के मुताबिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण हार्ट अटैक ही बताया गया था. विसरा रिपोर्ट में जज लोया के शरीर में किसी तरह का जहर नहीं पाया गया था. जज लोया के बेटे अनुज लोया ने भी पिछले दिनों कहा था कि उन्हें जज की मौत पर कोई संदेह नहीं है.
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