कर्नाटक में जारी सियासी ड्रामे के बीच- BIG NEWS

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येद्दियुरप्पा ने शपथ लेने के बाद अपने पहले बयान में कांग्रेस पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने आरोप लगाया कि जनता दल (सेक्यूलर) और कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों को बेहद खराब परिस्थितियों में कैद में रखा गया है जहां उन्हें किसी किस्म की आजादी नहीं है।  येद्दियुरप्पा ने पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों तथा पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने पहले संबोधन में खुफिया रिपोर्टाें का हवाला देते हुए कहा कि दोनों दलों के विधायकों को अपने परिवार के सदस्यों से भी संपर्क करने की इजाजत नहीं है तथा सभी के मोबाइल फोन भी छीन लिये गये हैं।  इस प्रकार के प्रयास भाजपा को विश्वास मत के दौरान बहुमत हासिल करने से रोक नहीं पायेंगे। वह राज्यपाल की ओर से दी गयी 15 दिनों की समय सीमा के भीतर ही विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर देंगे। उन्होंने विधायकों से अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाकर मतदाताओं को उनके जनादेश के लिए आभार व्यक्त करने की अपील की।  नवनिर्वाचित सीएम ने कहा कि विधानसभा के सत्र की तिथि तय होने पर विधायकों को अल्पावधि में बुलाया जा सकता है जिसके लिए उन्हें तैयार रहना चाहिए। उन्होंने विपक्षी सदस्यों द्वारा विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डालने के प्रयास किये जाने की आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि संसद में ऐसी कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने पार्टी विधायकों को सरकार का सुचारु संचालन सुनिश्चित करने के लिए एकजुट रहने की सलाह दी।

 कर्नाटक में जारी सियासी ड्रामे के बीच ईगलटोन रिजॉर्ट के बाहर से सुरक्षा व्यवस्था हटा ली गई है. सुरक्षा व्यवस्था हटाए पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई है. कोलार से सात बार के सांसद व पूर्व मंत्री केएच मुनियप्‍पा ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह ठीक नहीं है. कांग्रेस विधायकों को इसी ईगलटन रिजॉर्ट में ठहराया गया है. यह वही रिजॉर्ट है जहां 2017 में गुजरात के राज्‍यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के विधायकों को रखा गया था. उस समय भी एमएलए की खरीद-फरोख्‍त के आरोप लगे थे. कांग्रेस के संकटमोचक बने डीके शिवकुमार इस बार फिर उसी भूमिका में हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान ने उन्‍हें एमएलए की हॉर्स ट्रेडिंग रोकने की जिम्‍मेदारी सौंपी है.  

Tumkur: Newly-elected Karnataka chief minister BS Yeddyurappa seeks the blessings of Shivakumara Swami, at Sree Siddaganga Matha in Tumkur, on Thursday. (PTI Photo) (PTI5_17_2018_000200B)

केएच मुनियप्‍पा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह सिस्टम नहीं है. चाहे जिसकी भी सरकार हो, उनका कर्तव्य चुने हुए प्रतिनिधियों को सुरक्षा प्रदान करना है.”  जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने सुरक्षा हटाए जाने के मुद्दे पर कहा, “यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराएं. मुझे येदियुरप्पा जिस तरह से व्यवहार कर रहे हैं, उस पर हैरानी हो रही है. शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने 4 आईपीएस अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं. बीजेपी की यह कोशिश हास्यास्पद है. हमारे सभी 38 विधायक हमारे साथ हैं.”   कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार का कहना है, “कर्नाटक में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. कल तक इंतजार करिए, हमें लगता है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा. पूरे देश में पहले से ही उथल-पुथल जारी है. बिहार, गोवा, मणिपुर और अन्य राज्यों में, जहां बड़ी पार्टियां हैं, वे अब इसी फॉर्मूले से सरकार गठन के लिए तैयार हैं.”   उधर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बीजेपी ने जो भी किया है, वह कानून के मुताबिक है. कांग्रेस के पास गलत जानकारी है और जिसके परिणामस्वरूप वह हास्यास्पद दावे कर रही है. उसे अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है इसीलिए उन्हें रिजॉर्ट में बंधक बनाकर रखा हुआ है.”

कर्नाटक में अभी हाईवोल्टेज ड्रामा खत्म नहीं हुआ कि इसकी आंच अब अन्य राज्यों गोवा, मणिपुर, बिहार तक पहुंच गई है। कर्नाटक में राज्यपाल द्वारा भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्यौता दिये जाने के बाद गोवा, मणिपुर में कांग्रेस तो बिहार में राजद ने भी सरकार बनाने का दावा पेश करने का फैसला किया है। गोवा में बीजेपी की सरकार है, जबकि बिहार में जनता दल यूनाइटेट (JDU) के साथ गठबंधन की सरकार है।

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि देश में एक ही कानून लागू होता है, लिहाजा गोवा, मणिपुर, मेघालय और बिहार में भाजपा-एनडीए शासित मुख्यमंत्रियों को इस्तीफा देना चाहिए। बिहार में राजद और गोवा मणिपुर और मेघायल में कांग्रेस राज्यपाल से मिलकर अपना दावा पेश करने की रणनीति बना रही है। गोवा कांग्रेस के अध्यक्ष गिरीश चोडणकर ने कहा कि वह शुक्रवार की सुबह राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात करेंगे और अपना सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।

बिहार के राजद करेगी सरकार बनाने का दावा पेश
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को कहा कि अगर कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का मौका दिया गया है तो बिहार में भी हमें सरकार बनाने का मौका दिया जाना चाहिए। हम बहुमत साबित कर देंगे। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक से दोपहर 1 बजे सभी विधायकों के साथ मुलाकात कर पार्टी का पक्ष रखेंगे। बकौल तेजस्वी- हम राष्ट्रपति से मांग करते हैं कि वो राज्यपाल को बिहार के जनादेश का चीरहरण कर चोर दरवाजे से बनी सरकार को बर्खास्त करने का निर्देश देकर सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का निमंत्रण दें।    कर्नाटक में भाजपा के बहुमत साबित करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि “भाजपा कैसे बहुमत साबित करेगी?”भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पास इसका एक ही विकल्प है कि वह विरोधी दलों के विधायकों के घरों पर सीबीआई और ईडी के छापे पड़वाएंगे। यह पूरी तरह से तानाशाही है और अगर हम आज इनके खिलाफ एकसाथ नहीं आए तो कल किसी और राज्य मे ऐसा ही होगा। जैसा आज कर्नाटक में हो रहा है।

Bharatiya Janata Party (BJP) leader B. S. Yeddyurappa flashes victory sign as he arrives at governor’s house to take oath as Chief Minister of Karnataka state in Bangalore, India, Thursday, May 17, 2018. Indian Prime Minister Narendra Modi’s Hindu nationalist party ended Congress party rule in a key southern state on Thursday, but its poll victory was marred by questions over who has the right to form the government. (AP Photo/Aijaz Rahi)

मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकरम इबोबी सिंह मणिपुर के राज्यपाल से मिलकर राज्य में ने सिरे से सरकार बनाने चाहते हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी है, इसलिए सरकार बनाने का अधिकार उन्हें मिलना पूर्व सीएम का कहना है कि 60 सीटों में से कांग्रेस ने 28 सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन उन्हें सरकार बनाने का मौका नहीं दिया गया। इस सिलसिले में वह शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। गौरतलब है कि असम के राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी 2 मई से मणिपुर का अतिरिक्त प्रभार देख रहे हैं क्योंकि मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला 4 सप्ताह की छुट्टी पर हैं।

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कर्नाटक में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में नवनिर्वाचित कई विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें सबसे अधिक विधायक बीजेपी के हैं. बीजेपी के 42 विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक केस दर्ज हैं. इसके बाद कांग्रेस के 23 विधायक शामिल हैं. साथ ही राज्य में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार उनकी संपत्ति में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) और कर्नाटक इलेक्शन वॉच द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक 221 विधायकों पर किए गए विश्लेषण में 77 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 54 के खिलाफ हत्या, धोखाधड़ी, फर्जी और अपहरण के प्रयास से जुड़े गंभीर आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

एडीआर और कर्नाटक इलेक्शन वॉच ने बताया है कि चार विधायकों ने स्वीकार किया कि उनके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है. रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के जहां 42 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज है, वहीं कांग्रेस के 23 विधायकों और जेडीएस के 11 विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज है. बीजेपी इस मामले में भी सबसे आगे है कि उसके 29 विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमें चल रहे हैं. कांग्रेस के 12 और जेडीएस के 8 विधायक गंभीर आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे हैं.

215 विधायक करोड़पति
धन दौलत में इजाफे के मामले में भी 221 नवनिर्वाचित विधायकों में से 215 विधायक करोड़पति हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में इनकी संख्या 203 थी. सबसे ज्यादा धनी विधायक बीजेपी में हैं जिसके 101 विधायकों ने घोषित किया है कि वे करोड़पति हैं. कांग्रेस में ऐसे करोड़पति विधायकों की संख्या 77 और जेडीएस में 35 है.

 कर्नाटक में सरकार गठन से जुड़े मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले कांग्रेस ने गुरुवार को बीजेपी को चुनौती दी कि अगर उसके पास जादुई आंकड़ा है तो वह कल ही विधानसभा में बहुमत साबित करके दिखाए. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “अमित शाह और बीजेपी लोकतंत्र के बारे में प्रवचन दे रहे हैं, जबकि उन्होंने खुद ही कर्नाटक में लोकतंत्र का गला घोंट दिया. हम पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और येदियुरप्पा को चुनौती देते हैं कि आप कल ही विधानसभा में बहुमत साबित करिए.”

सुरजेवाला ने कहा कि इस देश में एक संविधान और एक कानून ही होगा. अगर सबसे बड़ी पार्टी का तर्क बीजेपी के लोग दे रहे हैं तो सबसे पहले बिहार, गोवा और मणिपुर की सरकारों को इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस विधायकों को तोड़ने के लिए बीजेपी सभी हथकंडे अपना रही है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिल रही है. ऐसे में वह हताश और निराश है.

येदियुरप्पा को आज राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. कल रात सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. राज्यपाल वजुभाई वाला ने कल येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्यौता दिया था. इसके बाद रात में ही कांग्रेस ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

गौरतलब है कि राज्य में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में प्रदेश की 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपीको 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस+ को 38 सीटें मिली हैं. फिलहाल, बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 112 है.

उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने संविधान को ‘तोड़ने – मरोड़ने’ के लिए कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला की आलोचना की. वाला को ‘आरएसएस का राज्यपाल’ करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वाला ने बीजेपी में अपने ‘राजनीतिक आकाओं’ की ‘इच्छा का पालन करने में भारतीय लोकतांत्रिक राजनीति का नरसंहार कर दिया है.’ उन्होंने मीडिया से कहा, “राज्यपाल ने जिस तरीके से भाजपा को समय दिया वह निराशाजनक है ताकि विपक्ष को तोड़ा जा सके और खरीद – फरोख्त हो सके. आरएसएस के राज्यपाल से आप और क्या उम्मीद कर सकते हैं.”

उन्होंने पूरे प्रकरण को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया और कहा कि पिछले 24 घंटे के प्रकरण देश के लिए काफी खतरनाक हैं. उन्होंने कहा, “हम नहीं चाहते कि भारत पाकिस्तान की तरह बने जहां तानाशाह और सेना हर कदम पर लोकतंत्र का गला घोंटते हैं.”

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