पांच वर्ष बाद ऐसा संयोग बना ;15 दिसंबर से खरमास

#धार्मिक यात्रा से विशिष्ट फल की प्राप्ति # खरमास में धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, किंतु मंगल शहनाई नही बजती# शुक्र तारा भी 3 फरवरी तक अस्त # 15 दिसंबर की आधी रात से 14 जनवरी तक खरमास  #सूर्य जब 14 जनवरी की दोपहर को दक्षिणायन से उत्तरायण होगा #  खरमास के समाप्त होने के बावजूद शुक्र पूर्व दिशा में अस्त हो जाएंगे और जनवरी भर अस्त ही रहेंगे# पांच वर्ष बाद ऐसा संयोग जनवरी में बना है# शुक्र ग्रह पूर्व दिशा में अस्त रहने के कारण जनवरी में लग्न का संयोग नहीं बन रहा# शुक्र को विवाह व वैभव का कारक ग्रह माना गया है# ये 14  दिसम्बर को अस्त हो जाएंगे और तीन फरवरी तक अस्त ही रहेंगे# हिंदू कैलेंडर में खरमास का महीना बेहद अशुभ माना जाता है #सूर्य के धनु राशि में प्रवेश का समस्त 12 राशियों वाले जातकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा- #  हिमालयायूके द्वारा विशेष धार्मिक यात्रा का लाइव वर्णन-

खरमास – 16 दिसंबर 2017 से 14 जनवरी 2018 तक 16 दिसंबर से खरमास, जानिए इस माह में क्यों वर्जित हैं शुभ कार्य, विवाह
धर्म अध्यात्म की दृष्टि से यह महीना विशेष है। इस अवधि में धार्मिक अनुष्ठान, भागवत पारायण, धार्मिक यात्रा, दान-पुण्य तथा जप-जपादि करने से विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है। सूर्य जब गुरू की राशि धनु या मीन में विराजमान रहते है तो उस घड़ी को खरमास माना जाता है   सूर्य का भ्रमण पूरे साल चलता रहता है। जिससे ही शुभ अशुभ मुहूर्त परिवर्तित होते हैं।  12 राशियों में भ्रमण करते हुए जब सूर्य गुरू या बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करता है तो खरमास प्रारंभ हो जाता है। यह 16 दिसंबर को 12.04 मिनट पर सूर्यदेव के राशि परिवर्तित करते ही खरमास प्रारंभ होगा। सूर्य का भ्रमण मीन में होगा और 14 जनवरी मकर में प्रवेश करने तक यह मास जारी रहेगा।  

16 दिसंबर 2017 से सूर्य गोचरवश अपनी राशि परिवर्तन कर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही मलमास जिसे खरमास भी कहा जाता है, आरंभ हो जाएगा। खरमास को शुभ कार्यों में वर्जित माना गया है। अत: खरमास की अवधि में विवाह, मुण्डन, वधूप्रवेश, गृहप्रवेश इत्यादि कार्य निषिद्ध रहेंगे। खरमास 14 जनवरी 2018 तक रहेगा।
16 दिसंबर से खरमास शुरू होने से मांगलिक कार्य भी बंद हो जाएंगे। 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद खरमास समाप्त हो जाएगा। मगर तीन फरवरी को शुक्र उदय होने के बाद पांच फरवरी से मांगलिक कार्य और विवाह मुहूर्त शुरू होंगे।  खरमास के प्रारंभ होने के बाद घर या किसी अन्य भवन का निर्माण पूर्णतः वर्जित है. इस दौरान भवन निर्माण सामग्री लेना भी अशुभ होता है. विवाह और उपनयन जैसे शुभ संस्कार भी इस दौरान पूर्णतः वर्जित रहते है. इसके अलावा गृह प्रवेश जैसे कार्य भी इस दौरान नहीं होने चाहिए.  इस महीने किसी संपत्ति अथवा भूमि की खरीद भी बेहद अशुभ होती है. इस महीने के दौरान इससे बचना चाहिए. खरमास की शुरुआत के बाद नया वाहन खरीदने से भी बचना चाहिए. माना जाता है कि खरमास के अंतिम दिन लोगों को दान-दक्षिणा में हिस्सा लेना चाहिए. दान स्वरूप आप निर्धन जनों को खाद्य सामग्री, गुड़ और कपड़े दे सकते हैं. 

14 जनवरी 2017 को सूर्य के उत्तरायण होने एवं मकर संक्रांति के साथ ही शुभ कार्यों पर लगी रोक भी हट जाएगी। इस महायोग के बाद विवाह सहित सभी प्रकार के शुभ कार्य कराए जा सकेंगे। मकर सक्रांति एवं उत्तरायण के महायोग से शुभ कार्यों पर लगी रोक हट जाएगी। 15 दिसंबर से मलमास लगा है, तभी से शादी के मुहूर्त नहीं थे। 15 जनवरी को महायोग लगने पर विवाह सहित अन्य शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। इस वर्ष कुल 10 बार विभिन्न कारणों से मांगलिक कार्यो पर अल्पविराम लगेगा। इस वर्ष 77 विवाह मुहूर्त पुरे अंग्रेजी वर्ष में रहेंगे। 

प्राचीन खगोलशास्त्र के अनुसार हिंदू पंचांग की गणना की जाती है. इसके अनुसार जब सूर्य 12 राशियों का भ्रमण करते हुए बृहस्पति की राशियों धनु और मीन में प्रवेश करता है, तो अगले 1 महीनों तक खरमास रहता है. इन 30 दिनों की अवधि को शुभ नहीं माना जाता है.

सूर्य प्रत्येक राशि में एक माह रहता है. इस हिसाब से 12 माह में वह 12 राशियों में प्रवेश करता है. सूर्य का भ्रमण पूरे साल चलता रहता है. 16 दिसंबर को सूर्यदेव के राशि परिवर्तित करते ही खरमास प्रारंभ होगा. सूर्य का भ्रमण धनु में होगा और 14 जनवरी मकर में प्रवेश करने तक यह मास जारी रहेगा.

सूर्य के धनु राशि में प्रवेश का समस्त 12 राशियों वाले जातकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा-
1. मेष- मेष राशि वाले जातकों को सूर्य के गोचर अनुसार धन हानि की संभावना है। झूठे आरोप के कारण प्रतिष्ठा धूमिल होगी। कार्यों में असफ़लता प्राप्त होगी। रोग के कारण कष्ट होगा। पारिवारिक विवाद के कारण अशांति का वातावरण रहेगा।

2. वृष-
वृष राशि वाले जातकों को सूर्य के गोचर अनुसार विवाद के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। कोर्ट-कचहरी व मुकदमें में असफ़लता के योग हैं। धन का अपव्यय होगा। उच्च रक्तचाप के कारण कष्ट होगा। मान-प्रतिष्ठा में कमी आएगी।

3. मिथुन- मिथुन राशि वाले जातकों को सूर्य के गोचर अनुसार दाम्पत्य सुख में हानि होगी। कार्यों में असफ़लता प्राप्त होगी। धन हानि एवं मानहानि होगी। सिर में पीड़ा के साथ-साथ शारीरिक कष्ट की संभावनाएं हैं।

4. कर्क- राशि वाले जातकों को सूर्य के गोचर अनुसार कार्यों में सफ़लता प्राप्त होगी। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। रोगों से मुक्ति मिलेगी। राज्य से लाभ प्राप्त होगा। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।

5. सिंह-राशि वाले जातकों को सूर्य के गोचर अनुसार मानसिक पीड़ा होगी। राज्याधिकारियों से विवाद होगा। संतान को कष्ट की संभावना है। धनहानि होगी। यात्रा में दुर्घटना की संभावना है।

6. कन्या-राशि वाले जातकों को सूर्य के गोचर अनुसार पारिवारिक विवाद के कारण कष्ट होगा। धनहानि व मानहानि होगी। यात्रा में कष्ट होगा। जमीन-जायदाद सम्बन्धी मामलों में असफ़लता प्राप्त होगी। मानसिक अशांति के कारण कष्ट रहेगा।
7. तुला-वाले जातकों को सूर्य के गोचर अनुसार मित्रों से लाभ होगा। धन लाभ होगा। राज्याधिकारियों से अनुकूलता प्राप्त होगी। पदोन्नति की संभावना है। उच्च पद की प्राप्ति होगी। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। प्रत्येक कार्य में सफ़लता मिलेगी। मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।

8. वृश्चिक-राशि वाले जातकों को सूर्य के गोचर अनुसार व्यापार व धन संपत्ति में हानि का योग है। मित्रों व परिवारजनों से विवाद की सम्भावना है। सिर व आंखों में पीड़ा के कारण परेशानी रहेगी।

9. धनु-राशि वाले जातकों को सूर्य के गोचर अनुसार धन हानि के योग हैं। सम्मान व प्रतिष्ठा में कमी होगी।

10. मकर-राशि वाले जातकों को सूर्य के गोचर अनुसार स्थान परिवर्तन का योग बन रहा है। कार्यक्षेत्र में परेशानियां रहेंगी। गुप्त शत्रुओं के कारण हानि का योग है।

11. कुंभ-राशि वाले जातकों को सूर्य के गोचर अनुसार धन प्राप्ति का योग है। पदोन्नति के अवसर हैं। मान-सम्मान व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।

12. मीन- राशि वाले जातकों को सूर्य के गोचर अनुसार व्यापार में लाभ प्राप्त होगा। कार्यों में सफ़लता प्राप्त होगी। धन लाभ होगा। मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।

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