Execlusive; मानव वर्ष और दिव्य वर्ष- मनुष्य के 360 वर्ष मिलाकर देवताओं का एक दिव्यवर्ष & मानव का जीवन 3 माह भी नही & काल चक्र 2023- की गणना – निरंतर चलने वाला समय का चक्र दे रहा है कई राजनीतिक बदलाव के संकेत

16 DEC 22 # काल चक्र –2023– समय को बहुत ही बलवान माना गया है। समय का चक्र निरंतर चलता रहता है इसी चलते चक्र को काल चक्र कहते हैं। सरल शब्दों में कहें तो काल का अर्थ होता है निरंतर चलने वाला समय का चक्र। समय के इसी पहिए में हर मनुष्य के जीवन में अच्छा और बुरा समय आता है। लेकिन जो व्यक्ति बुरे समय पर विजय प्राप्त कर लेता है वही जीवन में सफल होता है। वहीं जो व्यक्ति बुरे वक्त को अपने ऊपर हावी होने देता है। उसका पतन हो जाता है।

   वैदिक ज्योतिष से 2023 की गणना कहती है कि इस साल दुनिया भर में कई विचित्र और हैरान करने वाली घटनाएं घटित होंगी। इस साल के आरंभ में शनि राशि परिवर्तन करेंगे और मध्य में गुरु का राशि परिवर्तन होगा। जबकि इस साल राहु केतु अंतिम तिमाही में राशि परिवर्तन करके सभी राशियों की लाइफ में उतार-चढाव बनाए रखेंगे। 

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HIGH LIGHT #2023 में कई राजनीतिक बदलाव नजर आएंगे.#कई बड़े नेताओं की शोक संबंधी या मृत्यु संबंधी सूचनाएं प्राप्त होंगी, जो भारत के लिए बड़ी क्षति होगी. वर्ष का मध्य थोड़ा कठिन निकल सकता है, परंतु नई सोच एवं विचारों के साथ पुनः आगे बढ़ने के भी योग भी बनेंगे. अनुभवी एवं कर्मठ लोगों को इस वर्ष राजनीति में अवसर मिल सकता है.

प्राचीन साहित्य में काल गणना के अनुसार मानव वर्ष और दिव्य वर्ष का उल्लेख भी किया गया है। मानव वर्ष मनुष्यों का वर्ष होता है। जो सामान्यतः 360 दिन का माना गया है। आवश्यकतानुसार इसमें दिन घटते बढ़ते रहते हैं। जिसमें छह माह दिन और छह माह रात्रि रहती है। लेकिन मनुष्य के 360 वर्ष मिलाकर देवताओं का एक वर्ष बनता है।

काल चक्र –2023– समय को बहुत ही बलवान माना गया है। समय का चक्र निरंतर चलता रहता है इसी चलते चक्र को काल चक्र कहते हैं। सरल शब्दों में कहें तो काल का अर्थ होता है निरंतर चलने वाला समय का चक्र। समय के इसी पहिए में हर मनुष्य के जीवन में अच्छा और बुरा समय आता है। लेकिन जो व्यक्ति बुरे समय पर विजय प्राप्त कर लेता है वही जीवन में सफल होता है। वहीं जो व्यक्ति बुरे वक्त को अपने ऊपर हावी होने देता है। उसका पतन हो जाता है।

यह प्रश्न जरूर हैं कि ये दिन और रात कैसे बनते हैं? समय कि गणना कैसे की जाती है? ये ऋतुओं का परिवर्तन कैसे होता है? ये काल गणना क्या है?समय चक्र क्या है? हालांकि मानव ने अपनी सुविधा के अनुसार इसे अन्य-अन्य नामों से विभाजित किया है। लेकिन हम यहां  सनातन परंपरा के अनुसार समझने की कोशिश करेंगे। हमारे प्राचीन विद्वानों ने कालचक्र का वर्णन करते हुए काल की सबसे छोटी इकाई परमाणु को बताया है। वायु पुराण में दिए गए विवरण के अनुसार दो परमाणु मिलकर एक अणु का निर्माण करते हैं। हम इसको कुछ इस तरह से समझ सकते हैं। 2 परमाणु से 1 अणु   3 अणु से 1 त्रसरेणु  3 त्रेसरेणु से 1 त्रुटि 100 त्रुटि से 1वेध  3वेध से 1 लव   3 लव से एक निमेष यानि एक क्षण बनता है। इसी तरह से तीन निमेष से एक काष्ठा बनती है, 15 काष्ठा से एक लघु और 15 लघु से एक नाडिका, दो नाडिकाओं से एक मुहुर्त, 6 नाडिका से एक प्रहर तथा आठ प्रहर मिलकर एक दिन और रात का निर्माण करते हैं।

वैदिक काल में महीनों के नाम ऋतुओं के नाम पर रखे गए हैं। लेकिन बाद में इन नामों को बदलकर नक्षत्रों के आधार पर कर दिया गया। जो इस प्रकार हैं-चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन। विद्वानों ने पल-पल की गणना स्पष्ट की है। काल खंडो को भी निश्चित नाम दिए गए हैं और दिनों के नाम ग्रहों के नाम पर रखे गए हैं। रवि, सोम (चंद्रमा), मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि।

कई राजनीतिक बदलाव नजर आएंगे.#कई बड़े नेताओं की शोक संबंधी या मृत्यु संबंधी सूचनाएं प्राप्त होंगी, जो भारत के लिए बड़ी क्षति होगी. वर्ष का मध्य थोड़ा कठिन निकल सकता है, परंतु नई सोच एवं विचारों के साथ पुनः आगे बढ़ने के भी योग भी बनेंगे. अनुभवी एवं कर्मठ लोगों को इस वर्ष राजनीति में अवसर मिल सकता है.

पंडित शरद त्रिपाठी के अनुसार, नए संवत्सर का नाम नल रहेगा. इसका राजा बुध और मंत्री शुक्र होगा. राजा और मंत्री में मित्रता होने से सत्ता पक्ष और सरकार के काम आसानी से हो जाएंगे. कुंडली में लग्नेश बुध अष्टम भाव में राहु के साथ है. यह विश्व शांति के लिए अच्छा संकेत नहीं है. दूसरे भाव पर राहु की दृष्टि भी है. इससे विश्व के कुछ देशों की आंतरिक स्थिति अच्छी नहीं रहेगी. भारत के पड़ोसियों से भी संबंध अच्छे नहीं रहेंगे. विश्व में हिंसा होने की आशंका है. कई देशों में सैन्य संघर्ष की स्थिति बन सकती है. आतंकी घटनाओं में भी इजाफा देखने को मिलेगा.

विश्व में व्यापारिक दृष्टि से मंदी तो रहेगी. आम लोगों को खर्चों पर नियंत्रण करना होगा और स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा. भारत में विरोधी दलों का वर्चस्व बनेगा. भारत में कोई विशेष कानूनी व्यवस्था भी लागू हो सकती है. अंक शास्त्र के अनुसार, 2023 का कुल योग सात आता है, जो केतु का अंक है. केतु आध्यात्मिकता तो देता है, लेकिन यह वायरस का भी प्रतिनिधित्व भी करता है. यानी कोरोना दोबारा फैल सकता है या उसी तरह की कोई बीमारी पूरी दुनिया में फैल सकती है.

पंडित गिरीश व्यास से जानिए किन क्षेत्रों में मिलेगा क्या लाभ

साल 2023 में अनेक बदलाव संभव है. सभी मनुष्यों और जीव-जंतुओं को भी लाभ होगा. 2023 में घरेलू स्थितियां अच्छी बनेगी. सभी की सकारात्मक प्रवृत्ति देखने को मिलेगी. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थोड़ी बढ़ सकती हैं, जैसे- पेट संबंधी समस्या तथा हृदय संबंधी विकार उत्पन्न हो सकते है. निजी जीवन को लेकर खासा उत्साहित रहेंगे. सुख-सुविधाओं को पूर्ण करने तथा भौतिक वस्तुओं का समावेश करेंगे.

विश्व गुरु की दिशा में आगे बढ़ेगा भारत

2023 में भारत वर्ष संपूर्ण विश्व में अपना उच्च स्थान प्राप्त करेगा. इसके कारण भारत की परंपरा, रीति-रिवाज और संस्कृति को लेकर अनेक कार्य दुनिया को नई दिशा दिखाएंगे. मूलभूत सुविधाओं के लिए प्राचीन पद्धति को बढ़ावा मिलेगा. संपूर्ण विश्व में भारत का नेतृत्व सराहनीय रहेगा. विदेश संबंधी नीतियों का परिवर्तन होने के योग हैं.

आतंकवाद बढ़ने के योग बनेंगे, जिससे भारत और आस-पास के नजदीकी देशों के लिए समस्याएं खड़ी हो सकती हैं. धर्म-जाति को लेकर मुख्य कार्य संपन्न होंगे. धर्म की पताका ऊंचा रहेगा और भारत के विश्व गुरु बनने के मार्ग प्रशस्त होंगे. खेलकूद को लेकर भी भारत अग्रणी रहेगा. विदेशों में भी अच्छा खासा नाम कमा सकते हैं.

प्राकृतिक आपदाओं के योग?

किसी देश तथा विदेश संबंधी विवाद शांत होने के योग हैं. विदेशों में लंबे समय से चल रहे युद्ध का विराम 2023 में हो सकता है. शनि के परिवर्तन मात्र से बड़े युद्ध की आशंका की कल्पना की जा सकती है. मगर, गुरु अपने स्थान पर होने पर बड़ी स्थितियों को निर्मित नहीं होने देगा तथा आपसी सुलह होने के योग बनेंगे. चीन तथा जापान में प्राकृतिक दुर्घटनाओं की खबरें सामने आ सकती हैं. जल प्रपात, भूस्खलन जैसी घटनाएं होंगी. विश्व युद्ध की स्थिति निर्मित होते-होते शांत हो जाएगी. राहु की स्थिति 13 जनवरी 2023 से बदल जाएगी, जिसके कारण भी युद्ध शांत होंगे.

आर्थिक स्थितियां सुधर सकती हैं. व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी. शेयर बाजार में काफी उछाल रहेगा. अपने करीबी देशों से संबंध अच्छे रखना लाभकारी सिद्ध होगा. न्यायालय के मामले ज्यादा बढ़ सकते हैं तथा आंतरिक विवाद, मर्डर, चोरी जैसी घटनाएं अधिक घटित हो सकती

आर्थिक स्थिति ठीक रहेगी, साल के मध्य में तंगी

भारतीय आर्थिक व्यवस्थाओं की बात करें तो 2023 भारत की अर्थव्यवस्थाओं के लिए बड़ा ही अनुकूल वर्ष रहने वाला है. भारत की जीडीपी और आर्थिक कोष बढ़ने के योग हैं. इस वर्ष सामान्य जन के लिए भी आर्थिक स्थिति सुगम बनी रहेगी, जिससे प्रत्येक मनुष्य भौतिक सुख-सुविधाओं और वस्तुओं को खरीदने में धन ज्यादा खर्च करेगा.

प्रॉपर्टी संबंधी कई सौदे होने के योग बनेंगे. वर्ष के मध्य में थोड़ी परेशानी दिखाई दे सकती है, जिसमें आर्थिक तंगी से संबंधित मई जून-जुलाई के माह थोड़े कठिन हो सकते हैं. उसके बाद पुनः आर्थिक स्थिति अच्छी होने से मन प्रसन्न रहेगा.

इस वर्ष वायु सेना तथा सांस्कृतिक आयोजन एवं सामाजिक गतिविधियों में अधिक धन खर्च होने के भी योग हैं. आर्थिक स्थिति को देखते हुए आर्थिक तंगी का सामना भारतीय वायु सेना को करना पड़ सकता है. आतंकवाद से लड़ने में धन अधिक लग सकता है. प्राकृतिक आपदाओं में भी भारत को आर्थिक नुकसान होने के योग बनेंगे.

कई बड़े नेताओं की शोक संबंधी या मृत्यु संबंधी सूचनाएं प्राप्त होंगी, जो भारत के लिए बड़ी क्षति होगी. वर्ष का मध्य थोड़ा कठिन निकल सकता है, परंतु नई सोच एवं विचारों के साथ पुनः आगे बढ़ने के भी योग भी बनेंगे. अनुभवी एवं कर्मठ लोगों को इस वर्ष राजनीति में अवसर मिल सकता है. अपनी योग्यता दिखाने का अवसर प्राप्त होगा. उनके विचारों पर अमल भी होगा, जिससे भारत की प्रगति प्रभावी दिखेगी और पूरी दुनिया में एक बार फिर से भारत राजनीतिक क्षेत्र में बड़ी योग्यताओं तथा सफलताओं के साथ आगे बढ़ेगा.

राजनीतिक अंतर्द्वंद बढ़ने के योग हैं, जिससे आपसी मतभेद तथा टीम के विस्तार में कमी आएगी. राजनीतिक क्षेत्र में छोटी-छोटी टीम के साथ काम करने को मिलेगा तथा एक नई पार्टी की छवि सकारात्मक हो सकती है, जिससे कई राजनीतिक बदलाव नजर आएंगे. वैश्विक समस्याओं का सामना भी हमें करना पड़ेगा, जिसमें राजनीति एक मुख्य कारण हो सकता है.

सांस्कृतिक गतिविधियां बढ़ेंगी और खेलों में मिलेंगे मेडल

नए साल में सांस्कृतिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जो भारत के लिए श्रेष्ठ होंगी. सांस्कृतिक आयोजनों में भारतीय संस्कृति को लेकर तथा पुरानी परंपराओं को लेकर काम किया जाएगा. इससे भारतीय मूल्य उजागर होंगे और मनुष्य में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास होगा. खेल के कई क्षेत्रों में भारत गोल्ड या सिल्वर ला सकता है तथा नए खिलाड़ियों के साथ आगे बढ़ सकता है.

शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ

शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों को यह वर्ष खासा लाभ पहुंचा सकता है. अनेक लोगों को शिक्षा संबंधी नौकरियां मिल सकती हैं. कई वर्षों से चली आ रही शिक्षा संबंधी समस्याओं का निदान भी इसी वर्ष हो सकता है, जिससे अनुभवी लोगों को अपनी मंजिल तक पहुंचने में कम परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. योग्यता के अनुसार आपको प्रोजेक्ट तथा पद प्राप्त होंगे. शिक्षा क्षेत्र में अनेक विचार तथा खबरें सामने आएंगी, जो शिक्षा की नई पद्धति पर काम करने को प्रेरित करेगी. इससे भारतीय मूल्य उजागर होंगे और बच्चों के काम आएंगे, जिसके द्वारा बच्चों में वांछनीय परिवर्तन लाने का प्रयास करेंगे. इस वर्ष शिक्षा से जुड़े हुए लोगों को खासा परिश्रम एवं मेहनत करने की आवश्यकता है, जिसमें आपकी पद प्रतिष्ठा तथा मान सम्मान बढ़ने के भी योग बनेंगे.

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि  साल 2023 पिछले वर्ष 2022 से बहुत ही ज्यादा राहतभरा और प्रगति कारक साबित होने वाला है।  वर्ष 2023 में शनि कुंभ राशि में गोचर करेंगे। अनुराधा नक्षत्र में सूर्य, बुध और शुक्र होने से मौसम में अचानक बदलाव और राजनीतिक विवाद के योग, सूर्य, बुध और शुक्र का त्रिग्रही योग, वही कालपुरुष की कुंडली में शनि दशम और एकादश भाव के स्वामी होकर एकादश भाव में गोचर करेंगे। इस गोचर के फलस्वरूप सृष्टि के सृजन की शक्ति आएगी।  राहु मेष राशि में गोचर करेंगे और केतु तुला राशि में गोचर करेंगे। हालांकि राहु व केतु का यह गोचर अक्टूबर तक रहेगा। इस वर्ष मंगल वृषभ राशि से अपना सफर शुरू करते हुए धनु राशि पर अपने सफर का अंत करेंगे। वहीं 22 अप्रैल तक गुरु मीन राशि में गोचर करेंगे। 22 अप्रैल के बाद गुरु मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे, जिसके फलस्वरूप काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। 22 अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक गुरु और राहु की युति रहेगी। शुक्र इस वर्ष अपनी यात्रा कुम्भ राशि से शुरू करेंगे। मीन से होते हुए मेष राशि में प्रवेश करेंगे और इस तरह आगे बढ़ते हुए साल के अंत तक वृश्चिक राशि तक का सफर तय करेंगे। इसी प्रकार बुध इस वर्ष अपने सफर की शुरुआत धनु राशि से करेंगे और अपने कर्म में आगे बढ़ते हुए वृश्चिक राशि पर अपना सफर समाप्त करेंगे। इस पूरे वर्ष में सबसे अधिक समय तक बुध, वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे, क्योंकि वृश्चिक राशि में बुध वक्री अवस्था में रहेंगे।

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास ने बताया कि

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास ने बताया कि हर दिन एक जैसा नहीं होता। कभी कोई दिन आपके लिए किसी शुभ समाचार की सौगात लेकर आता है, तो कभी हमारे सामने कई चुनौतियां खड़ी हो जाती हैं। कोई दिन ऐसा होता है, जब मन भीतर से बहुत खुश होता है तो कभी ऐसा भी होता है, जब पूरे दिन उदासी घेरे रहती है। ऐसा हमारी राशि और ग्रहों की स्थिति के कारण होता है। 

शनि देव 30 साल बाद 2023 में अपनी राशि बदलकर कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं

शनि देव 30 साल बाद 2023 में अपनी राशि बदलकर कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के मुताबिक साल 2023 में शनि का राशि परिवर्तन जहां कुछ राशियों के लिए शुभ सबित होगा, वहीं कुछ को बड़े कष्टों का सामना करना पड़ सकता है. मकर राशि – साल 2023 में शनि का राशि परिवर्तन मकर राशि के लिए भी अत्यंत खास माना जा रहा है. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों की मानें तो शनि का गोचर इस राशि से संबंधित जातकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा. इस दौरान शनि देव की कृपा से आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. बिजनेसमैन को विशेष आर्थिक लाभ प्राप्त होगा. नई नौकरी की सौगात मिल सकती है. परिवार में मांगलिक कार्य संपन्न होंगे. कुल मिलाकर मकर राशि वालों के लिए साल 2023 बेहद शुभ साबित होने जा रहा है.  मिथुन राशि –  इस राशि से संबंधित जातकों को भी शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होने वाली है. दरअसल 30 साल बाद हो रहे शनि के राशि परिवर्तन से इस राशि के लोगों के जीवन में खास परिवर्तन देखने को मिल सकता है. नि देव की कृपा के अलावा भाग्य का भी साथ मिलेगा.  वृषभ राशि –  साल 2023 में शनि देव वृषभ राशि पर मेहरबान रहेंगे. जीवन के अन्य क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव आएगा. 

शनि कुंभ राशि में 17 जनवरी 2023 को प्रवेश कर जाएंगे

शनि कुंभ राशि में 17 जनवरी 2023 को प्रवेश कर जाएंगे। शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही धनु राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। जबकि तीन राशियों पर शनि की साढेसाती का प्रभाव बना रहेगा। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान 2023 में आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानें 2023 में शनि के प्रतिकूल प्रभाव से बचने के उपाय। हिंदू पंचांग के अनुसार, शनि 17 जनवरी को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने से मकर, कुंभ और मीन राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव दिखाई देगा। इसके अलावा कुंभ राशि में शनि के आने से मिथुन और तुला राशि के जातकों को ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं, कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर ढैय्या शुरू हो जाएगी। शनि साढ़ेसाती तीन चरणों में चलती है। इन सभी में से दूसरा चरण सबसे कष्टकारी माना जाता है। इस चरण में व्यक्ति को दुर्भाग्य, बीमारियां और असफलताओं का सामना करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती के पहले चरण में व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है और तीसरा चरण सेहत के मामले में कष्टकारी होता है। हर शनिवार को 11 बार शनि स्त्रोत का पाठ करें यदि ऐसा संभव न हो तो फिर हर दिन शिन स्रोत का पाठ करना लाभकारी रहेगा। शनिवार के दिन सफाई कर्मचारियों को कुछ न कुछ दान जरुर दें। पैसे या अन्न दान करना शनि की दशा में अच्छा रहता है। जिन लोगों पर शनि का महादशा का प्रकोप है उन्हें इस दौरान कोकिला वन या शनिधाम की यात्रा करनी चाहिए ऐसा करना उत्तम माना गया है। पीपल में नियमित हर शनिवार दूध और जल मिलाकर चढ़ाएं। साथ ही पीपल के पास काले तिल और चीनी रख आएं। चीटियों को चीनी मिलाकर आटा खिलाना भी लाभकारी रहता है। एक नारियल लें और उसे ऊपर से तरफ से काट लें। इसके बाद इसमें चीनी आटा मिलाकर उसे बंद कर दें और ऊपर की तरफ छोटा छेद कर दें। इसके बाद इस नारियल को किसी सुनसान स्थान पर ले जाकर दबा दें। इसका मुंह थोड़ा बाहर की तरफ जरुर रखें। जैसे जैसे चिटियां इसमें रखें आटे का सेवन करेंगे वैसे वैसे आपको शनि की दशा से राहत मिलती रहेगी। शनिवार और मंगलवार के दिन मांस मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें। शनि की दशा के दौरान लोहा, तेल और काले तिल किसी से भी उधार नहीं लेने चाहिए। हालांकि, आप इन चीजों का दान करते हैं तो आपके लिए फायदेमंद रहेगा। शनि के साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान कानूनी मामलों से दूर रहें। शनि से संबंधित जो भी काम होता है उसकी शुरुआत करने से बचना चाहिए। 

   वैदिक ज्योतिष से 2023 की गणना कहती है कि इस साल दुनिया भर में कई विचित्र और हैरान करने वाली घटनाएं घटित होंगी। इस साल के आरंभ में शनि राशि परिवर्तन करेंगे और मध्य में गुरु का राशि परिवर्तन होगा। जबकि इस साल राहु केतु अंतिम तिमाही में राशि परिवर्तन करके सभी राशियों की लाइफ में उतार-चढाव बनाए रखेंगे। 

मेष राशि पर 2023 में राहु और शनि के गोचर का प्रभाव रहेगा जो कामकाज में इन्हें कठिनाई देगा। कई काम इनके प्रभावित होते रहेंगे और अटक-अटक कर पूरे होंगे।  गाय को जौ, गेहूं और उड़द के आटे से बनी रोटियां शक्कर के साथ शनिवार और बुधवार को खिलाएं। हर मंगलवार को व्रत करें। व्रत संभव न हो तो प्रात: स्नान के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी की मूर्ति को सिंदूर और तेल अर्पित करना काफी शुभ रहेगा।

वृषभ राशि कठिन स्थितियों का सामना करना होगा। मंगलवार के दिन माता के मंदिर में जाकर नारियल अर्पित करें।

मिथुन राशि वालों पर ग्रह गोचर का मिलाजुला प्रभाव रहने वाला है।  रोजाना विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना लाभकारी रहेगा। साथ ही रोजाना गाय को रोटियां खिलाना भी शुभ रहेगा। बुधवार के दिन कन्याओं को कुछ मीठा प्रसाद के रूप में दें और तामसिक भोजन से परहेज करें।

कर्क राशि के लिए वैदिक ज्योतिष की गणना बताती है कि, इस साल आपकी राशि पर शनि ढैय्या का प्रभाव 17 जनवरी से पड़ने वाला है।  शनि की ढैय्या बावजूद भी आप राहत की सांस ले पाएंगे। मंगल के प्रभाव के चलते आप में गुस्सा, तनाव अधिक रहेगा। जिस पर आपको काबू रखने की जरूरत है। पूरे साल कृष्ण पक्ष के शनिवार से लगातार 7 शनिवार तक सूखे नारियल को तेल का टीका लगाकर काली डोरी लपेटकर अपने सिर से 3 बार छुआकर शनि का बीज मंत्र पढ़ते हुए शाम के समय चलते पानी में बहा दें।

सिंह राशि के लिए वैदिक ज्योतिष की गणना बताती है कि साल 2023 सिंह राशि पर शनि की दृष्टि होने से इस साल बनते कार्यों में देरी होगी। इस साल मंगल की दृष्टि रहने से आपको अधिक भागदौड़ करनी पड़ेगी। साथ ही अपने क्रोध पर भी आपको इस साल काबू रखना होगा नहीं तो आपका बनता हुआ काम भी बिगड़ेगा।।  शनि की अशुभ दृष्टि से बचने के लिए शनिवार के दिन शनि मंदिर में तेल, तिल, चढ़ाना और शनि स्तोत्र का पाठ करना शुभ रहेगा।

कन्या राशि के लिए 2023 वैदिक ज्योतिष के अनुसार मिलाजुला रहने वाला है। इस साल आपकी राशि पर गुरु की सप्तम दृष्टि रहने से  तालमेल बना रहेगा। बुधवार के दिन साबूत मूंग किसी मंदिर में जाकर दान कर दें। मंगलवार के दिन गाय को मीठी रोटियां खिलाना शुभ रहेगा।

तुला राशि के लिए साल 2023 कुल मिलाकर आनंददायक रहेगा। वैदिक ज्योतिष की गणना बताती है कि 2023 में तुला राशि के जातक शनि की ढैय्या से मुक्ति पाकर आनंदित होंगे। जनवरी के मध्य तक शनि के विपरीत प्रभाव की वजह से थोड़ी परेशानी रहेगी, स्वास्थ भी नरम गरण रहेगा। लेकिन मार्च से अप्रैल के महीने में आपक जलावा बना रहेगा। शुक्रवार के व्रत रखना आपके लिए लाभकारी रहेगा। व्रत रखने के साथ ही कन्या पूजन करके उन्हें मीठा और दक्षिणा जरूर दें। नवरात्रि के समय दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें।

वृश्चिक राशि के लिए सितारे बताते हैं साल 2023 में 17 जनवरी से लेकर साल के अंत तक आपकी राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव रहेगा। इस दौरान आपको जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष का सामना करना होगा। कार्यक्षेत्र में अपनी मेहनत का लाभ भी मिलेगा। मानसिक तनाव तो बना रहेगा लेकिन बीच-बीच में सफलता से होठों में मुस्कान भी खिलेगी। हर शनिवार के दिन कांसे की कटोरी में तेल का छायापात्र करना शनि मंदिर में काले तिल, तेल शनि का बीज मंत्र का जप करते हुए हुए चढ़ाएं। लगातार 7 शनिवार या मंगलवार को कुष्ठ आश्रम में सूखा या पका हुआ भोजन दान करें।

धनु  वैदिक ज्योतिष की गणना बताती है कि इस साल धनु राशिवालों की शनि का साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी। इस साल आपके द्वादश भाव में शनि की दृष्टि रहने से आय कम और खर्च अधिक हो सकते हैं। हालांकि, गुरु के चतुर्थ भाव में रहने के कारण आपको भूमि, वाहन आदि सुख प्राप्त होंगे। अप्रैल से लेकर साल के अंत तक आपके बिगड़े काम बनेंगे। इस दौरान आपकी सोची हुई योजनाएं कामयाब हो जाएंगी। गुरुवार का व्रत रखें और एक समय मीठा का ही सेवन करें। इसके अलावा लगातार 16 गुरुवार तक कन्याओं को केला बांटे। ऐसा करना आपके लिए शुभ रहेगा।

मकर राशि  वैदिक ज्योतिष की गणना बताती है कि साल 2023 में मकर राशि वाले साढेसाती के अंतिम चरण के प्रभाव में रहेंगे।आपकी राशि से राहु चौथे स्थान में रहेंगे ऐसे में आपको भागदौड़ काफी करनी पड़ेगी और आपके खर्च भी अधिक बढ़ने वाले हैं। सूर्य और शनि के योग होने से जनवरी फरवरी के बीच सगे-संबंधियों और मित्रों से कहासुनी हो सकती है।  पूरा साल शनिवार के दिन सरसों के तेल में अपना मुंह देखकर शनि के बीज मंत्र ऊँ प्रां प्रीं स: शनये नम: का जप करते हुए दान कर दें। शनिवार के दिन शनि स्तोत्र का पाठ करना बहुत ही शुभ रहेगा।

कुंभ राशिफल 2023 के बारे में वैदिक ज्योतिष की गणना बताती है कि, इस साल शनि आपकी राशि में ही प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में इस साल आपकी साढेसाती का दूसरा चरण आरंभ होगा। शनि की साढ़ेसाती के इस चरण के कारण आपको काफी भाग दौड़ करनी पड़ेगी। साथ ही कार्यक्षेत्र में अधिक परिश्रम करना पड़ेगा। लोहे की कटोरी में तेल लेकर पांच रविवार को आक के पौधे पर डाल दें। पांचवे दिन तेल चढ़ाकर उसे कटोरी को वहीं दबा दें। हर शनिवार भगवान शिव को कच्ची लस्सी, बेलपत्र और 1 चुटकी शक्कर डालकर ऊं नम: शिवाय के जप करते हुए भगवान शिव का अभिषेक करें।

मीन राशि वालों के लिए वैदिक ज्योतिष की गणना बताती है कि, 17 जनवरी 2023 के बाद से आप पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव शुरू हो जाएगा। शनि की साढ़ेसाती के कारण आपको अपने कार्यक्षेत्र में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है। 

गुरु और राहु के योग के चलते आपको अपने किसी निकट संबंधी से धोखा मिलने की संभावना है। अक्टूबर में राहु का आपकी राशि में संचार होने से एक बार फिर आपको नई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

सूर्यदेव को रोजाना गुरु गायत्री मंत्र या ऊँ घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जप करें या गायत्री मंत्र का पाठ करें।
आपके लिए बृहस्पतिवार का व्रत रखना बहुत ही शुभ रहेगा। उस दिन बेसन, केला,जैसी पीली वस्तुओं का दान करना शुभ रहेगा।

रविवार 1 जनवरी 2023   इस बार नया साल रविवार के दिन से शुरू
रविवार 1 जनवरी 2023   इस बार नया साल रविवार के दिन से शुरू हो रहा है। रविवार का दिन ग्रहों के देवता सूर्य देव को समर्पित है। इसलिए साल 2023 में भी सूर्य का प्रभाव रहेगा। सूर्य देव के प्रभाव से व्यक्ति को समाज में मान सम्मान की प्राप्ति होती है। ऐसे में सूर्य देव को प्रसन्न करने के नए साल के पहले दिन आपको कुछ उपाय करने चाहिए। नए साल के पहले दिन ये उपाय करके आप साल भर सूर्य की कृपा पा सकते हैं।  नए साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी 2023, रविवार को स्नान के बाद उगते सूरज को जल दें।  मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं। नए साल के पहले दिन बहते हुए जल में गुड़ और चावल को मिश्रित करके प्रवाहित करें। 

By Chandra Shekhar Joshi Chief Editor- www.himalayauk.org (Leading Newsportal & Print Media) Publish at Dehradun & Haridwar H.O: Nanda Devi Enclave, Banjarawala Dehradun Uttrakhand (Mob. 9412932030) Mail; himalayauk@gmail.com —– Deposit Yr Contribution: Himalaya Gaurav Uttrakhand SBI a/c No. 30023706551 ifs code; SBIN0003137

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