अब माताश्री और 150 करोड़ पार्टी फंड भी शिंदे गुट मांगेगा – ठाकरे ने कहा वे लड़ाकू मोड में चले जाएं
खबर है कि शिंदे गुट मातोश्री और 150 करोड़ के पार्टी फंड को मांगेगा, यह भी शिंदे गुट के हाथ में जा सकता है. सीएम शिंदे गुट का पलड़ा हर तरह से भारी नजर आ रहा है. 27 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में इसे लेकर क्या होता है.
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उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरे ‘सैनिक’ मेरे साथ हैं. जब तक हम इन ‘चोरों’ को खत्म नहीं कर देते, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे.उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग सहित सभी संस्थान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुलाम बन गए हैं, लेकिन वे बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को कभी ‘नष्ट’ नहीं कर सकते
ठाकरे ने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे लड़ाकू मोड में चले जाएं, और आने वाले दिनों में महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान आने वाले दिनों में शिंदे गुट द्वारा उछाले जाने वाले सभी आरोपों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहें.
चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना की बात खत्म हो गयी है. पार्टी के दो गुट होने की मान्यता खत्म हो गयी है, क्योंकि चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को वास्तविक चुनाव चिन्ह दे दिया है और ठाकरे गुट से 6 दशक पुराना चिह्न वापस ले लिया गया है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने रविवार 19 FEB 2023 को कहा कि तीर-धनुष’ निशान चले जाने से शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता उसके नये चुनाव निशान को स्वीकार करेगी. रविवार को इस मुद्दे पर संवाददाताओं से पूछे जाने पर राकांपा प्रमुख ने पुणे के बारामती नगर में कहा, ‘‘एकनाथ शिंदे धड़े को दिये गये नाम एवं चुनाव निशान से जुड़े विवाद में मैं नहीं पड़ना चाहता. मैं दो दिन पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुका हूं.’’
ज्ञात हो कि
केंद्रीय चुनाव आयोग ने शिवसेना पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर फैसला देते हुए कहा है कि ‘शिवसेना’ और ‘धनुष बाण’ दोनों एकनाथ शिंदे के पास रहेगा. यानी एकनाथ शिंदे की सेना ही असली शिवसेना है. चुनाव आयोग के आदेश के बाद शिवसेना तो एकनाथ शिंदे के पास आ गई है
वही जनता का झुकाव उद्धव गुट के साथ ही नजर आ रहा है. हाल ही में आए एक सर्वे के नतीजे बता रहे हैं. सर्वे के अनुसार, महाराष्ट्र में यूपीए को 34 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. 2019 में यूपीए को जहां 5 सीट ही मिली थी, वहीं अब 6 गुना ज्यादा सीटें मिलती दिख रही हैं.
हाल ही में सी वोटर और इंडिया टुडे ने मूड ऑफ द नेशन नाम से एक सर्वे किया था. इसमें 1 लाख 39 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था. पार्टी में सियासी टूट का झटका देख रहे उद्धव ठाकरे के लिए इस सर्वे के नतीजे राहत पहुंचाने वाले हैं. सर्वे में पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार यूपीए की सीटें छह गुना बढ़ती दिखाई दे रही हैं.
अब राजनीति के समीकरण बदल गए हैं. विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना ने एनडीए से नाता तोड़ लिया. उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ महाविकास आघाडी गठबंधन बनाकर राज्य में सरकार बनाई. सरकार ज्यादा दिन नहीं चली और 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बड़ी बगावत हुई और पार्टी में दो फाड़ हो गया. 40 से अधिक विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई. उद्धव ठाकरे गुट ने पार्टी और चुनाव चिह्न पर दावा ठोंका लेकिन चुनाव आयोग ने उसे अब नकार दिया है.
राज्य में राजनीतिक समीकरण बदले हैं लेकिन अभी भी जनता का मूड उद्धव के साथ साथ नजर आ रहा है. हाल ही में आए सी वोटर के सर्वे के नतीजे इसी बात का संकेत है. सर्वे के अनुसार, महाराष्ट्र में यूपीए को 34 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. 2019 में यूपीए को जहां 5 सीट ही मिली थी, वहीं अब 6 गुना ज्यादा सीटें मिलती दिख रही हैं.
57 साल पहले यानी 1966 में बनी शिवसेना का चुनाव चिन्ह ठाकरे परिवार के हाथ से निकल चुका है. कुल 67 विधायकों में से 40 का समर्थन शिंदे गुट को है. शिंदे गुट के साथ 13 सांसद हैं जबकि ठाकरे गुट के साथ 7 सांसद हैं.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोर्ट के फैसले से पहले चुनाव आयोग का फैसला देना गलत है. मैंने कहा था कि आयोग को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले फैसला नहीं देना चाहिए. यदि पार्टी का वजूद विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर तय होता है, तो कोई भी पूंजीपति विधायक, सांसद को खरीद सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है. उन्होंने कहा कि चोरों को धनुष-बाण की चोरी का आनंद लेने दीजिए. उन्होंने नाम और निशान की चोरी की है. चोर तो चोर ही होता है.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के आयुक्त भी मोदी के गुलामों की तरह व्यवहार कर रहे हैं. शायद उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद कुछ अच्छे पदों से पुरस्कृत किया जा सकता है, लेकिन महाराष्ट्र के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि कौन वास्तविक है. मैं इन चोरी करने वालों को चुनौती देता हूं कि वे ‘धनुष-बाण’ लेकर चुनावी रण में उतरें. हम अपनी ‘ज्वलंत मशाल’ से आपका सामना करेंगे और आपको सबक सिखाएंगे.