मोदी राज में घोषित नये एम्स का ताज़ा स्टेटस क्या?

मई 2018 में अपनी चौथी सालगिरह से ऐन पहले, मोदी कैबिनेट ने देश में 20 नये एम्स यानी आखिल भारतीय चिकित्सा संस्थान बनाने का ऐलान किया। इससे पहले मोदी राज के गुज़रे चार सालों में 13 एम्स बनाने की घोषणा हो चुकी थी। इसकी प्रगति के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जून 2018 में मोदी सरकार ने बताया कि ’13 में से एक भी एम्स शुरू नहीं हो पाया है!’
मोदी सरकार की चौथी सालगिरह से पहले पिछले महीेने केंद्रीय कैबिनेट ने देश में 20 नए एम्स अस्पताल बनाने ऐलान किया. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि पिछले चार साल में जिन 13 एम्स को बनाने की घोषणा की गई, उनकी क्या हालत है? पता चला कि अभी एक भी एम्स शुरू नहीं हो पाया है.

17 दिसम्बर 2018 को मोदी कैबिनेट ने मदुरै (तमिलनाडु) और बीबीनगर (तेलंगाना) के लिए नये एम्स को मंज़ूरी दे दी। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत मंज़ूर हुए दोनों एम्स पर क्रमशः 1264 और 1028 करोड़ रुपये ख़र्च होंगे।

दिलचस्प बात है कि ‘तेज़ी से कड़े फ़ैसले लेने वाली मोदी सरकार’ के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तमिलनाडु एम्स का एलान 2016 के बजट भाषण में किया था। सरकार को यही तय करने में क़रीब पौने तीन साल लग गए कि नया एम्स मदुरै में बनेगा। इसके निर्माण के लिए 45 महीने की मियाद तय हुई है। बीबीनगर एम्स के बारे में तो इतना ब्यौरा भी सुलभ नहीं है। हालाँकि, मोदी कैबिनेट ने तेलंगाना एम्स को सैद्धान्तिक मंज़ूरी अप्रैल 2018 में दे दी थी। लेकिन इतने दिनों में अभी तो सिर्फ़ यही तय हो पाया है कि लागत 1028 करोड़ रुपये होगी और शहर कौन-सा होगा, जहाँ यह एम्स बनेगा। अभी तो काग़ज़ पर भी कोई समय-सीमा यानी डेडलाइन तय नहीं है। बस, कोरा एलान है!

मई 2018 में अपनी चौथी सालगिरह से ऐन पहले, मोदी कैबिनेट ने देश में 20 नये एम्स यानी अखिल भारतीय चिकित्सा संस्थान बनाने का एलान किया था। इससे पहले मोदी राज के गुज़रे चार सालों में 13 एम्स बनाने की घोषणा हो चुकी थी।
जून 2018 तक इन 13 एम्स के काम की क्या प्रगति हुई, इसका जायज़ा

  • गोरखपुर एम्स: जगह तय, 1,011 करोड़ रुपये की लागत मंज़ूर, मार्च 2020 का लक्ष्य और 10% से कम फ़ंड जारी।
  • नागपुर एम्स: जगह तय, 1,577 करोड़ रुपये की लागत मंज़ूर, अक्टूबर 2020 का लक्ष्य, 15% फ़ंड जारी।
  • कामरूप एम्स: जगह तय नहीं, 1,123 करोड़ रुपये की लागत मंज़ूर, अप्रैल 2021 का लक्ष्य, सिर्फ़ 5 करोड़ रुपये जारी।
  • गुजरात एम्स: अभी तक शहर का नाम ही तय नहीं, कोई फ़ंड जारी नहीं, कोई डेडलाइन तय नहीं।
  • बिहार एम्स: 2015 के चुनावी साल में बजट में एलान, तीन साल बाद भी स्थान तय नहीं, कोई डेडलाइन तय नहीं, कोई फ़ंड जारी नहीं।
  • गुंटूर एम्स: जगह तय, 1,618 करोड़ रुपये की लागत मंज़ूर, अक्टूबर 2020 का लक्ष्य, 15% फ़ंड जारी।
  • कल्याणी एम्स: जगह तय, 1,754 करोड़ रुपये की लागत मंज़ूर, अक्टूबर 2020 का लक्ष्य, 16% फ़ंड जारी।
  • बठिंडा एम्स: जगह तय, 925 करोड़ रुपये की लागत, जून 2020 का लक्ष्य, 4% फ़ंड जारी।
  • जम्मू एम्स: सम्बा ज़िले के विजयपुर में प्रस्तावित, कोई बजट और कोई डेडलाइन तय नहीं।
  • कश्मीर एम्स: पुलवामा ज़िले के अवन्तिपुरा में प्रस्तावित, कोई बजट और कोई डेडलाइन तय नहीं। लेकिन जम्मू-कश्मीर के दोनों एम्स के नाम पर 91 करोड़ रुपये का फ़ंड जारी हुआ।
  • बिलासपुर एम्स: जगह तय, 1,350 करोड़ रुपये की लागत मंज़ूर, दिसम्बर 2021 का लक्ष्य, नरेन्द्र मोदी ने 3 अक्टूबर 2017 को शिलान्यास किया, लेकिन कोई फ़ंड जारी नहीं!
  • तमिलनाडु एम्स: अभी तक शहर का नाम ही तय नहीं, कोई फ़ंड जारी नहीं, कोई डेडलाइन तय नहीं।

यहाँ 13वें नम्बर पर जिस ‘तमिलनाडु एम्स’ का ज़िक्र है, उसकी क़िस्मत अब जाकर पलटी है! इसे ही अब ‘मदुरै एम्स’ का नाम मिला है-

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी शायद ही याद हो कि वो बीते साढ़े चार साल में देश में कितने एम्स खोलने का ऐलान कर चुके हैं? इस सवाल का सीधा और सटीक जबाब आपको गूगल जी भी नहीं दे पाते! मोदी राज में घोषित नये एम्स का ताज़ा स्टेटस क्या है? इस कौतूहल का समाधान आगे करेंगे। फ़िलहाल, ख़बर है कि 17 दिसम्बर 2018 को मोदी कैबिनेट ने मदुरई (तमिलनाडु) और बीबीनगर (तेलंगाना) के लिए नये एम्स को मंज़ूरी दे दी। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत मंज़ूर हुए दोनों एम्स पर क्रमशः 1264 और 1028 करोड़ रुपये होंगे।

दिलचस्प बात है कि ‘तेज़ी से कड़े फ़ैसले लेने वाली मोदी सरकार’ के वित्तमंत्री अरूण जेटली ने तमिलनाडु एम्स का ऐलान 2016 के बजट भाषण में किया था। क़रीब पौने तीन साल से सरकार को यही तय करने में लग गये कि नया एम्स मदुरई में बनेगा। इसके निर्माण के लिए 45 महीने की मियाद तय हुई है। बीबीनगर एम्स के बारे में तो इतना ब्यौरा भी सुलभ नहीं है। हालाँकि, मोदी कैबिनेट ने तेलंगाना एम्स को सैद्धान्तिक मंज़ूरी अप्रैल 2018 में दे दी थी। अभी तो सिर्फ़ 1028 करोड़ रुपये की लागत और शहर का नाम ही तय हो पाया है। अभी तो काग़ज़ पर भी कोई समय-सीमा यानी डेड-लाइन तय नहीं है। बस, कोरा ऐलान है!

ये ऐलान ही मोदी राज की ‘फेंकते रहो’ नीति की आत्मा है। अब ज़रा इस आत्मा से जुड़े इसके अजर-अमर तत्व को भी जान लीजिए। मई 2018 में अपनी चौथी सालगिरह से ऐन पहले, मोदी कैबिनेट ने देश में 20 नये एम्स यानी आखिल भारतीय चिकित्सा संस्थान बनाने का ऐलान किया। इससे पहले मोदी राज के गुज़रे चार सालों में 13 एम्स बनाने की घोषणा हो चुकी थी। इसकी प्रगति के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जून 2018 में मोदी सरकार ने बताया कि ’13 में से एक भी एम्स शुरू नहीं हो पाया है!’ उससे पहले 4 मार्च 2018 को, बीजेपी ने मोदी राज का महिमामंडन करते हुए ट्वीट किया कि “परिवार राज से स्वराज: 2014 तक 7 एम्स स्थापित किये गये, लेकिन मोदी सरकार के 48 महीने में 13 एम्स जैसे संस्थाओं को मंज़ूरी दी है।”

सत्ता में चार साल पूरे होने पर बीजेपी ने कांग्रेस राज पर तंज कसते हुए कहा था कि 2014 तक देश में सिर्फ 7 एम्स बन पाए थे, लेकिन इस सरकार ने 48 महीने में 13 एम्स को मंजूरी दी है.

बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 4 मार्च को ट्वीट किया गया था, ‘परिवार राज से स्वराज: 2014 तक 7 एम्स स्थापित किए गए, लेकिन मोदी सरकार के 48 महीने के भीतर 13 एम्स या एम्स जैसी संस्थाओं को मंजूरी दी गई.’  

13 नए ‘एम्स’ के निर्माण की स्थ‍िति का पता लगाने के लिए आजतक ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी. इसके आधार पर हर एम्स पर हुई प्रगति की जानकारी

1. एम्स, यूपी

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सरकार ने एम्स बनाने की घोषणा की है जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह क्षेत्र है. इसके लिए गोरखपुर के महादेव झारखंडी में जगह तय हो चुकी है. इस प्रोजेक्ट के लिए 1,011 करोड़ रुपये की लागत मंजूर की गई है, लेकिन अभी तक 10 फीसदी से भी कम फंड जारी हुआ है. इसे मार्च 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है, लेकिन अभी काम 10 फीसदी भी नहीं हुआ है. ऐसे में लगता नहीं कि यह प्रोजेक्ट समय से पूरा हो पाएगा.

2. एम्स, आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के मंगलागिरी में बनने वाले एम्स प्रोजेक्ट के लिए 1,618 करोड़ रुपये की लागत मंजूर की गई है. अभी तक सिर्फ 233.88 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इसे अक्टूबर, 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है, लेकिन इसे टारगेट समय तक पूरा कर पाना असंभव ही लग रहा है.

3. एम्स, पश्च‍िम बंगाल

पश्चिम बंगाल के कल्याणी में एम्स बनाने की घोषणा की गई है. इसके लिए 1,754 करोड़ रुपये की लागत मंजूर की गई है. अभी तक सिर्फ 278.42 करोड़ रुपये ही जारी हुए हैं. इसे भी अक्टूबर 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है, लेकिन इस टारगेट को हासिल करने के लिए गति बहुत तेज करनी होगी.

4. एम्स, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के नागपुर में एम्स बनाने के लिए 1,577 करोड़ रुपये की लागत मंजूर की गई है, लेकिन अभी तक सिर्फ 231.29 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. यह मोदी सरकार के कद्दावर मंत्री नितिन गडकरी का इलाका है. इस प्रोजेक्ट को अक्टूबर 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इसे टारगेट समय तक पूरा करने के लिए दिन-रात काम करना होगा.

5. एम्स, असम

असम के कामरूप जिले में एम्स बनाने की घोषणा की गई है. इस प्रोजेक्ट के लिए 1,123 करोड़ रुपये के लागत को मंजूरी दी गई है, लेकिन अभी तक सिर्फ 5 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इसे पूरा करने का डेडलाइन अप्रैल 2021 है.

6. एम्स, पंजाब

पंजाब के बठिंडा में नया एम्स बनाने की घोषणा की गई है. इस प्रोजेक्ट के लिए 925 करोड़ रुपये की लागत तय की गई है. अभी तक सिर्फ 36.57 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. इसे जून 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है.

7 -8 . एम्स, जम्मू-कश्मीर

राज्य में दो एम्स बनाने की घोषण की गई है. जम्मू क्षेत्र के सम्बा जिले के विजयपुर में और कश्मीर घाटी के पुलवामा जिले केअवंतीपुरा में. इनके लिए कोई बजट तय नहीं हो पाया है, लेकिन दोनों के लिए कुल 90.84 करोड़ रुपये का फंड जारी कर दिया गया है. कोई डेडलाइन भी तय नहीं किया गया है.

9 . एम्स, हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में एम्स के निर्माण की घोषणा की गई है. इसके लिए कुल 1,350 करोड़ रुपये की लागत मंजूर की गई है. पीएम मोदी ने 3 अक्टूबर, 2017 को इसकी आधारशिला रखी थी. लेकिन अभी तक कोई फंड जारी नहीं किया गया है. दिसंबर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य है.

10. एम्स, बिहार

बिहार में एम्स बनाने की घोषणा साल 2015-16 के संघीय बजट में की गई थी. पिछले तीन साल में इसके लिए स्थान का चयन भी नहीं हो पाया है. इसके लिए अभी तक न तो किसी फंड का आवंटन हुआ है और न ही कोई डेडलाइन तय की गई है.

11. एम्स, तमिलनाडु

तमिलनाडु में भी अभी एम्स के लिए स्थान तय नहीं हो पाया है. इसके लिए न तो किसी फंड का आवंटन हुआ है और न ही कोई डेडलाइन तय है.

12. एम्स, झारखंड

झारखंड के देवघर में एम्स बनाने की घोषणा की गई है. इस प्रोजेक्ट के लिए 1103 करोड़ रुपये की लागत तय की गई है. हालांकि, अभी तक सिर्फ 9 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इसे 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य है.

13. एम्स, गुजरात

पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में अभी तक एम्स के लिए स्थल का चुनाव नहीं हो पाया है. न तो कोई फंड जारी हुआ है और न ही कोई डेडलाइन तय की गई है.

मुकेश कुमार सिंह साभार-

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