मुन्ना भैया नाम से विख्यात: भाजपा के मुख्य रणनीतिकार: कुशल रणनीति से पार्टी और फिर देश की राजनीति में विशेष स्थान बनाया: 2023 मे सितारों का विशेष संकेत

भाजपा के मुख्य रणनीतिकार: कुशल रणनीति से पार्टी और फिर देश की राजनीति में विशेष स्थान बनाया: 2023 मे सितारों का विशेष संकेत –

नगर निगम के पार्षद – सेभारत के यह बड़े राजनेता- करीबियों मे मुन्ना भैया नाम से विख्यात: गरीबों के हितैषी, सरल व्यक्तित्व पर देव प्रेरणा से विशेष आलेख प्रस्तुत कर रहा हु: चंद्रशेखर जोशी मुख्य संपादक मोबा 9412932030

राजनीति में काफी तेजी से उभरा ऐसा नाम, जिसने देखते ही देखते केंद्र की राजनीति में उनका कद कदर मजबूत होता गया- आरेठी गांव के मंदिर मे उनके परिवार की आराध्य देवी आसमानी माता के अनन्य भक्त है. जहां हर शुभ कार्य से पहले उनके परिवार द्वारा पूजा की जाती है. 12 जून 1957 को ग्वालियर में किसान परिवार मुंशी सिंह तोमर और शारदा देवी के बेटे के रूप में जन्मे नरेंद्र भाजपा के महत्वपूर्ण रणनीतिकार माने जाते हैं। सादगी की मिसाल है: भाजपा मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बड़े बेटे रामू की शादी इस कदर बेहद सादगी से हुई कि शादी में न तो बैंड बजा और न ही बरात निकली। नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे की शादी पूर्व उपराष्ट्रपति एवं राजस्थान के कद्दावर नेता स्व. भैरोसिंह शेखावत की पोती से हुई थी।

यह मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध राजनेता हैं। वर्तमान में यह मोदी सरकार में मन्त्री हैं। इनको एक कुशल रणनीतिकार के रूप में भी जाना जाता है। यह अपने काम को तवज्जो देने वाले नेताओं में जाने जाते हैं। यह राज्यसभा सदस्य भी रह चुकें हैं। वर्ष 1996 में इनको युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष भी बनाया गया था। यह सुश्री उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में भी कार्य किये हैं। वर्ष 2008 में इनको तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष, सोमनाथ चटर्जी के द्वारा उत्कृष्ट मंत्री के रूप में सम्मानित किया था।यह 15 जनवरी 2009 को निर्विरोध राज्यसभा सदस्य चुने गए थे।

मुरैना-श्योपुर सांसद और भाजपा के मुख्य रणनीतिकार मुरैना जिले के पोरसा तहसील के रहने वाले हैं. उनका पुश्तैनी घर आज भी मुरैना जिले के अरेठी गांव में स्थित है. उनका जन्म 12 जून 1957 को आर्यनगर, मुरार, ग्वालियर में हुआ था. उनके माता-पिता का नाम शारदा देवी और मुंशी सिंह तोमर है.

रेन्द्र सिंह तोमर भारत के एक राजनेता हैं। वे सम्प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में भारत के वर्तमान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री हैं।

श्री तोमर जी पर मेरी कलम से कुछ विशेष :;चंद्रशेखर जोशी

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का राजनीतिक करियर काफी लंबा रहा है. उन्होंने छात्र संघ अध्यक्ष के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और बाद में पार्षद का चुनाव जीता. फिर वे विधायक बने और लोकसभा सांसद बनने के बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी मिली. कृषि मंत्री बनने से पहले उनके पास ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और संसदीय कार्य मंत्रालय जैसे कई विभाग भी थे.अपने लंबे राजनीतिक करियर में नरेंद्र सिंह तोमर राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और अब मोदी सरकार आने के बाद वो केंद्र में मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं.

वे सामाजिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यों का आयोजन करने में रुचि रखते हैं। इसके अलावा, गरीबों की मदद, रक्तदान शिविरों के आयोजन और वृक्षारोपण में उनकी विशेष रुचि है। वे दर्पण खेल संस्थानए ग्वालियर के खेल-कूद और क्लब अध्यक्ष थे। उनका पसंदीदा मनबहलाव और मनोरंजन फिल्में देखना है। उनका उपनाम मुन्ना भैया है, जो बाबूलाल गौर द्वारा दिया गया है। खेल में उनके आकर्षण के अलावा, उनके साहित्यिक हित भी काफी स्पष्ट हैं। कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए, तोमर कई काव्य संगोष्ठियों का आयोजन करते रहते हैं। वे कई सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी शामिल हैं।

नरेन्द्र सिंह तोमर भारत के एक राजनेता हैं, इनका जन्म 12 जून 1957 को मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में पोरसा विकासखंड के तहत ग्राम ओरेठी में मुंशी सिंह तोमर नामक किसान के यहाँ हुआ था। इनके परिवार को तोमर गुर्जर परिवार भी कहा जाता है, इनका निवास स्थान ग्वालियर में है, वर्तमान में यह दिल्ली में रहते हैं। सन्तान – 2 पुत्र और एक पुत्री

तोमर जी की शुरुआती शिक्षा मध्य प्रदेश से ही ली हुई हैं, यहीं से इन्होने ग्रेजुएशन भी किया है, पढाई के समय कॉलेज में यह महाविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे थे। शिक्षा पूरी होने के बाद यह ग्वालियर नगर निगम के पार्षद चुने गए थे।

नरेन्द्र सिंह तोमर जी का राजनितिक सफर वर्ष 1991-96 के बीच में शुरू हुआ था जब ये बीजेपीवाईएफ, मध्य प्रदेश के राज्य उपाध्यक्ष बने थे। इसके पहले यह कॉलेज में अध्यक्ष भी रहे थे। बाद में यह वर्ष 1998 से 2008 के बीच मध्य प्रदेश विधानसभा (द्वितीय अवधि) के सदस्य भी रहे। वर्ष 2003 का वो समय जब यह सक्रिय राजनीति में आये जब इनको सरकार में कैबिनेट मन्त्री बनने का मौका मिला, यह 2007 तक इस पद पर बने रहे थे।

वर्ष 2009 में तोमरजी ने दिल्ली कुछ करने की सोची और मध्य प्रदेश के मोरेना लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 15 वीं लोकसभा में चुनाव लड़ा और कांग्रेस पार्टी के रामनिवास रावत को हराया। यहीं से तोमर जी दिल्ली का सफर शुरू किये थे। वर्ष 2014 का वो समय जब देश में नरेंद्र मोदी को प्रधानमन्त्री पद के लिए उम्मीदवार चुना गया था और उस समय मोदी की लहर चल रही थी, ऐसे में तोमर जी ने फिर से ग्वालियर से चुनाव लड़ा और 16 वीं लोक सभा (द्वितीय अवधि) में फिर से निर्वाचित हुए। यहीं से इनको केन्द्र में कैबिनेट मन्त्री बनने का अवसर मिला था।

2006 में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पद के चुनाव हुए. प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरने से ठीक पहले उन्होंने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. चुनाव में उन्हें ही निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुना गया. तोमर ‘एक व्यक्ति-एक पद’ के सिद्धांत को साकार करते नजर आए.

5 जनवरी 2009 को पहली बार वो मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद बने. अप्रैल 2009 में मुरैना-श्योपुर सीट पर उन्होंने एक लाख से ज्यादा वोटों से लोकसभा चुनाव जीता. मार्च 2010 में उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया. उनके नेतृत्व में 2013 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 165 सीटों पर जीत हासिल की. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. केंद्र की मोदी सरकार ने उन्हें दोनों बार कैबिनेट में जगह दी.

अटल जी के भांजे का टिकट काट कर नरेंद्र तोमर पहली पसन्द बने थे

2014 लोकसभा चुनाव में मुरैना सीट से अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा ने 1.23 लाख वोटों से जीत हासिल की थी और सांसद बने थे। 2019 लोकसभा चुनाव में वह मैदान से बाहर कर दिए गए। भाजपा ने इस बार अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा का टिकट का काटकर 2014 में तोमर को मैदान में उतारा था।

2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. केंद में मोदी सरकार ने दोनों ही बार उन्हें कैबिनेट में जगह दी. नवंबर 2020 से दिल्ली की सिंघु बॉर्डर पर देशभर के किसान प्रदर्शन कर रहे थे इस दौरान श्री मोदी और अमित शाह जी ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को ही केंद्र की ओर से किसानों से बातचीत के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदारी दी थी

2023 नववर्ष में सितारे उनको राजनीति के सर्वोच्‍च पद पर ले जाये तो कोई अतिश्‍योक्‍त‍ि नही होगी- यह हिमालयायूके न्‍यूजपोर्टल के गुरूजनो का पूर्वानुमान है- अग्रिम शुभकामनाएं: आध्यात्मिक शक्तिया कल्याण करेगी

By Chandra Shekhar Joshi Editor

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