जिनके मत से बनती हैं सरकारें, आज दर बदर सड़कों पर भटक रहे बेचारे

नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने बैटिंग के स्टाइलिश अंदाज के साथ आज पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया. 

सिद्धू ने अपने भाषण में विरोधियों को खूब ललकारा। वे बोले- परखने से कोई अपना नहीं रहता, किसी भी आइने में ज्यादा देर चेहरा नहीं रहता। सिद्धू ने कहा कि आज सारे कांग्रेस कार्यकर्ता प्रधान बन गए क्योंकि कार्यकर्ताओं के सहयोग के बिना कोई पार्टी राजनीति में टिक नहीं सकती। इस बीच सिद्धू ने भाजपा को घेरते हुआ कहा कि जिनके मत से बनती हैं सरकारें, आज दर बदर सड़कों पर भटक रहे बेचारे। सिद्धू की यह बात किसानों को लेकर थी। वे बोले-15 अगस्त से मेरा बिस्तर कांग्रेस भवन में लगेगा। उन्होंने मंत्रियों से अपील है कि वे भी 3-3 घंटे निकालकर कांग्रेस भवन में आएं और लोगों की समस्याएं सुनें। बोले- पंजाब मॉडल को आगे ले जाकर दिल्ली मॉडल को फेल करना है।

आक्रामक अंदाज में उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करूंगा. मुझमें कोई अहंकार नहीं. कांग्रेस आज एकजुट है. सिद्धू ने ये भी कहा कि जो मुझे आशीर्वाद देते हैं, वो मेरा सुरक्षा कवच हैं. मैं सबका आशीर्वाद लेकर और सबको साथ लेकर चलूंगा. सिद्दू ने अपने भाषण में ये जताने की कोशिश भी की कि जो हुआ सब पीछे छूट गया है. उन्होंने ये भी कहा कि मेरी लड़ाई कोई मुद्दा नहीं है. दिल्ली में बैठे किसान, डॉक्टरों और नर्सों की समस्याएं असली मुद्दे हैं. हमें मुद्दों को सुलझाना है. तभी हम भगवान के सामने सच्चे हैं. अपने कोट्स के लिए फेमस सिद्धू इस भाषण में भी बोले- ज्यादा नहीं बोलना सी, पर विस्फोटक बोलना सी.

पंजाब कांग्रेस भवन में सिद्धू ने एक बार फिर अपने तेवर दिखाए। जब वह भाषण देने के लिए खड़े हुए तो भगवान को याद किया, क्रिकेट शॉट मारने का एक्शन किया। अपने दाईं ओर बैठे कैप्टन और हरीश रावत को इग्नोर करते हुए आगे बढ़े और पूर्व मुख्यमंत्री रजिंदर कौर भट्‌ठल और लाल सिंह के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद वे भाषण देने खड़े हुए। सिद्धू ने कहा- मेरा दिल चिड़े के दिल जैसा नहीं है। जो मेरा विरोध करेंगे, वो मुझे और मजबूत बनाएंगे। मेरी चमड़ी मोटी है। मुझे किसी के कहने-सुनने से कोई फर्क नहीं पड़ता।

इस वक्त सबसे बड़ा मसला ये है कि हमारे किसान दिल्ली में बैठे हैं। मैं किसानों से मिलना चाहता हूं। इसके अलावा बेअदबी का मसला है। ETT टीचर सड़कों पर हैं। डॉक्टर हड़ताल पर हैं। कंडक्टर, ड्राइवर धरने पर हैं। इन सभी के मसले हमें हल करने हैं। इसके लिए उनकी समस्याएं सुननी होंगी। मैं सभी के बीच जाऊंगा, बात करुंगा और उन्हें हर संभव तरीके से अपने साथ लेकर आऊंगा।

 कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुलाकात के कुछ क्षण बाद कहा, “पंजाब संकट का समाधान हो गया है, आप देख सकते हैं.”

हरीश रावत ने सिद्धू को आवाज देकर वापस बुलाया

पंजाब भवन में कांग्रेस के नए प्रधान सिद्धू ने कैप्टन को देखकर पहले तो नजरें फेर लीं और आगे बढ़ गए। इस पर पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने सिद्धू को आवाज देकर वापस बुलाया और अमरिंदर सिंह से मुलाकात कराई। कैप्टन ने सिद्धू को पास आकर बैठने को कहा तो वह कांग्रेस भवन के कार्यक्रम में लेट होने की बात कहने लगे। कई बार कहने पर सिद्धू उनके पास आकर बैठे। इससे पहले सिद्धू 18 मार्च को कैप्टन के सिसवां फार्म हाउस पर उनसे मिले थे। इस दौरान दोनों के बीच करीब 40 मिनट तक बातचीत हुई थी।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंच से सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने के समारोह में सुनील जाखड़ की तारीफों के पुल बांधे। कैप्टन ने कहा कि जाखड़ ने पंजाब कांग्रेस के लिए बहुत कुछ किया है। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। इसके बाद सिद्धू और अपने कनेक्शन पर बोले। कहा- जब सिद्धू पैदा हुए थे तब से उनके परिवार को जानता हूं। सिद्धू का जन्म 1963 में हुआ था और यही वक्त था जब मैं चीन के बॉर्डर पर शिफ्ट हुआ था। कैप्टन कहा कि मेरी माता जी ने और सिद्धू के पिता ने भी साथ काम किया। सिद्धू के पिता तब पटियाला के प्रधान हुआ करते थे। इसके बाद मेरी माता जी 1967 में लोकसभा में आ गईं।

वहीं जब मैं 1970 में सेना छोड़ के आया तो माता जी ने कहा कि राजनीति में कदम रखो। पर मैं तो बिलकुल भी राजनीति नहीं जानता था। तब माता जी ने कहा- सिद्धू के पिता सरदार भगवंत सिंह सब सिखा देंगे। इसके बाद फिर सिद्धू के पिता के साथ मेरी कई बैठकें हुईं, कुछ मेरे तो कुछ सिद्धू के घर पर। सिद्धू के पिता पटियाला कांग्रेस के प्रधान रहे। इसके बाद एक समय में सरदार भगवंत सिंह मेरे कदम सियासत में ले ही आए। कैप्टन ने सिद्धू को लेकर आगे कहा कि जब मैं इनके घर जाया करता था, तब सिद्धू की उम्र 6 साल हुआ करती थी और ये इधर-उधर भागते फिरते थे।

अपने भाषण में कैप्टन ने सिद्धू से कहा कि पंजाब का सारा बॉर्डर पाकिस्तान से सटा है और हमें बहुत सावधान रहने की जरूरत है। कांग्रेस पार्टी एक जमात है जो देश की आजादी के लिए लड़ती रही है। अब हमें अपना फर्ज और अपनी डयूटी निभानी है।

कैप्टन बोले- सोनिया जी ने मुझसे कहा कि अब नवजोत पंजाब के अध्यक्ष होंगे और आप दोनों को मिलकर काम करना होगा तो मैंने कह दिया था कि आपका जो भी फैसला होगा, वो हमें मंजूर होगा।

पंजाब भवन से कांग्रेस भवन पहुंचे कैप्टन मंच पर नवजोत सिंह सिद्धू के बगल वाली सीट पर बैठे। यहां मंच पर पूर्व प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़, पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री रजिंदर कौर भट्‌ठल, कैप्टन की पत्नी परनीत कौर भी थीं। सिद्धू और कैप्टन एक साथ अगल-बगल में बैठे, लेकिन बातचीत नहीं की। 

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