नीतीश कुमार ने मोदी सरकार को ललकारा- “हिम्मत है तो….”

केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार रेलवे के सभी जोन से करीब 11000 लोगों की नौकरियां खत्म करेगी। इसे खर्च में कटौती के तौर पर देखा जा रहा है। रेल मंत्रालय देशभर के 23 स्टेशनों को प्राइवेट कंपनियों के हाथों में सौंपने की योजना पर काम कर रही है। राहुल गांधी ने नेशनल हेरल्ड अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा है, ‘’बेरोजगारी देश के सामने बड़ी चुनौती है. आज पीएम मोदी के राज में पांच साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है.’’ राहल ने ये भी कहा है, ‘’आज लोगों के अंदर गुस्सा और असंतोष है. और मोदी, आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा इस गुस्से का इस्तेमाल समाज में नफरत फैलाने के लिए कर रही है.’’ नीतीश कुमार ने कहा, ”योग खुद करने की चीज है, सार्वजनिक रूप से दिखाने की चीज नहीं है.”

देश में किसानों के आंदोलन के बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि किसानों को लेकर मोदी सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया है. उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी लागत की उचित कीमत नहीं मिल रही है.
नीतीश कुमार ने कहा, ”किसानों के कर्ज माफी से मसले का हल नहीं मिलने वाला.” किसानों की समस्याओं का हल पेश करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ”गर्म माहौल में किसानों की कर्ज माफी से समस्या का हल नहीं निकलेगा. देशभर में एक राष्ट्रीय नीति बने, तभी इसका हल निकल सकता है.”
इसके साथ ही नीतीश कुमार ने मोदी सरकार को बड़ा चैलेंज किया है. उन्होंने कहा, ”मैं बिहार में दोबारा चुनाव के लिए अभी तैयार हूं. साथ में यूपी और NDA की सभी लोकसभा सीट पर भी दोबारा चुनाव हो. हिम्मत है तो चुनाव करवाइएं.”

Inadequate & low procurement prices for farmers’ produce is basis of current agrarian crisis: Bihar CM Nitish Kumar in Patna

:मोदी के राज में पांच साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी 
राहुल गांधी ने नेशनल हेरल्ड अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा है, ‘’बेरोजगारी देश के सामने बड़ी चुनौती है. आज पीएम मोदी के राज में पांच साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है.’’
राहल ने ये भी कहा है, ‘’आज लोगों के अंदर गुस्सा और असंतोष है. और मोदी, आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा इस गुस्से का इस्तेमाल समाज में नफरत फैलाने के लिए कर रही है.’’ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अंग्रेजी अखबार नेशनल हेरल्ड को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला है. राहुल गांधी से जब पूछा गया कि उनकी नजर में देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है तो उनका कहना था कि सबसे बड़ी चुनौती यही है कि नौकरियों की कमी है. पीएम मोदी ने दो करोड़ नौकरियां हर साल देने का वायदा किया था, लेकिन पीएम ने देश को पिछले पांच सालों की सबसे ज्यादा बेरोजगारी दी है. हर साल दो लाख नौकरियां जनता की उम्मीदों की भरपाई नहीं हो सकती. उधर चीन पिछले पांच सालों में हर साल एक करोड़ बीस लाख नये लोगों को रोजगार दे रहा है. इस पर राहुल से पूछा गया कि क्या नौकरीविहीन विकास से सामाजिक असंतोष बढ़ रहा है. इस पर राहुल गांधी का कहना था कि असंतोष खतरे की घंटी है क्योंकि गांवों से बड़ी तादाद में लोग शहरों की तरफ पलायन कर रहे हैं. लेकिन शहर में उनके पास नौकरी नहीं है, शिक्षा नहीं है और स्वास्थय सेवाओं की कमी है. राहुल गांधी इस बदहाली को पीएम मोदी, संघ और बीजेपी की उस विचारधारा से जोड़ते हैं जो उनके अनुसार इस बेचैनी और असुरक्षा का लाभ लोगों में गुस्सा और नफरत उपजाने के लिए करती है. राहुल की नजर में इसका इस्तेमाल मुस्लिमों, दलितों और समाज के दबेकुचले वर्ग के खिलाफ नफरत का माहौल बनाने में होता है. एक दूसरे को एक दूसरे से लड़ाने में होता है. लेकिन गुस्से और नफरत से रोजगार पैदा नहीं किया जा सकता. राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि वह इस नफरत को रोकने के बजाए उसे उकसाने का काम करते हैं. राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि वह लोगों को भारत के इतिहास के रुप में तो बताते हैं लेकिन उनके पास भारत के भविष्य के लिए न तो कोई योजना है और न ही कोई खाका. मोदी कहते हैं कि भारत पांच हजार साल पहले कितना बड़ा देश हुआ करता था, प्लास्टिक सर्जरी होती थी और तब उड़न खटौले उड़ा करते थे. लेकिन देश का निर्माण सुनहरे इतिहास को याद करके नहीं किया जा सकता. कांग्रेस उपाध्यक्ष से जब कांग्रेस के विजन पर पूछा गया तो उनका कहना था कि लोकतंत्र में जनता की आवाज सुनकर उसके अनुसार काम करके ही प्रगति हासिल की जा सकती है और कांग्रेस यही काम करती रही है. राहुल का दावा है कि कांग्रेस वक्त की जरुरतों के अनुसार खुद को ढालती रही है और जनता के हित में फैसले करती रही है. चाहे बैंकों के राष्ट्रीयकरण का फैसला हो या फिर आर्थिक सुधार लाने का. राहुल की नजर में मोदी सरकार जनता की सुन नहीं रही है. जनता भविष्य को लेकर इतने आशंकित है कि उनका सब्र टूट रहा है. इसकी वजह वायदों का पूरा नहीं होना है और खोखले वायदे करना है. राहुल की नजर में कांग्रेसी वह है जो नफरत नहीं फैलाता और जो देश से प्यार करता है.

नीतीश कुमार ने कृषि कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘योग करने से सब कुछ ठीक हो जाएगा’, कृषि कल्याण मंत्री के इस बयान पर हमला करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ”योग खुद करने की चीज है, सार्वजनिक रूप से दिखाने की चीज नहीं है.” उन्होंने कहा, ”राधामोहन सिंह ने ठीक से योग भी नहीं किया, कम से कम सही तरीके से योग तो करके दिखाते.”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. किसानों ने सबसे पहले महाराष्ट्र में अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया था. जिसके बाद ये आंदोलन मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों तक फैल गया है. मध्य प्रदेश में पिछले एक हफ्ते से इस आंदोलन ने हिंसक रूप धारण कर रखा है. हालांकि पिछले दो दिनों से प्रदेश से हिंसा की कोई खबर सामने नहीं आई है. किसान फसलों की सही कीमत न मिलने से नाराज हैं. साथ ही वह अपना कर्ज भी माफ कराना चाहते हैं.

#मोदी सरकार रेलवे के सभी जोन से करीब 11000 लोगों की नौकरियां खत्म करेगी
केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार रेलवे के सभी जोन से करीब 11000 लोगों की नौकरियां खत्म करेगी। इसे खर्च में कटौती के तौर पर देखा जा रहा है। रेलवे बोर्ड ने खर्च कटौती की कवायद तेज करते हुए सभी 17 रेल मंडलों से 10 हजार 900 पदों को खत्म करने का पत्र जारी किया है। जनसत्ता डॉट कॉ़म को रेलवे बोर्ड के फैसले और सभी महाप्रबंधकों को लिखी चिट्ठी मिली है। पत्र में लिखा गया है कि वर्ष 2017-18 के लिए सालाना पदों की कटौती के फैसले को लागू किया जाए। फिलहाल भारतीय रेल में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 15 लाख के करीब है। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल एक करोड़ नौकरियां देने का एलान किया था लेकिन तीन साल बाद भी ऐसा होता नहीं दिख रहा है। उल्टे सरकार कर्मचारियों की नौकरी ले रही है।
पत्र के मुताबिक 25 मई को केंद्रीय रेलवे बोर्ड के निदेशक (ई एंड आर) अमित सरन ने इस आशय का आदेश पत्र सभी जोन मुख्यालयों को भेजा है। इससे रेल कर्मचारियों में हड़कंप है। हालांकि रेलवे प्रशासन इसे सामान्य प्रक्रिया बता रहा है। अधिकारियों के मुताबिक रेलवे हर साल एक फीसदी पद समाप्त करता है। हालांकि, मौजूदा आदेश पर अधिकारी सफाई दे रहे हैं कि समीक्षा के बाद यह तय किया जाएगा कि कौन से अनुपयोगी पद समाप्त किए जाएंगे। अधिकारी का यह भी दावा है कि ऐसे पद समाप्त करने से रेलवे का कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पत्र के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे जोन को 400 पद समाप्त करने के लिए कहा गया है जबकि सेंट्रल और ईस्टर्न रेलवे को 1-1 हजार पद, ईस्ट कोस्ट रेलवे को 700, नॉर्दन रेलवे को 1500, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे को 150, नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे को 700, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे को 300, ईस्ट सेंट्रल रेलवे को 300, नॉर्थ ईस्टफ्रंटियर रेलवे को 550 पद खत्म करने को कहा गया है। इसी तरह सदर्न रेलवे को 1500, साउथ सेंट्रल रेलवे को 800, साउथ ईस्ट सेंट्रल और साउथ ईस्टर्न रेलवे को 400-400 पद, साउथ वेस्टर्न रेलवे को 200, वेस्टर्न रेलवे को 700 और वेस्ट सेंट्रल रेलवे को 300 पद खत्म करने को कहा गया है। ल मंत्रालय देशभर के 23 स्टेशनों को प्राइवेट कंपनियों के हाथों में सौंपने की योजना पर काम कर रही है। सरकार इन्हें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत निजी कंपनियों को देने जा रही है। इसके लिए 28 जून को ऑनलाइन नीलामी का आयोजन किया जाएगा। नीलामी में उत्तर प्रदेश का कानपुर जंक्शन और इलाहबाद जंक्शन शामिल हैं जबकि राजस्थान का उदयपुर रेलवे स्टेशन भी शामिल है। नीलामी के लिए कानपुर जंक्शन की शुरुआती कीमत 200 करोड़ रुपए जबकि इलाहबाद जंक्शन के लिए 150 करोड़ रुपए रखी गई है। नीलामी के परिणाम का ऐलान 30 जून को किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने देश के कुल 23 रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है।

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