ओबामा ने साजिश कर देश में नोटबंदी लागू करवाई.- बड़ा आरोप 

अर्थव्यवस्था पर मोदी सरकार घिरती नजर आ रही है. ओबामा ने साजिश कर देश में नोटबंदी लागू करवाई.- महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा आरोप 

पृथ्वीराज च्वहाण अब नोटबंदी को लेकर पूरे मामले की जांच संस्दीय समिति से कराए जाने की मांग कर रहे हैं. पृथ्वीराज च्वहाण ने कहा, ”क्रेडिट कार्ड की तरफ जाना या पेटीएम या मोबाइल पेमेंट की तरफ जाना उसके लिए नोट गायब करने पड़ेंगे जो उसका उद्देश्य था. इसीलिए हम संसदीय समिति से इसकी जांच की मांग कर रहे हैं.”
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नोटबंदी ; विरोध की आवाज बीजेपी के अंदर से भी  – मोदी सरकार ने अर्थवयस्था को चौपट कर दिया – ”नरेंद्र मोदी जी ने, अरुण जेटली जी ने हिन्दुस्तान की इकॉनमी को नष्ट कर दिया है. ये मैं नहीं कह रहा बीजेपी के सीनियर नेता यशवंत सिन्हा जी कह रहे हैं,— -राहुल गांधी

गिरती विकास दर और बढ़ती महंगाई – पहली तिमाही में विकास दर 5.7 रही जो तीन साल में सबसे नीचे है. इसके साथ लगातार बढ़ते पेट्रोल डीजल की कीमतें भी लसरकार के लिए सिर दर्द बनी हुई हैं. रोजगार को लेकर भी सरकार विपक्ष के निशाने पर है.

आर्थिक नीतियों को लेकर विरोधी लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. इतना ही नहीं विरोध की आवाज बीजेपी के अंदर से भी उठने लगी है. बीजेपी के दिगग्ज नेता यसवंत सिन्हा ने भी वित्तर मंत्री अरुण जेटली पर नोटबंदी को लेकर सवाल उठाए हैं.
चव्हाण ने नोटबंदी को एक साजिश बताते हुए इसके पीछे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का हाथ होने का आरोप लगाया है. च्वहाण के मुताबिक जब ओबामा भारत आए थे तब उन्होंने नोटबंदी का सुझाव सरकार को दिया.
अर्थव्यवस्था पर मोदी सरकार घिरती नजर आ रही है. बीजेपी के दिग्गज नेता यशवंत सिन्हा के बाद अब मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने फेसबुक पर लंबा चौड़ा पोस्ट लिखकर मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाए हैं. राज ठाकरे ने नोटबंदी को बड़ी भूल बताया है.

मंदी के हालात- कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखा हमला
मंदी के हालात को लेकर बीजेपी के अंदर से आवाज उठने के बाद अब कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है. गुजरात में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने यशवंत सिन्हा के बयान का हवाला देते हुए मोदी सरकार को अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर घेरा है.
राहुल गांधी ने कहा है कि यशवंत सिन्हा बिल्कुल ठीक कह रहे हैं कि मोदी सरकार ने अर्थवयस्था को चौपट कर दिया है. राहुल ने नोटबंदी को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर चोट की है. मंदी पर यशंवत सिन्हा के लेख को राहुल गांधी ने रीट्वीट भी किया है.
यशवंत सिन्हा के लेख पर राहुल गांधी ने कहा, ”नरेंद्र मोदी जी ने, अरुण जेटली जी ने हिन्दुस्तान की इकॉनमी को नष्ट कर दिया है. ये मैं नहीं कह रहा बीजेपी के सीनियर नेता यशवंत सिन्हा जी कह रहे हैं, उन्होंने आर्टिकल लिखा है. उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी में सब लोग जानते हैं लेकिन कोई नरेंद्र मोदी के डर से बोलना नहीं चाहता है.”
राहुल गांधी ने कहा, “ये हुआ क्यों ? ये इसलिए हुआ क्योंकि सरकार किसानों की, युवाओं की और महिलाओं की आवाज नहीं सुनती है. सरकार सिर्फ देश के बड़े पांच-दस उद्योगपतियों की बात करती है. इस देश को किसान, मजदूर, महिलाएं चलाते हैं लेकिन सरकार आपकी बात सुनती ही नहीं है.” गुजरात की रैली में राहुल गांधी ने सरकार को एक बार फिर सरकार को घेरा है. राहुल गांधी ने कहा, “प्रधानमंत्री जी टीवी पर आए और कहा कि आज रात 12 बजे से 500 और 100 का नोट रद्दी हो गया है. पता नहीं कैसे प्रधानमंत्री हैं. पता नहीं किसने मोदी को बता दिया कि कैश की कोई जरूरत नहीं है पूरा देश क्रेडिट कार्ड पर चलता है.” राहुल गांधी ने कहा, ”प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि हर साल दो करोड़ युवाओं को नौकरी दिलवाऊंगा. देश में हल रोज तीस हजार नए सुवा रोजगार ढूंढने के लिए निकलते हैं. देश की सरकार रोज सिर्फ चार सौ युवाओं को रोजगार दे रही है. जबकि चीन रोज चालीस हजार युवाओं को रोजगार दे रहा है.” रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि विकास पागल हो गया. उसे पागल खाने से बार निकाल कर लाना है, उसे ठीक करना पड़ेगा और पटरी पर लाना पड़ेगा. आपको बता दें कि कांग्रेस गुजरात में ‘विकास पागल हो गया है’ नाम से कैंपेन भी चला रही है.”

##अर्थव्यवस्था पर मोदी सरकार घिरती नजर आ रही है. बीजेपी के दिग्गज नेता यशवंत सिन्हा के बाद अब मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने फेसबुक पर लंबा चौड़ा पोस्ट लिखकर मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाए हैं. राज ठाकरे ने नोटबंदी को बड़ी भूल बताया है.
राज ठाकरे ने क्या लिखा?
राज ठाकरे ने अपने फेसबुक पर लिखा, ”जैसा आप बोते हैं वैसा ही काटते हैं. ये बीजेपी के लिए सच साबित हुआ है. बीजेपी ने भ्रामक मीडिया कैंपेन चलाकर आम आदमी के साथ छल किया, अब सोशल मीडिया का वही हथियार बीजेपी पर उल्टा पड़ रहा है. 2014 का चुनाव जीतने के लिए नैतिकता और सिद्धांत का त्याग किया गया.”
वादे पूरे करना तो दूर उन्हें जुमला बताया़
उन्होंने आगे लिखा, ”लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए हर हथकंडे अपनाए गए. जिन लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई उनका अपमान किया गया. विरोध की आवाज दबा दी गई. अगर सरकार अच्छा काम करती तब जनता इसे नजरअंदाज कर देती. वादे पूरे करने की बात तो छोड़ दीजिए सबसे ज्यादा दुखद ये है कि उन वादों को चुनावी जुमला बताया गया.”
नोटबंदी बड़ी भूल, क्या जनता ‘सेवक’ से सवाल नहीं पूछ सकती?
नोटबंदी को बड़ी भूल बताते हुए राज ठाकरे ने लिखा, ”नोटबंदी बड़ी भूल साबित हुई, लोगों की नौकरियां चली गई और महंगाई बढ़ गई लेकिन सरकार पर कोई सवाल नहीं उठा पाया. प्रधानमंत्री कहते हैं कि वो जनता के नौकर हैं और जनता राजा है. अगर ऐसा है तो क्या राजा को सरकार की नाकामी पर सवाल उठाने का हक नहीं है.”
बीजेपी के अंदर से भी उठी आवाज, यशवंत सिन्हा ने उठाए सवाल
एक अंग्रेजी अखबार के लिए यशवंत सिन्हा ने लिखा, ”प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उन्होंने काफी करीब से गरीबी को देखा है, उनके वित्त मंत्री इस बात के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं कि देश का हर नागरिक भी गरीबी को करीब से देखे.”
उन्होंने आगे लिखा, ”वित्त ने अर्थव्यवस्था की जो हालत की है उसके खिलाफ अगर मैं अभी नहीं बोलूंगा तो मेरे देश के प्रति कर्तव्य के साथ धोखा होगा. मुझे पता है मैं जो कह रहा हूं इससे बीजेपी के कई लोग भी सहमत होंगे, जो डर की वजह से बोल नहीं पा रहे.”

मोदी सरकार पर हमला क्यों हो रहा है?
विपक्ष लगातार अर्थव्यस्था को लेकर मोदी सरकार को निशाने पर ले रहा है. अब पहली बार बीजेपी के अंदर से भी आवाज उठी है. इसका मुख्य कारण गिरती विकास दर और बढ़ती महंगाई है. पहली तिमाही में विकास दर 5.7 रही जो तीन साल में सबसे नीचे है. इसके साथ लगातार बढ़ते पेट्रोल डीजल की कीमतें भी लसरकार के लिए सिर दर्द बनी हुई हैं. रोजगार को लेकर भी सरकार विपक्ष के निशाने पर है.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. पृथ्वीराज चव्हाण ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर भी आरोप लगाए हैं. चव्हाण का आरोप है कि ओबामा ने साजिश कर देश में नोटबंदी लागू करवाई.

पृथ्वीराज च्वाहाण ने नोटबिंदी को अमेरिकी साजिश बताते हुए कहा, ”मोबाइल पेमेंट कंपनी जिसको वहां पेमेंट सेक्टर कहा जाता है उन पर अमेरिका में कुछ कानून बने हैं, जिसमें उनको कमीशन मिलने का प्रावधान है वहीं से भारत ने नियम लिया है.”

पृथ्वीराज च्वहाण के मुताबिक, ”इस नियम को अमेरिका में टॉड फ्रैंक एक्ट के नाम से जाना जाता है. उसके अंदर एक डर्किन अमेंडमेंट हैं. जिसमें वहां पर क्रेडिट कार्ड कंपनियों का कमीशन करीब-करीब आधा कर दिया था. जिससे 10 अरब डॉलर का नुकसान अमेरिका में हुआ था. नए मार्केट की खोज में थे और भारत से नया कोई मार्केट था नहीं.”

नोटबंदी का ‘साजिश’ में ओबामा शामिल
चव्हाण ने नोटबंदी को एक साजिश बताते हुए इसके पीछे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का हाथ होने का आरोप लगाया है. च्वहाण के मुताबिक जब ओबामा भारत आए थे तब उन्होंने नोटबंदी का सुझाव सरकार को दिया. पृथ्वीराज चव्हाण के मुताबिक भारत ने अमेरिका के कहने पर ही डिजिटल पेमेंट की ओर कदम बढ़ाया जिसके लिए नोटबंदी की जरूरत थी.

पृथ्वीराज च्वाहाण ने कहा, ”बराक ओबामा अमेरिका से जब भारत आए थे उन्होंने शुरूआत की और भारत से गुजारिश की कि आप डिजिटलाइजेशन की तरफ जाइए और एक संगठन है, जो क्रेडिट कार्ड कंपनियों का संगठन है, भारत उनसी सदस्यता ले ले.”

अब क्या मांग कर रहे हैं पृथ्वीराज च्वहाण?
पृथ्वीराज च्वहाण अब नोटबंदी को लेकर पूरे मामले की जांच संस्दीय समिति से कराए जाने की मांग कर रहे हैं. पृथ्वीराज च्वहाण ने कहा, ”क्रेडिट कार्ड की तरफ जाना या पेटीएम या मोबाइल पेमेंट की तरफ जाना उसके लिए नोट गायब करने पड़ेंगे जो उसका उद्देश्य था. इसीलिए हम संसदीय समिति से इसकी जांच की मांग कर रहे हैं.”

नोटबंदी पर सरकार और आरबीआई क्या कहते हैं?
पिछले साल 8 नवंबर को 500 और हजार रुपये का नोटबंद करने का एलान हुआ था. सरकार ने नोटबंदी को कालेधन के खिलाफ अहम कदम बताया था. नोटबंदी के नौ महीने बाद आरबीआई ने जो आंकड़े जारी किए उसके मुताबिक 30 जून तक कुल मिलाकर 15 लाख 28 हज़ार करोड़ रुपये के पांच सौ और हज़ार रूपए के पुराने नोट वापस आए. जबकि बंद हुए कुल नोटों की संख्या 15 लाख 44 हज़ार करोड़ थी, यानी सिर्फ 16 हज़ार करोड़ रूपए ही वापस नहीं आए, हालांकि इसमें सहकारी बैंकों में और नेपाल में जमा कराए गए नोट शामिल नहीं थे.

सरकार अभी भी नोटबंदी तो सफल कदम बता रही है. इसके पीछे कि सरकार का तर्क है कि नोटबंदी के बाद करीब 2 लाख फर्जी कंपनियां पकड़ में आयीं, नगद लेन देन कम हुआ और डिजिटल ट्रांजैक्शन में इज़ाफा हुआ और 56 लाख नए करदाता जुड़े.”

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