सरकार की लोकप्रिय योजनाये वेब मीडिया में वायरल न हो पाई-पीएम को पत्र

श्रीमान नरेन्द्र मोदी जी माननीय प्रधानमंत्री जी भारत सरकार, नई दिल्ली को
वेब मीडिया एसोसिएशन पंजी0 का पत्र- # नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले साढ़े वर्षों का आंकड़ा सफलतापूर्वक आमजन तक नही पहुंच पाया, कारण वेब मीडिया का सफलतापूर्वक प्रयोग नही हो पाया, आज कोई छोटी सी घटना भी वायरल हो जाती है, क्‍या कारण है कि लोकप्रिय सरकार की लोकप्रिय जनयोजनाये वायरल नही हो पायी, इसका कारण डीएवीपी और राज्‍य सरकारो द्वारा वेब मीडिया का सफलतापूर्वक प्रयोग न करना माना जा सकता है-

लोकप्रिय सरकार की लोकप्रिय योजनाये आयुष्मान, भारत योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, उज्ज्वला योजना, अटल पेंशन योजना, जनधन योजना, उजाला योजना, मुद्रा योजना, नमामि गंगे योजना, स्वच्छ भारत योजना, जनसुरक्षा योजना ग्रासरूट बडे चैनलो, बडे अखबारो तक विज्ञापन के पेज बनकर रह गये, नेशनल वेब मीडिया एसोसिएन लखनऊ का माननीय प्रधानमंत्रीजी को पत्र-

विषयः सरकार की लोकहितकारी जननीतियां “वेब मीडिया एसोसिएशन“ के द्वारा घर-घर तक

महोदय,
राश्ट्रीय स्तर पर गठित वेब मीडिया एसोसिएश्‍न जिसका मुख्यालय एमडीएल-31, सेक्टर एल, अलीगंज, लखनऊ-226021 उत्तर प्रदेश है जिसका रजि0 नं0 878-2013-2014 है। बेब मीडिया एसोसिएशन का मुख्य उद्देष्य सरकार द्वारा तमाम योजनाओं और सरकारी सेवाओं की जानकारी दूर-दराज गांव कस्बे में इलेक्ट्रोनिक रूप से उपलब्ध हो। इसका उद्देष्य समाज को डिजिटल रूप से सषक्त और अर्थव्यवस्था को उन्नत बनाने में सरकार को सहयोग करना है। वेब मीडिया एसोसिएषन में न्यूज वेबसाइटो के पत्रकार, व्हटसअप गु्रप, फेसबुक, टविटर, ब्लाग, सोषल मीडिया आदि में समाचार भेजने वाले सक्रिय पत्रकार इसके सदस्य बने हैं।

सरकार की लोकहितकारी जननीतियो को वेब मीडिया द्वारा ही आम जन तक पहुंचाया जा सकता है। वेब मीडिया द्वारा ही नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले साढ़े वर्षों का आंकड़ा सफलतापूर्वक जायेगा तथा आयुष्मान, भारत योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, उज्ज्वला योजना, अटल पेंशन योजना, जनधन योजना, उजाला योजना, मुद्रा योजना, नमामि गंगे योजना, स्वच्छ भारत योजना, जनसुरक्षा योजना ग्रासरूट तक पहुंचे, और आमजन लाभान्वित हो, वेब मीडिया द्वारा आम जनता इस तथ्य से भी अवगत होगी कि 1.16 लाख ग्राम पंचायतों को डिजिटल बनाया गया है, 40 हजार पंचायतो को वाई-फाई सुविधा से जोड़ गया है, गरीबों के लिए बैंकिंग सुविधाओं को ठीक किया गया है।। जनधन खाते में 88 हजार करोड़ जमा रुपये इस मिशन की सफलता को बयां कर रही है। आज जरूरत है कि इन सब तथ्यो से जनता अवगत हो।

आज गरीबों और सरकार के बीच बिचैलियों की भूमिका जनधन ने खत्म कर दिया है। कालेधन के खिलाफ एस0आई0टी0का गठन किया है, टैक्स देने वालों की संख्या आज 6.8 करोड़ हो गयी है। व्यापार के लिए बहुत कम समय में एक नई प्रणाली जीएसटी को अपनाया गया, इसके अलावा देश अब मोबाइल फोन बनाने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। यह मेक इन इंडिया योजना का परिणाम है। देश में रक्षा उपकरणों को बनाने के लिए उद्यम स्थापित हुुए, सामाजिक और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाये गये, ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से लेकर 103वां संविधान संशोधन करके आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लिए कोटा देने का फैसला किया गया। नागरिकता संशोधन विधेयक के जरिए प्रताड़ना के कारण दूसरे देशों से भारत आए लोगों को देश की नागरिकता देने का फैसला किया गया है। मुस्लिम बेटियों को डर एवं भय मुक्त कराने के लिए तीन तलाक बिल को संसद से पारित करवाने का लगातार प्रयास किया गया है। गरीबी के अभिशाप के कारण सामान्य वर्ग के जो लोग शिक्षा पाने से वंचित रह जाते थे उनके लिए जनरल कोटा लागू किया गया है।
इस तरह नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले साढ़े वर्षों का आंकड़ा सफलतापूर्वक देष के हर नागरिक तक पहुंचे, वेब मीडिया एसोसिएषन का राश्ट्रीय स्तर पर विस्तार हुआ है। इस कार्य में हम सहयोग करना चाहते हैं।
वही आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं कि विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (विदृपनि) भारत सरकार के विभिन्न मंत्र्ाालय्ाों और विभागों के लिए बहु-माध्य्ाम विज्ञापन तथा प्रचार का कायर््ाभार उठाने वाली एकमात्र्ा नोडल एजेंसी है। कुछ स्वाय्ात्त संस्थाएं भी अपने विज्ञापन विदृपनि के माध्य्ाम से देती हैं। सर्विस एजेंसी के रूप में, य्ाह केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्र्ाालय्ाों की ओर से जमीनी स्तर पर सम्प्रेषण करने का प्रयास करता है। आज न्यूज वेबसाइटो की ओर भी ध्यान देने की आवश्‍यकता आ गयी है।

आपके संज्ञान में लाना चाहते है कि ”विज्ञापन एवं दृष्य प्रचार निदेषालय“ द्वारा न्यूज वेबसाइटो को विज्ञापन हेतु इम्पैनलमेंट की शर्ते अत्यधिक कठोर एवं व्यावहारिक नही है जिससे देष की अधिकांष न्यूज वेबसाइट इसमें इम्पैनलमेंट नही पा रही है। जनकल्याण राज्य में सरकार की नीतियां अधिकतम कल्याण की होती रही है। अतः आपसे निवेदन करते हैं कि ”विज्ञापन एवं दृष्य प्रचार निदेषालय“ डीएवीपी की वेबसाइटो को विज्ञापन हेतु इम्पैनल करने की नीति लघु एवं मध्यम वेबसाइटो के हित में होनी चाहिए, जो वर्तमान में नही है। 
माननीय प्रधानमंत्री जी की सोच हमेशा लघु एवं मध्यम लोगो के हित में रही है। गांव-गांव, गली-मौहल्ले में प्रचार-प्रसार के लिए छोटी एवं मध्यम न्यूज वेबसाइट एक सशक्त माध्यम हैं। 
देष की प्रथम पंजीकृत वेब मीडिया एसोसिएषन आपसे यह निवेदन करना चाहती हैं कि डीएवीपी की न्यूज वेबसाइटो को इम्पैनल करने की नीति में माननीय प्रधानमंत्रंी जी की सोच एवं सिद्वांतों को अपनाया जाने की जरूरत है, जिससे एक कल्याणकारी सरकार का संदेष जाए। देश की एक कल्याणकारी सरकार को मध्यम न्यूज वेबसाइटो को संरक्षण, सर्वद्वन एवं प्रोत्साहन देने की आज जरूरत है। 
 सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के ”विज्ञापन एवं दृष्य प्रचार निदेषालय“ की मध्यम एवं छोटी न्यूज वेबसाइटो को इम्पैनलमेंट करने की नीति के दायरे में लाना जाना चाहिए। 

वेब डिजिटल मीडिया जर्नलिस्ट फोरम के लिए पहले कुछ बुनियादी ढांचा गठित करने हेतु पृश्ठभूमि की तैयारी की जा रही है। भारत जहां एक ओर डिजिटल प्रौद्योगिकी को गले लगाने को तत्पर है, वह ब्राडबैंड विस्तार, इलेक्ट्रोनिक विनिर्माण और ई-गवर्नेस से होने वाले लाभ की फसल काटने की तैयारी कर रहा है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का क्रियान्वयन देष के समक्ष खडी चुनौतियों से निपटने, अवसरों का लाभ उठाने, नागरिकों को बेहतर ढांचागत सुविधाएं प्रदान करने और जीवन स्तर में सुधार में सहायक सिद्व होगा। इसी को लक्ष्य कर वेब मीडिया एसोसिएषन का राश्ट्रीय स्तर गठन करने का निर्णय लिया गया।
वेब मीडिया के बदलते स्वरूप को देखते हुए 2007 में उत्तराखण्ड में हिमालयायूके न्यूज वेबसाइट ने प्रमुखता से कार्य करना षुरू किया जिससे उत्तराखण्ड राज्य में वेबसाइट/न्यूजपोर्टल्स सोषल मीडिया नियमावली 2015 का गठन हुआ। वही वेब मीडिया के महत्व को देखते हुए वर्श 2013 में देष की प्रथम वेब मीडिया एसोएिषन का गठन तथा पंजीकरण लखनऊ मे किया गया। षनै-षनै भारत के हर राज्य में वेब मीडिया एसोसिएषन का गठन कर दिया गया है। इस तरह वेब मीडिया एसोएिषन देष की पहली पंजीकृत संस्था बनी, मीडिया एसोसिएषन का मुख्य उद्देष्य सरकार द्वारा तमाम योजनाओं और सरकारी सेवाओं की जानकारी दूर-दराज गांव कस्बे में इलेक्ट्रोनिक रूप से उपलब्ध हो। इसका उद्देष्य समाज को डिजिटल रूप से सषक्त और अर्थव्यवस्था को उन्नत बनाने में सरकार को सहयोग करना है।
बेब मीडिया एसोसिएषन का मुख्य उद्देष्य सरकार द्वारा तमाम योजनाओं और सरकारी सेवाओं की जानकारी दूर-दराज गांव कस्बे में इलेक्ट्रोनिक रूप से उपलब्ध हो। इसका उद्देष्य समाज को डिजिटल रूप से सषक्त और अर्थव्यवस्था को उन्नत बनाने में सरकार को सहयोग करना है।
वेब डिजिटल मीडिया के माध्यम से सेवाओं की इलेक्ट्रोनिक डिलीवरी की जा सकेगी। ई-एजूकेषन के तहत, डिजिटल लिटरेसी कार्यक्रम द्वारा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में आॅन लाईन मेडिकल सलाह- ई-हेल्थकेयर आदि, न्याय के क्षेत्र में ई कोर्ट, ई पुलिस, ई जेल, ई-प्रोसिक्यूषन की सुविधा की जानकारी आम लोगों तक पहुंचायी जा सकेगी।
डिजिटल मीडिया के माध्यम से सूचना और दस्तावेजों तक आॅन लाईन पहुंच कायम की जा सकेगी। इसके लिए ओपेन डाटा प्लेटफार्म मुहैया कराया जायेगा, जिसके माध्यम से नागरिक सूचना तक आसानी से पहुंच सकेगे। नागरिकों तक सूचनाएं मुहेया कराने के लिए सरकार सोषल मीडिया और वेब आधारित मंचों पर सक्रिय होती है। साथ ही नागरिकों और सरकार के बीच दो तरफा संवाद की व्यवस्था कायम की जायेगी।
देष भर में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रसार से रोजगार के अधिकांष प्रारूपों में इसका इस्तेमाल बढ रहा है। इसके माध्यम से आईटी सेवाओं से जुडे लोगों को प्रोत्साहन मिल सकेगा।
वेब डिजिटल मीडिया के माध्यम से एक तय समय सीमा में वृहत्तर सूचनाओं को प्रेशित किया जा सकता है। पंचायतों तक को सार्वजनिक सेवाएं द्रुतगामी व आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।
डिजिटल मीडिया से सरकारी सेवाएं नागरिकों को तत्काल उपलब्ध हो सकेगी, इससे सरकारी लक्ष्य की प्राप्ति होगी। सरकारी व प्रषासनिक सेवाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के साथ सार्वजनिक जवाबदेही को भी सुनिष्चित किया जा सकेगा।
डिजिटल मीडिया के माध्यम से इंटरनेट और मोबाइल बैकिंग का विस्तार किया जा सकेगा।
सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए विभिन्न विभागों के बीच आपसी सहयोग को और बढाया जा सकेगा।
वेब डिजिटल मीडिया के माध्यम से भविश्य में सभी सरकारी विभागों तक आम आदमी की पहुच बढायी जा सकेगी। नागरिकों तक सेवाएं मुहैया कराने के लिए यहां अनेक तरह की गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकेगा।
इस संबंध में वेब मीडिया एसोसिएषन आपसे निवेदन भी करना चाहती है कि

1- न्यूज वेबसाइटो/न्यूज पोर्टल्स का वर्गीकरण होना चाहिए जिस तरह समाचार पत्रो का वर्गीकरण किया जाता है।
2- न्यूज वेबसाइटो को बडे, मध्यम और छोटी वेबसाइट के रूप में वर्गीकरण होना चाहिए।
3- डीएवीपी द्वारा माह में यूनिक विजिटर कैटेगरी सी के लिए 2,50,000 से 20 लाख की अनिवार्यता रखी गयी है।
4- इसमें कैटेगरी ”डी“ बढाकर 50 हजार तक विजिटर रखा जाना उचित होगा।
5- सरकार की लोकहितकारी जननीतियो को आम जन तक पहुंचा रही छोटी और मध्यम न्यूज वेबसाइटो को डीएवीपी द्वारा अपनी नीतियो को लचीला करके उनका इम्पैनलमेंट किया जाना बहुत अच्छा कदम साबित होगा।

 मान्यवर, डीएवीपी की वेबसाइटो को विज्ञापन देने की नीति में आंषिक परिवर्तन से इसका लाभ आम जन तक पहुंच सकेगा और सरकार की लोकजन कल्याण की नीतियां भी वेब मीडिया के द्वारा आम जन तक आसानी से पहुंच सकेगी। 

इसके अलावा वेब मीडिया एसोसिएषन के एक राश्ट्रीय प्रतिनिधिमण्डल से वेब मीडिया से संबंधित अनेक लोकजन हित के बिन्दुओ पर वार्ता हेतु भी निवेदन है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *