प्रधानमंत्री ने क्‍यो आपत्ति जता कर कहा कि यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन-& ड्रग्स कंट्रोलर की ‘विराफिन’ को मंजूरी

Dt 23 April 2021: Himalayauk देश में कोरोना की बेकाबू रफ्तार ने गंभीर संकट पैदा कर दिया है. सरकार की तरफ से उठाए गए सारे प्रयास नाकाफी दिख रहे हैं और कोरोना के मरीज लगातार दम तोड़ रहे हैं. इस बीच ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने अहमदाबाद की दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला की ‘विराफिन’ के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है.

PM Modi CMs Covid 19 Meet: कोरोना के कहर के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे. इस दौरान सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी से कहा कि कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी होने से बहुत बड़ी त्रासदी हो सकती है, इन हालात से निबटने के लिए राष्ट्रीय योजना की आवश्यकता है. दिल्ली को कम ऑक्सीजन मिल रहा है. साथ ही उन्होंने एक देश एक वैक्सीन प्राइस की बात कही.

मुख्यमंत्री केजरीवाल का पूरा बयान LIVE टेलीकास्ट किया गया. इसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद आपत्ति जताई और बैठक में कहा कि यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन है.

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पीएम मोदी ने कहा, ”यह प्रोटोकॉल के खिलाफ हो रहा है कि कोई मुख्यमंत्री इन हाउस मीटिंग को लाइव टेलीकास्ट करे. यह उचित नहीं है. हमें प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए.” इसके बाद सीएम केजरीवाल ने कहा कि ”ठीक है सर, हम इसका आगे से ध्यान रखेंगे.”

केंद्र की आपत्ति के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय ने सफाई दी है. सीएमओ ने कहा कि आज सीएम के संबोधन को लाइव साझा किया गया क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से कभी कोई निर्देश, लिखित या मौखिक नहीं आया है कि बातचीत को लाइव नहीं कहा जा सकता है. हालांकि, अगर कोई असुविधा हुई है तो हमें इस बात के लिए खेद जताते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. सीएम केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि वह मुख्यमंत्रियों को निर्देश दें ताकि दिल्ली तक ऑक्सीजन टैंकरों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित हो सके.’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस संकट से निपटने के लिए राष्ट्रीय योजना की जरूरत है.’’ प्रधानमंत्री से ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने का अनुरोध करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘‘केंद्र को सेना के जरिए सभी ऑक्सीजन संयंत्रों को अपने अधीन लेना चाहिए और ऑक्सीजन के हर ट्रक के साथ सेना का वाहन चलना चाहिए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ओडिशा और पश्चिम बंगाल से दिल्ली आने वाली ऑक्सीजन आपूर्ति या तो हवाई मार्ग से लाई जानी चाहिए या केंद्र द्वारा शुरू की गई ऑक्सीजन एक्सप्रेस के माध्यम से मंगाई जानी चाहिए.’’

राज्य और केंद्र सरकार को अलग-अलग कीमतों पर टीके मिलने के विषय को बैठक में उठाते हुए केजरीवाल ने कहा कि राज्य सरकारों को कोविड-19 के टीके केंद्र सरकार के समान कीमतों पर ही मिलने चाहिए.

वही दूसरी ओर

प्रयागराज: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने देश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि सरकार ने बिना सोचे समझे बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन और वैक्सीन दूसरे देशों को निर्यात कर दिया, जिसकी वजह से देश में हाहाकार मच गया है. प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया है केंद्र सरकार की लापरवाही के चलते हालात इतने खराब हुए हैं. 

कांग्रेस नेता का कहना है कि लोगों को अस्पताल में इलाज नहीं मिल पा रहा है. श्मशान और कब्रिस्तान लोगों की भीड़ से पट गए हैं. 14 महीने का वक्त मिलने के बावजूद सरकार ने संसाधन बढ़ाने की कोई कोशिश नहीं की. सरकार का पूरा फोकस बिहार, बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में चुनाव कराने पर था. बंगाल में भी हालात अब बदतर होते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड के पर्याप्त इंतजाम करें. वैक्सीनेशन की संख्या बढ़ाए. लोगों को जरूरी दवाएं और इंजेक्शन मुहैया कराए. सरकार सभी मामलों में फेल नजर आ रही है और लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में बढ़ कोरोना संक्रमण की वजह से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. बीते 24 घंटे में प्रदेश में कोविड के रिकॉर्ड 34 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं. ये आकड़ा बताने के लिए काफी है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार किस तेजी से बढ़ रही है.

इसी बीच खबर आ रही है कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने अहमदाबाद की दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला की ‘विराफिन’ के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है.

जायडस कैडिला ने कहा कि Pegylated Interferon alpha-2b, ‘Virafin’ को कोविड-19 संक्रमति वयस्कों में आपात इस्तेमाल से काफी मदद मिलती है. जायडस कैडिला ने कहा कि अस्पतालों को ‘विराफिन’ मुहैया कराई जाएगी

ससे पहले जाइडस कैडिला ने कोविड-19 के इलाज में PegiHep दवा की ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मंजूरी मांगी थी. कंपनी ने कहा था कि Pegylated Interferon Alpha 2b या PegiHep दवा 91.15 फीसद असरदार साबित हुई है. शुरुआती तीसरे चरण के मानव परीक्षण में दवा से आशाजनक नतीजे मिले थे. अंतरिम नतीजों से संकेत मिला  कि दवा को समय रहते देने पर मरीजों को जल्दी ठीक होने में मदद मिल सकती और बीमारी के विकसित चरणों में देखी गई जटिलता को टाल सकती है.

भारत में Pegylated Interferon Alpha 2b या PegiHep एक स्वीकृत दवा है और कोविड-19 के इलाज के लिए फिर से तैयार की गई है. तीसरे चरण के मानव परीक्षण के शुरुआती नतीजों से पता चला कि दवा के इस्तेमाल से 7 दिन के अंदर कोविड-19 के 91.15 फीसद मरीज ठीक हो गए और उनकी पॉजिटिव कोरोना की जांच रिपोर्ट RT-PCR टेस्ट में निगेटिव आई.

कंपनी का दावा है कि Pegylated Interferon Alpha 2b या PegiHep सिंगल डोज दवा है. सिंगल डोज दवा होने से मरीजों के लिए इलाज कम बोझिल और ज्यादा किफायती होगा. कंपनी के मुताबिक, परीक्षण के दौरान दवा पर निर्भर मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट की कम जरूरत भी पड़ी. ये स्पष्ट करता है कि दवा सांस की तकलीफ को काबू करने में सक्षम है जो कोविड-19 के इलाज में एक बड़ी चुनौती है.

कैडिला हेल्थकेयर के श्रविल पटेल ने कहा, “हम Pegylated Interferon Alpha 2b के तीसरे चरण के परीक्षण के नतीजों से उत्साहित हैं जिसने बीमारी में समय रहते इस्तेमाल पर वायरस के असर को कम करने की संभावना की पुष्टि की.” दिसंबर 2020 में कंपनी को दवा नियामक से कोविड-19 के मरीजों पर तीसरे चरण का मानव परीक्षण शुरू करने की इजाजत मिली थी.

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