राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर-वैज्ञानिक भी नतमस्तक

HIGH LIGHT #राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर में विराजमान सभी प्रतिमाएं आपस में बाते करती हैं और मंदिर के इस अनसुलझे रहस्य के आगे वैज्ञानिक भी नतमस्तक हो गए हैं. # बिहार के बक्सर में राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर में रात को मूर्तियां बोलने का क्या राज #त्रिपुर सुंदरी मंदिर- जहां वैज्ञानिक भी नतमस्तक# साधकों की हर इच्छा पूरी होती है # इस मंदिर की मूर्तियां रात को बोलती है # यहां कि ऐसी मान्यता है कि सच्चे दिल से मांगी हर मनोकामना पूरी होती है. पंडित किरण मिश्रा बताते हैं कि इस सिद्धि पीठ मंदिर की स्थापना पूर्वज प्रसिद्ध तांत्रिक भवानी मिश्रा ने लगभग आदि काल पहले की थी. उन्होंने माता रानी के चरणों की मिट्टी ले जाकर गया स्थित बंगलामुंखी मंदिर तथा पटना के गुड़ मंडी बाजार में बंगलामुंखी माता का प्राण-प्रतिष्ठा की थी. साल में होनेवाले तीन नवरात्राें में श्रद्धालु मंदिर परिसर में बैठ पाठ करते हैं. सबसे खास बात यह है कि नवरात्र में इस मंदिर में कलश की स्थापना नहीं होता. भक्त इसी तरह माता की पूजा-अर्चना करते हैं़

तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध बिहार के बक्सर जिले में स्थित राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर तंत्र विद्या के लिए प्रसिद्ध है। यहां साधकों की हर इच्छा पूरी होती है। वही इस मंदिर के लिए यह मान्यता भी प्रचलित है कि इस मंदिर की मूर्तियां रात को बोलती है। वहां से गुजरने वाले कई लोगों ने वहां पर इस अद्भुत घटना को महसूस किया। यह मंदिर 400 साल पुराना है तथा इसकी स्थापना तांत्रिक भवानी मिश्र ने की थी। उन्हीं के वंशज आज तक इस मंदिर में पुजारी का कर्तव्य निभाते हैं। मूर्तियों के बोलने को लेकर यहां पर वैज्ञानिकों की टीम ने भी रिसर्च किया और उन्होंने भी इस अद्भुत घटना को महसूस किया और आश्चर्य प्रकट किया।

 वैज्ञानिकों की एक टीम ने रिसर्च करने के बाद कहा कि यह आवाज किसी व्यक्ति से नहीं आती है. उनका मानना है कि यहां कुछ तो अजीब घटित होता है जिसके कारण यह आवाजें सुनाई देती हैं. वैज्ञानिकों की मानें तो इस मंदिर की बनावट ही कुछ ऐसी है जिसकी वजह से सूक्ष्म शब्द यहां भ्रमण करते हैं. दिन में जो लोग बातें करते हैं, वो रात को यहां गूंजती हैं, लेकिन यह केवल उनका अनुमान है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस मंदिर के बनावट ही कुछ ऐसी है कि यहां पर सूक्ष्म शब्द भी विचरण करते हैं। दिन में लोग इस मंदिर में जो बातें करते हैं वही मंदिर में रात को गूंजती है। लेकिन यह सिर्फ अनुमान है।

इस मंदिर के लिए तांत्रिकों की गहरी आस्था है। इस मंदिर में राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी माता की मूर्ति के अलावा बगलामुखी माता ,तारा माता, दत्तात्रेय भैरव ,बटुक भैरव, अन्नपूर्णा भैरव, काल भैरव और मातंगी भैरव की प्रतिमाएं भी स्थापित है।

लोगों की गहरी आस्था के आगे वैज्ञानिक भी नतमस्तक हो चुके हैं।  शाहाबाद का एकलौता मंदिर जहां नवरात्र में बिना कलश स्थापना के श्रद्धालु दुर्गा सप्तशी का पाठ करते हैं. डुमरांव नगर के लाला टोली रोड स्थित महामाया महाविधा दक्षिणेश्वरी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी का मंदिर पूर्णत: तांत्रिक मंदिर है. पूर्वजों की माने, तो स्तब्ध निशा रात्रि में जब आम लोग इस रास्ते से गुजरते हैं और मंदिर के पास आते हैं तो सहसा ही उनके कदम ठिठक जाते हैं. ऐसा लगता है कि जैसे मूर्तियां आपस में बातें कर रही हों. फिर लोग तेज कदमों से आगे बढ़ जाते हैं. यह भ्रम नहीं, बल्कि सच्चाई है. माता राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी के अलावा मनुष्य के प्रत्येक विपत्ति नाश करनेवाली बंगलामुंखी माता व मनुष्य के अहंकार को नाश करनेवाली तारा माता यहां विराजमान हैं. इनके साथ ही पांच भैरव जिसमें दत्तात्रेय, बटूक, अन्नपूर्णा, काल भैरव और मातंगी भैरव विद्यमान हैं.

दस महाविद्याओं की मूर्तियां है विराजमान;यहां के लोगों का मानना है कि तांत्रिक शक्तियों के कारण यहां की देवियां जागृत हैं. इस मंदिर में प्रधान देवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी की प्रतिमा के अलावा बगलामुखी माता, तारा माता, दत्तात्रेय भैरव, बटुक भैरव, अन्नपूर्णा भैरव, काल भैरव व मातंगी भैरव की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं. देवी देवताओं की इन विशेष प्रतिमाओं के साथ काली, त्रिपुर भैरवी, धुमावती, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, मातंगी, कमला, उग्र तारा, भुवनेश्वरी आदि दस महाविद्याओं की भी मूर्तियां यहां विराजमान हैं. यही वजह है कि इस मंदिर के प्रति तांत्रिकों में एक अटूट आस्था है.

गूगल ने अपने सर्च इंजन में रखा वरियता क्रम में- BY: www.himalayauk.org (Uttrakhand Leading Newsportal & Daily Newspaper) Publish at Dehradun & Hariwar Mail us; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030## Special Bureau Report. उत्‍तराखण्‍ड सरकार से विज्ञापन मान्‍यता प्राप्‍त न्‍यूज पोर्टल तथा दैनिक समाचार पत्र

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *