गणेश्‍वर शास्‍त्री से बड़ा देश में कोई ज्‍योत‍िषाचार्य नहीं, रामजी के लिए मुहूर्त निकाला पर पीएम लिए भी अच्छा संजोग

HIGH LIGHT # रामलला के प्राण प्रतिष्‍ठा समाराहे की शुरुआत 17 जनवरी से शुरू #22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक शुभ मुहूर्त # ज्योतिष गणना कर रहे हैं कि 6 ग्रह पूरी तरह से पावरफुल हैं 9 ग्रहों में 6 ग्रह पूरी तरह से पावरफुल #राज बाण, चोर बाण, अग्नि बाण, मृत्यु बाण और रोग बाण मुक्त यह मुहूर्त है. #ज्योतिषाचार्य का कहना है कि यह मुहूर्त प्रधानमंत्री के लिए भी शुभकारी होगा. मुख्य रूप से रामजी के लिए मुहूर्त निकाला है और इसमें प्रधानमंत्री के लिए भी अच्छा संजोग # गणेश्‍वर शास्‍त्री से बड़ा देश में कोई ऐसा ज्‍योतिषचार्य नहीं है जो ग्रह, नक्षत्र, चौघड़‍ियों को जानता हो. गणेश्‍वर शास्‍त्री को बड़े-बड़े मुहूर्तों के धर्मसंकट से निकालने का भी हुनर है. गणेश्‍वर शास्‍त्री अपने यहां बच्‍चों को आचार्य बनने और कर्मकांड की पढ़ाई भी करवाते हैं.# V by Chandra Shekhar Joshi # # # #

Logon www.himalayauk.org (Leading Newsportal & Daily Newspaper & youtube Channel) चन्‍द्रशेखर जोशी की विशेष रिपोर्ट मो0 9412932030

लोकसभा चुनाव 2024 और नव निर्मित रामलला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए निकाला गया मुहूर्त प्रधान मंत्री के पुन बिराजमान होने के लिए निकाला गया मुहूर्त? ज्योतिष कह रहे है कि भगवान की कृपा से ऐसा लग्न मिला है. यह मुहूर्त प्रधानमंत्री के लिए भी शुभकारी होगा. मुख्य रूप से रामजी के लिए मुहूर्त निकाला है और इसमें प्रधानमंत्री के लिए भी अच्छा संजोग बैठ रहा है.

काशी के बड़े आचार्य गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रव‍िड ने रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा के लिए शुभ मुहूर्त का ऐलान कर दिया है. तो आइये जानते हैं काशी के बड़े ज्‍योतिषाचार्य के बारे में

काशी के ज्‍योतिषाचार्य गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रव‍िड के मुताबिक, 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक शुभ मुहूर्त है. 84 सेकंड का समय ही बहुत खास है. गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रविड ने ही रामलला भूमि पूजन के समय शुभ मुहूर्त निकाला था.

पंडित गणेश्वर शास्त्री दव्रिण ने बताया कि 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम मंदिर के उद्घाटन के लिए दोपहर में अभिजीत मुहुर्त निकाला गया है। इस तय शुभ मुहुर्त के दौरान ही भगवान राम के अभिषेक का समय निर्धारित किया गया है। दोपहर 12.30 बजे का मुहुर्त निकाला गया है। यह 84 सेकेंड तक रहेगा। पंडित गणेश्वर शास्त्री ने इस 84 सेकेंड के मुहुर्त को बेहद शुभ बताया है। पंडित गणेश्वर शास्त्री ने ही राममंदिर के शिलान्यास और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन का भी मुहूर्त निकाला था।

इसके अलावा उन्‍होंने काशी विश्‍वनाथ धाम के लोकार्पण के समय थी शुभ मुहूर्त निकाला था. आचार्य गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रविड़ जगद्गुरु रामानंदाचार्य पुरस्‍कार से भी सम्‍मानित हैं. गणेश्‍वर शास्‍त्री मूल रूप से दक्षिण भारत से काशी आए थे. वर्तमान में वह काशी के रामघाट इलाके में गंगा किनारे रहते हैं. गणेश्‍वर शास्‍त्री के साथ उनके भाई पंडित विश्‍वेश्‍वर शास्‍त्री भी रहते हैं. वह भी प्रकांड विद्वान हैं.

कहा जाता है कि गणेश्‍वर शास्‍त्री से बड़ा देश में कोई ऐसा ज्‍योतिषचार्य नहीं है जो ग्रह, नक्षत्र, चौघड़‍ियों को जानता हो. गणेश्‍वर शास्‍त्री को बड़े-बड़े मुहूर्तों के धर्मसंकट से निकालने का भी हुनर है. गणेश्‍वर शास्‍त्री अपने यहां बच्‍चों को आचार्य बनने और कर्मकांड की पढ़ाई भी करवाते हैं.

 84 सेकेंड का ये मुहुर्त इसलिए खास है क्योंकि इसमें किसी भी मुहूर्त में दोष उत्पन्न करने वाले पांच बाण जैसे रोग बाण, मृत्यु बाण, राज बाण, चोर बाण और अग्नि बाण का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ रहा है। 

आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के रामनगर में 9 दिसंबर साल 1958 को हुआ। उनके पिता का नाम राजराजेश्वर शास्त्री द्राविड़ था, उन्हें लोग पण्डितराज के नाम में बुलाते थे। वे भारत सरकार के पदमभूषण से सम्मानित थे। गणेश्वर शास्त्री को वेद, कृष्णयजुर्वेद, तैत्तिरीय शाखा, शुक्लयजुर्वेद-शतपथ ब्राह्मण, वेदांग, न्यायादिदर्शन, पुराण, इतिहास, राज-शास्त्र, धर्म-शास्त्र काव्य-कोष, ज्योतिष, तंत्रागम एवं श्रौत का विद्वान के रूप में जाना जाता है।

गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने अपना पूरा जीवन वेदों के अध्ययन-अध्यापन और यज्ञों के संपादन में लगा दिया। इसके लिए उन्होंने गृहस्थ जीवन छोड़ दिया। वह नंगे पांव रहकर यम-नियम का संपादन किया और जीवन व्यतीत कर रहे। गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ को जगदगुरु रामानंदाचार्य पुरस्कार साल 2021 में दिया गया। उनके पिता राजराजेश्वर शास्त्री द्राविड़ को भी यह पुरस्कार मिला चुका है। पण्डितराज राजराजेश्वर शास्त्री द्राविड को मरणोपरांत जगदगुरु रामानंदाचार्य पुरस्कार दिया गया।

रामलला के प्राण प्रतिष्‍ठा समाराहे की शुरुआत 17 जनवरी से शुरू हो जाएगी. 17 जनवरी को रामलला की अचल मूर्ति की भव्य शोभा यात्रा निकालकर राम जन्म भूमि परिसर में स्थापित की जाएगी. इसके बाद 18 जनवरी से पूजन-अर्चन अनुष्ठान की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कर अनुष्ठान की पूर्णाहुति होगी. 22 जनवरी को मृगशिरा नक्षत्र में दिन 12:20 के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. 12:30 बजे प्रधानमंत्री मोदी रामलला की पहली आरती उतारेंगे.

ज्योतिष गणना कर रहे हैं कि 6 ग्रह पूरी तरह से पावरफुल हैं 9 ग्रहों में 6 ग्रह पूरी तरह से पावरफुल मिल रहे हैं. बाकी ग्रहों में बाधा जैसी बात नहीं है. मुख्य रूप से लग्न मेष का है. मेष लग्न का मालिक धनु राशि में नौवें भाव में गुरु की राशि में गया है और भाग्नभाव कहलाता है नौवां भाव. इसलिए भाग्य भाव का मालिक होकर गुरु लग्न में आकर बैठा है अपने मित्र के राशि में. दो परस्पर मित्र है. इसलिए भाग्य की वृद्धि होगी.

उन्होंने ये भी बताया कि राज बाण, चोर बाण, अग्नि बाण, मृत्यु बाण और रोग बाण मुक्त यह मुहूर्त है. यह मुहूर्त विश्व गुरु की ओर देश को ले जाने वाला है. राम जी को सभी आदर करेंगे. लग्न में गुरु के बैठ जाने से अगर कोई दोष भी रहता है, तो एक लाख दोष का निवारण भी हो जाता

22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त होगा, जिसमें रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसको लेकर ज्योतिषाचार्य का कहना है कि यह मुहूर्त प्रधानमंत्री के लिए भी शुभकारी होगा. मुख्य रूप से रामजी के लिए मुहूर्त निकाला है और इसमें प्रधानमंत्री के लिए भी अच्छा संजोग बैठ रहा है.

इस लग्न में शुक्र और गुरु दोनों ही अनुकूल है. इसलिए विरोधी भी कुछ नहीं कर सकते हैं. मंगलाष्टक के श्लोक के बाद 84 सेकंड में अक्षत डाल दिया जाएगा और भगवान से प्रार्थना होगी कि हे परमेश्वर आप प्रतिष्ठित हो. राम मंदिर के शिलान्यास से ज्यादा श्रेष्ठ मुहूर्त रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का है.

सैकड़ों वर्षों का इंतजार उन 84 सेकेंड में सिमट जाएगा, जब रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में बने नवनिर्मित राम मंदिर में किया जाएगा. 22 जनवरी को यह वक्त दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से शुरू होकर 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड के बीच का होगा, जब पूजन स्थल पर अक्षत छोड़ा जाएगा. यह मुहूर्त किसी और ने नहीं, बल्कि राम मंदिर का शिलान्यास और विश्वनाथ धाम के लोकार्पण का मुहूर्त निकालने वाले ज्योतिषाचार्य द्राविण बंधु ने निकाली है.

ज्योतिषाचार्य द्राविण बंधु, पंडित विश्वेश्वर शास्त्री द्राविण और पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविण ने बताया कि मुहूर्त निकालने के लिए नियमों पर विचार किया गया है. तिथि, वार, लग्न और नक्षत्रों पर विचार करके दिया गया है. विक्रम संवत 2080 शालिवाहन शक 1945 पौष शुक्ल 12 सोमवार, मृगशीर्ष नक्षत्र, ऐन्द्र योग, बालव करण, आनन्द योग दिनांक 22 जनवरी 2024 को मेष लग्न में वृश्चिक नवांश में राम मूर्ति स्थापना का अतिसूक्ष्म मुहूर्त है.

इसका समय दोपहर 12 बजकर 29 मिनट और 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड यानि टोटल समय 84 सेकंड तक का होगा. उन्होंने बताया कि योग ऐसा बन रहा है कि मंदिर कायम रहेगा. मंदिर का आयु भी काफी लंबा है. भगवान की कृपा से ऐसा लग्न मिला है. यह मुहूर्त प्रधानमंत्री के लिए भी शुभकारी होगा. मुख्य रूप से रामजी के लिए मुहूर्त निकाला है और इसमें प्रधानमंत्री के लिए भी अच्छा संजोग बैठ रहा है.

Yr. Contribution: Ac
Name: Himalaya Gaurav Uttrakhand Bank : State Bank of India, CA; 30023706551
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Mob. 9412932030

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