आप मुझे खुश करो और बदले में मैं ; क्‍यो कहा- इन्‍होने

आप मुझे खुश करो और बदले में मैं आपको खुश करता हूं –  शत्रुघ्न सिन्हा #कास्टिंग काउच- बॉलीवुड और राजनीति में आगे बढ़ने का तरीका -शत्रुघ्न

कोरियोग्राफर सरोज खान और कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी यौन उत्पीड़न पर बयान दिया है। शत्रुघ्न ने कहा कि बॉलीवुड और राजनीति दोनों ही क्षेत्रों में कास्टिंग काउच मौजूद है और इस बारे में सरोज खान और रेणुका चौधरी दोनों की ही बात गलत नहीं है। सिन्हा ने कहा, “ये दोनों ही क्षेत्रों में आगे बढ़ने का तरीका है और ये बेहद लंबे समय से हो रहा है कि आप मुझे खुश करो और बदले में मैं आपको खुश करता हूं।”  

सरोज खान ने सोमवार को सांगली में फ्यूजन डांस एकेडमी के एक दिन के डांस प्रशिक्षण शिविर में कहा था कि कास्टिंग काउच इंडस्ट्री के लिए नई बात नहीं है, बल्कि यह तो बाबा आदम के जमाने से होता चला आया है। हालांकि, इंडस्ट्री में दुष्कर्म के बाद लड़कियों को छोड़ ही नहीं दिया जाता, उन्हें काम और रोजी-रोटी भी दी जाती है।
– उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकारी महकमों में भी लड़कियों पर हाथ साफ किया जाता है।

शत्रुघ्न सिन्हा ने सरोज खान का बचाव करते हुए कहा, “सरोज खान ने माधुरी दीक्षित, रेखा और श्रीदेवी के करियर बनाने में मदद की। फिल्म इंडस्ट्री के लिए उनका योगदान अनोखा है। कई बार वे अपने दिल से बोलती हैं। अगर उन्होंने कहा है कि लड़कियों को बॉलीवुड में एंट्री करने के लिए समझौता करना पड़ता है तो उन्हें इस बारे में पता होगा।” 

सिन्हा ने कहा, “मैं सरोज और रेणुका से सहमत हूं। मैं जानता हूं कि लड़कियों को फिल्म पाने के लिए किस तरह के समझौते करने पड़ते हैं। लेकिन मैं नहीं कहता कि ये सही है। मैं कभी भी ऐसे किसी चीज का हिस्सा नहीं रहूंगा, लेकिन हम अपने आसपास चल रही सच्चाई से भी आंखे नहीं बंद कर सकते।”  “सच बोलने के लिए सरोजजी का विरोध नहीं होना चाहिए, बल्कि उनका होना चाहिए जो ऐसे हालात पैदा करते हैं कि लड़कों और लड़कियों को समझौता करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।” कास्टिंग काउच पर सिन्हा ने कहा कि दो लोग जब मिलते हैं तो उनके बीच क्या होता है ये उनका निजी मामला है। कोई भी उन्हें वहां समझौता करने के लिए नहीं कहता। ये उनका अपना फैसला है। 

वहीं कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा था कि ये (कास्टिंग काउच) हर जगह होता है और ये एक कड़वा सच है। ये मत सोचिए कि संसद और दूसरी काम करने की जगह इससे अछूती हैं।

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