तेरे आने की क्या उमीद, मगर कैसे कह दूँ कि इंतिज़ार नहीं- फिराक जयंती पर विशेष

फिराक गोरखपुरी साहित्य का वह जाना-माना नाम है, जिनका जिक्र होते ही जहन में कई शायरी दौड़ने लगती है। जन्म

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