24 जून को विनायक चतुर्थी ला रही है खुशखबरी ; विवाद खत्म करने के लिए भारत और चीन तैयार & Top National News 23 June 20

23 June 20: High Light# Himalayauk Newsportal & Print Media :24 जून को विनायक चतुर्थी ला रही है खुशखबरी ; विवाद खत्म करने के लिए भारत और चीन तैयार # भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या तेजी से साढ़े चार लाख के करीब # 23 Jun 2020 6:16 PM भारत की दावेदारी का रूस और चीन ने खुला समर्थन : सीमा पर विवाद खत्म करने के लिए भारत और चीन तैयार #बाबा रामदेव का दावा 7 दिनों में ठीक होगा कोरोनावायरस का मरीज # शर्तिया इलाज अभी भी नहीं कहा जा सकता #अब ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ( Amazon) और BigBasket शराब की होम डिलीवरी (Alcohol Home Delivery) करेंगी# सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर हमला किया #Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: Mob 9412932030 ; CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR; Mail; himalayauk@gmail.com

24 जून को विनायक चतुर्थी ला रही है खुशखबरी ; विवाद खत्म करने के लिए भारत और चीन तैयार

चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान आया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और चीन सीमा पर स्थिति को बातचीत और परामर्श के जरिए शांत करने के लिए कदम उठाने पर दोनों देश सहमत हैं.

विनायक चतुर्थी का दिन बहुत ही शुभ दिन माना जाता है. 24 जून को विनायक चतुर्थी है. इस दिन भगवान गणेश को प्रसन्न कर जीवन में धन की कमी को दूर किया जा सकता है.

मंत्र;1. लक्षाधीश प्रियाय नम:  2. रत्नसिंहासनाय नम:  3. मणिकुंडलमंडिताय नम:  4. महालक्ष्मी प्रियतमाय नम:   5. सिद्ध लक्ष्मी मनोरहप्रियाय नम:

विनायक चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं. 24 जून को गणेश चतुर्थी पर एक खास संयोग बन रहा है. इस दिन बुधवार है. बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है. इसलिए इस दिन चतुर्थी तिथि पड़ने से विनायक चतुर्थी का महत्व कई गुणा बढ़ जाता है. जिन लोगों के जीवन में धन कमी बनी हुई है या फिर नौकरी, बिजनेश में लाभ नहीं मिल रहा है तो ऐसे लोगों के लिए आज का दिन बहुत ही विशेष है. इस दिन गणेश जी की पूजा करने से धन संबंधी दिक्कतों को दूर कर सकते हैं.

गणेश जी गणेश जी रिद्धि सिद्धि के भी दाता. मान्यता है कि गणेश जी पूजा करने से धन की कमी दूर होती है. गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए आज का दिन बहुत ही उत्तम है. गणेश जी की पूजा करने से धन संबंधी दिक्कतें तो दूर होती ही हैं साथ ही साथ बुद्धि को भी तेज करते हैं. जो युवा किसी भी परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं उन्हें आज के दिन पूजा करने से विशेष लाभ मिलेगा. क्योंकि गणेश जी बुद्धि के भी दाता है.

धन की कमी दूर करने के लिए आज के दिन गणेश जी का व्रत रखें और विधि पूर्वक सुबह और शाम दोनों समय गणेश जी की पूजा करें. ऐसा करने से घर की दरिद्रता दूर होगी और सुख शांति  होगी. इस दिन दुर्वा घास से पूजन करें. बुधवार को घी और गुड़ का भोग लगाने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और धन की कमी को दूर करते हैं. विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने से केतु की अशुभता दूर होती है. जिन लोगों की जन्म कुंडली में केतु अशुभ स्थिति में उन्हें आज के दिन गणेश जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए. क्योंकि भगवान गणेश केतु के अधिष्ट देवता है.

: भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या तेजी से साढ़े चार लाख के करीब

Coronavirus India Update : भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या तेजी से साढ़े चार लाख के करीब पहुंच गई है। देश में 22 जून को 13548 नए मामले आने के बाद अभी तक 4.41 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। जबकि 14 हजार से अधिक की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस के नए मामलों में 22 जून को हल्की कमी आयी है। दो दिन लगातार 15 हजार से अधिक मामले आने के बाद 22 जून को 13548 मामले आए हैं।

महाराष्ट्र में 3721, दिल्ली में 2909, तमिलनाडु में 2710, तेलंगाना में 872, उत्तर प्रदेश में 591, गुजरात में 563, आंध्र प्रदेश में 443, पश्चिमी बंगाल में 413 संक्रमित मिले हैं। वहीं भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 4,41,936 हो चुकी है। इनमें से 2,48,629 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। जबकि 1,79,228 मरीज अभी तक अस्पतालों में भर्ती है। दूसरी तरफ 22 जून को रिकॉर्ड 10879 मरीज ठीक हुए हैं। दिल्ली में सबसे ज्यादा 3589 मरीज पिछले 24 घंटे में ठीक होकर घर लौटे हैं। देश में 14 हजार से अधिक की मौत कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ ही मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है।

 देश में अभी तक 14 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में 312 लोगों ने दम तोड़ा है। अभी तक महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 6283, दिल्ली में 2233, गुजरात में 1685, तमिलनाडु में 794 लोगों की मौत हुई है।

23 Jun 2020 6:16 PM भारत की दावेदारी का रूस और चीन ने खुला समर्थन

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक बार फिर से चीन ने स्थाई सदस्यता के लिए भारत का खुला समर्थन किया है। भारत और चीन के बीच तनाव के चलते भारत रूस और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच एक वर्चुअल मीटिंग हुई। जिसमें सीमा विवाद का मुद्दा उठा।  मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीमा पर तनाव के बीच रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में भारत के स्थाई सदस्यता के लिए एक बार फिर से समर्थन किया है। रूस ने कई बार भारत का खुला समर्थन किया है।

वही दूसरी ओर भारत चीन तनाव के बीच मंगलवार को भारत, रूस और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच एक वर्चुअल मीटिंग हुई। बैठक में रूस के विदेश मंत्री सर्गी लैवरॉव ने साफ कहा कि यह दोनों देशों के बीच का मामला है। वह खुद मामले को सुलझा लेंगे।

 भारत, रूस और चीन विदेश मंत्रियों के बीच हुई वर्चुअल मीटिंग के दौरान भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन का मामला हो या फिर सहयोगी के हितों का ध्यान रखने की बात भारत हमेशा सभी की मिसाल रहा है। वहीं दूसरी तरफ भारत चीन विवाद को लेकर रूस के विदेश मंत्री सर्गी लैवरॉव ने गलवान घाटी में हुई झड़प के बीच मध्यस्थता की बात को सिरे से नकार दिया। उन्होंने साफ कहा कि भारत और चीन को किसी बाहरी देश या किसी की कोई जरूरत नहीं है। जब देश का मामला है तो उन्हें एक दूसरे के साथ ही तालमेल बिठाकर बात करनी चाहिए। उन्हें खुद ही यह मामला सुलझाना चाहिए।

वहीं दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का चीन ने खुला समर्थन किया है। जानकारी के लिए बता दें कि भारत चीन के विदेश मंत्री के बीच भी बातचीत हुई। जहां भारत चीन सीमा विवाद का मुद्दा उठा जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी की मौजूदगी ने साफ कहा कि करने वाला होना चाहिए और भारत हमेशा से मिसाल पेश करता रहा है। अगुआई करने वाले देश सहयोगियों का भी ध्यान रखें।

वही दूसरी ओर सीमा पर विवाद खत्म करने के लिए भारत और चीन तैयार

चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान आया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और चीन सीमा पर स्थिति को बातचीत और परामर्श के जरिए शांत करने के लिए कदम उठाने पर दोनों देश सहमत हैं.

सीमा पर विवाद खत्म करने के लिए भारत और चीन तैयार हो गए हैं. दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों के ‘डिसइंगेजमेट’ के लिए तैयार हो गई हैं.‌ सोमवार को दोनों देशों के कोर कमांडर्स की हुई मैराथन बैठक के बाद इस बात का फैसला लिया गया.
 मंगलवार को सेना मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया, “भारत और चीन के बीच 22 जून 2020 को कोर कमांडर स्तर की वार्ता सौहार्दपूर्ण, सकारात्मक और रचनात्मक वातावरण में मोल्डो में आयोजित की गई थी. इस दौरान डिसइंगेजमेंट (यानी दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने ) के लिए आपसी सहमति भी बन गई है.” सूत्रों के मुताबिक, “पूर्वी लद्दाख के सभी विवादित (‘फ्रिक्शन’) क्षेत्रों से डिसइंगेजमेंट के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई और दोनों पक्षों की ओर से इसे आगे बढ़ाया जाएगा.” इस डिसइंगेजमेंट की पुष्टि चीन के विदेश मंत्रालय ने भी की है.

लद्दाख में चीन से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी करीब 856 किलोमीटर की है. इसमें पूर्वी लद्दाख में एलएसी, काराकोरम पास यानी दर्रे के करीब डीबीओ (दौलत बेग ओल्डी) से शुरू होकर गलवान घाटी और गोगरा पोस्ट होती हुई फिंगर एरिया और फिर पैंगोंग त्सो लेक के बीच से चुशुल-मोलडो तक जाती है.

सोमवार को दोनों देश के कोर कमांडर्स‌ की करीब ग्यारह घंटे लंबी बैठक चली थी. इस बैठक में भारत की तरफ से लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था. जबकि चीन की तरफ से दक्षिणी शिंचियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक के कमांडर, मेजर जनरल लियु लिन ने. मीटिंग वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर चीन की तरफ मोलडो में बनी बॉर्डर पर्सनैल मीटिंग (बीपीएम) हट में चल रही है, जो भारत की चुशूल स्थित बीपीएम हट से सटी हुई है.

पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी, फिंगर एरिया और हॉट स्प्रिंग के करीब गोगरा में पिछले सात हफ्तों से एक दूसरे के सामने हैं. 15/16 जून को दोनों देशों की सेनाओं के बीच खूनी झड़प भी हो चुकी है.‌ ऐसे में दोनों देशों की सेनाओं के बीच फेसऑफ यानी टकराव की लगातार स्थिति बनी हुई थी. चीन की सेना ने फिंगर एरिया 5-8 के बीच करीब 60 वर्ग किलोमीटर के विवादित इलाके में गैर-कानूनी कब्जा भी कर लिया है और भारतीय सैनिकों को पैट्रोलिंग करने से रोक रहा है. ठीक ऐसे ही गोगरा से फिंगर एरिया 7 तक ट्रैक बनाने को लेकर भी चीनी सेना एतराज जता रही है.

साथ ही गलवान घाटी के पैट्रोलिंग पॉइंट नंबर 14 से तो दोनों देश के सैनिक 15/16 जून की रात के हिंसक संघर्ष के बाद पीछे हट गए थे, लेकिन अभी भी पीपी 15 और 17 पर तनाव बना हुआ है.

लेकिन सूत्रों की मानें तो जिस तरह से सीमा पर तनाव खत्म करने के लिए खुद चीन ने सोमवार को मीटिंग बुलाई उससे ऐसा लगता है कि चीन बातचीत के जरिए मामले को सुलझाना चाहता है. यही वजह है कि मीटिंग एलएसी पर चीन की तरफ मोलडो में हुई और चीनी कमांडर ने लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह को ‘होस्ट किया’ था.

लेकिन भारतीय सेना के टॉप कमांडर्स इस बार पूरी तरह सचेत हैं क्योंकि 6 जून की मीटिंग के बाद भी चीन इसी तरह से डिसइंगेजमेंट के लिए तैयार तो हो गया था. लेकिन ग्राउंड पर उसके फील्ड कमांडर डिसइंगेजमेंट के लिए तैयार नहीं हुए थे. यही वजह है कि गलवान घाटी में चीनी कमांडर ने अपनी अस्थायी ऑब्जर्वेशन पोस्ट नहीं हटाई थी, जिसको लेकर वहां हिंसक झड़प हुई और भारत के कमांडिंग ऑफिसर, कर्नल बी संतोष बाबू सहित 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए. हालांकि बाद में भारत की बिहार रेजीमेंट ने पंजाब रेजीमेंट और तोपखाने के ‌सैनिकों के साथ मिलकर चीन की उस अस्थायी चौकी को आग के हवाले कर दिया था और चीनी सेना को करीब करीब दोगुना नुकसान हुआ था.

सूत्रों के मुताबिक, हालांकि दोनों देश के सैन्य कमांडर डिसइंगेजमेंट के लिए तैयार जरूर हो गए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत ये भी है कि अभी कुछ समय तक विवाद बना रह सकता है. क्योंकि अभी भी कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिनपर पूरी तरह सहमति नहीं बन पाई है. खास तौर से फिंगर एरिया को लेकर. अभी सैन्य कमांडर्स के साथ-साथ राजनयिक स्तर पर बातचीत होगी, तभी जाकर मामला पूरी तरह‌ से सुलझ पाएगा,‌ उससे पहले नहीं.

इस बीच थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे दो दिन के लेह-लद्दाख दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने गलवान घाटी में घायल हुए सैनिकों से लेह स्थित अस्पताल में मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई की. इसके अलावा पूर्वी लद्दाख से सटी चीन सीमा के हालात की समीक्षा कर लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर की ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया.

सेना प्रमुख के साथ उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी भी मौजूद हैं. दोनों ही मंगलवार को राजधानी दिल्ली से एक साथ लेह पहुंचे. क्योंकि वाई के जोशी आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के लिए दिल्ली में ही मौजूद थे. मीटिंग खत्म होने के बाद दोनों एक साथ ही लेह के लिए रवाना हुए.

वही दूसरी ओर अमेरिका से भी राहत भरी खबर आ रही है

चीन (China) के साथ भारी तनाव के बीच भारत (India) ने एक और बड़ी जीत हासिल की है. उसे अमेरिका का खुलकर साथ मिलना शुरू हो गया है. ये खबर चीन के लिए झटके वाली है. अमेरिका के एक शीर्ष भारतीय-अमेरिकी सासंद ने भारत की सीमा पर चीन की हालिया अक्रामक गतिविधियों की निंदा करते हुए चीन से अपील की है कि वह तनाव बढ़ाने वाली रणतीति को छोड़ कूटनीति को अपनाए.

सासंद राजा कृष्णमूर्ति ने एक बयान में सोमवार को कहा है, ‘मैं चीन की सरकार द्वारा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (वास्तविक निंयत्रण रेखा) पर हालिया खतरनाक आक्रामक गतिविधि और बेवजह जीवन को हुई क्षति से बेहद चिंतित हूं.’ चीन सरकार को अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार पड़ोसियों के साथ विवादों से निपटने के दौरान उकसावे और धौंस के रास्ते का इस्तेमाल बंद करना चाहिए. इलियोनिस से डेमोक्रेटिक सासंद ने कहा, ‘मैं चीन सरकार से कड़ाई से अपील करता हूं कि वह तनाव बढ़ाने वाली धृष्टता की राह को छोड़ भारत के साथ अपने सीमा विवाद से जुड़े सवालों के हल के लिए कूटनीति का अनुसरण करे.’

बाबा रामदेव का दावा 7 दिनों में ठीक होगा कोरोनावायरस का मरीज

पतंजलि के बाबा रामदेव ने आज हरिद्वार में कोरोनिल दवा की लॉन्चिंग की है। लॉन्चिंग के मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि दवा का हमने दो ट्रायल किया था। पहला- क्लिनिकल कंट्रोल स्टडी, दूसरा- क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल। रामदेव ने आगे कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लेकर कई शहरों में हमने क्लिनिकल कंट्रोल पर स्टडी की है। इस स्टडी के तहत हमने 280 कोरोना मरीजों को शामिल किया। क्लिनिकल स्टडी के रिजल्ट में 100 प्रतिशत मरीजों की रिकवरी हुई है। और किसी मरीज की मौत भी नहीं हुई है। रामदेव ने बताया कि हम कोरोना के सभी चरण को रोकने में कामयाब हो पाएं हैं। बाबा रामदेव ने आगे कहा कि हमने दूसरे चरण में क्लिनिकल कंट्रोल का ट्रायल किया।

रामदेव ने दावा करते हुए कहा कि 100 लोगों पर क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल की स्टडी की गई। 3 दिन के भीतर 69 प्रतिशत मरीज ठीक हुए। सात दिन के भीतर 100 प्रतिशत मरीज ठीक हो गए। हमारी दवाई का 100 प्रतिशत रिकवरी रेट है और 0 प्रतिशत डेथ रेट है।

बाबा रामदेव का कहना है कि क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल को लेकर बहुत से अप्रूवल लेने पड़ते हैं। इसी वजह से हमने एथिकल अप्रूवल लिया। इसके बाद हमने सीटीआईआर का अप्रूवल लिए और रजिस्ट्रेशन कराया। भले ही लोग अभी हमसे इस दावे पर प्रश्न करें। लेकिन हमारे पास हर प्रश्न का उत्तर है। हमने सभी वैज्ञानिक नियमों का पालन किया है। बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोना वायरस की दवाई को बनाने में सिर्फ देसी सामान का इस्तेमाल किया गया है। जिसमें मुलैठी-काढ़ा समेत कई चीजें शामिल हैं। आयुर्वेद से बनी इस दवाई को अगले सात दिनों में पतंजलि के स्टोर पर मिलेगी। इसके अलावा सोमवार को एक ऐप लॉन्च किया जाएगा।  

शर्तिया इलाज अभी भी नहीं कहा जा सकता

आयुर्वेदिक (Ayurvedic) दवा हो या एलोपैथी, किसी दवा को कोरोना (Coronavirus) का शर्तिया इलाज अभी भी नहीं कहा जा सकता. बाबा रामदेव की पतंजलि की दवा को लेकर भी दावा किया जा रहा है कि इससे कोरोना का इलाज हो सकता है. लेकिन ये शर्तिया नहीं कहा जा सकता. आयुर्वेद में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले तत्व होते हैं ये सबको पता है. कई मरीज तो बिना दवा के घर पर भी ठीक हो रहे हैं. भारत में चुनौती हैं गंभीर मरीज, जिनको बचाने की जद्दोजहद अभी भी चल रही है और तलाश उस दवा की है, उन पर जो काम कर जाए.

अब एक नई दवा का नाम सामने आया है जो मरीजों को दी जाएगी. हालांकि डॉक्टरों ने ये कहकर चेताया भी है कि अभी भी गेम चेंजर दवा का इंतजार है.  हाल ही में एक दवा कंपनी को कोरोना के इलाज के लिए एक नई दवा फेविपिरावीर को इस्तेमाल करने की मंजूरी मिली. ये खबर वायरल हुई और लोगों ने केमिस्ट के पास जाकर इस दवा को खोजना शुरू कर दिया. 
ज़ी न्यूज की टीम ने इस बात की पड़ताल शुरू कर दी कि कोरोना में दमदार इलाज का दावा करते हुए बाजार में एक के बाद एक जो दवाएं उतारी जा रही हैं, उनमें असल में कितना दम है. ज़ी न्यूज के दर्शकों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि क्या वाकई कोरोना के इलाज में कोई चमत्कार हो गया है. कोरोना के कहर से जूझ रहे भारत में भी दुनिया के बाकी देशों की तरह बेचैनी है कि कब ये जानलेवा वायरस दुनिया से जाएगा कब इसका इलाज करने वाली कोई चमत्कारी दवा मिल जाएगी और कब हर वक्त खतरे के साए में सांस लेने से आजादी मिलेगी. इसी डर ने भारत को कोरोना की दवाओं का बाजार बना दिया. एक के बाद एक दुनिया भर में मौजूद वो दवाएं भारत के बाजार में उतारी जा रही हैं जिन्हें दुनिया के किसी दूसरे देश में कोरोना के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

इसी फेहरिस्त में नया नाम है – फेविपिराविर. वायरल इंफेक्शन के इलाज के लिए ये दवा जापान में 2014 से इस्तेमाल की जा रही है. अब भारत में ग्लेनमार्क ने इस दवा को बनाने और बेचने की मंजूरी ले ली है. कंपनी का दावा है कि ये दवा इस्तेमाल के 4 दिन में वायरल लोड काफी कम कर देती है यानी वायरस कमजोर पड़ जाता है. भारत में ये दवा अब अस्पतालों में पहुंच चुकी है और मरीजों को दी जाने भी लगी है. फेविपिराविर भारत में फेबीफ्लू के नाम से मिल रही है. एक टेबलेट यानी गोली की कीमत 103 रुपए.  15 दिन के इलाज में दवा की लागत लगभग 14 से 15 हजार की आती है. इसी फेहरिस्त में हाल ही में अमेरिकी दवा रेमडिसीविर का नाम जुड़ा है. भारत में अब सिप्ला और हीटीरो लैब (Cipla and Hetero Labs) को इसे बनाने की मंजूरी मिली है. ये दवा इंजेक्शन के तौर पर मरीज को दी जाती है. 2014 में ईबोला वायरस के इलाज के लिए बनाई इस दवा को इमरजेंसी यूज के तौर पर रिजर्व रखा गया है.

भारत में कोरोना के मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्ववीन और आइवरमैक्टीन समेत कई दूसरी दवाएं दी जा रही हैं. ये दोनों दवाएं सस्ती हैं और भारत में पहले से आसानी से उपलब्ध हैं. ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाजार में उतारी जा रही नई दवाओं में से कोई भी वंडर ड्रग नहीं है और दुनिया में कहीं भी किसी दवा ने कोई चमत्कारी परिणाम नहीं दिखाए हैं. जहां तक रिसर्च के नतीजों की बात है तो हर दवा के पक्ष में कोई ना कोई रिसर्च मौजूद है. ऐसे में जब तक कोरोना से बचाने के लिए कोई वैक्सीन नहीं बन जाती तब तक सभी दवाओं को परखा ही जा रहा है. और भारत को दवा कंपनियों का बाजार बनने से बचने की जरूरत है.

अब ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ( Amazon) और BigBasket शराब की होम डिलीवरी (Alcohol Home Delivery) करेंगी

कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते जारी देशव्यापी लॉकडाउन में शराब की बिक्री पर बैन लगा था, तो लोग अवैध तरीके से शराब बेच और खरीद रहे थे। हालांकि अब लॉकडाउन में काफी रियायत मिल चुकी हैं। ऐसे में अब ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ( Amazon) और BigBasket जल्द ही कुछ शहरों में शराब की होम डिलीवरी (Alcohol Home Delivery) करेंगी। पश्चिम बंगाल में अमेजन और बिग बास्केट को शराब की होम डिलिवरी करने की मंजूरी मिल गयी है।

ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफॉर्म बिग बास्केट और अमेजन के लिए यह पहला मौका होगा जब कंपनी भारत में शराब डिलीवर करेंगी। हालांकि शराब की डिलीवरी कबसे शुरू की जाएगी, इसकी जानकारी कंपनियों ने नहीं दी है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल भारत का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। यहां की जनसंख्या 9 करोड़ से अधिक है। स्विगी और जोमैटो ने शराब की होम डिलीवरी की शुरुआत कंपनी झारखंड के कुछ शहरों से की है, जहां पर रांची में डिलीवरी शुरू की गई है। स्विगी का कहना है कि शराब की होम डिलीवरी के जरिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सकता है, क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो शराब की दुकानों पर भीड़ इकट्ठा नहीं होगी।

इतना ही नहीं उनका यह भी कहना है कि सुरक्षित और जिम्मेदारी के साथ शराब की होम डिलीवरी करने से वे रिटेल आउटलेट्स के लिए बिजनेस भी पैदा कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए देश भर में शराब की दुकानों पर भीड़ कम करने और सोशल डिस्टेंसिंग (social distancing) प्रोटोकॉल को लागू करने के लिए शराब की “होम डिलीवरी” पर विचार करने की सलाह दी है। वहीं लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान शराब की प्रत्यक्ष बिक्री (दुकानों के माध्यम से बिक्री) पर प्रतिबंध लगाने की बात की है।

सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर हमला किया

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में आज पार्टी के वर्किंग कमिटी की वर्चुअल बैठक हुई। इस बैठक में सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर हमला किया है। सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि इस संकट के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं। सोनिया गांधी ने आगे कहा कि वर्तमान समय में भारत भयानक आर्थिक संकट महामारी और चीन के साथ सीमा विवाद पर संकट की चपेट में है। इस संकट के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा पार्टी के कई अन्य नेता मौजूद रहे।

मिली जानकारी के अनुसार, सोनिया गांधी ने आरोप लगाया है कि इनमें से हर संकट की मुख्य वजह बीजेपी नीत एनडीए सरकार का कुप्रबंधन और उसकी नीतियां हैं। उन्होंने दावा किया कि केंद्र की मोदी सरकार पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाकर लोगों के घाव पर नमक छिड़क रही है। इस वक्त की जरूरत है कि बड़ा प्रोत्साहन पैकेज दिया जाए, गरीबों के हाथ मे सीधे पैसे दिए जाएं। साथ ही एमएसएमई की रक्षा की जाए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने क्या कहा बैठक में मनमोहन सिंह ने कहा कि बॉर्डर पर जो संकट है। अगर उससे मजबूती से नहीं निपटा गया तो गंभीर हालात पैदा हो सकते हैं। केंद्र की मोदी सरकार कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला उस साहस और उस स्तर पर नहीं कर रही है जोकि उसे करना चाहिए। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस समय भारत कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहा है इसी को देखते हुए वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सभी बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।

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