चातुर्मास में भूमि पूजन की जिद ;धर्माधीश स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती का एक्‍सक्‍लूसिव बयान & Top National News 26 July 20

26 JULY 20# High Light# Himalayauk Newsportal Bureau # चीन रात के अंधेरे में सड़क का निर्माण कर रहा है # विटामिन सी से भरपूर चीजें डाइट में जरूर शामिल करेे # रोजगार खत्म होने का डर ; परिवार के सभी तीन सदस्यों ने आत्महत्या कर ली # जिस किसी को मेरी सरकार गिरानी है वो गिराए, मैं अभी देखता हूं ; उद्धव ठाकरे # कोरोना बीमारी मानसिक स्थिति रोगी पर भारी पड़ती है क्योंकि मानवीय संपर्क से दूर – बच्चन # कोरोना की एक दवा लॉन्च फैवीवेंट – कीमत महज 39 रुपए प्रति टैबलेट # कोरोना  काल में देशभर की अदालतों में 18 लाख मुकदमें दायर # बीजेपी की साज़िश को सफल नहीं होने देंगे- अशोक गहलोत आक्रामक अंदाज़ में ### # # #

HIGH LIGHT# नाराज अविमुक्तेश्वरानंद बोले- भूमि पूजन में आने के लिए कोई आमंत्रण नहीं मिला, #सरकारी धन से ट्रस्ट का निर्माण नहीं होना चाहिए था  # नवंबर 2019 में आए राम जन्मभूमि के फैसले में कई जगह अविमुक्तेश्वरानंद का जिक्र, राम मंदिर की एक चौहद्दी का पता लगाया था #

5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन हो रहा है। राम मंदिर के निर्माण से खुशी है, लेकिन सरकार के कुछ फैसलों से कुछ संतों में नाराजगी भी है। सुप्रीम कोर्ट में अखिल भारतीय श्रीरामजन्म भूमि पुनरुद्धार समिति की तरफ से पक्षकार रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि ट्रस्ट का गठन सरकार के एक रुपए से हुआ है। सरकारी धन से ट्रस्ट का निर्माण नहीं होना चाहिए था। ट्रस्ट धार्मिक कार्य के लिए है। इसमें सरकार से एक रुपया भी नहीं लेना था।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कई जगह स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का जिक्र आता है। अयोध्या में राम मंदिर की एक चौहद्दी थी इसका जिक्र स्कंद पुराण में भी है, जिसके बारे में हेंस बेकर ने लिखा था, कोर्ट को उसके तीन कोनों का नक़्शा तो मिला था लेकिन चौथा कोना नहीं मिल रहा था। स्वामी जी ने अयोध्या में काफी समय बिताकर उस चौहद्दी का पता किया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के परिशिष्ट में कई जगह उनका नाम और उनके दिए गए तर्कों का उल्लेख है।

वाराणसी के श्री विद्यामठ में परमधर्मसंसद 1008 के प्रवर धर्माधीश स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती की दैनिक भास्कर के साथ हुई बातचीत में भूमि पूजन के मुहूर्त से लेकर ट्रस्ट द्वारा भूमि पूजन में न बुलाए जाने तक पर उन्होंने अपनी बेबाक राय रखी।

सवालः क्या आप राम मंदिर भूमि पूजन में जा रहे हैं? निमंत्रण मिला या नहीं?

जवाब: नहीं, ट्रस्ट की ओर से कोई निमंत्रण नहीं मिला है। ना ही इस समय जा पाएंगे। अभी चातुर्मास चल रहा है। चातुर्मास का बंधन है कि हम जहां रहते उसी जगह से बंधे रहते हैं। चातुर्मास में हम अपना स्थान छोड़कर नहीं जा सकते। सभी संतों के साथ ऐसा ही है। अगर चातुर्मास नहीं होता तो हम बिना आमंत्रण भी अपने प्रभु की जन्मभूमि चले जाते, लेकिन ऐसा लग रहा है कि शायद चातुर्मास में भूमि पूजन की जिद ही इसलिए की जा रही है ताकि कई बड़े संत शामिल ही न हो पाएं।

सवालः क्या मंदिर निर्माण में आपसे कोई सलाह ली गई है?

जवाबः नहीं, इस बारे में हमसे कोई सलाह नहीं ली गई है। जबकि, राम मंदिर के लिए हमने शुरू से ही प्रयास किया है। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती की बनाई संस्था अ.भा. श्रीरामजन्म भूमि पुनरुद्धार समिति ने लगातार इसके लिए प्रयास किए हैं। इलाहबाद हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक हमने इस केस में पक्षकार की भूमिका निभाई है। सरकार की ओर से लड़ रहे लोग भी हमसे मिलते थे। समझौतावार्ताओं में भी हम शामिल रहे हैं। लेकिन, मंदिर के बारे में कभी कोई सलाह या चर्चा हमसे नहीं की गई।

सवालः क्या कभी मंदिर ट्रस्ट में शामिल होने का प्रस्ताव मिला था?

जवाबः नहीं, ऐसा कोई प्रस्ताव हमें कभी नहीं मिला।

सवालः मंदिर के मुहूर्त को लेकर जो विवाद चल रहा है, उसके बारे में आप क्या कहेंगे?

जवाबः नहीं, कोई विवाद नहीं है। बस, जिस दिन मंदिर का शिलान्यास किया जा रहा है, उस दिन कोई मुहूर्त नहीं है शास्त्र की दृष्टि से। जगतगुरु शंकराचार्य ने भी यही बात कही है। इसमें विवाद की कोई बात नहीं है। शास्त्र की जो बात है वो शंकराचार्यजी द्वारा कह दी गई है। अब कुछ लोग कहते हैं कि रामकाज के लिए मुहूर्त की जरूरत नहीं है, तो फिर मुहूर्त के शास्त्र क्यों बनाए गए हैं। सारे मंदिरों को बनाने में मुहूर्त देखे जाते हैं। शास्त्रों ने ही मंदिर निर्माण प्रारंभ करने के मुहूर्त दिए हैं लेकिन कोई इसकी बात नहीं करता। आजकल सभी अपने मन से ही तर्क गढ़ लेते हैं।

सवालः सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कई जगह आपका नाम है, आप नियमित सुनवाई में शामिल थे?
जवाबः हां, श्रीरामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की तरफ से हम नियमित कोर्ट में सुबह 10 से शाम 5 बजे तक मौजूद रहते थे। हमारी वकील रंजना अग्निहोत्री भी वहां रहकर पूरे मामले को देखती थीं। विशेष बहस के समय कोलकाता हाईकोर्ट के वकील पी.एन. मिश्रा भी मौजूद रहते थे। हम कोर्ट में विषय विशेषज्ञ के रूप में भी मौजूद रहते थे। हमारे तथ्यों और साक्ष्यों को कोर्ट ने महत्वपूर्ण माना। इसलिए, इलाहबाद हाईकोर्ट के सितंबर 2010 को आए फैसले और पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के फैसले में हमारा जिक्र किया गया है।

सवालः सुनवाई के दौरान सबसे ज्यादा यादगार क्या रहेगा आपके लिए?

जवाबः सुप्रीम कोर्ट में जब सुनवाई नियमित हुई और लगभग रोज गवाही हो रही थी, तब हम सुबह 10 से शाम को 5 बजे तक कोर्ट में सारे पक्षकारों के साथ मौजूद रहे थे। तब हमने प्रण किया था कि जब तक सुनवाई होगी, तब तक पूरे दिन बिना खाए-पीए अपनी जगह पर बैठे रहेंगे। इस प्रण को पूरी तरह निभाया भी। ये हमारे लिए सबसे यादगार रहेगा। दूसरा ये हमेशा याद रहेगा कि मंदिर विवाद के दोनों पक्षकारों में कभी कोई आपसी कटुता नहीं रही। दोनों अपना-अपना पक्ष रखते थे लेकिन कभी निजी रूप से कोई विवाद या द्वेष नहीं रहा। ना पक्षकारों के बीच, ना वकीलों के बीच।

सवालः क्या आपको लगता है कि भविष्य में राम मंदिर ट्रस्ट पर कुछ विशेष लोगों का कब्जा रह जाएगा?

जवाबः लगता नहीं है, ये तो प्रमाणित हो गया है कि मंदिर ट्रस्ट पर कुछ लोगों का ही कब्जा रह जाएगा। ये जो ट्रस्ट जिसका नाम श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट है, इसको भले ही मान लिया गया है लेकिन ये अवैध है। मतलब अवैधानिक है। विधि के अनुसार ये ट्रस्ट बन नहीं सकता। पहली बात तो ये है कि इसके गठन में जो प्रक्रिया अपनाई गई है वो ही दोषपूर्ण है। समय आएगा तो हम बताएंगे कि इसका गठन विधि पूर्वक नहीं किया गया है।

दूसरा, ये सरकारी पैसे से बना है। सरकार से एक रुपया लेकर इस ट्रस्ट का गठन किया गया है। उसके बाद अब उस ट्रस्ट के खाते में जो भी रुपया आ जाए। मूल इसका सरकारी पैसा है और सरकार धर्मनिरपेक्ष है। उसका पैसा टैक्स का है। किसी धर्म विशेष के काम में नहीं लगना चाहिए। सरकारी पैसे में हर तरह का पैसा होता है टैक्स का भी, शराब का भी।

सवालः क्या कोई पेंच भी ऐसा है, जिससे ट्रस्ट के गठन पर सवाल उठते हैं?

जवाबः इस ट्रस्ट को बनाने से पहले ही 1993 में अयोध्या विशेष भूमि अधिग्रहण एक्ट में स्पष्ट किया गया है कि किसी अन्य ट्रस्ट को इसकी भूमि नहीं दी जाएगी। इसके लिए धर्माचार्यों का एक रामालय ट्रस्ट पहले ही था। नया ट्रस्ट बनाने की जरूरत नहीं थी। ट्रस्ट बनाया भी तो धर्माचार्यों की उपेक्षा करके केवल संघ, भाजपा और विहिप के लोगों को ट्रस्ट में रखा गया है। उन लोगों को रखा जो पहले रामजन्म भूमि न्यास के सदस्य थे।

जबकि, अधिग्रहण का जो कानून है वो स्पष्ट कहता है कि इस ट्रस्ट को भूमि नहीं दी जाएगी, यानी इसका एक अर्थ ये भी है कि उस ट्रस्ट में शामिल लोग इस ट्रस्ट में नहीं होने चाहिए। लेकिन, उसी ट्रस्ट के ट्रस्टी इसमें भी ले लिए गए हैं। सत्तारूढ़ सरकार के समर्थन वाले लोगों को ही ट्रस्ट में जगह मिली है। जिन लोगों का राम जन्मभूमि मामले में कोई योगदान नहीं था उन्हें लिया गया, जिनका योगदान था, उनकी अनदेखी की गई।——————————— दैनिक भास्कर से साभार

चीन रात के अंधेरे में सड़क का निर्माण कर रहा है.

लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के साथ हिंसक झड़प हुई थी. इसके बाद तनाव कम करने की कोशिशों के बीच अब चीन हिमाचल प्रदेश से लगती सीमा पर सड़क निर्माण कर रहा है. हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले का कुन्नु चारंग अंतिम सीमावर्ती गांव है. कुन्नू चारंग के ग्रामीणों ने चीनी क्षेत्र में रेकी करने के बाद यह दावा किया है कि पिछले दो महीने में चीन ने सीमा के करीब 20 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कर लिया है.

मोरंग घाटी क्षेत्र के आखिरी गांव कुन्नू चारंग के ग्रामीणों का दावा है कि चीन रात के अंधेरे में तेज गति से खेमकुल्ला पास की ओर सड़क का निर्माण कर रहा है. चीन की तरफ से रात के समय ड्रोन भी आ रहे हैं. लोगों ने चीन की तरफ कराए जा रहे सड़क निर्माण के नो मेंस लैंड में होने की आशंका जताई है. वहीं, किन्नौर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) साजू राम राणा ने सीमावर्ती गांवों में ड्रोन आने की पुष्टि की. सड़क निर्माण को लेकर उन्होंने कहा कि इतनी लंबी सड़क कम समय में नहीं बन सकती.

एसपी ने कहा कि ग्रामीणों ने इस संबंध में जानकारी दी थी. भारतीय सीमा क्षेत्र में ऐसा कुछ नहीं हो रहा. घबराने की जरूरत नहीं है. वहीं, कुन्नू चारंग गांव के प्रधान ने कहा कि कुछ ग्रामीण खेमकुल्ला पास गए थे और रेकी कर आने के बाद सीमा पार सड़क निर्माण की जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि इतनी लंबी सड़क रातोरात तो बनी नहीं होगी. इसका निर्माण कई महीनों से कराया जा रहा होगा. ग्राम प्रधान ने इसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए. कुन्नू चारंग गांव चीन सीमा के करीब है. यहां तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क भी नहीं है. ग्रामीणों के पास मोबाइल फोन तो हैं, लेकिन कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण कहीं बात करनी हो तो लोगों को 14 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.

बताया जाता है कि इस गांव के नौ लोगों का दल 16 खच्चर और पांच पोर्टर के साथ लगभग 22 किलोमीटर दूर सीमा की ओर गया था. इस दल के साथ चीन सीमा पर सुरक्षा के लिए तैनात इंडिया तिब्बत बॉर्डर पुलिस के कुछ जवान भी थे. खेमकुल्ला पास पहुंच कर इस दल ने जब तिब्बत की ओर नजर दौड़ाई तो आंखें खुली की खुली रह गईं. चीन ने दो महीने में ही लगभग 20 किलोमीटर सड़क का निर्माण कर लिया है. इस दल के सदस्यों ने बताया कि पिछले साल अक्टूबर तक तिब्बत के आखिरी गांव तांगो तक ही सड़क थी, लेकिन बर्फ हटते ही पिछले दो महीनों में सरहद की ओर 20 किलोमीटर लंबी सड़क बन गई.

दल के मुताबिक सांगली घाटी के छितकुल इलाके के करीब भी सरहद पार यमरंग ला की तरफ भी सड़क निर्माण जारी है. दल में शामिल रहे बलदेव नेगी, जेपी नेगी, विपिन कुमार, भागी राम, नीरज, मोहन आदि ने बताया कि सीमा से दो किलोमीटर दूर तक सड़क का निर्माण हो चुका है. बलदेव नेगी ने कहा कि सीमा पार हमने पांच पोकलेन और कई बड़े डंफर देखे, जो सड़क निर्माण में लगे थे. हमने छह दिन रेकी की और पाया कि रात होते ही पहले भारत की ओर ड्रोन भेजा जाता है, फिर विस्फोट की तेज आवाजें आती हैं. रात के अंधेरे में निर्माण की गतिविधियां तेज कर दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी पुलिस-प्रशासन को भी दी गई, लेकिन पुलिस उल्टे उन्हें ही प्रताड़ित कर रही है.

ग्रामीणों का कहना है कि भारतीय क्षेत्र में सरहद के आसपास तक कौन कहे, चारंग गांव तक भी अच्छी सड़क नहीं है. चारंग से सीमा तक जाने के लिए दुर्गम पहाड़ी रास्तों से पैदल या खच्चर से 22 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है. इनका कहना है कि भेड़ पालने वालों को भी सीमा की ओर नहीं जाने दिया जाता. यदि भेड़ पालक पहले की तरह ऊंट से पहाड़ियों पर जाते तो सीमा पार की गतिविधियों की जानकारी भी समय-समय पर साझा करते रहते.

विटामिन-सी से भरपूर चीजें डाइट में जरूर शामिल करेे

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बॉडी के इम्यून सिस्टम का दुरुस्त होना बहुत जरूरी है. FSSAI (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया) का दावा है कि विटामिन-सी से भरपूर चीजें इम्यूनिटी लेवल को बढ़ा सकती हैं. इसलिए विटामिन-सी से लैस कोई भी एक चीज आपको रोजाना अपनी डाइट में जरूर शामिल करनी चाहिए.

आंवला-‘कंटेम्परेरी क्लिनिकल ट्रायल्स कॉम्यूनिकेशन’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट बताती है कि आंवला खून की तरलता को बेहतर बनाने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के बायोमार्कर को कम करने में मदद कर सकता है. आंवला विटामिन-सी का अच्छा स्रोत है. साथ में इसमें शरीर के लिए जरूरी प्रोटीन, आयरन और फाइबर भी होता है. इस रोजाना खाने से आपका इम्यून सिस्टम भी स्ट्रॉन्ग होगा

संतरा– संतरे में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं. इसकी बड़ी खूबी यह है कि इसमें कैलोरीज काफी कम होती है. किसी भी प्रकार का सैच्यूरेटेड फैट या कोलेस्ट्रॉल संतरे में नहीं होता है. इसके विपरीत इसे खाने से डायटरी फायबर मिलता है, जो हानिकारक तत्वों को शरीर से बाहर निकलता है. संतरा डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए टॉनिक की तरह काम करता है और इम्यूनिटी को भी बेहतर करता है.

पपीता-पपीते की तरह संतरा भी कम कैलरी और फाइबर का अच्छा स्रोत है. पपीता भी शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के बाद पाचन क्रिया को बेहतर करता है. इससे कई डाइजेस्टिव डिसॉर्डर से राहत पाई जा सकती है. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए यह फल काफी अच्छा है.

नींबू-वजन घटाने से लेकर हृदय रोग जैसी गंभीर समस्याओं से राहत पाने के लिए नींबू संजीवनी की तरह काम करता है. इसमें पाए जाने वाला सिट्रिक एसिड पथरी के इलाज में भी काफी गुणकारी है. यह बॉडी में यूरीन वॉल्यूम और पीएच लेवल को बढ़ाने का काम करता है. इम्यूनिटी लेवल बढ़ाने के लिए इसे डाइट में शामिल करना बहुत जरूरी है.

अमरूद-फाइबर और पोटाशियम से भरपूर अमरूद भी शरीर के लिए काफी अच्छा है. कई स्टडीज में दावा किया जा चुका है कि इससे ना सिर्फ ब्लड में शुगर लेवल कंट्रोल होता है, बल्कि ये आपको हृदय रोगों से भी दूर रखता है. अमरूद विटामिन-के और विटामिन-ए का अच्छा स्रोत है.

शिमला मिर्च-शिमला मिर्च विटामिन-सी, विटामिन-ए और विटामिन-ई का अच्छा स्रोत है. इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स और पोटाशियम बॉडी इम्यून की दुरुस्त रखने में कारगर हैं. आप किसी भी डिश के जायके को बढ़ाने के लिए भी उसमें शिमला मिर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं.

फलीदार सब्जियां- बच्चों की डाइट में फलीदार सब्जियां जैसे राजमा, चने, छोले मटर और कई तरह की दालें भी जरूर शामिल करनी चाहिए. ये चीजें बॉडी में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी दुरुस्त करती हैं.

एवोकाडो- विटामिन-ई से युक्त एवोकाडो आपके बच्चे के शारीरिक विकास और इम्यून के लिए बेहद जरूरी है. आप ब्रेकफास्ट के समय सैंडविच के साथ एवोकाडो उनकी डाइट में जोड़ सकते हैं.

नारियल का तेल-घर में खाना बनाते समय सरसों के तेल या रिफाइंड की जगह नारियल के तेल का इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर होगा. इसमें लॉरिक एसिड और कैप्रीलिक एसिड होता है जो आपके इम्यूनिटी सिस्टम को बूस्ट कर वायरल से सुरक्षा करता है.

यॉगर्ट-डॉक्टरों का कहना है कि रोजाना यॉगर्ट खाने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है. यॉगर्ट मांसपेशियों के खिंचाव में भी आराम पहुंचाता है. ये बॉडी को काफी तेजी से एनर्जी देने का काम करता है. वर्कआउट के बाद बहुत से लोग इसे रेगुलर डाइट में भी लेते हैं.

बादाम– जुकाम से बचाव के लिए शरीर में विटामिन ई का होना बहुत जरूरी. विटामिन ई इम्यून सिस्टम को स्वस्थ रखता है. बादाम में विटामिन ई के साथ-साथ हेल्दी फैट भी पाया जाता है. आधा कप बादाम आपके हर दिन के जरूरतमंद विटामिन मात्रा को पूरा करेगा.

रोजगार खत्म होने का डर ; परिवार के सभी तीन सदस्यों ने आत्महत्या कर ली

धारवाड़ कोरोना की वजह से लोगों के सामने जान का संकट है ही. अब इसकी वजह से लोगों के बीच नौकरी जाने का डर भी घर कर गया है. कर्नाटक के धारवाड़ जिले में कुछ ऐसा हुआ है जो इस बात की तस्दीक करता है कि मौजूदा वक्त में लोगों के बीच रोजगार खत्म होने का डर किस कदर व्याप्त है. कर्नाटक के धारवाड़ जिले में एक परिवार के सभी तीन सदस्यों ने आत्महत्या कर ली.

कर्नाटक पुलिस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना काल के दौरान उन्हें नौकरी जाने का डर था, इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या की. मरने वाले जोड़े और बच्ची की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. पुलिस के मुताबिक ये घटना शनिवार की है. धारवाड़ में सुबर्बन पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ने बताया कि मृतक के शरीर के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. कथित रूप से उन्हें कोरोना महामारी की वजह से अपनी नौकरी जाने का डर सता रहा था. इसी वजह से पूरे परिवार के साथ शख्स ने आत्महत्या कर ली है. फिलहाल पुलिस ने संबंधित सेक्शन में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.

पिछले कुछ दिनों में देश के अंदर कोरोना मामलों में काफी तेजी आई है. बीते 24 घंटे में देश में कोरोना के 48,661 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 705 लोगों की मौत हुई हैं. देश में अब तक कोरोना के कुल मामले 13,85,522 हुए हैं, जबकि मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 32,061 हो गई है.

चुनौती- मेरी सरकार गिरानी है वो गिराए, मैं अभी देखता हूं ; उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे  (Uddhav Thackeray) ने विपक्ष को उनकी सरकार गिराने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा विपक्ष उनकी सरकार गिराने की हिम्मत दिखाए.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि जिस किसी को मेरी सरकार गिरानी है वो गिराए, मैं अभी देखता हूं. उन्होंने कहा कि इंतजार किसका है? अब सरकार गिराओ, सरकार तीन पहियों वाली है, लेकिन वह गरीबों का वाहन है. पर स्टेरिंग मेरे ही हाथ में है. बुलेट ट्रेन या रिक्शा में चुनाव करना पड़ा तो मैं रिक्शा ही चुनूंगा.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि जिस किसी को मेरी सरकार गिरानी है वो गिराए, मैं अभी देखता हूं. उन्होंने कहा कि इंतजार किसका है? अब सरकार गिराओ, सरकार तीन पहियों वाली है, लेकिन वह गरीबों का वाहन है. पर स्टेरिंग मेरे ही हाथ में है. बुलेट ट्रेन या रिक्शा में चुनाव करना पड़ा तो मैं रिक्शा ही चुनूंगा.

उन्होंने कहा कि मैं गरीबों के साथ ही खड़ा रहूंगा. मेरी यह भूमिका मैं बदलता नहीं हूं. कोई ऐसी सोच न बनाए कि अब मैं मुख्यमंत्री बन गया हूं, मतलब बुलेट ट्रेन के पीछे खड़ा रहूंगा. शिवसेना मुखपत्र सामना से बात करते हुए महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है, लेकिन रास्ता निकालेंगे. ऑपरेशन लोटस महाराष्ट्र में सफल होगा या नहीं? इस सवाल के जवाब में महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि करके देखो ना. मैं भविष्यवाणी कैसे करूंगा? आप करके देखो. जोड़-तोड़ करके देखो. एक महत्वपूर्ण मुद्दा क्या है कि ऐसा कोई भी विपक्षी नेता दिखाओ जो दूसरी पार्टी में जाकर सर्वोच्च पद पर पहुंचा है, मुख्यमंत्री बना है.

सीएम उद्धव ने कहा कि आपको आपकी पार्टी में ऐसा क्या मिलता नहीं है कि आप दूसरी पार्टी में जाते हैं. कई जगह पर ऐसे उदाहरण हैं. ऐसे तोड़फोड़ होता है उसके पीछे ‘इस्तेमाल करो और फेंक दो’ यही नीति सबने अपनाई है.

तीन पहियों वाली सरकार के आरोप पर महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि सरकार तीन पहियों वाली है, लेकिन वह गरीबों का वाहन है. मैंने इतना ही कहा कि मैं मुख्यमंत्री होने के नाते सर्वांगीण विकास करूंगा. लोग मेरे साथ हैं इसलिए मैं बुलेट ट्रेन ले आऊं, ऐसा नहीं है, जब तक कि वो सर्वमत से ना हो. इसलिए तीन पहिया तो तीन पहिया. वह एक दिशा में चलती है ना. फिर आपका पेट क्यों दुखता है? सीएम उद्धव ने सवाल पूछते हुए कहा कि केंद्र में कितने पहिये हैं? हमारी तो ये तीन पार्टियों की सरकार है. केंद्र में कितने दलों की सरकार है, बताओ ना? पिछली बार जब मैं एनडीए की मीटिंग में गया था, तब तो 30-35 पहिए थे. मतलब रेलगाड़ी थी.

 शिवसेना सुप्रीमो ने कहा, “जैसे कयास लगाए जा रहे हैं सितंबर-अक्टूबर का इंतजार क्यों करना. अगर आपको सरकार गिराने में मजा आता है तो अभी सरकार गिराओ. कुछ लोगों को रचनात्मक काम करने में मजा आता है जबकि कुछ लोग विनाशकारी काम करके खुश होते हैं. यदि आपको विनाश करके खुशी मिलती है तो जारी रखिए.” 

कोरोना बीमारी मानसिक स्थिति रोगी पर भारी पड़ती है क्योंकि मानवीय संपर्क से दूर – बच्चन —

HIGH LIGHT (Himalahyauk) स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार सुबह जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 13,85,522 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 48,661 नए मामले सामने आए हैं. इस दौरान देश में 705 कोरोना संक्रमितों की मौत भी हुई है. 8,85,577 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं और कुल 32,063 लोगों की मौत हुई है. रिकवरी रेट की बात करें तो यह मामूली बढ़ोतरी के बाद 63.91 प्रतिशत पर पहुंच गया है. पॉजिटिविटी रेट 11 प्रतिशत है. बता दें कि बीते कुछ दिनों से हर रोज कोरोना के मामले 45 हजार का आंकड़ा पार कर रहे हैं.

नई दिल्ली:Coronavirus in India:कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी बरकरार है. पिछले दो दिनों में करीब एक लाख नए संक्रमित मरीज देखने को मिले हैं. स्वास्थ्य मंत्रालाय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 48,661 नए मरीज सामने आए हैं. जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 13,85,522 पर पहुंच गई है. वहीं इस दौरान 705 लोगों की मौत हुई है जिसके बाद कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 32063 हो गई है. रिकवरी रेट में भी मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली है जोकि 63.91 फीसदी हो चुकी है तो वहीं पॉजिटिविटी रेट 11 फीसदी के आंकड़े पर पहुंच चुका है.  

जानकारों का कहना है कि देश में संक्रमण के नए मामले इस लिए तेजी से बढ़ हैं क्योंकि अब पहले के मुकाबले ज्यादा संख्या में टेस्ट किए जा रहे हैं. वहीं टेस्ट की बात करें तो देशभर मे 25 जुलाई तक 1,62,91,331 कोरोना सैम्पल की जांच हुई है. एक दिन में यानी 25 जुलाई को 4,42,263 सैम्पल की जांच की गई जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. दिल्ली जैसे राज्यों में रिकवरी रेट बढ़ने और नए मामलों में कमी आने के पीछे टेस्ट की संख्या ज्यादा बताया गया है. 

अब अगर राज्यवार आंकड़ों समझें तो महाराष्ट्र में अभी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. पिछले 24 घंटों में यहां 9251 नए मामले सामने आए हैं. वहीं आंध्र प्रदेश में 7813, तमिलनाडु में 6988, कर्नाटक में 5072 और उत्तर प्रदेश में 2971 नए मामले सामने आए हैं. मृतकों के मामले में भी महाराष्ट्र सबसे आगे हैं. पिछले 24 घंटों में यहां 257 लोगों की मौत हो चुकी है. तमिलनाडु में 89, कर्नाटक में 72, आंध्र प्रदेश में 52 और पश्चिम बंगाल में 42 लोगों की मौत हो चुकी है. 

नई दिल्ली:  मुंबई के एक अस्पताल में कोरोना वायरस का इलाज करा रहे सुपरस्टार अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पृथक-वास में रह रहे मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य के संघर्ष के बारे में बात की है. अमिताभ बच्चन और उनके बेटे अभिषेक बच्चन को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद 11 जुलाई को नानावती अस्पताल के पृथक वार्ड में भर्ती कराया गया था. अमिताभ ने शनिवार को अपने ब्लॉग में कहा कि इस बीमारी से पैदा हुई मानसिक स्थिति रोगी पर भारी पड़ती है क्योंकि उसे मानवीय संपर्क से दूर रखा जाता है.

अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने कहा: “कोविड-19 (Covid 19) मरीज को अस्पताल के अलग वार्ड में रखा जाता है जिससे वह हफ्तों तक दूसरे लोगों को नहीं देख पाता. नर्स और डॉक्टर इलाज के लिए आते हैं और दवाएं देते हैं लेकिन वे हमेशा पीपीई किट्स पहने दिखाई देते हैं.” उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज को निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) पहनने वाले का चेहरा नहीं दिखाई देता क्योंकि स्वास्थ्य देखभाल कर्मी अत्यधिक एहतियात बरतते हैं और इलाज करके चले जाते हैं. अभिनेता ने कहा, “चले जाते हैं क्योंकि लंबे वक्त तक रुकने से संक्रमित होने का डर रहता है. जिस डॉक्टर के मार्गदर्शन में आपका इलाज चल रहा होता है वह कभी आपके पास नहीं आता.”

अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने कहा कि संवाद वर्चुअल है जो मौजूदा हालात को देखते हुए सबसे अच्छा तरीका है लेकिन फिर भी ‘‘अव्यक्तिगत” है. अपने स्वास्थ्य के बारे में सोशल मीडिया पर प्रशंसकों को अक्सर जानकारी देने वाले अभिनेता ने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित होने का ठप्पा ऐसा है जिससे किसी मरीज को संस्थागत पृथक-वास अवधि खत्म होने के बाद भी जूझना पड़ सकता है. अमिताभ ने कहा, ‘‘क्या इसका मानसिक रूप से मनोवैज्ञानिक असर पड़ता है? मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि पड़ता है। पृथक वास अवधि खत्म होने के बाद मरीजों को गुस्सा आता है, उन्हें पेशेवर मनोवैज्ञानिकों से बातचीत करने की सलाह दी जाती है.”

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें जनता के बीच जाने में डर या आशंका होती है कि उनसे अलग तरह से व्यवहार किया जाएगा. ऐसे व्यक्ति के तौर पर व्यवहार किया जाएगा जिसे यह बीमारी हुई. इससे वे और अधिक तनाव तथा अकेलेपन में चले जाएंगे.” अपनी खुद की स्थिति बताते हुए अमिताभ ने लिखा कि वह अकेलेपन में अपने आप का मनोरंजन करने के लिए गाना गाते हैं. दिग्गज अभिनेता ने कहा, ‘‘रात के अंधेरे और ठंडे कमरे में कंपकंपी के बीच मैं गाना गाता हूं…सोने की कोशिश में आंखें बंद करता हूं…आसपास कोई भी नहीं होता.” बॉलीवुड अभिनेता ने कोरोना वायरस से संक्रमित न पाए जाने की खबरों को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया था. अमिताभ की बहू अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन (46) और आठ साल की पोती आराध्या बच्चन भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई और उन्हें गत हफ्ते नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ने रविवार सुबह एक वीडियो पोस्ट किया

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जिन्होंने शनिवार को खुद ही कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी , ने रविवार सुबह एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने खुद को “बिल्कुल ठीक” बताया. उन्होंने अपील की है कि जिन लोगों में कोरोनोवायरस के लक्षण दिख रहे हैं वे अपना टेस्ट जरूर कराएं. मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि “डरने की कोई आवश्यकता नहीं है”. अपने ट्विटर अकाउंट पर अपलोड किए गए वीडियो में चौहान नीले रंग के एक गाउन में बिस्तर पर बैठे नजर आए. उन्हें शनिवार दोपहर भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एक दूसरे वीडियो में चौहान टीवी देखते नजर आए. उनके साथ दो मेडिकल कर्मचारी पास खड़े दिखे.

प्रिय प्रदेशवासियों, आपको #COVID19 से डरने की जरूरत नहीं है। लक्षण प्रकट होते ही टेस्ट कराएं और पॉजिटिव होने पर तत्काल इलाज शुरू करवाएं तो कोरोना पर विजय अवश्य मिलेगी। इससे लड़ने का प्रमुख अस्त्र है, मास्क और दो गज की दूरी। इन अस्त्रों का प्रयोग अवश्य करें।

चौहान ने वीडियो में कहा,” मैं पूरी तरह से ठीक हूं, कोरोनोवायरस योद्धाओं का समर्पण, जो निस्वार्थ रूप से अपने जीवन को खतरे में डालते हैं, प्रशंसनीय है. मैं राज्य के सभी कोरोनोवायरस योद्धाओं को सलाम करता हूं जो अपने रोगियों के लिए काम कर रहे हैं.”  यह कहते हुए कि पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर “डरने की कोई जरूरत नहीं है”, मुख्यमंत्री ने लोगों से कोरोनोवायरस के लक्षण पाए जाने पर जल्द से जल्द जांच करवाने की अपील की.

उत्तर प्रदेश में रविवार को एक बार फिर रिकॉर्ड कोरोना संक्रमण के मामले सामने आये. बीते 24 घंटे में 3260 पॉजिटिव केस सामने आये. प्रदेश में अबतक कुल 66,988 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, एक्टिव केस की संख्या 23,921 तक पहुंच गयी. राज्य में 41,641 मरीज कोरोना को मात भी दे चुके हैं. पिछले 24 घंटों में 39 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है. यूपी में अबतक इस महामारी से मौत का आंकड़ा 1426 तक पहुंच गया है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संक्रमण का सबसे ज्यादा असर है. बीते 24 घंटे में 449 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आये हैं. लखनऊ में कोरोना संक्रमण को रोजाना रिकॉर्ड मामले आ रहे हैं. आपको बता दें कि लगातार दूसरे दिन लखनऊ में 400 से ज्यादा मामले सामने आये. जिले में कोरोना मरीजों की संख्या 6307 तक पहुंच गई है. इनमें 3210 एक्टिव केस हैं. राजधानी में कोरोना से अबतक 74 की मौत हो चुकी है. मरीजों की संख्या के लिहाज से लखनऊ पहले नंबर पर है, एक्टिव केस भी यहां सबसे ज्यादा हैं.

कोरोना की एक दवा लॉन्च फैवीवेंट – कीमत महज 39 रुपए प्रति टैबलेट

नई दिल्लीः दुनिया भर में कोरोना (COVID19) महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अभी तक इस वायरस (Virus) की कोई वैक्सीन भी नहीं बनी है. महामारी को लेकर भारत में एक बढ़िया खबर है ये कि हमारे देश में अब कोरोना की एक दवा लॉन्च हुई है. जी हां, दवा कंपनी जेनबर्कट फार्मास्युटिकल्स (Jenburkt Pharmaceuticals) ने हाल ही में कोरोना महामारी की दवा को लॉन्च किया है. गई इस दवा का नाम फैवीवेंट (Favivent) है, जो फैवीपिरावीर (Favipiravir) के नाम से बाजार में मिलेगी. अच्छी बात ये है कि इस दवा का दाम भी काफी कम है. फैवीवेंट की कीमत महज 39 रुपए प्रति टैबलेट है.

यह दवा कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए कारगर सिद्ध हो सकती है. दवा को लॉन्च करने वाली फर्म ने बताया कि फैवीवेंट 200 मिलीग्राम की टैबलेट में आएगी. इसके एक पत्ते में 10 टैबलेट होगी. दवा तेलंगाना राज्य की फार्मास्यूटिकल प्लांट में बन रही है. 23 जुलाई को फार्मा कंपनी ब्रिंटन फार्मास्युटिकल्स (Brinton Pharmaceuticals) ने बयान जारी कर कहा था कि फैवीटॉन (Faviton)ब्रांड नाम से फेविपिरविर दवा की कीमत 59 रुपये प्रति टैबलेट तय की गई है.

पिछले दिनों ही फार्मा प्रमुख ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स (Glenmark Pharmaceuticals)फैबीफ्लू (FabiFlu) नाम से 75 रुपये प्रति टैबलेट पर इस दवा को मार्केट में लॉन्च कर चुका है. अब देखना यह होगा कि इस दवा से कोविड-19 के मरीजों पर कितना असर पड़ता है. भारत में कोविड-19 की दवा का दाम सबसे कम है.

नोएडा, मुम्बई और कोलकाता में उच्च क्षमता वाली कोविड-19 (COVID-19) परीक्षण सुविधाओं का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सोमवार को नोएडा, मुम्बई और कोलकाता में उच्च क्षमता वाली कोविड-19 (COVID-19) परीक्षण सुविधाओं का उद्घाटन करेंगे जिससे देश में परीक्षण करने की क्षमता बढ़ेगी, बीमारी की शुरुआती पहचान हो सकेगी और समय रहते उपचार करने में तेजी आएगी.

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होने वाले इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल रहेंगी.

बयान में कहा गया, ‘इन सुविधाओं से देश में परीक्षण करने की क्षमता बढ़ेगी और इनसे बीमारी की शुरुआती पहचान और समय रहते उपचार करने में तेजी आएगी। इस प्रकार इन सुविधाओं से कोरोना महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी.’ इन तीन उच्च क्षमता वाली परीक्षण सुविधाओं को रणनीतिक तौर पर आईसीएमआर- राष्ट्रीय कैंसर निवारण एवं अनुसंधान संस्थान, नोएडा, आईसीएमआर- राष्ट्रीय प्रजननीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान, मुंबई और आईसीएमआर- राष्ट्रीय हैजा एवं आंत्र बीमारी संस्थान, कोलकाता में स्थापित किया गया है जो हर रोज 10,000 से अधिक नमूनों का परीक्षण करने में सक्षम हैं.

इन सुविधाओं से युक्त प्रयोगशालाओं से संक्रामक नैदानिक ​सामग्री से स्वास्थ्यकर्मियों को बचाने और उनके प्रतिवर्तन काल (टर्नअराउंड टाइम) को कम करने में मदद मिलेगी. इन प्रयोगशालाओं में कोविड के अलावा अन्य बीमारियों का भी परीक्षण हो सकेगा और महामारी खत्म होने के बाद हेपेटाइटिस बी एवं सी, एचआईवी, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस, साइटोमेगालोवायरस, क्लैमाइडिया,नीसेरिया,डेंगू इत्यादि बीमारियों के लिए भी परीक्षण कार्य होगा.

कोरोना  काल में देशभर की अदालतों में 18 लाख मुकदमें दायर

नई दिल्ली:कोरोना  काल में देशभर की अदालतों में 18 लाख मुकदमें दायर हो चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट   के जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़   ने यह जानकारी देते हुए कहा कि महामारी की वजह से ये मामले मार्च से जुलाई महीने में दायर किए गए हैं. 

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान 24 मार्च से 24 जुलाई के बीच देशभर में 18,03,327 याचिकाएं आईं, जिनमें से 7,90,112 का निपटारा किया जा चुका है. सिर्फ महाराष्ट्र की जिला अदालतों में 2,22,431 मामले आए, जिनमें से 61,986 का कोरोना लॉकडाउन के दौरान ही निपटारा किया जा चुका है. जस्टिस चन्द्रचूड़ ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि डिजिटल अदालतों होने के बावजूद भी न्यायिक प्रणाली बाधित नहीं हुई.

वहीं जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकीलों और मुवक्किलों की उन चिंताओं पर विराम लगाया कि डिजिटल अदालतें (Digital Court Room) आने वाले समय में नियमित अदालतों की जगह ले लेंगी. उन्होंने कहा, “संकट के समय न्याय बाधित न हो इसलिए डिजिटल अदालतों की व्यवस्था लागू की गई है, लेकिन ये कभी भी खुली अदालतों में सुनवाई की जगह नहीं ले सकतीं. जस्टिस चन्द्रचूड़ ने कहा कि ये विशेष उपाय थे जिन्हें बेहद ही अपवादस्वरूप परिस्थितियों में लागू किया गया और धीरे-धीरे हम खुली अदालतों में सुनवाई की तरफ वापस लौटेंगे.

जस्टिस चन्द्रचूड़ ने यह बात कही. उन्होंने इस दौरान सभी से नियमित सुनवाई के लिए जाने की अपील करते हुए कहा कि हमें मेडिकल गाइडलाइन का पालन भी करना होगा ताकि वकीलों और मुवक्किलों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके.

31 जुलाई से विधानसभा सत्र के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र के पास ताज़ा प्रस्ताव भेजा

राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच अशोक गहलोत सरकार ने 31 जुलाई से विधानसभा सत्र के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र के पास ताज़ा प्रस्ताव भेजा है। इसमें सरकार ने कोरोना वायरस और दूसरे बिल पर चर्चा का ज़िक्र किया है। रिपोर्टों के अनुसार प्रस्ताव में फ़्लोर टेस्ट का कोई ज़िक्र नहीं है। गहलोत कई दिनों से जल्द से जल्द फ़्लोर टेस्ट कराने पर अड़े हैं, लेकिन राज्यपाल इसकी मंजूरी नहीं दे रहे हैं। सचिन पायलट और उसके खेमे के 18 विधायकों की बग़ावत के बाद से राजस्थान में राजनीतिक उठापटक का दौर चल रहा है और इस बीच अशोक गहलोत ने दावा किया है कि 200 सदस्यों वाली विधानसभा में उनके पास 102 विधायक हैं। 

इससे पहले गहलोत सरकार द्वारा भेजे गए विधासभा सत्र के लिए प्रस्ताव को राज्यपाल ने ठुकरा दिया था। तब राज्यपाल ने कहा था कि इसमें तारीख़ या कारण का उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा था कि वह इसकी जाँच कर रहे हैं। इस बीच, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मोर्चा खोल दिया था। 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को जल्द से जल्द विधानसभा सत्र बुलाने की माँग को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्रा के घर पर चार घंटे से अधिक समय तक विरोध प्रदर्शन किया था। कुछ बिंदुओं पर सफ़ाई माँगने के साथ ही विधानसभा सत्र बुलाने का राज्यपाल ने आश्वासन दिया तो कांग्रेस का समर्थन कर रहे विधायकों ने अपना धरना ख़त्म किया था। तब मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को 102 विधायकों की सूची सौंपी थी। 

बीजेपी की साज़िश को सफल नहीं होने देंगे- अशोक गहलोत आक्रामक अंदाज़ में

सचिन पायलट और कांग्रेस के अन्य बाग़ी विधायकों को जारी स्पीकर के नोटिस पर हाई कोर्ट की ओर से स्टे लगाए जाने के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आक्रामक अंदाज़ में सामने आए थे। तब राजभवन से बाहर निकलने के बाद गहलोत ने पत्रकारों से कहा था, ‘मुझे यह कहने में संकोच नहीं है कि बिना ऊपर के दबाव के राज्यपाल विधानसभा सत्र रोक नहीं सकते थे। राज्यपाल को संवैधानिक दायित्व निभाना चाहिए।’ गहलोत ने कहा कि यहाँ उल्टी गंगा बह रही है, हम कह रहे हैं कि हम सत्र बुलाएँगे, अपना बहुमत साबित करेंगे लेकिन सत्र नहीं बुलाया जा रहा है।  गहलोत ने शनिवार को पार्टी के विधायकों की बैठक में तीख़े तेवर दिखाए और कि अगर ज़रूरत पड़ी तो राष्ट्रपति भवन भी जाएँगेलेकिन बीजेपी की साज़िश को सफल नहीं होने देंगे। गहलोत ने कहा कि अगर हमें राष्ट्रपति भवन या प्रधानमंत्री आवास घेरना पड़ा तो हम वह भी घेरेंगे। विधायकों ने भी हाथ उठाकर गहलोत को समर्थन दिया। मुख्यमंत्री ने विधायकों से एकजुटता बनाए रखने के लिए कहा और कहा कि हो सकता है कि उन्हें कुछ दिन और होटल में ही रुकना पड़े। उन्होंने फिर दोहराया कि उनकी सरकार के पास बहुमत है। 

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