देहरादून-बैंगलोर-हैदराबाद के बीच हवाई सेवा 15 से & Top News 9 July 20

9 July 20: by Himalayauk Newsportal Bureau # प्रधानमंत्री जी द्वारा ‘वोकल फॉर लोकल एंड मेक इट ग्लोबल’ के लिए किए गए आह्वान को सभी देशवासियों का समर्थन मिला — मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत # देहरादून-बैंगलोर-हैदराबाद के बीच हवाई सेवा दिनांक 15 जुलाई से प्रारम्भ #देश में विभिन्न क्षेत्रों में राजस्व बढ़ाने के लिए भी 10 दिन में प्लान बनाने के निर्देश & जिन लोगों की आजीविका के संसाधन प्रभावित हुए हैं, उनके लिये विशेष प्रयास किये जाये – मुख्यमंत्री # महाविद्यालयों में बने क्वारंटीन सेंटर 25 जुलाई तक अन्यत्र शिफ्ट करा दिये जाये- मुख्यमंत्री # शिक्षकों के रिक्त पदों को स्थाई नियुक्ति तक गेस्ट टीचरों के माध्यम से भरा जा रहा है- अरविन्द पाण्डेय # सभी ब्लाकों में दो दो अटल उत्कृष्ट इंग्लिश मीडियम विद्यालय खोले जाएगें – शिक्षा मंत्री : बेरोजगारों के लिए आजीविका के साधन बढ़ाने के लिए निर्देश ; मुख्य सचिव : कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुचाया जाय ;; मंत्री यशपाल आर्य : 7 दिनों से चमोली जनपद में कोरोना संक्रमण का कोई भी नया मामला सामने नही आया

प्रधानमंत्री जी द्वारा ‘वोकल फॉर लोकल एंड मेक इट ग्लोबल’ के लिए किए गए आह्वान को सभी देशवासियों का समर्थन मिला — मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत

देहरादून 09 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो  मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत अभियान कोविड-19 की विपरीत परिस्थितियों को अनुकूल बनाने के साथ ही आधुनिक भारत की पहचान भी बना रहा है। मुख्यमंत्री, मीडिया सेंटर सचिवालय में आयेजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत में एमएसएमई क्षेत्र को कई तरह की रियायतें देते हुए मजबूती प्रदान की गई। साथ ही गरीबों, किसानों श्रमिकों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 20 लाख करोड़ रूपए के पैकेज की घोषणा के बाद केवल डेढ़ माह की अवधि में ही इसके सकारात्मक प्रभाव भी दिखने लगे हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा ‘वोकल फॉर लोकल एंड मेक इट ग्लोबल’ के लिए किए गए आह्वान को सभी देशवासियों का समर्थन मिला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र के लिए तीन लाख करोड़ रूपए के कोलेटरल फ्री ऋण की व्यवस्था की गई। एमएसएमई के लिए 50 हजार करोड़ रूपए का ‘फंड्स ऑफ फंड’ भी बनाया गया है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के मानकों में सुधार किया गया है। इससे इन उद्यमों को विस्तार का अवसर मिलेगा जिससे बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होगा। उद्योगों और श्रमिकों के लिए तीन महीने तक ईपीएफ सपोर्ट दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों में गरीबों, किसानों और मजदूरों की सहायता करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने 1.70 लाख करोड़ रूपए की घोषणा की। इसके तहत प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि की तीन माह की अग्रिम किस्तें किसानों के खातों में जमा की गई। महिला जन-धन खाताधारकों के खातें में 500-500 रूपए की तीन किस्तें जमा की गईं। उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ से अधिक महिलाओं को तीन गैस सिलेंडर मुफ्त दिए गए। दिव्यांगों, विधवाओं और बुजुर्गों को भी 1 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी गई।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में देश के 80 करोड़ लोगों को राहत देने के लिए अप्रैल,मई व जून तीन माह के लिए निशुल्क खाद्यान्न दिया गया। अब इस योजना को नवम्बर माह तक बढ़ा दिया गया है। इसमें हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहू या चावल और प्रति परिवार 1 किलो चना नवम्बर तक निशुल्क मिलता रहेगा।  इस योजना पर लगभग डेढ़ लाख करोड़ रूपए खर्च होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा में केंद्र सरकार ने 40 हजार करोड़ रूपए का अतिरिक्त आवंटन किया। उत्तराखण्ड में ही मनरेगा में 36 हजार नए लोगों के काम उपलब्ध करवाया गया है। 6 राज्यों के 116 जिलों में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए गरीब कल्याण रोजगार योजना शुरू की गई है। किसानों के लिए भी बहुत से कदम उठाए गए। किसानों के हित में अनेक फार्मिंग रिफार्म किए गए हैं। किसानों को फसल पर लागत मूल्य का कम से कम डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का निर्णय लिया गया। केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों पर एमएसपी को बढ़ाया। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भी काफी महत्वपूर्ण है।
अर्थव्यवस्था में कोविड-19 के प्रभाव से उबारने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार भी किए गए हैं। रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बल दिया गया है। पीपीपी मॉडल पर हवाई अड्डों का निर्माण किया जा रहा है

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों में सबसे अधिक सुधार स्वास्थ्य क्षेत्र में किया गया है। कोरोना संक्रमण की शुरूआत में पीपीई किट का निर्माण नहीं होता था। अब देश में पीपीई किट का इतनी अधिक मात्रा में उत्पादन किया जा रहा है कि इनका निर्यात भी किया जाने लगा है। वेंटीलेटर, एन-95 मास्क भी बडे स्तर पर बनाए जा रहे हैं। इनके निर्माण में अनेक स्टार्टअप आगे आए हैं। चीन के विभिन्न मोबाईल एप पर प्रतिबंध लगाने के बाद स्वदेशी एप बनाए गए हैं।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वापिस लौटे प्रवासियों और युवाओं के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई है। इसमें 150 प्रकार के कामों को लिया गया है।  

उत्तराखंड ने चीन के सामान (Chinees Goods) का इस्तेमाल नहीं होगा. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (CM TS Rawat) ने इसका ऐलान किया. आत्मनिर्भर भारत पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नीतिगत फैसला ले चुकी है और इसके साथ ही चीन की कंपनियों के सरकारी टेंडर पर रोक भी लगा दी गई है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कुंभ 2021 का कोई काम रोका नहीं गया और यह बात साफ है कि कुंभ (Kumbh 2021) समय पर होगा. उन्होंने कहा कि कुंभ के स्वरूप पर फैसला अखाड़ा परिषद फैसला लेगी.

देहरादून-बैंगलोर-हैदराबाद के बीच हवाई सेवा दिनांक 15 जुलाई से प्रारम्भ

देहरादून 09 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो)         अब देहरादून से बंगलुरू और हैदराबाद के लिए एयर इंडिया की हवाई सेवा शुरू होने जा रही है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एयर इंडिया के चैयरमेन से देहरादून से बंगलुरू, हैदराबाद और अहमदाबाद के लिए हवाई सेवा शुरू करने का अनुरोध किया था। यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री के नागरिक उड्डयन सलाहकार कैप्टन दीप श्रीवास्तव ने बताया कि देहरादून-बैंगलोर-हैदराबाद के बीच हवाई सेवा दिनांक 15 जुलाई से प्रारम्भ हो जाएगी। हैदराबाद से देहरादून, देहरादून से बंगलुरू और बंगलुरू से हैदराबाद के लिए अनुमति दी गई है।  

बताया गया कि ये सेवाएं सप्ताह में दो दिन बुधवार और रविवार को संचालित होंगी। हैदराबाद से प्रस्थान का समय पूर्वाह्न 7ः00 बजे और देहरादून में आगमन का समय पूर्वाह्न 9ः15 बजे है। इसी प्रकार देहरादून से पूर्वाह्न 10ः15 बजे प्रस्थान कर फ्लाईट बंगलुरू अपराह्न 12ः45 बजे पहुंचेगी। यहां से अपराह्न  2ः00 बजे प्रस्थान कर फ्लाईट अपराह्न 3ः00 बजे हैदराबाद पहुंचेगी।

होम स्टे योजना पर विशेष ध्यान दिया जाय — मुख्यमंत्री

देहरादून 09 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो) मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को सचिवालय में राज्य में लाइवलीहुड (आजीविका ) की नई संभावनाओं के सबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सभी विभाग 15 दिन में लाइवलीहुड प्लान एवं रिफॉर्म प्लान बनाकर मुख्य सचिव को अनुमोदन हेतु भेज दें। प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में राजस्व बढ़ाने के लिए भी 10 दिन में प्लान बनाने के निर्देश दिये।

जिन लोगों की आजीविका के संसाधन प्रभावित हुए हैं, उनके लिये विशेष प्रयास किये जाये – मुख्यमंत्री

               मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड-19 के बाद प्रदेश की आर्थिकी में सुधार लाने एवं लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए हमें बड़े स्तर पर प्रयास करने होंगे। लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए शॉर्ट, मिड एवं लॉग टर्म प्लान बनाकर कार्य करने होंगे। हमारा पहला लक्ष्य कोविड-19 की वजह से जिन लोगों की आजीविका के संसाधन प्रभावित हुए हैं, उनके लिये विशेष प्रयास किये जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी पैकेजिंग, प्रोसेसिंग एवं मार्केंटिंग की दिशा में कार्य किये जाय। उत्तराखण्ड में मेडिसनल एवं ऐरोमेटिक प्लांट की दिशा में अनेक संभावनाएं हैं। मेडिसनल एवं एरोमेटिक प्लांट पर कार्य के साथ वन विभाग एवं हॉर्टिकल्चर विभाग को फल, फूल, वनस्पति एवं बी-कीपिंग की दिशा में कार्य करने की जरूरत है।

        मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी ब्रांडिंग पर भी ध्यान देना होगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे योजना पर विशेष ध्यान दिया जाय। होम स्टे के साथ ही मेडिसनल एवं न्यूट्रेशन वेल्यू के आहारों को प्रमोट करने की जरूरत है। कृषि के क्षेत्र में क्लस्टर एप्रोच को बढ़ावा दिया जाय। कोविड की वजह से जो प्रवासी आये हैं, उनको रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने के लिए किन-किन क्षेत्रों में लोगों ने कार्य करने की अधिक इच्छा जाहिर की है, उन सेक्टरों को चिन्हित की जाय। उनकी योग्यता के अनुसार उद्योगों से भी रोजगार स्थापित करने के लिए समन्वय स्थापित किया जाय। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा जाय। विभिन्न योजनाओं के तहत जो लोग स्वरोजगार करना चाहते हैं, उनको लोन लेने में समस्या न हो, इसके लिए बैंकों से निरन्तर समन्वय स्थापित किया जाय।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में लोगों की आजीविका के संसाधन बढ़ाने के लिए कृषि के साथ ही अन्य एक्टिविटी के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित किया जाय। फार्मर सेन्ट्रिक एप्रोच पर और कार्य करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यों में तेजी लाने के लिए विभागों को विभिन्न प्रकार के क्लीयरेंस की प्रक्रियाओं को आसान करना होगा। उन्होंने कहा कि कृषि एवं पर्यटन ऐसे क्षेत्र हैं, जो लोगों को त्वरित लाभ पहुँचा सकते हैं। त्योहारों एवं उत्सवों पर स्थानीय उत्पादों को अधिक बढ़ावा दिये जाने की जरूरत है।

              मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि कोविड के कारण जो लोग उत्तराखण्ड वापस आये हैं, कितने लोग यहीं रहकर कार्य करना चाहते हैं, उनकी शैक्षिक एवं अन्य योग्यताओं का विश्लेषण एवं किस-किस क्षेत्र में कार्य करना चाहते हैं, इसका सर्वे होना जरूरी है। अगले तीन माह में हम लोगों को आजीविका से कैसे जोड़ सकते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने के लिए उनको प्रशिक्षण की व्यवस्थाएं करनी होंगी। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को आजीविका से जोड़ने के लिए अनेक योजनाएं लाई गई हैं। हमें इसके सफल क्रियान्वयन के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत रजिस्टर्ड प्रत्येक गांव के लोगों की सूची को टारगेट किया जाय, उनकी आजीविका को बढ़ाने के लिए और भी प्रयासों की जरूरत है। लोगों को आत्मनिर्भर बनाने एवं आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। इस अवसर पर प्रदेश में आजीविका को बढ़ाने के लिए अधिकारियों ने अपने सुझाव दिये।

बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव श्री आर.के.सुधाशु, श्री अमित नेगी, श्रीमती राधिका झा, श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, श्री दिलीप जावलकर, श्रीमती सौजन्या, श्री हरबंस सिंह चुघ, डॉ. रणजीत सिन्हा, अपर सचिव डॉ. एम.एस बिष्ट आदि उपस्थित थे।  

महाविद्यालयों में बने क्वारंटीन सेंटर 25 जुलाई तक अन्यत्र शिफ्ट करा दिये जाये- मुख्यमंत्री

        देहरादून 09 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो)      मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में गुरूवार को सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग से सम्बन्धित बैठक आयोजित की गई।  

      बैठक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा निर्देशो के तहत विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में परीक्षायें संचालित किये जाने के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय स्तर पर अन्तिम वर्ष एवं अन्तिम सेमेस्टर के छात्र-छात्रों की परीक्षायें 24 अगस्त से 25 सितम्बर तक आयोजित की जायेंगी तथा 25 अक्टूबर तक परीक्षा फल घोषित कर दिया जायेगा जबकि 01 नवम्बर से नया सत्र शुरू कर दिया जायेगा। इसके अलावा पुराने छात्र छात्राओं की सेमेस्टर परीक्षायें यूजीसी गाइड लाइन के अनुसार अगली कक्षाओं में प्रोमोट करते हुए 05 अगस्त तक परीक्षा फल घोषित कर 16 अगस्त से ऑनलाईन कक्षायें शुरू कर दी जायेंगी। 12वीं के परीक्षाफल घोषित होने के साथ ही समस्त राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों बीए, बीएससी, एम, एमएससी आदि कक्षाओं में प्रथम वर्ष हेतु प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जायेगी तथा 01 नवम्बर से कक्षायें प्रारम्भ होंगी।

बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों द्वारा बताया गया कि राज्य के कई महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों को कोविड 19 क्वारंटीन सेंटर बनाये गये हैं जिसके चलते परेशानी आ सकती है जिस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कोविड-19 के दृष्टिगत जिन विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में क्वारंटीन सेंटर बनाये गये हैं सम्बन्धित संस्थान के मुखिया के ओर से जिलाधिकारी को पत्र भेजकर 25 जुलाई तक क्वारंटीन सेंटर खाली कराते हुए अन्यत्र शिफ्ट करा दिये जाये तथा वहां पर छात्रों के आने से पहले सेनेटाईजेशन की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए ताकि परीक्षा देने वाले छात्रों को कोई कठिनाई न हो।

     बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि पूरे प्रदेश में लगभग 03 लाख छात्र-छात्रायें उच्च शिक्षा में अध्यनरत हैं जिनमें से लगभग 80 हजार छात्र-छात्रायें अन्तिम वर्ष/सेमेस्टर के शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 25 हजार छात्र-छात्रायें बाहरी राज्यों से अध्यनरत हैं जिनको परीक्षा से पूर्व 01 अगस्त तक सम्बन्धित विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में अपनी उपस्थिति देनी होगी, लेकिन उनके लिए शर्त रखी गई है वह अपने प्रदेशों से कोविड-19 का  टेस्ट कराते हुए प्रमाण पत्र भी साथ लेकर आयेंगे ताकि क्वारंटीन की अनिवार्यता से बचा जा सके।  

     बैठक में प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन ने बताया कि यूजीसी के द्वारा पूर्व में शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कार्यालय आने सम्बन्धित जो छूट दी गई थी वह समाप्त कर दी गई है। अब सभी प्राचार्यों, शिक्षकों अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने कार्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। आदेशों का पालन न करने पर सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

बैठक के उपरान्त मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति ओ0पी0एस0नेगी द्वारा मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र को कोविड-19 के दृष्टिगत मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु विश्वविद्यालय की ओर से 05 लाख 80 हजार की धनराशि का चेक भेंट किया गया।

बैठक में राज्य मंत्री डॉ0 बहादुर सिंह बिष्ट, दिप्ती रावत, मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति ओ0पी0 नेगी, दून विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 ए0के0कर्नाटक, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 पी0पी0ध्यानी, कुमाऊं विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ एन.के. जोशी, उच्च, शिक्षा निदेशक डॉ0 कुमकुम रौतेला, तकनीकी सलाहकार मा0 मुख्यमंत्री डॉ0 नरेन्द्र सिंह, रूषा सलाहकार डॉ0 एम0एस0एम0रावत, डॉ. के.डी.पुरोहित, पन्तनगर वि0वि के डीन डॉ0एस0के0कश्यप, संयुक्त सचिव एमएम सेमवाल, कुल सचिव सुधीर बुडाकोटी, एम0एस मन्दरवाल, विपिन चन्द जोशी, डॉ0 ए0एस0 उनियाल आदि विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

शिक्षकों के रिक्त पदों को स्थाई नियुक्ति तक गेस्ट टीचरों के माध्यम से भरा जा रहा है- अरविन्द पाण्डेय शिक्षा मंत्री

चमोली 09 जुलाई,2020 (सू0वि0) मा0 मंत्री विद्यालयी शिक्षा, प्रौढ शिक्षा, खेल, युवा कल्याण एवं पंचायती राज मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय ने पत्रकार वार्ता कर केन्द्र व राज्य सरकार के विकास कार्यो एवं नीतियों के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में देश विकास नीतियों के साथ आत्मनिर्भर भारत बनने की ओर अग्रसर है। आज भारत हर मार्चे पर अपने विरोधी देशों को जबाब देने में पूरी तरह से सक्षम है। वही मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के कुशल नेतृत्व में सरकार राज्य को नई दिशा देने का कार्य कर रही है। शिक्षा के अभाव में पलायन न हो इसके लिए सरकार गम्भीरता से कार्य कर रही है। विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को स्थाई नियुक्ति तक गेस्ट टीचरों के माध्यम से भरा जा रहा है। अमीर और गरीब के बच्चों को समान शिक्षा देने के लिए एनसीआरटी की किताबें लागू की गई है। उन्होंने बताया कि बहुत जल्द सभी ब्लाकों में दो दो अटल उत्कृष्ट इंग्लिश मीडियम विद्यालय खोले जाएगें। जिनको सीबीएससी से मान्यता दिलाई जाएगी।

हरेला पर्व की शुभकामनांए देते हुए उन्होंने कहा कि प्रकृति को स्वच्छ रखने के लिए हम सभी को अधिक से अधिक पौधे लगाकर उनकी सुरक्षा भी करनी होगी। कहा कि लाॅकडाउन में प्रकृति से छेडछाड बंद होने पर सभी को स्वच्छ पर्यावरण मिला। जिससे लोग बीमार नही हुए और अस्पतालों में मरीजों की कतारें नही लगी। कहा कि नई पीढी की खुशहाली के लिए हम सभी को प्रकृति को संरक्षित करना होगा। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के कई सवालों के जबाव भी दिए। इससे पूर्व मा0 मंत्री ने प्रसिद्व पर्यावरणविद श्री चण्डीप्रसाद भट्ट जी के निवास पर पहुॅचकर उनसे औपचारिक मुलाकात भी की और हेरला पर्व की शुभकामनाएं देते हुए उनके साथ पौध रोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

बेरोजगारों के लिए आजीविका के साधन बढ़ाने के लिए निर्देश ; मुख्य सचिव

     देहरादून 09 जुलाई, 2020 (सू.ब्यूरो)    सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में महात्मा गांधी नरेगा आजीविका साधन पैकेज के रूप में उपलब्ध कराने विषयक बैठक संपन्न हुई।

मुख्य सचिव ने कहा कि मा. मुख्यमंत्री द्वारा बेरोजगारों के लिए आजीविका के साधन बढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए है। उन्होंने आजीविका साधन पैकेज के संबंध में शीघ्र शासनादेश जारी करने के निर्देश दिए तथा शासनादेश में अन्य विभागों यथा कृषि, पशुपालन, डेयरी विभागों की भी योजनाओं को शामिल करने के निर्देश दिए गए।
मुख्य सचिव ने कहा कि समस्त कृषि एवं ग्रामीण रोजगार से जुड़े विभाग यथा कृषि, पशुपालन, डेयरी आदि विभाग अपनी योजनाओं से लाभार्थियों के लिए अवस्थापना सुविधाओं की विकास में मनरेगा से अधिक से अधिक धनराशि का उपयोग कराना सुनिश्चित करें।

 बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 2020-21 में मनरेगा में निर्धारित लक्ष्य 710 करोड़ रूपये में से 35 प्रतिशत तक आजीविका साधन पैकेज में उपयोग किया जाए। जबकि यह बजट 23 प्रतिशत प्रस्तावित था। इससे लगभग 218 करोड़ रूपये का धन ग्रामीण बेरोजगार युवाओं के आजीविका के साधनों के लिए उपयोग किया जाएगा।

वर्तमान पैकेज में भूमिहीन परिवारों को कुक्कट पालन, मछली पालन आदि गतिविधियां संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों में धन उपलब्ध कराया जाएगा। भूमिहीन परिवारों को योजना में रू0 41 हजार तथा अन्य श्रेणियों में रू0 99 हजार की परिसम्पत्ति प्रस्तावित है। भूमिहीन जॉब कार्ड धारक परिवारों को प्राथमिकता में तथा एस.ई.सी.सी   ¼ Socio Economy Caste Census) में स्वतः सम्मिलित परिवार को द्वितीय वरीयता एवं 01 से 03 नाली वाले भूमिधारक परिवार एवं इससे अधिक भूमि धारण श्रेणी के एस.सी.ध्एस.टी. एवं प्रवासियों को प्राथमिकता के आधार पर लाभान्वित किया जाएगा। 

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव कृषि एवं पशुपालन श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, अधिशासी अधिकारी मनरेगा एवं अपर सचिव श्री उदय राज तथा राज्य परियोजना समन्वयक श्री मोहम्मद असलम सहित कृषि, पशुपालन, डेयरी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुचाया जाय ;; मंत्री यशपाल आर्य

देहरादून   09  जुलाई, 2020 (मी0से0)   प्रदेश के परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, ग्रामीण तालाब विकास, सीमान्त क्षेत्र विकास, परिक्षेत्र विकास एवं प्रबन्धन, पिछड़ा क्षेत्र विकास मंत्री यशपाल आर्य ने विधान सभा में समाज कल्याण विभाग के सम्बन्ध में बैठक की।  

उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुचाया जाय, विभिन्न वर्गों को दिये जाने वाले पेंशन योजना, पेंशन धारकों के पात्र व्यक्तियों का चयन पारदर्शीपूर्वक करके लाभ दिया जाए। इसके लिए योजना को धरातल पर लाय जाए एवं अभियान चलाकर लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि किया जाये।

बैठक में निर्देश दिया गया कि परित्याक्ता महिला पेंशन की वार्षिक आय 15000 रु0 से बढ़ाकर 48000 रु0 करने के प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जाये, ताकि लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि की जा सके। भारत सरकार में भेजे जाने वाले विभिन्न योजनाओं के प्रस्ताव की माॅनिटरिंग की जाए एवं प्रस्ताव भेजने के बाद इसका फालोअप भी किया जाय। बाबू जगजीवन राम छात्रावास के प्रस्ताव पर विशेष बल देते हुए कहा कि अभी तक इसकी पैरवी ठीक ढंग सेे नहीं हुई है, अतः इस विषय पर विशेष ध्यान दिया जाए।

उन्होंने कहा कि लाभार्थियों तक योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय। बी.डी.सी. बैठक और जिला पंचायत बैठक में योजनाओं की जानकारी दी जाय। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि इसकी योजनाऐं केवल मुस्लिम वर्ग तक ही सीमित नहीं हैं। अतः इस योजना के प्रति व्यापक दृष्टिकोण अपनाया जाय। छात्रवृत्ति अनुदान, कोचिंग एवं प्रशिक्षण का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाय।

एम.एस.डी.पी. योजना के अन्तर्गत वित्त वर्ष 2019-20 में केन्द्र सरकार से 23.80 करोड़ रु0 परिव्यय स्वीकृत किया गया था, परन्तु अच्छी पैरवी के बाद तीन गुना से अधिक धन 73.10 करोड़, 23 कार्यों के लिए स्वीकृत किया गया। इसके लिए विशेष प्रशंसा की गयी है। वृद्धावस्था, विधवा एवं परित्याक्ता पेंशन योजना में पेंशन की धनराशि 1000 प्रतिमाह से 200 रु0 बढ़ाकर प्रतिमाह 1200 रु0 का भुगतान किया जा रहा है। वित्त वर्ष 2020-21 में कुल 726060 लाभार्थियों की संख्या को प्रथम तिमाही में 28872 रु0 का पेंशन मद में भुगतान किया गया है।

बैठक में निर्देश दिया गया कि वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति का संरक्षण किया जाय। रिकार्ड में हुए परिवर्तन को ठीक करने के लिए डिजिटाइजेशन का कार्य किया जाय। ई-आफिस की स्थापना की जाय एवं जी.आई.एस. मैपिंग की जाय।
इस अवसर पर सचिव समाज कल्याण एल.फेनई, अपर सचिव समाज कल्याण राम विलास यादव, निदेशक बिनोद गिरी गोस्वामी इत्यादि अधिकारी मौजूद थे।

7 दिनों से चमोली जनपद में कोरोना संक्रमण का कोई भी नया मामला सामने नही आया

जनपद चमोली। विगत 7 दिनों से चमोली जनपद में कोरोना संक्रमण का कोई भी नया मामला सामने नही आया है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देशों पर संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपल प्रतिदिन टेस्ट के लिए भेजे जा रहे है। बुधवार को 66 संदिग्ध लोगों के सैंपल जाॅच के लिए भेजे गए। जिले से अभी तक 3114 संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपल कोरोना टेस्ट के लिए भेजे जा चुके है, जिसमें से 2642 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव तथा 76 सैंपल की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है। जबकि 211 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। वही जिले में 76 कोरोना संक्रमित मरीजों में से 74 लोग स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके है। 

कोविड संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत बाहरी प्रदेशों से आए 205 प्रवासी अभी फेसलिटी क्वारेन्टाइन में चल रहे है। मेडिकल टीम फेसलिटी क्वारंन्टीन में ठहराए गए लोगों की प्रतिदिन जाॅच कर रही है। इसके अलावा 2203 प्रवासी अभी होम क्वारंन्टीन में चल रहे है। होम क्वारंन्टीन लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गठित 23 मोबाइल चिकित्सा टीमों ने बुधवार को 37 गांवों में घर-घर जाकर होम क्वारेंटीन में रह रहे 146 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से कोरोना संक्रमण की जानकारी जुटाने के लिए 18 ब्लाक एवं सिटी रिसपोंस टीम निरंतर कार्य कर रही है।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने सभी प्रवासियों को क्वारेंटाइन नियमों का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। वही शासकीय कार्मिकों के माध्यम से क्वारेंटीन लोगों पर निरतंर निगरानी रखते हुए नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व कार्यवाही भी की जा रही है।

जिले में लाॅकडाउन का उल्लंघन करने पर डीएम एक्ट के तहत 35 ए फआईआर, महामारी अधिनियम के तहत 4, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर 02, सीआरपीसी-151 के तहत 66, डीएम एक्ट के तहत गिरफ्तारियां 61, महामारी अधिनियम के तहत गिरफ्तरियां 9, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर गिरफ्तारियां 1, पुलिस एक्ट के तहत 1281 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा चुके है। इसके आलावा 1920 चालान और 91 वाहनों को सीज किया गया है।

जिले में आवश्यक सेवाओं के तहत खाद्यन्न की आपूर्ति सुचारू बनी हुई है। स्टाॅक में गेहूं 5596.63 कुन्तल, चावल 8869.40 कुन्तल, मसूर दाल 178.91 कुन्तल, चना दाल 303.17 कुन्तल, चीनी 53.59 कुन्तल, पीएम गरीब कल्याण चावल 447.82 कुन्तल व दाल 146.42 कुन्तल तथा घरेलू गैस के 2527 गैस सिलेण्डर अवशेष है। 

साइंस पार्क का शुभांरभ — रविन्द पाण्डेय

चमोली 09 जुलाई,2020(सू0वि0)  
स्कूली बच्चें जिन बातों को किताबों में पढ़कर कल्पनाएं विकसित करते है, उन्हें अब चमोली जिले के कोठियालसैंण में अम्बेडकर भवन में बनाए गए आकर्षक साइंस पार्क में देखा जा सकता है। यहाॅ पर आने वाला हर शख्स विशेषकर स्कूली बच्चें विज्ञान को व्यवहारिक तौर पर समझ सकेंगे। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की खास पहल पर अम्बेडकर भवन कोठियालसैंण में साइंस पार्क का शुभांरभ हो चुका है। 
मा0 मंत्री विद्यालयी शिक्षा, प्रौढ शिक्षा, खेल, युवा कल्याण एवं पंचायती राज मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय ने गुरूवार को कोठियासैंण में सांइस पार्क का विधिवत् उद्घाटन करते हुए जिलाधिकारी की इस नई पहल की जमकर प्रंशासा की। सांइस पार्क में उपकरणों की प्रर्दशनी का अवलोकन करते हुए मा0 मंत्री ने कहा कि डीएम की यह पहल बेहद सराहनीय है। बच्चों को किताब के बजाय प्रेक्टिकल करके सिखाना बहुत अच्छा प्रयोग है। निश्चित रूप से इससे स्कूली बच्चों को बहुत ही आसानी से सांइस और गणित के सिद्वांतो को समझने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जीवन में महत्वपूर्ण सांइस के बेसिक पहलुओं को हम सबको भी सिखना और समझना चाहिए। उन्होंने जिला प्रशासन को नवाचारी विकास कार्यो के लिए अपनी शुभाकामनाएं भी दी। सांइस पार्क के उद्घाटन के अवसर पर बद्रीनाथ विधायक महेन्द्र भट्ट, कर्णप्रयाग विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी, थराली विधायक मुन्नी देवी शाह ने भी व्यवहारिक सांइस ज्ञान के लिए डीएम की इस पहल की खूब सराहना की। इस दौरान जिलाधिकारी ने मा0 मंत्री एवं विधायकगणों को पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए उनका स्वागत भी किया।
जिलाधिकारी के प्रयासों से अम्बेडकर भवन में स्थापित सांइस पार्क में बिरला साइंस म्यूजियम हैदराबाद से विज्ञान के सिद्वांतों को समझाने के लिए 31 साइंस उपकरणों की आकर्षक प्रदर्शनी लगाई गई है। जिसमें ग्रेविटी क्रिएशन, ऊर्जा, लाईट, इलूजन, रिफलेक्शन, पेंडुलम, न्यूटन लाॅ-एक्शन व रिऐक्शन, आर्कमिडीज प्रिंसिपल, पाइथागोरस, ब्लैक होल, स्ट्रेंज मिरर, जाइलोफोन आदि सांइस के सिद्वातों को व्यवहारिक तौर पर समझाने वाले उपकरण शामिल है। स्कूल खुलने पर विद्यार्थियों को साइंस पार्क का शैक्षिक भ्रमण कराया जाएगा। यहाॅ पर बच्चे सांइस के सिद्वातों को समझने के साथ साथ खुद बैठकर इनोवेशन भी कर सकेंगे। अपने आप प्रयोग करके प्रैक्टिकल ढंग से सिद्वांतों को समझने पर विद्यार्थियों की लाॅजिकल थिकिंग भी विकसित होगी। जिलाधिकारी के प्रयासों से ग्रामीण निर्माण विभाग के माध्यम से 35 लाख की लागत से अम्बेडकर भवन में बहुत ही आकर्षक सांइस पार्क तैयार किया गया है। यहाॅ पर बिरला साइंस म्यूजियम हैदराबाद से सांइस के विशेष उपकरणों के अलावा दुनिया के जाने माने महान वैज्ञानिकों के पोस्टरों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। जिसमें वैज्ञानिकों की खोज के बारे में जानकारी दी गई है। जिलाधिकारी की यह खास पहल निश्चित रूप से आने वाले समय में बच्चों को वैज्ञानिक सिद्वांत समझाने में और सांइस एवं गणित विषयों में उनकी रूचि बढाने में वरदान साबित होगी। इस आकर्षक सांइस पार्क के संचालन की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग को सौंपी गई है। 
हरेला पर्व में सांइस पार्क के उद्घाटन के अवसर पर पौधारोपण भी किया गया। मा0 थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने सांइस पार्क के प्रांगणन में सजावटी पौधों का रोपण किया। इस अवसर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी एलएम चमोला, आरडब्लूडी के ईई अल्ला दिया, एई एलपी भट्ट आदि अधिकारी भी मौजूद थे। 
जिला प्रशासन के प्रयासों से अम्बेडकर भवन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विपणन हेतु दुकानें भी संचालित की गई है। मा0 मंत्री एवं जिले के तीनों विधायकों के कर कमलों से इन दुकानों का उद्घाटन भी किया गया। स्वयं सहायता समूहों द्वारा यहाॅ पर हस्तशिल्प के सामान मूर्ति, कंडियां, टोकरियां, बुके, दन, चुटका, कोट की पट्टी, स्वाइटर आदि विपणन के लिए रखे गए है। वही खाद्य सामग्री के आउटलेट में स्थानीय दालें, चावल, मसाले, फरण, लेमन ग्रास, जूस, धूप, अगरबत्ती इत्यादि सामग्री विक्रय के लिए उपलब्ध है। यहाॅ पर आउटलेट संचालन का जिम्मा शारदा स्वयं सहायता समूह कौंजपोथनी, दशोली को दिया गया है। स्थानीय उत्पादों के विपणन की यहाॅ पर भरपूर संभावनाएं है जिससे स्वयं सहायता समूहो ंको अच्छा फायदा होगा। 

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