6 दिन राज्यों की बारीकी से मॉनिटरिंग के बाद मिल सकती है थोडी छूट & Top News 14 April 20

High Light# 14 April 20 # Himalayauk Bureau # कोरोना वायरस से देश को बचाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन का ऐलान किया #प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद रेलवे का बड़ा ऐलान# 3 मई तक निलंबित रहेंगी यात्री सेवाएं रेलवे मंत्रालय 15 अप्रैल 2020 से चलाने की तैयारी में था रेलवे विभाग। अब लॉकडाउन खुलने के बाद चलेगी ट्रेन : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की जनता से अपील करते हुए कहा कि घर में ही रहें स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें :  उद्योग जगत ने लॉकडाउन बढ़ाने का किया स्वागत, प्रोत्साहन पैकेज की मांग # कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से 7 सवाल पूछे हैं, जिनपर जवाब मांगा गया है. # उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कोरोना से निपटने का यही एकमात्र उपाय है. #  लॉकडाउन बढ़ाने के पीएम के ऐलान के बीच कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) ने ‘गैरजरूरी’ रिएक्‍शन दिया है. चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘गरीबों को 21+19=40 दिन के लिए अपना इंतजाम खुद करने के लिए छोड़ दिया गया. धन है, भोजन है लेकिन सरकार वह देगी नहीं. रोओ, मेरे प्यारे देश.’  # लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही नीना गुप्ता (Neena Gupta) मुक्तेश्वर में अपने पति विवेक मेहरा के साथ रह रही हैं. 

कोरोना वायरस से देश को बचाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन का ऐलान किया

20 अप्रैल तक सभी राज्यों की बारीकी से मॉनिटरिंग की जाएगा और अगर लॉकडाउन का पालन सही से होता है तो थोड़ी छूट दी जा सकती है. जानकारों की मानें तो लॉकडाउन ही कोरोना की चेन को तोड़ने में सही साबित होगा. पीएम मोदी के संबोधन से पहले ही, देश के कई राज्य लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान कर चुके हैं.

 पीएम नरेंद्र मोदी ने संबोधन के दौरान 7 बातों पर सबसे ज्यादा जोर दिया, जो देश के हर नागरिक को ध्यान रखनी चाहिए।सात बातों में मोदी ने मांगा लोगों का साथ 1. बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना है जो कि बीमार हैं। 2. लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पालन करें। 3. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के निर्देशों का पालन करें। 4. कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए आरोग्य सेतू मोबाइल जरूर डाउनलोड करें। 5. जितना हो सके उतने गरीब परिवारों की देखभाल करें। 6. अपने व्यवसाय में काम करने वाले लोगों के प्रति संवेदना रखें। 7. देश के कोराना योद्धा डॉक्टर, नर्स, पुलिस सभी का सम्मान करें।

6 दिन कर्फ्यू जैसे होंगे हालात! प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले 6 दिनों में लॉकडाउन का पालन कठोरता से किया जाएगा। इसको लेकर सरकार कल यानी 15 अप्रैल को गाइडलाइन्स जारी करेगी, जिसे कल से ही लागू कर दिया जाएगा। कोरोनावायरस को सबसे खतरनाक बनाता है उसकी फैलने की स्पीड। इसी स्पीड को रोकने के लिए सरकार कड़ा रुख अपनाने जा रही है। आने वाले 6 दिनों तक देश में इन बातों को लागू किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में राहत भरी खबर भी दी, उन्होंने बताया कि जिन जगहों पर संक्रमण फैलने का खतरा नहीं होगा उन जगहों पर हालात के मद्देनजर छूट दी जा सकती है। लोगों पर लगी पाबंदियों में ढिलाई की जा सकती है, लेकिन इस दौरान किसी को क्षेत्रों से बाहर आने जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

कोरोना वायरस से देश को बचाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि लोगों और राज्यों के सुझाव पर 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया गया है। अनुशासन के साथ हमें इसका पालन करना होगा। अगले एक सप्ताह तक कोरोना के खिलाफ कठोरता बढ़ायी जाएगी। 20 अप्रैल तक हर कस्बे, थाने और राज्य को बारीकी से परखा जाएगा। इसके बाद जहां हालात ठीक होंगे वहां राहत दी जा सकती है। मालूम हो कि 24 मार्च को प्रधानमंत्री ने पहली बार लॉकडाउन का फैसला किया था। पहले लॉक डाउन के आखिरी दिन 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आर्थिक स्थिति से देखें तो लॉकडाउन काफी महंगा लगता है। इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। लेकिन देशवासियों की जिंदगी के सामने इसकी कोई कीमत नहीं हो सकती। ऐसे में 3 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला किया गया है।

  देश में अब 14 अप्रैल की जगह 3 मई 2020 तक लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस आदेश के बाद रेलवे ने भी नोटिस जारी कर कहा है कि यात्री सेवाएं निलंबित कर दी गई है। रेलवे मंत्रालय के मुताबिक, ‘प्रीमियम ट्रेन, मेल / एक्सप्रेस ट्रेन, उपनगरीय ट्रेन, पैसेंजर ट्रेन, कोलकाता मेट्रो रेल, कोंकण रेलवे (Railway) आदि सहित भारतीय रेलवे (Indian Railway) की सभी यात्री ट्रेन सेवाएं 3 मई 2020 तक निलंबित रहेंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार की तरफ से कल विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी। लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, कोरोना से कितना खुद को बचाया है इसका आंकलन किया जाएगा। इस अग्नि परीक्षा में सफल होंगे जो हॉटस्पॉट नहीं बढ़ने देंगे वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है। ये अनुमति सशर्त दी जाएगी। बाहर निकलने के नियम सख्त होंगे। लॉकडाउन के नियम टूटते हैं और कोरोना का पैर हमारे इलाके में पड़ता है तो सारी अनुमति तुरंत वापस ले ली जाएगी। इसलिए न कोई खुद लापरवाही करनी है और न किसी अन्य का लापरवाही करने देनी है।

20 अप्रैल से चिन्हित क्षेत्र में सीमित छूट का प्रावधान गरीब भाई-बहनों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। वही मेरा वृहत परिवार है। मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता इनकी दिक्कतों को दूर करना है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याणा योजना के तहत इनकी मदद का फैसला किया है। गाइडलाइन में इनका विशेष ध्यान रखा गया है। रवि की फसल कटाई का काम चल रहा है। किसानों को कम से कम दिक्कत हो। दवा से लेकर राशन तक पर्याप्त भंड़ार है। सप्लाई चैन की बाधाएं लगातार दूर की जा रही है। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इस समय 220 से ज्यादा लैबों में जांच कर रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक बीमारी से देश मजबूती से लड़ रहा है। देशवासियों के त्याग की वजह से भारत कोरोना से होने वाले नुकसान को टालने में काफी हद तक सफल रहा है। आप लोगों ने कष्ट सहकर भी अपने देश को बचाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप अनुशासित सिपाही की तरह कर्तव्य निभा रहे हैं। इसके लिए मैं देशवासियों को नमन करता हूं। बाबा भीमराव अंबेडकर की जयंती पर हमारी सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन उन्हें सच्ची श्रंद्धाजलि है। त्यौहारों के बीच देश के लोग जिस तरह से नियमों का पालन कर रहे हैं ये सारी बातें बहुत ही प्रेरक और प्रशंसनीय है। पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरे विश्व में कोरोना की स्थिति से हम सभी परिचित है। अन्य देशों के मुकाबले भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण रोकने के प्रयास किए हैं। आपके इसके सहभागी भी रहे और साक्षी भी रहे हैं।

जब हमारे यहां कोरोना का यहां एक भी केस नहीं था भारत ने कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई थी। संक्रमितों की संख्या 100 से कम होने पर ही विदेशों से आने वाले लोगों के लिए 14 दिन का क्वारैंटाइन करना शुरू कर दिया था। 550 से कम मामलों पर देश में लॉकडाउन का ऐलान किया गया था। भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया। जैसे ही समस्या बढ़ी उसी समय तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का भरसक प्रयास किया। पीएम मोदी ने कहा एक माह पहले जिन देशों की स्थिति भारत की तरह आज वहां हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि भारत के मुकाबले 25 से 30 गुना अधिक मामले हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है। सात बातों में मोदी ने मांगा लोगों का साथ 1. बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना है जो कि बीमार हैं। 2. लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पालन करें। 3. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के निर्देशों का पालन करें। 4. कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए आरोग्य सेतू मोबाइल जरूर डाउनलोड करें। 5. जितना हो सके उतने गरीब परिवारों की देखभाल करें। 6. अपने व्यवसाय में काम करने वाले लोगों के प्रति संवेदना रखें। 7. देश के कोराना योद्धा डॉक्टर, नर्स, पुलिस सभी का सम्मान करें। मोदी ने की राज्य सरकारों की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि हर संभव प्रयास कर कोरोना को संभालने का प्रयास किया है। इसके बावजूद कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। विश्वभर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सरकारों को सतर्क कर दिया है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई कैसे आगे बढ़े, हम कैसे विजयी बनें, नुकसान कम से कम कैसे हों, दिक्कत कैसे कम करें इन बातों को लेकर राज्यों के साथ राज्यों के साथ चर्चाएं की हैं। त्यौहारों को लेकर दी शुभकामनाएं राष्ट्र को संबोधित करने से पहले पीएम मोदी ने देश के त्यौहारों को लेकर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि चिह्नित किए जा रहे विभिन्न त्यौहारों पर भारत भर के लोगों को शुभकामनाएं। इन त्यौहारों से भारत में भाईचारे की भावना को गहरा किया जा सकता है। वे खुशी और अच्छे स्वास्थ्य भी ला सकते हैं। आने वाले समय में हमें सामूहिक रूप से कोविड -19 के खतरे से लड़ने के लिए और अधिक ताकत मिल सकती है। राज्यों ने पहले ही बढ़ाया लॉकडाउन तमिलनाडु, पुडुचेरी, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश ने सोमवार को औपचारिक रूप से लॉक डाउन बढ़ाने की घोषणा की। जिसमें 30 अप्रैल तक 10 राज्यों को शामिल किया गया। अन्य राज्य ओडिशा, पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि 15 राज्यों में से 25 जिलों ने पहले ही कोविद-19 संक्रमण का पता लगा लिया था। जिसमें 14 दिनों में फैलने और नए मामलों की सूचना नहीं थी। यह एक सकारात्मक रिपोर्ट है। वहीं गृह मंत्रालय के अनुसार, 24 घंटे के भीतर रिकॉर्ड 51 मृत्यु के साथ, कोरोनावायरस के कारण मौत का आंकड़ा 324 तक पहुंच गया और देश में मामलों की संख्या सोमवार को 10 हजार हो गई। इसमें कहा गया है कि 979 लोग ठीक हो चुके हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की जनता से अपील करते हुए कहा कि घर में ही रहें स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना वायरस जैसे संक्रमण को लेकर चल रहे योगदान के बीच देश की जनता से बड़ी अपील की है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की जनता से अपील करते हुए कहा कि घर में ही रहें स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें। वहीं इससे पहले सोनिया गांधी ने भी देश को संबोधित किया था और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नाम संबोधन करेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की जनता से अपील करते हुए ट्वीट कर लिखा कि आप सभी लोग इस कोरोना जैसी महामारी के संकट से बचने के लिए लॉक डाउन का पूरी तरह से पालन करें। आप अपने घरों में रहे लॉक डाउन का पालन करें साथ ही घर में रहें सुरक्षित रहें और स्वस्थ रहें। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी आज सुबह देश के नाम संदेश दिया। उन्होंने एक 5 मिनट का वीडियो जारी कर करोना संकट से बचाव के लिए देश की जनता से एकजुट रहने की अपील की और साथ ही कहा कि देश के लोग एक हैं तो हमें बीमारी से लड़ सकते हैं। सोनिया गांधी ने सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए भी कहा। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टरों, स्वच्छता कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों सहित सरकारी अधिकारियों द्वारा दिखाए गए दृढ़ता से बड़ी देशभक्ति नहीं है। हम एकता, अनुशासन और आत्मविश्वास की भावना के साथ स्वास्थ्य संकट को हराएंगे। देशवासियों के लिए धन्यवाद। वहीं इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया और साथ ही उन्होंने लोगों को शुभकामनाएं दी। कोरोना वायरस से निपटने के लिए लोगों से लॉक डाउन का पालन करने की अपील भी की। केंद्र सरकार से लेकर सांसद और सभी प्रशासन के अधिकारी देश की जनता से लॉक डाउन का पालन करने की अपील कर रहे हैं और घरों में रहने के लिए कह रहे हैं।

शाह ने देशवासियों को दिया यह भरोसा

New Delhi, Feb 13 (ANI): Union Home Minister Amit Shah during the inauguration of India’s first BIMSTEC conference on drug trafficking, in New Delhi on Thursday. (ANI Photo)

पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार से फिर देशवासियों को संबोधित किया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक जारी रखने का ऐलान किया है. पीएम मोदी के ऐलान के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट किया और लॉकडाउन की अहमियत को लेकर उन्होंने कहा कि यह इस वक्त जरूरी है. गृहमंत्री होने के नाते मैं लोगों को आश्वस्त करता हूं कि देश में अन्न, दवाई और अन्य रोजमर्रा की चीजों का पर्याप्त भंडार है. इसलिए किसी भी नागरिक को परेशान होने की जरूरत नहीं है. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आज जहां पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से जूझ रहा है वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की जनता ने इससे लड़ने में एक उदहारण प्रस्तुत किया है.

कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कोरोना महामारी के संक्रमण से देशवासियों को सुरक्षित रखने के लिए लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. आइये, हम देशहित में इस निर्णय का स्वागत करें व प्रधानमंत्री ने जिस सप्तपदी संकल्प का सुझाव दिया है उसे अपनाकर लॉकडाउन का पूरी निष्ठा से पालन करें. 

कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से 7 सवाल पूछे हैं, जिनपर जवाब मांगा गया है.

     कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से 7 सवाल पूछे हैं, जिनपर जवाब मांगा गया है. 1. कोरोना की रोकथाम का एक मात्र रास्ता है- टेस्टिंग. 1 फरवरी से 13 अप्रैल, 2020 तक, यानी 72 दिनों में देश में केवल 2,17,554 कोरोना टेस्ट हुए. औसत 3,021 टेस्ट प्रतिदिन है, टेस्ट कई गुना बढ़ाने की क्या योजना है? . कोरोना के खिलाफ अग्रिम पंक्ति के योद्धा डॉक्टर-नर्स-स्वास्थ्यकर्मी-पुलिसकर्मी-सफ़ाई कर्मी हैं. इनके लिए अब तक एन-95 मास्क और पीपीई की ज़बरदस्त कमी है. इस मसले पर आपकी चुप्पी क्यों? यह सुरक्षा कवच कब उपलब्ध होगा? 3. पलायन कर चुके करोड़ों-मजदूर आज रोजगार-रोटी के संकट से जूझ रहे हैं. इस संवेदनशील व मानवीय मसले पर आपका एक्शन प्लान क्या है?  4. लाखों एकड़ गेहूं-रबी की फसलें कटाई के लिए तैयार हैं, लेकिन इंतजाम क्यों नहीं हैं? समय पर कटाई और MSP पर फसल ख़रीद सुनिश्चित करने को लेकर आप चुप क्यों हैं? देश का अन्नदाता और खेती आपकी प्राथमिकता सूची से बाहर क्यों है? 5. कोरोना से पहले ही देश का युवा अभूतपूर्व बेरोजगारी से जूझ रहा था. अब बेरोज़गारी-छंटनी-नौकरियां जाने की दर विकराल रूप ले रही है. आपकी ‘कोविड-19 इकनॉमिक रिकवरी टास्क फ़ोर्स’ कहां गायब है? करोड़ों युवा कहां जाएं? 6. देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़- दुकानदार, लघु और मध्यम उद्योग- आज चौपट होने की कगार पर हैं. खेती के बाद सबसे अधिक रोज़गार इन्हीं क्षेत्रों में है. इन्हें वापस पटरी पर लाने व आर्थिक मदद के बारे आपकी क्या एक्शन प्लान है? 7. पूरी दुनिया ने कोरोना से पैदा हुए आर्थिक संकट से पार पाने हेतु करोड़ों-अरबों रुपये के आर्थिक पैकेज लागू किए. इस सूची में आपकी सरकार आख़िरी पायदान पर क्यों खड़ी है? नीयत और नीति की ये कमी देश को भारी पड़ रही है.

 कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी इस मसले पर कहा कि लॉकडाउन बढ़ाने के फैसले का हम समर्थन करते हैं. लेकिन इसके साथ-साथ कुछ और भी बातें थी, जिनके बारे में प्रधानमंत्री जी से ये मुल्क अपेक्षा करता था. मनीष तिवारी ने सरकार से सवाल किया कि जिन लोगों को अभी क्वारनटीन में रखा गया है, उनकी समयसीमा खत्म हो रही तो उन्हें वापस घर पहुंचाने की क्या सुविधा है. उनमें से जो लोग पॉजिटिव नहीं हैं, उन्हें स्क्रीनिंग करवा कर कैसे घर भेजा जाएगा. मनीष तिवारी ने इसके अलावा सरकार से टेस्टिंग की सुविधा को बढ़ाने, किसानों को राहत पहुंचाने और मजदूरों को आर्थिक मदद देने की बात कही. कांग्रेस नेता की तरफ से इस दौरान गरीबों को राशन देने की व्यवस्था देने की अपील की गई.

 उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कोरोना से निपटने का यही एकमात्र उपाय है.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पीएम के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हम लॉकडाउन का एक्सटेंशन नहीं चाहते थे लेकिन कोरोना से निपटने का यही एकमात्र उपाय है. लॉकडाउन में फिर से बढ़ोतरी न हो इसके लिए हमें अधिकारियों का साथ देना होगा ताकि कोरोना के चेन को तोड़ा जा सके. इसे साथ ही उन्होंने कहा कि हमें गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का भी ध्यान रखना है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली पूरी तरह से पीएम के लॉकडाउन के आदेश का पालन करेगी. 

और बदलता चला गया भारत

और बदलता चला गया भारत भारत में कोरोना वायरस का पहला केस 30 जनवरी को आया. दक्षिण राज्य केरल में चीन के वुहान प्रांत से लौटीं एक महिला कोरोना वायरस पॉजिटिव पाई गई. पीड़ित महिला का इलाज तृस्सूर मेडिकल कॉलेज में किया गया. इलाज के बाद महिला की रिपोर्ट निगेटिव आई और उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. इस दौरान केरल में कई मामले सामने आए. इसके बाद देश में हर रोज एक-दो एक-दो करके केस बढ़ते गए. मार्च आते-आते देश में कोरोना के करीब 30 केस हो गए. देश इस वक्त होली का त्योहार मना रहा था, लेकिन कोरोना की वजह से होली के रंग भी फीके हो गए. कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के बाद राज्य सरकारें सख्ते में आ गई और जनता को सेनिटाईजर और मास्क का इस्तेमाल करने के लिए जागरूक करने लगी, लेकिन फिर भी मामले बड़ी संख्या में बढ़ते रहे. 19 मार्च गुरुवार को देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर करीब 400 तक पहुंच गए थे. तबतक इस जानलेवा वायरस से सात लोगों की मौत भी हो चुकी थी. कोरोना वायरस के प्रकोप को भांपते हुए पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया और जनता से अपील की कि वह 22 मार्च रविवार को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक जनता कर्फ्यू लगाए. ताकि कोरोना वायरस की कड़ी को तोड़ा जा सके. देश ने अपने पीएम की बात मानी और पूरे देश में बाजार-कंपनियां बंद हो गई. यातायात रुक गया और सड़के खाली हो गईं. कोरोना वायरस से देश को बचाने के लिए 24 मार्च को पीएम मोदी ने रात आठ बजे फिर देश को संबोधित किया और इसी दौरान पीएम मोदी ने देश में अगले 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा कर दी और लोगों से संयम बरतने और घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की. 21 दिनों के लॉकडाउन में रेल-हवाई यातायात भी पूरी तरह बंद कर दिया गया. सड़के सूनी हो गई. बाजार बंद हो गए. यानी कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया. जीवन घर की चार दीवारी में कैद हो गया. लॉकडाउन के चलते देश को भारी आर्थिक नुकसान भी हो रहा है. 21 दिनों के इस लॉकडाउन में देश को करीब 8 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हो चुका है. देश में लॉकडाउन लागू हुआ तो लोगों के शॉपिंग करने के तरीके भी बदल गए. लोग बाजारों में न जाकर ऑनलाईन शॉपिंग का रास्ता चुनने लगे. हालांकि ये सुविधा भी जनता को ज्यादा दिन नहीं मिल पाई और फ्लिपकार्ड-अमेजॉन जैसी बड़ी ऑनलाईन शॉपिंग कंपनियों ने भी होम डिलिवरी की सुविधा बंद कर दी. लॉकडाउन से पहले ही कई राज्यों में जनता को भीड़ से बचाने के लिए बाजारों और मॉल्स को बंद कर दिया गया था. जरूरी कंपनियों को छोड़कर मीडिया संस्थान, सरकारी दफ्तर, बैंक और डाकघर जैसी जरूरी सुविधाएं जारी रहीं. सरकार की अपील के बाद प्राइवेट कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दी. लॉकडाउन के कठिन समय में लोग वर्फ फ्रॉम होम यानी घर से काम कर रहे हैं. मार्च महीने में देश में तमाम बोर्ड परिक्षाएं आयोजित की जाती हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा. कहीं परिक्षाएं हुईं तो कहीं रद्द कर दी गई. कई राज्य सरकारों ने दसवीं और बारहवीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चों के अलावा बाकी क्लासेज़ के बच्चों को बिना परिक्षा दिए ही आगे की क्लास में भेजने का आदेश दिया. लॉकडाउन के समय में स्कूल प्रशासन बच्चों को ऑनलाइन भी पढ़ा रहे हैं. स्कूल प्रशासन सोशल मीडिया के जरिए बच्चों और अभिभावकों से संपर्क में है. स्कूल प्रशासन व्हाट्स एप मैसेज और वीडियो कॉलिंग के जरिए बच्चों को होम वर्क दे रहा है. अब लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ गया है. लॉकडाउन ने लोगों के रहने सहने केतरी में बहुत बदलाव ला दिया है. लोग घर से ऑफिस का काम करने के अलावा इन दिनों बच्चों के साथ वक्त बिता रहे हैं. कोई दूरदर्शन पर रामायण-महाभारत देखकर वक्त गुजार रहा है तो कोई फिल्मे-गाने देख रहा है. कुछ लोग अपनी हॉबी भी फॉलो कर रहे हैं. घर से बाहर निकलना मना है. ऐसे में सामाजिक दूरी लोगों के जीवन का हिस्सा बन गई है.

भारत अमीर देशों से अच्छी स्थिति में क्यों है?

जब 23 मार्च की आधी रात को भारत में लॉकडाउन शुरु हुआ था, उस वक्त देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 500 से भी कम थी. तब देश में 498 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित थे. लेकिन अगले 20 दिनों में, मामले 20 गुना से अधिक बढ़ गए हैं और अब संक्रमितों की संख्या 10 हजार को पार कर गई है. देश में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के बाद भी इस तरह से मामलों का बढ़ना खतरनाक है लेकिन इन आंकड़ों में कुछ अच्छी खबरें भी छिपी हैं.

10 हजार कोविड-19 के मामले दर्ज करने वाला भारत दुनिया का 22वां देश है. लेकिन अगर पूरी दुनिया के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रति मिलियन भारत में करीब सात लोग संक्रमित हैं तो वहीं अमेरिका में प्रति मिलियन लगभग 1,700 मामले हैं और स्पेन में 3,500 से अधिक मामले हैं. हालांकि भारत में टेस्टिंग का औसत बेहद ही खराब है. भारत में प्रति मिलियन 137 लोगों की ही टेस्टिंग की गई है. लेकिन संक्रमण का जो औसत है उस लिहाज से टेस्टिंग बढ़ने पर भी मामले अन्य देशों की तुलना में उतनी तेजी से नहीं बढ़ेंगे.

तब्लीगी जमात की वजह से कई मामले अचानक सामने आने के बावजूद भी देश में संक्रमण की रफ्तार कम है. हालांकि अब देश में छह दिन से थोड़े ज्यादा समय में मामले दोगुने हो रहे हैं, यह चिंता की बात जरूर है. देश में 7 अप्रैल को कोरोना के पांच हजार मामले हो गए थे. पांच हजार मामले होने में लगभग चार हफ्ते का समय लगा लेकिन एक हफ्ते में ही यह संख्या 10 हजार को पार कर गई. सोमवार को 1200 नए केस आए जो कि एक नए चरण की तरफ इशारा करते हैं.

पिछले कुछ दिनों में भारत के कई राज्यों में कोविड का संकट गहरा गया है. महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2 हजार के पार पहुंच गई. महाराष्ट्र सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 2334 लोग COVID-19 से संक्रमित हैं और 160 लोगों की मौत हुई है. इनमें से 352 मामले पिछले 24 घंटे में आए हैं. आर्थिक राजधानी मुंबई की बात करें तो यहां 150 नए मामले आए हैं. हालांकि 217 लोग राज्य में कोरोना वायरस से ठीक भी हुए हैं.

महाराष्ट्र में, मामलों की संख्या पांच दिनों (8 अप्रैल के बाद) दोगुनी हो गई है. इन पांच दिनों में राज्य की मृत्यु दर में 122% की वृद्धि हुई है, जो खतरनाक रूप से 72 से बढ़कर 160 हो गई है.

दिल्ली में भी सोमवार को नए मामलों का एक विस्फोट देखा गया, जो कि ज्यादातर जमात से जुड़ा हुआ है. राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी हाल के दिनों में मामलों में वृद्धि देखी गई है. अब भारत में लॉकडाउन फिर बढ़ा दिया गया है. यहां से तस्वीर साफ होगी कि अब कोरोना वायरस देश में कितनी बड़ी चुनौती बनेगा.

बता दें कि देश में जानलेवा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में दिन पर दिन इजाफा हो रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में अब इस महामारी से संक्रमित मरीजों की संख्या दस हजार के पार पहुंच गई है. मंत्रालय के मुताबिक, अबतक 10 हजार 363 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. वहीं, 339 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि 1036 लोग ठीक भी हुए हैं.

 लॉकडाउन बढ़ाने के पीएम के ऐलान के बीच कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) ने ‘गैरजरूरी’ रिएक्‍शन दिया है. चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘गरीबों को 21+19=40 दिन के लिए अपना इंतजाम खुद करने के लिए छोड़ दिया गया. धन है, भोजन है लेकिन सरकार वह देगी नहीं. रोओ, मेरे प्यारे देश.’ 

एक अन्‍य ट्वीट में चिदंबरम ने कहा, ‘मुख्‍यमंत्रियों की धनराशि की मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं, आई. 25 मार्च के ‘कंजूरीभरे’ पैकेज में एक रुपया भी नहीं जोड़ा गया. रघुराम राजन से जीन ड्रीज , प्रभात पटनायक से अभिजीत बनर्जी तक, सलाहों पर ध्‍यान नहीं दिया गया.’ हालांकि चिदंबरम ने लॉकडाउन को आगे बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन किया.

लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही नीना गुप्ता (Neena Gupta) मुक्तेश्वर में अपने पति विवेक मेहरा के साथ रह रही हैं.

लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही नीना गुप्ता (Neena Gupta) मुक्तेश्वर में अपने पति विवेक मेहरा के साथ रह रही हैं. वह लॉकडाउन से पहले मुक्तेश्वर में छुट्टियां मनाने गई थीं लेकिन अब वह वहीं अपना क्वारंटाइन टाइम बिता रही हैं. इस दौरान वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं और लगातार अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर रही हैं. वह अपनी थ्रोबैक तस्वीरें भी शेयर कर रही हैं, जिन्हें फैन्स काफी पसंद भी कर रहे हैं. 

 हाल ही में दिग्गज अभिनेत्री नीना ने अपने इंस्टाग्राम पर बहुत ही खूबसूरत थ्रोबैक तस्वीर शेयर की है. इसमें वह एक्टर रघुबीर यादव के साथ नजर आ रही हैं. इस तस्वीर को शेयर करते हुए नीना ने लिखा, ”जब प्रधान और प्रधान पत्नी जवान थे… रघुबीर और मैं.” वह हाल ही में अमेजन प्राइम की वेबसीरीज ”पंचायत” में नजर आईं थी. इस वेबसीरीज में प्रधान की पत्नी की भूमिका निभा रहे हैं और उनके साथ प्रथान की भूमिका में रघुबीर यादव ने काम किया है. इस वजह से उन्होंने तस्वीर के कैप्शन में प्रधान और प्रधान की पत्नी का जिक्र किया है. 

शेयर की गई तस्वीर में नीना गुप्ता हमेशा की तरह काफी खूबसूरत लग रही हैं. इस तस्वीर में वह ब्लैक टॉप में नजर आ रही हैं. इसके साथ उन्होंने गले में चोकर सेट पहना हुआ है और खुले बालों के साथ अपने लुक को कंप्लीट किया है.

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