लॉकडाउन ; सिने अभिनेता समेत 23 सदस्य टीम नैनीताल के रामगढ़ में फंसी & Top News 23 April 20
23 April 20# High Light # लॉकडाउन ; बॉलीवुड के जाने-माने सिने अभिनेता नैनीताल के रामगढ़ में फंसे है # पूरा देश प्रदूषण मुक्त हो रहा है. हरिद्वार में गंगा का पानी पीने लायक हो गया है. नासा ने पुष्टि की# नीतीश कुमार की सरकार में वीआईपी के लिए नियम-कानून हल्के में # उत्तर प्रदेश के फंसे मजूदरों को वापस लाने पर खामोशी अख्तियार # केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले डीए यानी महंगाई भत्ते बढ़ोतरी पर रोक # आलिया भट्ट (Alia Bhatt) की कजन है स्माइली सूरी अजीबोगरीब तरीके से पोल डांस करती हुई नजर आ रही हैं. # मौलाना साद (Maulana Saad) की तलाश में शामली # Coronavirus Update India : भारत में कोरोना वायरस के मामलों की रफ्तार फिलहाल थोड़ी थम गई है # मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) के मामले की जांच में जुटी पुलिस
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लॉकडाउन ; बॉलीवुड के जाने-माने सिने अभिनेता नैनीताल के रामगढ़ में फंसे है
फिल्म एक्टर मनोज बाजपेई एक महीने से लॉकडाउन की वजह से उत्तराखण्ड में फंसे हुए हैं. दीपक डोबरियाल, मनोज बाजपेई, नीना गुप्ता समेत कई अन्य सिने कलाकार नैनीताल के रामगढ़ सतोली में वेब फिल्म की शूटिंग के लिए आए थे, लेकिन बीते 22 मार्च से ये सभी यहां फंसे हुए हैं. उनके साथ 23 सदस्यीय अन्य मेंबर्स भी हैं. नैनीताल जनपद के डॉक्टर्स की टीम ने फिल्म यूनिट का चेकअप किया, वहां यह चेक करने गई कि कहीं कोरोना का संक्रमण तो नहीं फैला है.
25 मार्च से चल रहे लॉकडाउन में बॉलीवुड के जाने-माने सिने अभिनेता व कलाकार मनोज बाजपेई, नीना गुप्ता, दीपक डोबरियाल समेत उनकी 23 सदस्य टीम नैनीताल के रामगढ़
सोनापानी स्टेट में लगभग एक महीने से फंसी हुई है. नैनीताल से गई डॉक्टरों की टीम ने इन सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया. दीपक डोबरियाल, मनोज बाजपेई, नीना गुप्ता समेत कई अन्य सिने कलाकार नैनीताल के रामगढ़ सतोली में वेब फिल्म की शूटिंग के लिए आए थे, लेकिन बीते 22 मार्च से ये सभी यहां फंसे हुए हैं.
मनोज बाजपेई ने वहां पहुंचे डॉक्टरों को बताया कि हम लोग बहुत पहले से आए हुए हैं इसलिए किसी किस्म के कोरोना सिम्टम्स की कोई गुंजाइश नहीं थी. हम लोग शूटिंग के लिए यहां आ गए थे अब यहां अटक गए हैं पर अच्छी जगह अटके हैं. हिमालय के सामने एकदम अच्छा लग रहा है. स्वास्थ्य विभाग की टीम बहुत अच्छा काम कर रही है. मैं उनको सैल्यूट करता हूं और उनको धन्यवाद देता हूं.
इस दौरान मनोज बाजपेई ने स्वास्थ्य विभाग की टीम का हौसला बढ़ाया और कहा कि लॉकडाउन के समय हिमालय के नजदीकी क्षेत्र में रुकने से वह काफी खुश हैं और उन्हें यहां आकर बेहद अच्छा लग रहा है.
ओमकारा फेम फिल्म अभिनेता दीपक डोबरियाल ने बताया कि डॉक्टर चेतन और डॉक्टर प्रदीप और उनकी टीम से उन्होंने खुद को और अपनी टीम को चेक करवाया है. बहुत प्यार से और विश्वास से टेस्ट किया और हम सब बहुत खुश हैं. शुरुआत में थोड़ी घबराहट जरूर हुई थी.
रामगढ़ हॉस्पिटल के डॉक्टर चेतन टम्टा ने बताया कि मनोज बाजपेई और दीपक डोबरियाल ने डॉक्टरों की टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि डॉक्टर आज अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की जान बचा रहे हैं. इसीलिए देश में लोगों को डॉक्टरों का सहयोग करना चाहिए ताकि देश के सामने मंडरा रहे इस भयानक खतरे से जल्द से जल्द निपटा जा सके और देश को सुरक्षित रखा जा सके.
हरिद्वार में गंगा का पानी पीने लायक हो गया है. पूरा देश प्रदूषण मुक्त हो रहा है. इसकी पुष्टि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी की
नासा ने कहा है कि भारत में प्रदूषण का स्तर कम हुआ है. भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन जारी है. यहां रहने वाले लगभग 130 करोड़ लोग अपने घरों में हैं गंगा के किनारे बसा हुआ देश का हिस्सा पूरी तरह से साफ हो गया है. गंगा के किनारे बसे शहरों के ऊपर 20 साल से जो धुंधला आसमान दिखता था, जो एयरोसोल के घने बादल दिखते थे, आज वो लॉकडाउन की वजह से साफ हो गए हैं. कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लगाए गए लॉकडाउन से भले ही देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा हो. लेकिन पूरा देश प्रदूषण मुक्त हो रहा है. नदियां साफ हो रही हैं. हिमालय जालंधर से दिख रहा है. हरिद्वार में गंगा का पानी पीने लायक हो गया है. मतलब ये कि लॉकडाउन से पूरा देश साफ हवा में सांस ले रहा है. इसकी पुष्टि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी की है. अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ये तस्वीरें मॉडरेट रिजोल्यूशन इमेजिंग स्पेक्ट्रोरेडियोमीटर (MODIS) टेरा सैटेलाइट से ली हैं. लॉकडाउन के चलते प्रदूषण का लेवल तेजी से नीचे आया है. भारत में प्रदूषण की समस्या जैसे खत्म सी हो गई है, इस पर नासा ने भी सैटेलाइट इमेज जारी कर अपनी मुहर लगा दी है.
नासा की अर्थ ऑब्जरवेटरी ने पिछले चार सालों की तस्वीरें जारी की हैं, जिसमें ये बताया है कि कैसे प्रदूषण का स्तर पूरे देश में कम हो गया है. लॉकडाउन के चलते वाहनों की आवाजाही ना के बराबर है. ज्यादातर फैक्ट्रियां बंद हैं. लोग घरों से बाहर जरूरी काम के लिए ही निकल रहे हैं. इस लॉकडाउन के चलते जहां कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में मदद मिल रही है. साथ ही साथ पर्यावरण पर भी इसका चौंका देने वाला असर देखने को मिल रहा है. देश में एयरोसोल की मात्रा बेहद कम हो गई है. नासा की अर्थ ऑब्जरवेटरी की टीम ने इसपर अध्ययन किया है. नासा के मुताबिक उत्तर भारत में हवा में प्रदूषण का स्तर सबसे निचले स्तर पर है. नासा ने कहा है कि सैटेलाइट डेटा से पता चलता है कि कोरोना वायरस के लिए जारी लॉकडाउन के शुरू होने के बाद से उत्तर भारत में हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों का स्तर काफी नीचे गिर गया है.
उत्तर प्रदेश के फंसे मजूदरों को वापस लाने पर खामोशी अख्तियार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सूबे में फंसे दूसरे राज्यों के मजदूरों को वापस उनके राज्यों में भेजने के लिए तैयार हैं, लेकिन अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश के फंसे मजूदरों को वापस लाने पर खामोशी अख्तियार किए हुए हैं. ऐसे में विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है. सपा ने कहा कि मजदूरों के मामले में योगी सरकार गैरों पे करम कर रही है तो अपनों पे सितम होते देख रही है.
राजस्थान के कोटा में फंसे बच्चों को वापस लाये जाने के बाद प्रवासी मजदूरों को वापस उनके राज्यों में भेजे जाने की मांग बढ़ गई थी. इसलिए सीएम योगी ने उनकी भी पूरी मदद का आश्वासन दिया. सीएम योगी ने कहा लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों के यूपी में फंसे लोगों को यदि उनके गृह राज्य की सरकार वापस बुलाने का निर्णय लेगी तो प्रदेश सरकार इसकी अनुमति प्रदान करते हुए ऐसे लोगों को वापस भेजने में सहयोग प्रदान करेगी.
लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश के लाखों मजदूर दिल्ली, गुजरात, मंबई सहित देश के तमाम राज्यों में फंसे हुए हैं. इस दौरान मजूदरों के पास न तो रोजगार है और न ही खाने की व्यवस्था है. इसके चलते मजदूरों को काफी दिक्कत और परेशानी उठानी पड़ रही है जबकि खाने के लिए उन्हें सरकार या फिर दूसरे लोगों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. इसी वजह से मजदूर लगातार अपने घरों को वापस जाने लिए परेशान हैं और मांग कर रहे हैं, लेकिन इस दिशा में सरकार कोई कदम उठाने को तैयार नजर नहीं आ रही है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से देश के अन्य प्रदेशों में फंसे यूपी के लोगों के साथ मजदूरों व गरीबों को भी उत्तर प्रदेश में लाने की मांग भी की है. उन्होंने कहा कि उनके भी हितों का ध्यान रखना हम सभी की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में रह रहे यूपी के एक-एक आदमी तथा मजदूर की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की है, इस संकट की घड़ी में हम उनको इस तरह से नहीं छोड़ सकते. मजूदरों की समस्या का तत्काल हल निकालें.
प्रियंका गांधी ने कहा कि कई प्रदेशों में उत्तर प्रदेश के कई मजदूरों से हमारी बात हुई है. कई दिनों से जो उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूर राजस्थान, दिल्ली, सूरत, इंदौर, भोपाल, मुंबई और अन्य प्रदेशों में फंसे हैं, उनसे मेरी बात हुई है. वह सब तो मजदूरी करने के लिए अलग-अलग शहरों में गए, लॉकडाउन हुआ मजदूरी बंद हो गई. आगे राशन भी खत्म हो गया, अब छह-छह लोग, आठ- आठ लोग एक कमरे में बंद हैं. राशन मिल नहीं रहा है. वो बहुत ही डरे हुए हैं और किसी भी तरह से घर जाना चाहते हैं. ऐसे संकट की घड़ी में हम और आप भी तो अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं, तो मजदूर और गरीब भी अपने परिवार के पास रहना चाहते हैं. इस दिशा में सरकार को कदम उठाना चाहिए.
नीतीश कुमार की सरकार में वीआईपी के लिए नियम-कानून हल्के में
नीतीश कुमार की सरकार में वीआईपी के लिए नियम-कानून हल्के में लिए जा रहे हैं. पूरे देश ने नवादा की कहानी देखी जिसमें एक विधायक को एसडीओ ने पास जारी किया और वे गाड़ी लेकर कोटा पहुंच गए जहां से उन्हें अपनी बेटी को घर लाना था. अब खबर है कि भोजपुर में भी वीवीआईपी लोगों के बच्चों की घर वापसी के लिए मुफ्त पास बांटे गए.
बिहार में नीतीश कुमार के राज में लॉकडाउन के नियमों को कैसे ठेंगा दिखाया जा रहा है, इसकी एक और बानगी सामने आई है. भोजपुर में सदर एसडीओ ने थोक की तादाद में पास बांट दिए, ताकि वीवीआईपी लोगों के बच्चों की लॉकडाउन में घर वापसी हो सके. थोड़े दिन पहले ही नवादा की घटना सामने आई थी जहां विधायक की बेटी के लिए स्पेशल पास जारी हुए. अब भोजपुर के सदर एसडीओ अरुण प्रकाश ने भी वीवीआईपी लोगों की मदद करने का कारनामा कर दिखाया है. कोटा और दूसरे राज्यों में पढ़ने वाले छात्रों को बिहार वापस लाने के लिए खुलकर पास बांटे गए.
नीतीश सरकार लगातार कह रही है कि वो बाहर से छात्रों को बिहार लाने के पक्ष में नहीं है, लेकिन फिलहाल वीवीआईपी लोगों को धड़ल्ले से पास बांटने की खबरें सामने आ रही हैं. दूसरी ओर देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसी भी तस्वीरें आ रही हैं जिसमें हजारों मजदूर सवारी के अभाव में पैदल अपने गांव-घर के लिए निकल गए.
इसमें बिहार के भी कई मजदूर हैं. हालांकि राज्य सरकारों ने इन्हें अपनी सीमा में रोक कर रिलीफ सेंटर में भेज दिया जहां इनके रहने और खाने का प्रबंध किया जा रहा है. एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फैसला कि लॉकडाउन में लोगों को बाहर से नहीं बुलाया जाएगा जबकि दूसरी ओर वीवीआईपी लोगों को पास बांटने का मामला विवादों में आ गया है
केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले डीए यानी महंगाई भत्ते बढ़ोतरी पर रोक
गुरुवार को भारत सरकार ने बड़ा फैसला किया है. फैसले के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले डीए यानी महंगाई भत्ते बढ़ोतरी पर रोक लगा दी गई है. ये रोक एक जुलाई 2021 तक जारी रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिये गये. कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के बीच के सरकार ने फैसला किया है कि केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) की बढ़ोतरी को टाल दिया जाए. बताते चलें कि मार्च महीने में ही कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला किया था.
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार, कोरोना वायरस के संकट की वजह से 1 जनवरी, 2020 के बाद से केंद्रीय कर्मचारी या पेंशनधारी को मिलने वाली डीए की राशि नहीं दी जाएगी. वहीं, 1 जुलाई 2020 से जो एडिशनल डीए मिलना था उसको भी नहीं दिया जाएगा.
अब इसके आगे डीए देने का फैसला कब किया जाएगा, ये 1 जुलाई 2021 को साफ होगा. ये आदेश केंद्रीय कर्मचारी और केंद्र सरकार द्वारा पेंशन पाने वाले कर्मचारियों पर लागू होगा. गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से केंद्र सरकार की ओर से कई तरह की योजनाओं में कटौती की जा रही है. इससे पहले गुरुवार को ही रक्षा बजट में कटौती की बात सामने आई है, जहां पर नए प्रोजेक्ट्स की खरीद को कुछ वक्त के लिए रोकने की बात कही गई है. इस फैसले का असर राफेल विमान, एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद पर भी पड़ सकता है.
महंगाई भत्ता और महंगाई राहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को हर साल क्रमश: एक जनवरी और एक जुलाई से दिया जाता है और इसका भुगतान क्रमश: मार्च और सितंबर महीने में किया जाता है. आपको बता दें कि कोरोना वायरस के चलते अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ गयी है. कई दिनों से विदेशी निवेशकों का आना कम हो गया है जिससे सेंसेक्स में भारी गिरावट दर्ज की गयी है.
कोरोना वायरस के संकट की वजह से देश में 40 दिनों का लॉकडाउन लागू है. जिसके कारण अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट है, सबकुछ बंद है. इसका सीधा असर जीडीपी और रेवन्यू पर भी पड़ता दिख रहा है.
आलिया भट्ट (Alia Bhatt) की कजन है स्माइली सूरी अजीबोगरीब तरीके से पोल डांस करती हुई नजर आ रही हैं.
आलिया भट्ट (Alia Bhatt) की कजन है स्माइली सूरी (Smilie Suri) जो की पोल डांसर हैं और क्वारंटाइन टाइम को बहुत ही अलग तरीके से जी रही हैं. पोल डांसर स्माइली सूरी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में एक वीडियो अपलोड किया है, जिसमें वह अजीबोगरीब तरीके से पोल डांस करती हुई नजर आ रही हैं. अब स्माइली सूरी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में स्माइली झाड़ू मार रही हैं, किताबे पढ़ रही हैं, बाल बना रही हैं और साथ में जूस भी पी रही हैं. सोशल मीडिया पर लोगों को यह वीडियो बेहद पसंद आ रहा है. आइए, आप भी देखिए यह वीडियो-
पोल डांस करते हुए इस तरह की एक्टिविटीज शायद ही किसी ने की होगी, हालांकि कहा जा सकता है कि लॉकडाउन ने कई इनोवेटिव आइडियाज लोगों को दे दिए हैं और स्माइली आइडियाज को पोल डांस के साथ एम्प्लीमेंट करती नजर आ रही हैं. आपको बता दें स्माइली सूरी आलिया भट्ट, इमरान हाशमी और पूजा भट्ट की फर्स्ट कजिन हैं.
मौलाना साद (Maulana Saad) की तलाश में शामली
शामली: निजामुद्दीन मरकज के मौलाना साद (Maulana Saad) की तलाश में शामली डिस्ट्रिक्ट के पास कांधला के फार्म हाउस पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम रेड के लिए पहुंच चुकी है. क्राइम ब्रांच की टीम थोड़ी देर में रेड की कार्रवाई शुरू करेगी. कोरोना से अपनी सुरक्षा के लिए क्राइम ब्रांच की टीम ने पीपीई किट पहनी हुई है.
हालांकि मरकज के जमातियों के कोरोना संक्रमित होने की बात सामने आने के बाद से ही तबलीगी जमात का मौलाना साद पुलिस की पहुंच से दूर है. मौलाना साद का कहना था कि वो खुद से होम क्वारंटाइन है. साथ ही वो लगातार अपने वकीलों के जरिए क्राइम ब्रांच से संपर्क में भी है.
लेकिन क्राइम ब्रांच चाहती है कि जब भी वो मौलाना साद से पूछताछ करे तो उसके पास साद के खिलाफ तमाम सबूत पहले से मौजूद हों. लिहाजा सबूत जुटाने के मकसद से क्राइम ब्रांच की टीम शामली के कांधला पहुंची है, जहां पर मौलाना साद का आलीशान फार्म हाउस है. बता दें कि क्राइम ब्रांच ने मौलाना के ऊपर गैर इरादतन हत्या की धारा भी एफआईआर में जोड़ दी थी, जिसके बाद मौलाना साद की मुश्किलें ज्यादा बढ़ गई हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि हम सबको ये ध्यान देना होगा कि मंत्रालय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने एक बार फिर अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने पर जोर दिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को कैबिनेट की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि हम सबको ये ध्यान देना होगा कि मंत्रालय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए.
दरअसल, प्रधानमंत्री का सोशल डिस्टेंसिंग की बात कहना इसीलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आला अधिकारियों के साथ मंत्रीगण भी अपना काम संबंधित मंत्रालयों से करने लगे हैं. सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने कल कैबिनेट की बैठक में सभी मंत्रियों से लॉकडाउन के दौरान उनके द्वारा किए जा रहे कामकाज जानकारी भी ली.
पीएम मोदी ने ये भी कहा कि लॉकडाउन में जनता की परेशानियों को दूर करने के लिए हर जरूरी कदम उठाने में किसी भी तरह की देरी नहीं की जानी चाहिए.
अगले सोमवार को PM मोदी एक बार फिर मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करने वाले हैं. लॉकडाउन को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा से पहले कैबिनेट की कोरोना के मौजूदा हालात पर बैठक काफी अहम मानी जा रही है.
लॉकडाउन का असर अब रक्षा सौदों पर नजर आ रहा है
कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से निपटने के लिए देश में लगाए गए लॉकडाउन का असर अब रक्षा सौदों पर नजर आ रहा है। रक्षा मंत्रालय की तरफ से 3 सेनाओं से अपने आधुनिकीकरण के लिए किए जा रहे रक्षा सौदों को फिलहाल रोकने के लिए कहा गया है। समचारा एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि सैन्य मामलों के विभाग द्वारा एक पत्र लिखा गया है कि जब तक देश में COVID-19 की स्थिति बनी है। तब तक सेना रक्षा सौदों को फिलहाल रोकने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को अपनी सभी अधिग्रहण प्रक्रियाओं को अलग-अलग चरणों में रखने के लिए कहा गया है। भारतीय वायु सेना फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान और रूस से एस -400 वायु रक्षा हथियार प्रणाली के लिए भुगतान करने के प्रोसिस में है।
Coronavirus Update India : भारत में कोरोना वायरस के मामलों की रफ्तार फिलहाल थोड़ी थम गई है।
Coronavirus Update India : भारत में कोरोना वायरस के मामलों की रफ्तार फिलहाल थोड़ी थम गई है। देशभर में रोजाना भले एक हजार से अधिक मामले आ रहे हैं। लेकिन 4 से 7 दिन में भी दोगुने नहीं हो रहे हैं। पिछले 9 दिनों से कोरोना वायरस के मामले दोगुने नहीं हुए हैं। भारत में पहली बार 13 अप्रैल को एक हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। उस दिन 24 घंटे के भीतर 1243 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद 22 अप्रैल को संक्रमितों की संख्या 1290 दर्ज की गई है। 13 अप्रैल से 22 अप्रैल के बीच अधिकतम मामले 19 अप्रैल को 1580 दर्ज किए गए थे। यानि देशभर में औसतन 7 दिनों में दोगुने होने वाले मामलों की रफ्तार थोड़ी कम हो गई है। 9 दिन बाद भी मामले दो हजार को पार नहीं कर पाए हैं। दूसरी तरफ देशभर में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 21472 पहुंच गई है। इनमें से 16408 मरीजों का अस्पतालों में उपचार चल रहा है। जबकि 4382 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। देशभर में 682 लोगों की जान महामारी से हो चुकी है।
मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) के मामले की जांच में जुटी पुलिस
पालघर: महाराष्ट्र में पालघर के गडचिंचले गांव में दो साधु और एक ड्राइवर की मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) के मामले की जांच में जुटी पुलिस और सीआईडी को शक है कि इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद गांव के कई सारे लोग पास के जंगलों में छिपे हुए हैं. पुलिस ने अब ड्रोन के जरिए इन लोगों की खोज शुरू कर दी है.
इसके साथ अभी भी गडचिंचले गांव में 150-200 तक पुलिस के जवान तैनात हैं, जो गांव के लोगों की हरकतों पर नजर रख रहे हैं और ये भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि हत्याकांड में शामिल बाकी लोग कहां पर छिपे हैं. महाराष्ट्र पुलिस 300 से ज्यादा आरोपियों की तलाश ड्रोन की मदद से कर रही है. पुलिस इस मामले में 101 लोगों को पहले ही पकड़ चुकी है.
16 अप्रैल को पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की निर्मम हत्या की गई थी. इस मामले में हुई एफआईआर में 5 आरोपियों की पहचान की गई है. इनमें जयराम भावर, महेश सीताराम रावते, गणेश देवजी राव, रामदास रूपजी असारे और सुनील सोमजी रावते, शामिल हैं. इन पर धारा 302 हत्या, 120(बी), 427, 147, 148, 149 और 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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