जिंदल यूनिवर्सिटी को इंस्टीच्यूशन ऑफ एमिनेंस का दर्जा & 9 नवंबर से आक्रोशित आंदोलनकारियों का बडा अभियान & श्रम मंत्री हरक सिंह रावत की बडी ललकार & Top UK News 30 Oct. 20

30 Oct. 20: Presents by: www.himalayauk.org (Newsportal) # ”वाल्मीकि जयन्ती’’ पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं # पटेल की जयन्ती पर प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएँ दी #मुख्यमंत्री को जौ, दही एवं चावल का टीका लगाकर उनके साथ दशहरा पर्व मनाया # मुख्यमंत्री आवास में भानियावाला के निशानेबाज श्री अमित कुमार को सम्मानित # जनपद चमोली में शुक्रवार को कोरोना के 15 नए मामले – संक्रमितों की संख्या बढकर 1747 # चमोली  30 अक्टूबर – सतपाल महाराज जनपद भ्रमण पर # चमोली  30 अक्टूबर – पांचवा राज्य वित्त आयोग की टीम का जनपद भ्रमण कार्यक्रम # 31 अक्टूबर, 2020 को स्व0 श्रीमती इन्दिरा गांधी जी के शहादत दिवस एवं पटेल जी के जन्म दिवस को पूरे प्रदेश में ’किसान अधिकार दिवस’ मनाने का निर्णय #शिक्षा मंत्रालय ने दिया ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी को  ʺइंस्टीच्यूशन ऑफ एमिनेंसʺ (आईओई) का दर्जा  #आंदोलनकारियों ने किया 9 नवंबर से मुख्यमंत्री गद्दी छोड़ो अभियान चलाने  का ऐलान# श्रम मंत्री हरक सिंह रावत की बडी ललकार

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राज्यपाल ने ”वाल्मीकि जयन्ती’’ पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी

राजभवन, देहरादून 30 अक्टूबर, 2020  www.himalayauk.org (Newsportal)  राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने ”वाल्मीकि जयन्ती’’ पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। 

वाल्मीकि जयन्ती की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि ‘‘आदि कवि, महर्षि वाल्मीकि ने रामायण जैसे महाकाव्य की रचना करके समाज को प्रेम, त्याग तथा मानवता जैसे नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी है। उन्होंने विश्व को मर्यादा पुरूषोत्तम राम के चरित्र से अवगत कराया। उन्होंने एक ऐसे समतामूलक समाज का सिद्धांत प्रतिपादित किया, जिसमें समाज के सभी वर्गों को बराबरी और परस्पर सम्मान एवं स्नेह का अधिकार मिलता है। महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाओं पर चलकर एक आदर्श समाज एवं राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। वाल्मीकि जी की शिक्षाएं हमें समाज के उपेक्षित तथा वंचित वर्ग की सेवा व सहायता के साथ ही उनके लिए अवसर की समानता सुनिश्चित करने के लिए भी प्रेरित करती हैं।’’ 

राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने आम जनमानस से अपील की है कि वाल्मीकि जयीं के अवसर पर कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए सभी सावधानियों का अवश्य पालन करें। 

राज्यपाल ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती पर प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएँ दी

राजभवन देहरादून दिनांक 30 अक्टूबर, 2020 www.himalayauk.org (Newsportal)  राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती पर प्रदेशवासियों को राष्ट्रीय एकता दिवस की बधाई व शुभकामनाएँ दी हैं। सरदार पटेल की जयन्ती की पूर्व संध्या पर उन्हें स्मरण करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वे राष्ट्रीय एकता के प्रणेता थे। उन्होंने कहा कि भारत की बहुत सी छोटी-बड़ी देशी रियासतों को भारतीय गणराज्य में मिलाने का कार्य सरदार पटेल के प्रयासों से ही सम्भव हो सका। 

लौहपुरूष सरदार पटेल के योगदान को देश भुला नहीं सकता और उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों को हमेशा देश की एकता और अखण्डता के प्रति प्रेरित करेगा। 

मुख्यमंत्री को जौ, दही एवं चावल का टीका लगाकर उनके साथ दशहरा पर्व मनाया

देहरादून 30 अक्टूबर, 2020 (सू.ब्यूरो) www.himalayauk.org (Newsportal)    शरद पूर्णिमा के अवसर पर गोरखा समाज के सदस्यों ने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र को जौ, दही एवं चावल का टीका लगाकर उनके साथ दशहरा पर्व मनाया। दशहरा पर्व गोरखा समाज द्वारा पांच दिन तक मनाया जाता है।

मुख्यमंत्री ने गोरखा समाज के लोगों को दशहरे के पर्व एवं शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि त्योहार सभी के जीवन में उमंग और खुशियां लेकर आये। त्योहार हमारे जीवन में सौहार्द एवं भाईचारे के प्रतीक होते हैं।

इस अवसर पर गोरखा कल्याण परिषद् के अध्यक्ष श्री टी.डी. भूटिया, गोरखा डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष श्री सूर्य विक्रम शाही, गोरखा सुधार सभा के अध्यक्ष श्री पदम थापा, श्री टेकू थापा, श्रीमती मीनू क्षेत्री, श्रीमती ज्योति कोटिया, श्रीमती प्रभा शाह, आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री आवास में भानियावाला के निशानेबाज श्री अमित कुमार को सम्मानित

देहरादून 30 अक्टूबर, 2020 (सू.ब्यूरो) www.himalayauk.org (Newsportal)    मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में निशानेबाज श्री अमित कुमार को सम्मानित किया। भानियावाला के अमित ने दिसम्बर 2019 में भोपाल, मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में 02 रजत एवं एक कांस्य पदक हांसिल किया। मुख्यमंत्री ने अमित के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

निशानेबाज अमित ने भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 25 मी.पिस्टल जूनियर मैन सिविलियन टीम चैंपियनशिप एवं 25 मी. सेंटर फायर पिस्टल मैन सिविलियन टीम चैंपियनशिप में रजत पदक एवं 25 मी0 पिस्टल जूनियर मैन सिविलियन चैंपियनशिप व्यक्तिगत में कांस्य पदक हांसिल किया। इससे पूर्व उन्होंने 2018 में नार्थ जोन शूटिंग चैंपियनशिप 2018 में स्वर्ण पदक जीता था।

जनपद चमोली में शुक्रवार को कोरोना के 15 नए मामले – संक्रमितों की संख्या बढकर 1747

चमोली 30 अक्टूबर,2020 (सू0वि0) www.himalayauk.org (Newsportal) जनपद चमोली में शुक्रवार को कोरोना के 15 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढकर 1747 हो गई है। हालांकि इसमें से 1552 लोगों संक्रमण मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके है और 195 एक्टिव केस है। शुक्रवार को जिले में गौचर से 5, जोशीमठ से 4, गोपेश्वर से 4 तथा देवाल व बगोली से 1-1 व्यक्ति की रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटिव मिली। स्वास्थ्य विभाग की टीम संक्रमितों के इलाज में जुटी है।

कोविड संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन सभी जरूरी कदम उठा रहा है। जनपद वासियों को संक्रमण से बचने के लिए शारीरिक दूरी रखने एवं मास्क पहनने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। जिला अस्पताल सहित गौचर, कर्णप्रयाग एवं जोशीमठ में भी ट्रू-नाॅट मशीन से कोविड टेस्ट किया जा रहा है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिक से अधिक लोगों के सैंपल लिए जा रहे है। शुक्रवार को 481 संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए। जिले से अभी तक 38851 व्यक्तियों के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे जा चुके हैं, जिसमें से 34359 सैंपल नेगेटिव तथा 1747 सैंपल पाॅजिटिव मिले। जबकि 994 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। 

कोविड संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत बाहरी प्रदेशों से आए 19 प्रवासी अभी फेसलिटी क्वारटीन में ठहराए गए लोगों की रेग्यूलर जाॅच कर रही है। इसके अलावा 123 प्रवासियों को होम क्वारंटीन किया गया है। होम क्वारंटीन लोगों के मेडिकल जांच के लिए गठित 23 मोबाइल चिकित्सा टीमें गांवों में घर-घर जाकर जांच कर रही है। इसके अलावा आशा के माध्यम से भी होम क्वारंटीन लोगों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जा रही है। जिलाधिकारी ने सभी प्रवासियों को क्वारंटीन नियमों का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। शासकीय कार्मिकों के माध्यम से क्वारंटीन लोगों पर निरतंर निगरानी रखते हुए नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही भी अमल में लाई जा रही है।

जिले में कोविड नियमों का उल्लंघन करने पर डीएम एक्ट के तहत 43 एफआईआर, सोशियल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने पर 2178 तथा मास्क न पहनने पर 5973 लोगों को दंड स्वरूप जुर्माना लगाया गया। महामारी अधिनियम के तहत क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर 01 तथा पुलिस एक्ट के तहत 2550 लोगों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। पुलिस प्रशासन के माध्यम से अब तक 7260 मास्क भी वितरित किए गए है। 

जिले में आवश्यक सेवाओं के तहत खाद्यान की आपूर्ति सुचारू बनी हुई है। स्टाॅक में गेहूं 2409.98 कुन्तल, चावल 1703.44 मसूर दाल 1.53 कुन्तल, चना दाल 9.55 कुन्तल, अरहर दाल 504.10, उडद दाल 476.73, चीनी 29.20 कुन्तल, पीएम गरीब कल्याण चावल 278.35, कुन्तल पीएम गरीब कल्याण गेहूं 3507.45 कुन्तल व दाल 639.09 कुन्तल तथा घेरलू गैस के 2944 घरेलू गैस सिलेंडर स्टाॅक में है। 

चमोली  30 अक्टूबर – सतपाल महाराज जनपद भ्रमण पर

चमोली  30 अक्टूबर,2020 (सू0वि0)
मा0 मंत्री पर्यटन, सिंचाई, जलागम प्रबंधन एवं संस्कृति श्री सतपाल महाराज जनपद भ्रमण पर पहुॅच रहे है। प्रभारी अधिकारी कुमकुम जोशी ने बताया कि मा0 पर्यटन मंत्री 03 नवंबर को अपराह्न 2ः00 बजे तिलवाडा से प्रस्थान कर गौचर, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग में कार्यकर्ताओं से भेंट करते हुए जोशीमठ पहुॅच कर यहाॅ पर्यटक आवास गृह में रात्रि विश्राम करेंगे।

अगले दिन 04 नवंबर को प्रातः 10 बजे पार्टी कार्यालय जोशीमठ में पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ भेंटवार्ता करने के बाद 11 बजे जोशीमठ में आयोजित कार्यकम्र में विभिन्न योजनाओं का लोकापर्ण और शिलान्यास करेंगे। जिसमें औली में ओपन एअर आईस स्केटिंग रिंग योजना का लोकापर्ण, श्री बद्रीनाथ धाम में कुकिंग गैस एजेन्सी निर्माण कार्य का शिलान्यास, केन्द्रीय वित्त पोषित योजना के अन्तर्गत देवलीबगड़ का विकास कार्य का लोकापर्ण तथा बाबा मोहन उत्तराखंडी की याद में सिमली के निकट स्मृति द्वार का लोकापर्ण शामिल है। इसके बाद मध्याहन 2 बजे मा0 पयर्टन मंत्री जोशीमठ से श्रीनगर के लिए रवाना होंगे।

चमोली  30 अक्टूबर – पांचवा राज्य वित्त आयोग की टीम का जनपद भ्रमण कार्यक्रम

चमोली  30 अक्टूबर,2020 (सू0वि0) पांचवा राज्य वित्त आयोग की टीम का जनपद भ्रमण कार्यक्रम प्राप्त हुआ है। जिला कार्यालय के प्रभारी अधिकारी कुमकुम जोशी ने बताया कि पांचवा राज्य वित्त आयोग के मा0 अध्यक्ष श्री इन्दु कुमार पाण्डे आयोग की पांच सदस्यीय टीम के साथ कार द्वारा 01 नवंबर की सायं 5 बजे गोपेश्वर पहुॅचकर रात्रि विश्राम करेगी।

अगले दिन 02 नवम्बर को जिला पंचायत सभागार में प्रातः 10 से 10ः45 बजे तक समस्त नगर पालिका व नगर पंचायत के प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों तथा 10ः50 से 11ः30 बजे तक जिला पंचायत के प्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद 11ः40 से 12ः20 तक क्षेत्र पंचायत के प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों तथा 12ः30 से 01ः15 बजे तक ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों व अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। मध्याह्न भोजन के बाद 2ः30 बजे आयोग की टीम गोपेश्वर से रूद्रपयाग के लिए प्रस्थान करेगी।

31 अक्टूबर, 2020 को स्व0 श्रीमती इन्दिरा गांधी जी के शहादत दिवस एवं पटेल जी के जन्म दिवस को पूरे प्रदेश में ’किसान अधिकार दिवस’ मनाने का निर्णय

देहरादून 30 अक्टूबर www.himalayauk.org (Newsportal) उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्रवान पर दिनांक 31 अक्टूबर, 2020 को स्व0 श्रीमती इन्दिरा गांधी जी के शहादत दिवस एवं सरदार बल्लब भाई पटेल जी के जन्म दिवस को पूरे प्रदेश में ’किसान अधिकार दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। इस कार्यक्रम के तहत सभी जिला मुख्यालयों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।

इसी कार्यक्रम के तहत कल दिनांक 31 अक्टूबर, 2020 को उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मा0 अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह जी के नेतृत्व में प्रातः 1100 बजे देहरादून के गांधी पार्क में किसान अधिकार दिवस मनाया जायेगा।  

उपरोक्त जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने बताया कि कांग्रेस पार्टी देश की इन महान विभूतियों के स्मरण दिवस को किसानों को समर्पित करते हुए दिनांक 31 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में ’किसान अधिकार दिवस’ के रूप में मनायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह जी के नेतृत्व में प्रातः 1030 बजे स्व0 इन्दिरा जी एवं स्व0 सरदार पटेल को श्रद्धांजलि के उपरान्त गांधी पार्क में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेतागण, पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता प्रतिभाग करेंगे।

शिक्षा मंत्रालय ने दिया ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी को  ʺइंस्टीच्यूशन  ऑफ एमिनेंसʺ (आईओई) का दर्जा 

ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने ʺइंस्टीच्यूशन ऑफ एमिनेंसʺ (आईओई) का दर्जा  दिये जाने पर भारत सरकार के   शिक्षा मंत्रालय के  साथ समझौता ज्ञापन पर  हस्ताक्षर किया

  देहरादून, 30 अक्टूबर 2020 – ओ.पी. जिंदल  ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू)  ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के  साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर  किए हैं और उसे इंस्टीट्यूशन  ऑफ एमिनेंस (आईओई)  का दर्जा दिया  गया है।

यह जेजीयू के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस संदर्भ  में आईओई नियमों के  तहत सभी वैधानिक, विनियामक  और प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं  को विधिवत  रूप से पूरा किया  गया  है और  जेजीयू को ʺइंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंसʺ  के रूप में  कार्य करने की  स्वीकृति दी गयी है। आईओई नीति विश्वस्तरीय शिक्षण और  अनुसंधान संस्थानों  को विश्व  स्तरीय शिक्षण और  अनुसंधान संस्थान  बनने में मदद करने  के लिए  भारत सरकार की  प्रतिबद्धता  को लागू करने के लिए शुरू की गई थी। ʺइंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंसʺ के   चयन  और  सिफारिश  की  जिम्मेदारी  एक सशक्त विशेषज्ञ  समिति को सौंपी गई थी जिसे  भारत के  माननीय प्रधान  मंत्री श्री नरेंद्र  मोदी  द्वारा  नियुक्त किया गया था।

ʺइंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंसʺ के रूप में दर्जा दिये जाने के साथ, जेजीयू देश के शीर्ष 10 निजी संस्थानों के एक प्रतिष्ठित समूह में शामिल हो गया है, जिसे विनियामक नियंत्रणों से हटाकर पूर्ण स्वायत्तता दी गई है। ʺइंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंसʺ  की तलाश वर्ष 2017 में निजी संस्थानों  के लिए ʺयूजीसी  (इंस्टीट्यूशंस ऑफ एमिनेंस डीम्ड  टू बी यूनिवर्सिटीज) रेगुलेशन, 2017ʺ और सार्वजनिक  संस्थानों के लिए यूजीसी (इंस्टीट्यूशंस  ऑफ एमिनेंस के रूप  में सरकारी  शिक्षण संस्थानों की  घोषणा), दिशानिर्देश  2017ʺ के साथ शुरू हुई।

इस ऐतिहासिक अवसर पर, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक चांसलर और संरक्षक, श्री नवीन जिंदल ने कहा, ष्मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि जेजीयू को ʺइंस्टीट्यूशन ऑफ  एमिनेंसʺ के दर्जा से  सम्मानित किया गया  है। यह जेजीयू के  लिए एक अविश्वसनीय मान्यता है  और  विश्वविद्यालय  की असाधारण उपलब्धियों के लिए एक महान सम्मान है। जेजीयू मेरे पिता श्री  ओपी जिंदल की याद में स्थापित  किया गया था, जो शिक्षा, उद्यमिता,  परोपकार और राष्ट्र-निर्माण में विश्वास करते थे। हमारी दूरदृष्टि उत्कृष्ट  प्रणेताओं का  निर्माण करना है जो उन  समुदायों में सही  मायने में अंतर पैदा करेंगे जिनमें वे रहते हैं। मैं कुलपति,  संकाय सदस्यों, छात्रों,  हमारे छात्रों के माता-पिता और  जेजीयू के कर्मचारियों को  उनकी कड़ी मेहनत,  प्रतिबद्धता  और समर्पण के  लिए  बधाई देता हूं, जिन्होंने  इसकी स्थापना के  बाद एक  दशक में ही  इस शानदार उपलब्धि को हासिल करने में मदद की। विश्व-स्तरीय  विश्वविद्यालय बनने की  हमारी यात्रा में, हम  कोई कसर नहीं छोड़ेंगे  और संसाधनों, शैक्षणिक स्वतंत्रता  और स्वायत्ता के  साथ  जेजीयू को  सक्षम बनाने के  लिए  हर  संभव प्रयास करेंगे जो  जेजीयू  को और  अधिक  फलने फूलने में  मदद  करेगा। मुझे विश्वास है कि  इससे हमें वैश्विक मंच पर  संस्थागत उत्कृष्टता के  उच्चतम  मानकों को  प्राप्त करने में मदद मिलेगी। ”

अक्टूबर 2020 में, केंद्रीय कैबिनेट शिक्षा मंत्री, श्री रमेश पोखरियाल श्निशंकश् की अध्यक्षता में श्इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंसश् पर एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसके बाद जेजीयू ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से ʺइंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंसʺ (आईओई)  का दर्जा दिये  जाने का  उल्लेख  करते  हुए  आधिकारिक पत्र प्राप्त किया। भारत सरकार  के शिक्षा मंत्रालय के साथ समझौता  ज्ञापन पर हस्ताक्षर आज, 29 अक्टूबर 2020 को किए गए।

ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर (डॉ) सी राज कुमार ने कहा, “जेजीयू के इतिहास में आज का दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। जेजीयू  को ʺइंस्टीट्यूशन  ऑफ एमिनेंसʺ का दर्जा दिए जाने के साथ, हम भारत के शीर्ष 10 सार्वजनिक और शीर्ष 10 निजी संस्थानों के श्आइवी लीगश् में शामिल हो गए हैं। इसलिए, जेजीयू  को अधिकांश नियामक  नियंत्रणों से मुक्त रखा गया है और इसे पूर्ण स्वायत्तता दी गई है। जब 2009 में जेजीयू की  स्थापना हुई, तो लक्ष्य बहुत सरल थारू भारत में एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय का निर्माण करना। वास्तविकता यह है कि हमें एक दशक से भी कम समय में यह मान्यता मिली है, जो छात्रों, संकाय सदस्यों और जेजीयू के कर्मचारियों के असाधारण योगदान को दर्शाता है। दुनिया भर के  अग्रणी संस्थानों के साथ  जेजीयू को बेंचमार्क  करते हुए उत्कृष्टता  प्राप्त करना हमारा सपना  रहना है। हमारे संस्थापक  चांसलर, श्री नवीन जिंदल ने  जेजीयू की स्थापना  करके और थोड़े  समय में  उत्कृष्टता की महान ऊंचाइयों  को प्राप्त करके भारतीय परोपकार  के लिए एक  वैश्विक  मानदंड  स्थापित किया था और  हम उच्च शिक्षा में परोपकार  को बढ़ावा  देने में उनके  परिवर्तनकारी  नेतृत्व के  प्रति आभारी हैं।  

प्रोफेसर  सी राज  कुमार ने विश्वविद्यालयों की वैश्विक  रैंकिंग  में जेजीयू की शानदार  उपस्थिति को दर्शाते हुए  कहा,  ष्जेजीयू-  एशिया रैंकिंग , ब्रिक्स रैंकिंग  और विश्व  रैंकिंग  तीनों स्तरों पर  क्यूएस  वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग  में अव्वल रहा, जिससे  उसे नवीनतम  क्यूएस वर्ल्ड  यूनिवर्सिटी रैंकिंग  के अनुसार  भारत के नंबर  1 निजी  विश्वविद्यालय  के रूप  में और  नवीनतम  क्यूएस  वर्ल्ड  श्यंगश् यूनिवर्सिटी रैंकिंग  में दुनिया के शीर्ष  150 विश्वविद्यालय  के रूप  में  मान्यता  मिली।  हालांकि,  हम  क्या करते हैं,  हमारा दृष्टिकोण  क्या है, हमने क्या प्राप्त  किया है,  और  आने वाले वर्षों में हम  जो हासिल  करने का इरादा  रखते हैं यह  हमारे अपने देश  से  मान्यता मिलने के संदर्भ  में हमारे लिए  बहुत उत्साहजनक है। यह  मान्यता  हमारे लिए  प्रेरणा का काम  करेगी और  जेजीयू को सीखने और  ज्ञान  सृजन में  सफलता के नए  शिखर तक  पहुँचाती रहेगी और  भारत  के ग्लोबल  यूनिवर्सिटी के रूप  में उत्कृष्टता के लिए  बेंचमार्क  बनने में  मदद  करती  रहेगी। ”

ʺइंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंसʺ की तलाश वर्ष 2017 में निजी संस्थानों के लिए ʺयूजीसी (इंस्टीट्यूशंस ऑफ एमिनेंस डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज) रेगुलेशन, 2017ʺ और  सार्वजनिक संस्थानों के  लिए यूजीसी (इंस्टीट्यूशंस ऑफ एमिनेंस के  रूप में सरकारी  शिक्षण संस्थानों  की घोषणा),  दिशानिर्देश  2017ʺ   के  साथ शुरू हुई। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को 10 सार्वजनिक विश्वविद्यालयों और 10 निजी विश्वविद्यालयों का चयन करने का काम सौंपा गया था जो भारतीय उच्च शिक्षा के वैश्विक पदचिह्न को बढ़ाने के दृष्टिकोण का नेतृत्व करेंगे। इन ʺइंस्टीट्यूशंस  ऑफ एमिनेंसʺ के लिए अंतिम  उद्देश्य कुछ वर्षों में विश्व स्तर  की स्थिति हासिल करना था। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की महत्वाकांक्षी 20 विश्व स्तरीय संस्थानों की परियोजना के लिए दिसंबर 2017 तक देश भर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से 100 से अधिक आवेदन प्राप्त किए। नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने कुल 114 आवेदनों पर विचार किया जिनमें सार्वजनिक संस्थानों से 74 और निजी संस्थानों से 40 आवेदन शामिल थे, जिसमें अभी तक स्थापित किए जाने वाले संस्थान (ग्रीनफील्ड श्रेणी) भी शामिल हैं और आठ सार्वजनिक संस्थानों और तीन निजी संस्थानों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। इसके अलावा, उन्नीस और संस्थानों का बाद में सुझाव दिया गया था।

जेजीयू  के रजिस्ट्रार, प्रोफेसर दाबिरु श्रीधर पटनायक ने कहा, “जेजीयू हमेशा  भारत में  एक विश्वस्तरीय   विश्वविद्यालय  बनाने और   वैश्विक प्रणेताओं को बनाने में  मदद  करने को  इच्छुक रहा है। ʺइंस्टीट्यूशन  ऑफ एमिनेंसʺ के रूप  में मान्यता मिलना  भारतीय उच्च शिक्षा  के वैश्विक  पदचिह्न को  बढ़ाने के हमारे दृष्टिकोण  को आगे बढ़ाने के लिए  एक महत्वपूर्ण  मील का पत्थर है। यह  विशेष  प्रयास तीन  साल की परियोजना  है, जिसका समापन  अंततः  भारत सरकार  द्वारा जेजीयू को दिए जाने वाले आईओई के सर्वोच्च दर्जा से हुआ। यह शिक्षा के  क्षेत्र में उत्कृष्टता की हमारी खोज को मिली एक मान्यता है  जहां  हमारी दशक  लंबी यात्रा  आज 10 अंतर- अनुशासनात्मक  स्कूलों में समाप्त हो  गई है, जिसमें 6500  से अधिक छात्र और 730 से अधिक पूर्णकालिक संकाय सदस्य हैं। ”

जिन संस्थानों को नेशनल इंस्टीच्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क रैंकिंग में शीर्ष 50 में जगह मिली या जो कुछ प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय रेटिंग में शीर्ष 500 में शामिल हैं, वे आवेदन करने के लिए पात्र थे। आखिरकार,  केवल 10 सार्वजनिक  और 10  निजी संस्थानों का चयन किया गया। सार्वजनिक  विश्वविद्यालयों  को सरकार से  वित्तीय सहायता  मिलेगी और निजी संस्थानों  को  ʺइंस्टीच्यूशन ऑफ  एमिनेंसʺ के रूप में  दर्जा दिया  जाएगा,  लेकिन  कोई  वित्तीय  सहायता नहीं  मिलेगी, लेकिन  वे एक विशेष श्रेणी के डीम्ड विश्वविद्यालय के रूप में अधिक स्वायत्तता के हकदार होंगे।

चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति ; राज्य आन्दोलनकारियों की आह त्रिवेन्द सरकार को ले डूबेगी-धीरेन्द्र प्रताप 

आंदोलनकारियों ने किया 9 नवंबर से मुख्यमंत्री गद्दी छोड़ो अभियान चलाने  का ऐलान

देहरादून 30 अक्‍टूबर हिमालयायूके नयूज पोर्टल ब्‍यूरो रिपोर्ट  आज गांधी पार्क  मैं राज्य आंदोलनकारियों के विशाल सत्याग्रह मे पूर्व मन्त्री व राज्य आंदोलनकारी  संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेन्द्र प्रताप ने संबोधित करते हुए त्रिवेन्द रावत की सरकार को  चंद दिनो की मेहमान सरकार बताया। उन्होने कहा “सरकार आन्दोलनकारियो की उपेक्षा बंद करे नही तो राज्य आन्दोलनकारी 9नंवबर से “मुख्यमन्त्री गद्दी छोडोअभियान ” छेडेगे। उन्होंने मुख्यमंत्री को धृतराष्ट्र बताया  और आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण, आरक्षण, मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा देने, पलायन, लोकायुक्त की नियुक्ति ,स्थाई राजधानी गैरसैण  जैसे सवालों पर कुंभकरण की नींद सोने का आरोप लगाया।

राज्य के तमाम तेरह जिलों से आंदोलनकारी गांधी पार्क पहुंचे।

पूर्व मन्त्री व राज्य आंदोलनकारी  संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेन्द्र प्रताप ने संबोधित करते हुए त्रिवेन्द रावत की सरकार को  चंद दिनो की मेहमान सरकार बताया। उन्होने कहा “सरकार आन्दोलनकारियो की उपेक्षा बंद करे नही तो राज्य आन्दोलनकारी 9नंवबर से “मुख्यमन्त्री गद्दी छोडोअभियान ” छेडेगे। उन्होंने मुख्यमंत्री को धृतराष्ट्र बताया  और आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण, आरक्षण, मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा देने, पलायन, लोकायुक्त की नियुक्ति ,स्थाई राजधानी गैरसैण  जैसे सवालों पर कुंभकरण की नींद सोने का आरोप लगाया।

इस सत्याग्रह को जिसे  धीरेंद्र प्रताप के अलावा आन्दोलनकारी  सम्मान परिषद की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी रविंद्र जुगरान, देहरादून शहर कांग्रेस के अध्यक्ष व पूर्व राज्य मंत्री लालचंद शर्मा चिन्हित  राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय अध्यक्ष हरिकिशन भट्ट, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती सरक्षक ओमी उनियाल,  सावित्री नेगी चिन्हित आंदोलनकारी समिति की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष  सावित्री नेगी सरक्षक देवी प्रसाद व्यास, समिति के केंद्रीय उपाध्यक्ष रईश आलम नैनीताल जिला अध्यक्ष लीला वोरा प्रवक्ता महेश जोशी पूर्व राज्य मंत्री राजेंद्र शाह मनीष नागपाल सरिता नेगी  संदीप चमोली वीरा भंडारी उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल, वीरेंद्र  सिंह बिष्ट अरुणा थपलियाल भूपेंद्र रावत भीमसेन रावत नरेंद्र डंगवाल ईश्वर रावत जबर सिंह पावेल शिव प्रसाद सेमवाल समेत अनेक नेताओं ने संबोधित किया।

राज्य सरकार को चेतावनी दी यदि 9 नवंबर तक उसने राज्य आंदोलनकारियों की 8 सूत्री मांगों को लेकर कारवाई ना की  तो राज्य आंदोलनकारी सड़कों पर उतर कर इस सरकार का कड़ा विरोध करेंगे ।

इस मौके पर राज्य के तमाम तेरह जिलों से आंदोलनकारी गांधी पार्क पहुंचे। जिसमें हरिद्वार से विजय भंडारी द्वाराहाट से वीरेंद्र बजेठा का खटीमा से भूपेंद्र भंडारी प्रदीप रावत नैनीताल के रईस आलम जिला चमोली से सुमित्रा भंडारी किच्छा से जानकी गोस्वामी उत्तरकाशी से शोभाराम नौडियाल, वीरेंद्र सिंह मसूरी से प्रदीप भंडारी पौड़ी से  भूमा रावत और अरुणा थपलियाल लक्सर से  अफजल खान  और धर्मपाल भारती, देहरादून से अंबुज नौटियाल, विपुल नौटियाल शोभाराम नवनीत कुकरेती समेत सैकड़ों लोगों ने सत्याग्रह में भाग लिया इस सत्याग्रह में पारित अक्सर समझ प्रस्ताव में पौड़ी में पिछले 2 सप्ताह से आंदोलनरत सत्याग्रह के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया गया और कहा गया कि उन्हें जल्दी से जल्दी चिन्हिकृत किया जाना चाहिए ।

इस मौके पर एक आठ सूत्री ज्ञापन भी सरकार को एक विचार पत्र के रूप में भेजा गया धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि आंदोलनकारियों की एक 3 सदस्य समिति जिसमें रवीन्द्र  जुगरान, सुशीला बलूनी और धीरेंद्र प्रताप शामिल है जल्द ही आंदोलनकारियों का एक डॉक्यूमेंट तैयार करेंगे और इसका ऐलान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया जाएगा।

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा भारी भ्रष्टाचार को अंजाम

DEHRADUN (www.himalayauk Newsportal) प्रदेश कांग्रेस सचिव सीताराम नौटियाल ने शिमला बाईपास स्थित सैन्ट ज्यूडस चैक के पास पूर्व मेें लगाई गई टाइल्स को तोड कर नाले का निर्माण करवाये जाने की कार्रवाई को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा भारी भ्रष्टाचार को अंजाम दिये जाने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस सचिव सीताराम नौटियाल ने लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता नीरज त्रिपाठी पर सरकारी पैसे के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए इस कार्रवाई में 50 लाख रूपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सैन्ट ज्यूडस चैक पर पूर्व में लोक निर्माण विभाग द्वारा टाईल्स लगाई गई थी परन्तु नाले का निर्माण नहीं कराया गया था तथा अब फिर से टाईल्स उखाड कर नाले का निर्माण कराया जा रहा है। विभाग की इस कार्रवाई का विरोध करने पर सहायक अभियंता द्वारा सरकारी काम में बाधा डालने का केस दर्ज करने की धमकी दी जा हरी है। उन्होंने कहा कि सहायक अभियंता द्वारा मनमाने ढंग से किये जा रहे नाले के निर्माण में विभाग को 50 लाख रूपये का चूना लगाया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि इसी प्रकरण पर पूर्व में कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष श्री लालचन्द शर्मा द्वारा इस प्रकरण की जांच कराये जाने की मांग को लेकर अधिशासी अभियंता लोक निर्माण खण्ड, देहरादून का घेराव करते हुए निर्माण पर सवाल उठाते हुए निर्माण में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग सम्बन्धी पत्र सौंपा गया था परन्तु विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण अभी तक जांच नहीं हो पाई है जिसकी शीघ्र जांच कराई  जानी नितांत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि चैक पर पानी के भराव की स्थिति को देखते हुए चैक के सौन्दर्यीकरण से पहले नालांें की सफाई कराई जानी आवश्यक है।
प्रदेश कांग्रेस सचिव सीताराम नौटियाल ने मांग की कि सैन्ट ज्यूडस चैक पर किये जा रहे नाले के निर्माण की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए साथ ही नालों की सफाई सुनिश्चित करवाने के साथ ही पुरानी टाइलों के स्थान पर नई टाइलें लगाई जांय।

श्रम मंत्री हरक सिंह रावत की बडी ललकार : हरक सिंह रावत ने कहा कि CM को भी दमयंती रावत को हटाने का अधिकार नही ; बड़ी खबर हिमालयायूके

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कर्मकार कल्याण बोर्ड से सचिव दमयंती रावत को हटाए जाने पर नाराज़गी ज़ाहिर की है। हरक सिंह रावत ने कहा की दमयंती रावत को सचिव पद से हटाने का आदेश असंवेधनिक है। हिमालयायूके न्यूस्पोर्टल

दमयंती रावत अभी भी बनी रहेंगी कल्याण बोर्ड की सचिव। बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल हैं दायित्वधारी। कोई भी दायित्वधारी किसी ऑफिसर को हटाने का नहीं कर सकता है आदेश जारी। नए अध्यक्ष को ज्ञान की है कमी, नियमावली के तहत होता है बोर्ड का संचालन- हरक सिंह रावत

कर्मकार कल्याण बोर्ड की बहुचर्चित सचिव दमयंती रावत की भी विदाई करते ही हरक सिंह रावत ने हुंकार भर ली, बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल ने प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दमयंती रावत को कार्यमुक्त करने के आदेश जारी कर दिए. उन्हें अपने मूल विभाग में योगदान देने को कहा गया है. इससे पहले शासन ने बीस अक्टूबर को बोर्ड का पुर्नगठन आदेश जारी करते हुए खुद बोर्ड के अध्यक्ष बनकर बैठे श्रम मंत्री को हटा दिया था. अब दमयंती रावत की भी बोर्ड से विदाई , श्रम मंत्री हरक सिंह रावत के लिए एक और झटका माना जा रहा है.

उत्तराखंड में कर्मकार कल्याण बोर्ड को लेकर शुरू हुआ सियासी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है. 20 अक्टूबर को पहले बोर्ड के अध्यक्ष पद से श्रम मंत्री हरक सिंह रावत को हटाया गया और फिर 28 अक्टूबर को सचिव और मंत्री हरक सिंह रावत की करीबी दमयंती रावत को भी हटा दिया गया. इससे माहौल और गरमा गया है. हरक सिंह रावत इस मामले पर 20 अक्टूबर से चुप्पी साधे हुए थे और कह रहे थे कि मुख्यमंत्री से बात करने के बाद ही कुछ कहेंगे. मुख्यमंत्री से उनकी बात 29 अक्टूबर को हो तो गई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद शुक्रवार, 30 अक्टूबर को    चुप्पी तोड़ते हुए हरक सिंह रावत ने दमयंती रावत को हटाए जाने को चुनौती दे डाली.

कर्मकार कल्याण बोर्ड के नव नियुक्त अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल द्वारा सचिव दमयंती रावत को पद से हटाने के आदेश ने आग में घी का काम कर दिया है. इससे अब तक चुप्पी साधे बैठे श्रम मंत्री हरक सिंह रावत का धैर्य भी जवाब दे गया. हरक सिंह रावत ने अपनी चुप्पी तोड़ी.

हरक सिंह रावत ने कहा कि शमशेर सिंह सत्याल द्वारा किया गया आदेश अज्ञानतावश दिया गया आदेश है. दमयंती रावत अब भी बोर्ड की सचिव बनी रहेंगी. श्रम मंत्री ने कहा कि कानून में, संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि कोई दायित्वधारी अपने हस्ताक्षर से ज़िम्मेदार पद पर बैठे किसी अफ़सर को हटा दे. उन्होंने कहा कि इसकी पावर बोर्ड को है लेकिन, बोर्ड की अभी मीटिंग तक नहीं हुई है.

हरक सिंह ने कहा कि भले ही बोर्ड से अध्यक्ष के रूप में मुझे  हटा दिया गया है लेकिन मनोनीत सदस्य तो अब भी चार साल तक काम कर सकते हैं. मनोनीत सदस्यों की जगह अभी किसी को नहीं रखा गया है. लिहाज़ा बोर्ड के छह मनोनीत सदस्य अपनी जगह बने रहेंगे और उनका वोट महत्वपूर्ण होगा.

श्रम मंत्री ने कहा कि उन्होंने पूरे मुख्यमंत्री को भी यह बात दस्तावेज़ों के साथ बता दी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं भी चाहें तो किसी सचिव को नहीं हटा सकते. मुख्यमंत्री अनुमोदन करेंगे लेकिन आदेश तो कार्मिक विभाग ही जारी करेगा. उन्होंने कहा कि ऐसे ही कोई दायित्वधारी अपनी मर्ज़ी से आदेश करने लगे तो व्यवस्था का प्रश्न खड़ा हो जाएगा. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि दमयंती रावत बोर्ड की सचिव थीं और बनी रहेंगी.

शिक्षा विभाग में बतौर खंड शिक्षा अधिकारी तैनात दमयंती रावत ने प्रतिनियुक्ति पर 27 दिसंबर 2017 को कर्मकार कल्याण बोर्ड में अपर कार्याधिकारी के पद पर ज्वाइन किया था. अगले कुछ महीनों के भीतर ही उन्हें बोर्ड का काम चलाऊ सचिव बना दिया गया था. तब से वह सचिव के रूप में ही काम कर रही थीं. दमयंती रावत को मंत्री हरक सिंह रावत का करीबी माना जाता है. यही कारण है कि शिक्षा विभाग द्वारा एनओसी न देने के बावजूद दमयंती रावत प्रतिनियुक्ति पर श्रम विभाग में काम कर आ रही थीं. हरक सिंह रावत ने एक नहीं दो सरकारों में दो-दो शिक्षा मंत्रियों के अधिकार क्षेत्र में दखल देकर दमयंती रावत को अपने विभाग में रखा है.

दमयंती रावत मूल रूप से  शिक्षा विभाग में खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनात हैं. 2012 में जब उत्तराखंड में कांग्रेस सत्ता में आई तो हरक सिंह रावत कृषि मंत्री बने और इसके साथ ही कृषि विभाग में बकायदा विशेष कार्याधिकारी का पद सृजित कर उस पर प्रतिनियुक्ति पर लाई गई दमयंती रावत की ताजपोशी कर दी गई.

तत्कालीन शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने दमयंती रावत की प्रतिनियुक्ति को एनओसी देने से मना कर दिया था लेकिन दमयंती रावत प्रतिनियुक्ति पर आ गईं और काम करने लगीं. कुछ समय बाद उनका ओहदा बढ़ाकर उन्हें कृषि विभाग में उत्तराखंड बीज एवं जैविक प्रमाणीकरण अभिकरण के निदेशक पद पर तैनात  कर दिया गया था.

2016 में सत्ता के समीकरण गड़बड़ाए और मंत्री हरक सिंह रावत को अपनी विधायकी से हाथ धोना पड़ा तो इसका असर दमयंती रावत पर भी पड़ा. नतीजा 2016 में बीज एवं जैविक प्रमाणीकरण अभिकरण के डायरेक्टर पद से  छुट्टी कर उन्हें मूल विभाग को वापस कर दिया गया लेकिन, दमयंती रावत ने एक साल दो महीने तक अपना मूल विभाग ही जॉयन नहीं किया.

कृषि विभाग से विदाई के बाद दमयंती रावत ने 10 जुलाई, 2017 को शिक्षा विभाग में जॉयनिंग दी. सवाल उठा कि एक साल दो महीने वे कहां गायब रही? इसके लिए शिक्षा विभाग ने उनको आरोप पत्र भी जारी किया था. 2017 में हरक सिंह रावत बीजेपी सरकार में श्रम मंत्री बने तो यहां भी कर्मकार कल्याण बोर्ड में दमयंती रावत के लिए अपर कार्याधिकारी का पद खोज लिया गया.

मंत्री हरक सिंह रावत पहले खुद बोर्ड के अध्यक्ष बने और फिर दिसंबर 2017 में एक बार फिर बिना शिक्षा विभाग की एनओसी के दमयंती रावत की अपर कार्याधिकारी कर्मकार कल्याण बोर्ड में तैनाती कर दी गई. यहां भी कुछ महीने बाद जुलाई 2018 में उन्हें कार्यकारी सचिव पद पर तैनात कर दिया गया. इसी सचिव पद पर रहते हुए उन पर श्रमिकों के नाम पर मशीन, साइकिल आदि खरीदने में करोड़ों रुपये घोटाले के आरोप लग रहे हैं.

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