UTTRAKHAND TOP NEWS 8 Nov. 2017

मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष में गलत नाम, पते के साथ सहायता प्राप्त करने के प्रयास के एक मामले का खुलासा

www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)  Bureau  Report: 

देहरादून 08 नवम्बर, 2017(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष में गलत नाम, पते के साथ सहायता प्राप्त करने के प्रयास के एक मामले का खुलासा हुआ है। अपर सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री प्रदीप रावत ने बताया कि प्रकाश गोस्वामी पुत्र सेतुगिरी गोस्वामी नाम से एक व्यक्ति ने खुद को चंपावत का निवासी बताते हुए शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता मांगी थी। विवेकाधीन कोष से आवेदक की शिक्षा हेतु रु.40 हजार स्वीकृत किया गया तथा धनराशि सीधे आवेदक को नहीं देकर उसके द्वारा बताए गए विद्यालय में डी.एम. के माध्यम से भेजी गई। डी.पी.एस. विद्यालय के प्रिंसिपल श्री भूपेश कुमार ने डी.एम. को अवगत कराया कि इस नाम व पते का कोई विद्यार्थी वहां नहीं पढ़ता है। इसके उपरांत डी.एम. ने धनराशि वापस विवेकाधीन कोष में जमा कराने हेतु भेज दी। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा परीक्षण करने पर पाया गया कि इससे पूर्व एक बार और इसी नाम के व्यक्ति को आर्थिक सहायता हेतु परिवहन मंत्री द्वारा संस्तुति की गई थी और उस समय भी यह व्यक्ति अपने दर्शाए पते पर नहीं मिला।
श्री प्रदीप रावत ने बताया कि इस घटना को मा.मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है तथा सभी आर्थिक सहायता के आवेदनों का गहनता से परीक्षण करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष की सहायता सिर्फ जरुरतमंदों तक पहुंचे इसके लिये हर स्तर पर परीक्षण किया जाएगा। श्री प्रदीप रावत ने बताया कि जनप्रतिनिधियों, मा.विधायकों तथा मा.मंत्रियों से अनुरोध किया गया है कि आर्थिक सहायता की संस्तुति करते समय आवेदक के बारे में भलीभांति जानकारी प्राप्त कर लें।

चमोली 08 नवम्बर,2017(सू0वि0)
राज्य स्थापना दिवस के आयोजन हेतु जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में सम्पन हुयी बैठक मे लिये गये निर्णय के अनुसार जनपद मुख्यालय के कुण्ड कलोनी में अधिकारियो एवं कर्मचारियों द्वारा आज दिनांक 08 नवम्बर 2017 को प्रातः 07.00 से 08.00 बजे तक सफाई अभियान तथा वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर कुण्ड स्थित बैडमिटन कोर्ट के निकट वन विभाग के सम्मुख सफाई अभियान चलाया गया। जिसमें मुख्य कोषाधिकारी वीरेन्द्र कुमार, जिला विकास अधिकारी आनन्द सिंह, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी नन्द किशोर जोशी मुख्य कृषि अधिकारी ,जिला पूर्ति अधिकारी, वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

देहरादून 08 नवम्बर, 2017(सू.ब्यूरो)
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं उत्तरांचल पंजाबी महासभा के संरक्षक तथा दून उद्योग व्यापार मण्डल महानगर के महामंत्री सरदार अमरजीत सिंह आनन्द के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने बुधवार को सरदार अमरजीत सिंह आनन्द के आवास पर जाकर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनो को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सेे बुधवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी कर्मचारी कल्याण परिषद के प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात कर राज्य आंदोलन के शहीदों के चित्र भेंट किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शहीदों के सपनो के उत्तराखण्ड के लिये सतत् प्रयासरत है। राज्य आंदोलन के शहीदों के महान त्याग और बलिदान के बिना अलग उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना संभव ही नही थी। राज्य सरकार आंदोलनकारियों एवं उनके परिजनों के कल्याण हेतु सदैव संकल्पबद्ध है।
इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी कर्मचारी कल्याण परिषद श्री जीतमणी पैन्यूली, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री संदीप चमोला, प्रचार सचिव श्री खिलाप सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष श्री ललित चन्द्र जोशी व अन्य उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को हरिद्वार, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के नव निर्मित परीक्षा भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने आयोग के नये परीक्षा भवन में डिजिटल इण्डिया को प्रोत्साहन देने के लिए प्रस्तावित कम्प्यूटर लैब के लिए दो करोड़ रूपये की धनराशि प्रदान किये जाने की घोषणा की।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि परीक्षा भवन मिलने से आयोग के कार्यों में गति आयेगी। उन्होंने कहा कि सभी परीक्षायें और परिणाम समय और लक्ष्य आधारित होंगे, इसका हमें विश्वास है। राज्य के युवाओं को आयोग का परीक्षा भवन होने से परीक्षा देने में काफी सुगमता होगी। प्रदेश तथा प्रदेश के बाहर से परीक्षा देने आने वाले अभ्यार्थियों को अलग-अलग परीक्षा केंद्रो को तलाशने की समस्या से भी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि प्रदेश के युवाओं का विभिन्न पदों पर चयन कर उन्हें सरकारी सेवक बनाना और राज्य के विकास के लिए कुशल अधिकारी राज्य को देने का महत्वपूर्ण कार्य आयोग के माध्यम से किया जाता है। उन्होंने कहा कि आयोग अपने इस महत्वपूर्ण कार्य को पूरी निष्पक्षता, पारदर्शिता से करता रहेगा और जनभावनाओं पर खरा उतरेगा ऐसा हमारा विश्वास है। मुख्यमंत्री ने पांच मंजिला नव निर्मित परीक्षा भवन का अवलोकन भी किया।
आयोग के अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि भवन का शिलान्यास 2009 में किया गया था। भवन की निर्माण लागत, व बैठने की क्षमता की जानकारी देते हुए बताया कि भवन की कुल निर्माण लागत 2478.35 लाख रूपये है। इसके एक भवन में 2100 परीक्षार्थियों को एक साथ बैठाकर परीक्षा सम्पन्न करायी जा सकती है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री मदन कौशिक, विधायक श्री सुरेश राठौर, आयोग की सदस्य श्रीमती छाया शुक्ला, जयदेव सिंह, संजय सिंह, पूर्व अध्यक्ष लोक सेवा आयोग डाॅ.डी.पी.जोशी, उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति श्री पीयूष कांत दीक्षित सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

देहरादून 08 नवम्बर, 2017(मी0से0)
प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास, पशुपालन, भेड़ एवं बकरी पालन, चारा एवं चारागाह विकास एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या की अध्यक्षता में विधान सभा स्थित सभाकक्ष में अलाभकर गोवंश (वृद्ध, बीमार, विकलांग, बांझ एवं निराश्रित गोवंश तथा पुलिस-प्रशासन द्वारा गो-तस्करों से जब्त किया गया केस प्राॅपर्टी गोवंश) को शरण देने हेतु मान्यता प्रदत्त एवं अर्ह पशु कल्याण संस्थाओं को राजकीय सहायता अनुदान दिये जाने के सम्बन्ध में राजकीय अनुदान चयन समिति की बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में श्रीमती आर्या द्वारा अल्मोड़ा जनपद के अन्तर्गत एक संस्था को गौशाला निर्माण मद में तथा प्रदेश के सभी 21 मान्यता प्रदत्त एवं अर्ह संस्थाओं को गोवंश भरण-पोषण मद में राजकीय सहायता दिये जाने क निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत प्रोत्साहन राशि का वितरण एक बडे कार्यक्रम का शीघ्र आयोजन कर चैक के माध्यम से किया जाय। उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन राशि वितरण आयोजन कार्यक्रम में गो-सेवकांे को योजनाओं की जानकारी भी दी जाय ताकि अधिक से अधिक पात्र संस्थाएं पशुपालन विभाग की योजनाओं का लाभ ले सकें। उन्होंने निर्देश दिये कि गो-सदनों हेतु राजकीय अनुदान मद में अतिरिक्त अनुपूरक बजट आवंटन प्राप्त होने पर यथाशीघ्र पुनः राजकीय अनुदान चयन समिति की बैठक आहूत करा ली जाय।
उन्होंने निदेशक पशुपालन विभाग को निर्देश दिये कि राजकीय पशु चिकित्सालयों पर निर्माण मद में व्यय होने वाली राशि तथा सचल पशु चिकित्सा वाहन पर व्यय होने वाली राशि का तुलनात्मक अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाय। जिससे कि प्रदेश में अधिकाधिक प्रभावी ढंग से पशु पालकों को विभागीय योजनााओं से लाभान्वित किया जाना संभव हो सके।
श्रीमती आर्या ने निर्देश दिये कि महिलाओं को सशक्त करने के लिए गो पालन व्यवसाय को महिलाओं से जोडा जाय। इसके लिए जन सहयोग की अपील करते हुए गोदान की योजना प्रस्तावित की जाय।
बैठक में अपर सचिव पशुपालन बी0एम0 मिश्रा, निदेशक पशुपालन डाॅ0 एस0 एस0 बिष्ट, प्रभारी अधिकारी उत्तराखण्ड पशु कल्याण बोर्ड डाॅ0 आशुतोष जोशी तथा प्रभारी अधिकारी उत्तराखण्ड गो सेवा आयोग डाॅ0 डी0सी0 सेमवाल मौजूद थे।

हरिद्वार। जिलाधिकारी दीपक रावत ने आज जनपद के विभिन्न व्यापार मण्डल अध्यक्षों के साथ जनपद को पाॅलिथीन मुक्त बनाये जाने विषयक बैठक समन्वय हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण सभागार में की। जिलाधिकारी ने हरिद्वार को पाॅलिथीन मुक्त बनाये जाने की दिशा में व्यापारी वर्ग के सहयोग को महत्वपूर्ण बताते हुए सुझाव आमंत्रित किये। जिले के अनेक व्यापारमण्डल अध्यक्ष एंव प्रतिनिधियों ने इस पर अपने सुझाव और सहयोग का आश्वासन दिया।
डीएम ने कहा कि पाॅलिथीन पर्यावरण के लिए घातक है यह सभी जानते हैं, फिर भी ग्राहक और दुकानदार द्वारा इसका प्रयोग खुले रूप् से किया जा रहा है। इसके लिए आर्थिक दण्ड और छापामारी अभियान के अलावा स्थाई समाधान पर काम करना है। पाॅलिथीन से होने वाले खतरों को कम करने के लिए सभी को इस अभियान में सहयोगी बनना होगा। खरीदार और दुकानदारों को एकमत होकर पाॅलिथीन का बहिष्कार करना है।
बैठक में सभी व्यापािरयों ने अपने सुझाव डीएम के समक्ष रखे। व्यापारियों ने दुकदारों द्वारा दिये जाने वाले कैरी बैग का सस्ता और प्र्यारवण हितैषी विकल्प भी प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराये जाने की मांग रखी गयी।
डीएम ने अतिक्रमण हटाओ अभियान में भी व्यापारियों से सहयोग की अपील की। व्यापारियों ने डीएम को अवगत कराते हुए बताया कि नालियों और सड़कों और फुटपाथ पर लगाये गये सामान से होने वाले अतिक्रमण को हटाने में भी प्रशासन का सहयोग करें। इस पर व्यापारियों द्वारा बताया गया कि कुछ दुकानदारों द्वारा कुछ रकम के स्वार्थ के चलते अपनी दुकानों के आगे ठेले और फेरी वालों को स्थान दिया जाता है, जिससे सड़कों पर अतिक्रमण की स्थिति उत्पन्न हो रही है। सभी व्यापारियों ने अवैध तरीके से किये जा रहे पाॅलिथीन और अतिक्रमण हटाओ अभियान में प्रशासन का सहयोग दिये जाने की बात कही।
बैठक में एचआरडीए सचिव बंशीधर तिवारी, सिटी मजिस्ट्रेट मनीष सिंह, सहायक नगर आयुक्त नगर निगम, वित्त नियंत्रक नगर निगम तंजीम अली सहित ज्वालापुर, हरिद्वार, कनखल, दक्षेश्ववर, मकरवाहिनी, हरिद्वार ट्रांसपोर्ट एसो. जगजीतपुर सहित विभिन्न व्यापार मण्डलों के अध्यक्ष व पदाधिकारी उपस्थित थे।

रूद्रप्रयाग/देहरादून 08 नवम्बर, 2017(सू.ब्यूरो)

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा श्री केदारनाथ में गतिमान पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में आयुक्त गढ़वाल मण्डल, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग, प्रधानाचार्य एन.आई.एम. जे, आर्किटेक्ट विशेषज्ञ सहित लो.नि.वि. एवं सिंचाई विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव द्वारा केदारनाथ मंदिर के पीछे (शंकराचार्य समाधि स्थल) आस-पास मलवा एवं बोल्डर्स को हटवाने के साथ ही मंदिर के पीछे भूमि को आगामी यात्रा से पूर्व विकसित कर तीर्थ यात्रियों के बैठने हेतु पार्क विकसित करने के लिये जे.एस.डब्लू. के प्रतिनिधियों को निर्देश दिये गये। सरस्वती नदी संगम से केदारनाथ मंदिर मार्ग के निरीक्षण के दौरान 50 फिट चैड़े पैदल मार्ग का सुदृढीकरण कर आगामी यात्रा से पूर्व मंदिर के दृश्य अक्ष को ध्यान में रखते हुए लो0नि0वि0 के अधिकारियों को आर्किटेक्ट के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिये गये। मुख्य सचिव द्वारा सरस्वती नदी के किनारे बनाये जा रहे घाट निर्माण कार्य का निरीक्षण किया गया एवं समयान्तर्गत तथा गुणवत्ता पूर्ण कार्य करने हेतु निर्देश दिये गये।
मुख्य सचिव द्वारा सी0सी0टी0वी0 कैमरों के निरीक्षण उपरान्त जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को निर्देशित किया गया कि सी0सी0टी0वी0 कैमरों के माध्यम से केदारनाथ धाम में गतिमान पुनर्निर्माण कार्यों की प्रभावी माॅनेटरिंग तथा ड्रोन कैमरा स्थापित करना सुनिश्चित करें। साथ ही केदारनाथ धाम में नोडल अधिकारी केदारनाथ पुर्ननिर्माण कार्यालय का भी निरीक्षण किया गया । मुख्य सचिव द्वारा केदारनाथ से गरूड़चट्टी तथा गरूडचट्टी से रामबाडा तक के ट्रेक मार्ग के संबंध मंे पूछने पर सहायक अभिंयंता डी0डी0एम0ए0 द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में उक्त मार्ग के सर्वे का कार्य गतिमान है, जिसे शीघ्र ही पूर्ण कर रिपोर्ट प्रेषित कर दी जायेगी। इस संबंध मंे मुख्य सचिव द्वारा रामबाडा से केदारनाथ तक के सम्पूर्ण ट्रैक मार्ग का निर्माण कराये जाने हेतु जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को निर्देशित किया गया। साथ ही केदारनाथ में बनाये जाने वाले शंकराचार्य समाधि का डिजाईन तत्काल तैयार किये जाने हेतु आर्किटेक्ट को निर्देशित किया गया। मुख्य सचिव द्वारा सभी कार्य पर्यावरण को दृष्टिगत रखते हुए कराये जाने हेतु जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक कार्य में पर्यावरण विशेषज्ञ की सलाह लेकर पुर्ननिर्माण कार्य सम्पादित कराये जायें, इसके साथ ही मुख्य सचिव द्वारा मंदिर के चैड़ीकरण में बद्री केदार समिति की जो भोगशाला बाधा उत्पन्न कर रही है उसे अन्यत्र स्थानान्तरित करने के निर्देश दिये गये। साथ ही संगम के सामने जहां से केदारनाथ मंदिर का स्पष्ट दृश्य दिखायी दे उस स्थान पर एक छत्र भी स्थापित करने हेतु निर्देश दिये गये।

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