वेंकैया नायडू को टीवी के जरिए खबरें मिली ; उपराष्ट्रपति बनाया जा रहा है

वेंकैया नायडू का नाम करीब-करीब तय हो गया है 18 जुलाई नामांकन की अंतिम तारीख है उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान पांच अगस्त को होंगे. इस पद के लिए नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 18 जुलाई है. उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचक कालेज में 790 सदस्य हैं जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन को निर्वाचक कालेज में जबर्दस्त बहुमत हासिल है.

उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पर वेंकैया नायडू ने कहा, ”मुझे अभी टीवी के जरिए ऐसी खबरें मिली हैं. मैंने सुना है कि जो घटक दल हैं वो प्रधानमंत्री की पसंद का समर्थन करेंगे. शाम को पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक है, उसके बाद पता चल जाएगा. इस बीच में जो भी नाम चल रहे हैं सब अटकलों के आधार पर हैं, इसलिए अभी कुछ भी कहना सही नहीं होगा.”

मोदी सरकार के सबसे वरिष्ठ मंत्रियों में से एक वेंकैया नायडू मोदी सरकार के सबसे वरिष्ठ मंत्रियों में से एक हैं और वो दक्षिण भारत के सबसे पुराने बीजेपी नेताओं में से एक हैं. इसके अलावा वो 2002 से 2004 तक बीजेपी अध्यक्ष भी थे. आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिला के रहनेवाले वेंकैया नायडू बीजेपी में शामिल होने से पहले 70 के दशक में आरएसएस और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में उल्लेखनीय योगदान दे चुके हैं. आपतकाल के दौरान वो जय प्रकाश नारायण के आंदोलन से जुड़े थे और उस समय वो जेल भी गये थे. 1978 और 1983 में नेल्लौर से विधायक चुने के बाद वो पहली बार 1998 में राज्यसभा सांसद बने. अभी वो राजस्थान से राज्यसभा सांसद है और मोदी सरकार में उनकी भूमिका एक संकटमोचक के तौर पर है.

शाम साढ़े सात बजे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उपराष्ट्पति उम्मीदवार के नाम का एलान करेंगे. बीजेपी मुख्यालय में बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, थावरचंद गहलोत, जेपी नड्डा, सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू और अरुण जेटली मौजूद हैं.

खुद प्रधानमंत्री मोदी ने वैंकेया नायडू को फोन किया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि वो नहीं चाहते हैं कि उनकी कैबिनेट का कोई साथी दूसरी जगह पर जाए. लेकिन कभी कभी ऐसे फैसले करने पड़ते हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री ने इस पर आखिरी फैसला लेने का अधिकार वैंकेया नायडू पर ही छोड़ दिया. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी वैंकेया नायडू से बात कर आखिरी फैसला लेने को कहा.

देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सोमवार शाम को बैठक कर अपने प्रत्याशी का ऐलान कर सकती है. पार्टी के शीर्षस्थ सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि प्रत्याशी के दक्षिण भारतीय होने की संभावना है.

माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू इस पद के लिए प्रत्याशी बनाए जाने की दौड़ में सबसे आगे हैं, लेकिन लेकिन सूत्रों ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की, क्योंकि यह फैसला प्रधानमंत्री को करना है कि वह अपने मंत्रिमंडल में से एक कैबिनेट सदस्य को कम कर सकते हैं या नहीं. माना जा रहा है कि इसी वजह से राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी किसी कैबिनेट मंत्री को नहीं चुना गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले सप्ताह बैठक कर उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी को लेकर विचार-विमर्श किया था, और दोनों नेताओं द्वारा सोमवार को पार्टी की शीर्ष संस्था संसदीय बोर्ड के समक्ष अपने विचार रखने की संभावना है.

बीजेपी को यह भरोसा है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में उसके उम्मीदवार को 500 से 550 के बीच वोट मिल सकते हैं. राष्ट्रपति चुनावों में बीजेपी ने रामनाथ कोविंद के नाम की पहले ही घोषणा कर विपक्ष में फूट डाल दी थी. लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए यही रणनीति विपक्ष ने अपनाई और महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी का नाम पहले ही घोषित कर दिया.
बीजेपी गांधी का काट किसी दक्षिण भारतीय नेता को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाकर निकाल सकती है. बीजेपी दक्षिण भारत के लिहाज से कमजोर पार्टी मानी जाती है. 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत के लिए बीजेपी ने दक्षिण भारत में विस्तार की नीति अपनाई है. इस वजह से वेंकैया नायडू या किसी अन्य दक्षिण भारतीय को बीजेपी अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है.
ऐसे किसी उम्मीदवार की घोषणा से एनडीए और बीजेपी को उम्मीद है कि दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रीय दलों का भी उसे समर्थन मिल सकताहै. कहा जा रहा है कि बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए उम्मीदवार के पास विधायी कार्यों का बड़ा अनुभव होगा. बीजेपी की कोशिश अपने उम्मीदवार के जरिए राजनीतिक संदेश देने की है.
हालांकि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार का समर्थन कर रही जेडीयू उपराष्ट्रपति के लिए यूपीए के उम्मीदवार के पक्ष में है.
दूसरी ओर कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र गोपाल कृष्ण गांधी को अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. गांधी ने रविवार को राजनीतिक पार्टियों के सदस्यों से मुलाकात की और अपने लिए समर्थन मांगा.

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