कोरोना वायरस के बाद दुनिया? Execlusive

HIGH LIGHT# क्या कोरोना वायरस के बाद दुनिया पूरी तरह से बदल जायेगी? # केरल में मिला था पहला पॉजिटिव केस #  वुहान कभी इतना दूर नहीं था, जितना दूर से हमें लग रहा था# ग्लोबलाइजेशन ने पूरी दुनिया को एक तार से जोड़ दिया तो # तकलीफें और बीमारियां भी फैलेंगी। वायरस भी फैलेंगे# क्या वास्तव में कोरोना वायरस इतना आधिक खतरनाक है # भारत जैसे देशों में प्रति व्यक्ति डाक्टर बढ़ाने के लिए काफी प्रयास होंगे ।  नमस्ते । जी हां ये अब ग्लोबल हों गया है और आगे भी रहेगा। #अपने घर गांव अपने पहाड जातें हुए इन लोगों में बहुत से शायद ही शहरों की चकाचौंध में वापस आएं और अपने गांव में ही सबके साथ 2 रोटी में ही गुजारा करें#  धर्म पर विश्वास और अधिक मजबूत होगा खासकर उच्च वर्ग में जिसमें अधिकांश लोग केवल इसे फोरमेलटी समझते थे और अपने आपको पता नहीं क्या समझते थे# सत्‍ता तथा धन दौलत के सत्‍तालोलुभो को उनकी औकात पता चल जायेगी Execlusive Report by Chandra Shekhar Joshi- Editor;

क्या कोरोना वायरस के बाद दुनियापूरी तरह से बदल जायेगी? केरल में मिला था पहला पॉजिटिव केस।  वुहान कभी इतना दूर नहीं था, जितना दूर से हमें लग रहा था। ग्लोबलाइजेशन ने पूरी दुनिया को एक तार से जोड़ दिया तो इस तार से होकर सिर्फ सामान, समृद्धि, पैसा और सफलता ही पूरी दुनिया में नहीं फैलेगा। तकलीफें और बीमारियां भी फैलेंगी। वायरस भी फैलेंगे। वायरस भी महज इत्तेफाक नहीं है। विकास के नाम पर प्रकृति के साथ जिस तरह का खिलवाड़ इंसानों ने किया है, उसके नतीजे हम और हमारी आने वाली पीढ़ियां और खतरनाक रूप में देखेंगी। प्रकृति ने हमें जो अपार संपदा बख्शी थी, हमें उसका उपयोग करना था, उपभोग नहीं। और ये भी नहीं भूलना था कि उसका मालिक कोई नहीं है। कोई इंसान, कोई विज्ञान इतना बलशाली नहीं हो सकता कि वो प्रकृति पर आधिपत्य जमा ले। उसे अपने इशारों पर नचाने लगे क्योंकि अगर वो प्रतिशोध लेने, अपनी जगह खोई जगह वापस मांगने पर आई तो आपकी सत्ता, आपका बल, आपकी संपदा काम नहीं आएगी। प्रिंस चार्ल्स से लेकर बोरिस जॉनसन तक सब जद में होंगे। 

 भारत जैसे देशों में प्रति व्यक्ति डाक्टर बढ़ाने के लिए काफी प्रयास होंगे ।  नमस्ते । जी हां ये अब ग्लोबल हों गया है और आगे भी रहेगा। कोरोनावायरस के दुनिया में अधिकांश कारखाने व सड़क के वाहन बंद हैं जिससे प्रदुषण के स्तर में सुधार हैं शायद बाद में लोग इसे क़ायम करने की कोशिश करें। अपने घर गांव में जातें हुए इन लोगों में बहुत से शायद ही शहरों की चकाचौंध में वापस आएं और अपने गांव में ही सबके साथ 2 रोटी में ही गुजारा करें।  धर्म पर विश्वास और अधिक मजबूत होगा खासकर उच्च वर्ग में जिसमें अधिकांश लोग केवल इसे फोरमेलटी समझते थे और अपने आपको पता नहीं क्या समझते थे।

कोरोनावायरस के बाद चीन को सबसे ज्यादा भुगतना पड़ सकता है क्योंकि उसका पर्यटन उद्योग तो खत्म ही हो गया समझो और अमेरिका सहित अधिकांश पश्चिमी देश कोरोनावायरस को चीनी प्रोडक्ट ही मान कर चल रहें हैं जिसके कारण उसकी अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान होगा कई फैक्ट्रिया बंद होगी और विदेशी कंपनिया अपना कारोबार वहां से समेट कर कहीं ओर शिफ्ट करेंगी इसके अलावा चीनी नागरिकों के लिए लिए भी कई देशों के दरवाजे बहुत सालों तक बंद रहेंगे । साथ ही साथ दुनिया में चिकित्सा के क्षेत्र में और ज्यादा निवेश होगा क्योंकि अब सिद्ध हो चुका है कि यह क्षेत्र सबसे महत्वपूर्ण हैं खासकर भारत जैसे देशों में प्रति व्यक्ति डाक्टर बढ़ाने के लिए काफी प्रयास होंगे । नमस्ते । जी हां ये अब ग्लोबल हों गया है और आगे भी रहेगा।

विश्‍व के सबसे शक्‍तिशाली सत्‍ताधीश- सबसे अधिक भयभीत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोनावायरस और उससे होने वाली बीमारी COVID-19 के खतरे के बारे में इत्तिला देते हुए आने वाले हफ्तों को ‘क्रूर’ करार दिया है, और व्हाइट हाउस के इतिहास में सबसे डरावनी मानी जा रही प्रेस कॉन्फ्रेंस में COVID-19 की वजह से 2,40,000 तक मौतों की आशंका जताई गई है. CNN में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति की कोरोनावायरस एमरजेंसी टास्क फोर्स के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा राष्ट्रपति की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिखाए गए प्रेज़ेन्टेशन के मुताबिक, समूचे देश में कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए उठाए गए सख्त कदमों के बावजूद आने वाले हफ्तों में अमेरिका में 1,00,000 से 2,40,000 तक लोगों को मौत का शिकार होना पड़ सकता है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस ब्रीफिंग रूम में की गई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं चाहता हूं कि हर अमेरिकी हमारे सामने आने वाले बेहद मुश्किल दिनों के लिए तैयार रहे… हम बेहद कठिन और मुश्किल दो हफ्तों का सामना करने वाले हैं…”

क्या वास्तव में कोरोना वायरस इतना आधिक खतरनाक है

वायरस एक कमाल की चीज है। ये हजारों लाखों साल तक नहीं मरता। प्रकृति में कहीं सोया रहता है। इसकी कमजोरी है कि यह खुद प्रजनन नहीं कर सकता। लेकिन जैसे ही उसे कोई जिन्दा सेल या कोशिका मिलती है, ये उससे अपने साथ जोड़ लेता है। और तब प्रजनन करता है। यह जीवित हो उठता है और अपने वंश को आगे बढ़ाने लगता है।कोरोना

ये वायरस किसी सेहतमंद इंसान के शरीर में दाखिल होते ही उसे बीमार कर देता है क्योंकि वह तत्काल इंसान के सेल के मूल आरएनए और डीएनए की जेनेटिक संरचना को अपनी जेनेटिक सूचना से बदल देता है। और इसके बाद संक्रमित सेल अपने जैसे संक्रमित सेल तैयार करने शुरू कर देते हैं जैसे उसके भीतर कोई फैक्ट्री लग गई हो।

रोचक है वायरस की कहानी?
दुनिया में ऐसे कई सारे वायरस हैं। जैसे प्लेग, चेचक, एचआईवी, इन्फ्लूएन्जा, पोलियो आदि। इसी तरह दुनिया पर चेचक के वेरीसेल्ला जोस्टर वायरस का हमला हुआ था। यह दुनिया का सबसे पुराने वायरसों में एक था। इसका इलाज तो नहीं मिला लेकिन इंसानों से उसका टीका जरूर खोज लिया। फिर 80-90 के दशक में पहचाने गए एड्स के एचआईवी वायरस ने सबको लगभग हिला दिया।

बंदरों से मनुष्य में आया यह वायरस इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर सीधा हमला करता है। लेकिन अच्छी बात थी कि ये वायरस खून, शरीरिक द्रव्य या वीर्य के जरिए ही एक इंसान से दूसरे इंसान में संक्रमित होता है। इसलिए थोड़ा सतर्क और जागरूक रहकर ही इस वायरस से बचा जा सकता है। पर एचआईवी के साथ सबसे खतरनाक बात यह है कि यह जानलेवा है और लाइलाज रोग है। इनमें अब एक नया नाम जुड़ गया है कोरोना का

कहां से आया कोरोना वायरस

एक बार वायरस शरीर में आ गया तो वह पाजिटिव से फिर निगेटिव कभी नहीं हो सकता। जैसा कोरोना में हो जाता है। सबसे दोस्ताना कोई वायरस है तो वह इन्फ्लूएन्जा वायरस है। जिसे हम सामान्यतः सर्दी जुकाम या फ्लू कह देते हैं।

कहते हैं ये वायरस इंसानों में सुअर से आया। हालांकि 1918 में जब यह भारत में नया-नया पहचान में आया था तब इसने महामारी के रूप में तबाही मचा दी थी। तब लाखों लोग फ्लू से मर गए ..शरीर में दर्द, बुखार, बार बार छींक आना, सूखी खांंसी, गला बैठ जाना, आंंख और नाक से पानी बहना और गले में दर्द का अनुभव तकरीबन सबने किया होगा। कभी-कभी रोगी को 101 से 103 डिग्री तक बुखार भी हो जाता है जो दो या तीन दिन से लेकर छह दिन तक बना रह सकता है। ये भी हो सकता है बुखार हो ही न। सच पूछिए तो यह बीमारी भी लाइलाज है। हां, दर्द और बुखार की दवाएं कुछ आराम दे देती है। धीरे- धीरे वायरस खुद ही मृत प्राय हो जाता है

क्यों सबसे अलग है कोरोना वायरस?

यह कई मायनों में अब तक मिले वायरसों में सबसे ज्यादा खतरनाक है। पहली वजह ये कि ये अब तक मिले वायरसों में सबसे तेजी से संक्रमित होता है। दूसरा कारण यह कि यह सामान्य फ्लू यानी इन्फ्लूएन्जा से कहीं ज्यादा मारक है।

दरअसल, यह इंसान पर यह बिलकुल वैसे हमला करता है जैसे इन्फ्लूएन्जा वायरस करता है। सर्दी जुकाम बुखार। लेकिन इस वायरस की तीव्रता इतनी ज्यादा है कि अगर रोगी कमजोर, बीमार या वृद्ध हो सांस लेने में दिक्कत पैदा करने के साथ वह उसके फेफड़े और किडनी को तबाह कर देता है। वह भी चन्द दिनों में। इसलिए वृद्धों की मृत्यु दर ज्यादा है।

अब तक कोई दवा नहीं बनी जो इस वायरस की तीव्रता या मारक क्षमता को रोक दे या धीमा कर दे। या कोई टीका नहीं बना कि यह वायरस आप पर हमला ही न कर पाए। हां अगर आप मजबूत हैं और आपमें रोग प्रतिरोधक क्षमता है तो ये वायरस आपके जिस्म में 14 दिन से ज्यादा नहीं रह पाएगा।

सामान्य फ्लू की तरह आएगा और ठीक होकर चला जाएगा। लेकिन आपको डॉक्टरों की निगरानी में रहना होगा क्योंकि वही बता सकते हैं कि कोरोना आपके अंग तो तहस नहस नहीं कर रहा। लेकिन असल चिन्ता ये नहीं है। इस वायरस से इतनी जल्दी छुटकारा मिलना इतना आसान भी नहीं है।

हो सकता है कि अगले दो तीन महीनों में कोरोना का आतंक कुछ कम हो जाए। लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं कि ये वायरस फिर कब अपना सिर उठा ले। अब दुनिया भर के वैज्ञानिक कोराना वायरस का टीका खोजने में जुट गए हैं

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