13 अप्रैल 2019 ;ऐसा महायोग 1977 के बाद आया ;शनि और केतु के घनिष्ठ संयोजन में आश्चर्य का तत्व

रावत के अंत के लिए रामावतार हुआ था, इस रामनवमी पर गौरीयोग, निपुण योग, बुधादित्‍य योग बन रहा है; सितारो का विशेष योग बहुत कुछ चमत्‍कार करने जा रहा है- हिमालयायूके के लिए देशभर से अनेक विद्वानो की राय

मंत्र ॐ रामाय नमः। ॐ श्रीं रामाय नमः ।ॐ क्लीं रामाय नमः का जाप उत्‍‍‍‍तम है

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, 13 अप्रैल यानि की आज अष्टमी का योग 8:16 मिनट तक ही है. इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी. 13 अप्रैल 8:19 मिनट पर रामनवमी का मुहूर्त शुरू होगा और 14 अप्रैल सुबह 06:04 तक रहेगा. 

इस बार 13 अप्रैल 2019 को रामनवमी गुरु पुष्य, सर्वार्थ सिद्धि, अमृत, रवि, त्रिशूल और ध्वज योग में मनाई जा रही है. पुष्य नक्षत्र सभी 27 नक्षत्रो में सर्वश्रेष्‍ठ माना जाता है,  ज्योतिर्विदों के अनुसार ऐसा महायोग 1977 के बाद आया है. रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करने से विशेष पुण्य मिलता है. इस बार राम नवमी पर कुछ और दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. इससे इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है. रामनवमी पर पुष्य नक्षत्र के साथ-साथ बुधादित्य योग का विशेष संयोग भी बना है. उच्च का सूर्य, बुध के साथ मिलकर बुधादित्य योग बना रहा है. साथ ही पुष्य नक्षत्र भी है. कई सालों बाद इतना विशेष योग भी बन रहा है. इसके कारण इस बार राम नवमी पर पूजा-अर्चना का महत्व काफी अधिक है. शनिवार को पुष्‍य नक्षत्र युक्‍त नवमी  तिथि के कारण रामनवमी पर भगवान  की पूजा करने से शनि की साढे साती और ढैयय के साथ महादशा व अन्‍तर्दशा से परेशान लोगों का साथ मिलेगा, इससे उनकी समस्‍याये दूर होगी, नवमी तिथि होने से माता दुर्गा को अपराजिता फूल, इत्र अबरख चढाने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी, शनि और राहु ग्रह के प्रकोप से शांति मिलेगी,

बता दें कि रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था. भारत में इसे बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है. हिंदू तालिका के अनुसार यह त्योहार हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को धूमधाम से मनाया जाता है.

आज के ही दिन त्रेता युग में महाराज दशरथ के घर विष्णु जी के अवतार भगवान श्री राम का जन्म हुआ था. श्रीराम को लोग उनके सुशासन, मर्यादित व्यवहार और सदाचार युक्त शासन के लिए याद करते हैं. इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या आते हैं और प्रातःकाल सरयू नदी में स्नान कर भगवान के मंदिर में जाकर भक्तिपूर्वक उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. राम नवमी के दिन जगह-जगह रामायण का पाठ होता है. कई जगह भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और भक्त हनुमान की रथयात्रा निकाली जाती है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं.

वही राजनीतिक परिणामो की बात करे तो विद्वानो के अनुसार-

शनि और केतु के घनिष्ठ संयोजन में आश्चर्य का तत्व होगा जो कांग्रेस को अप्रत्याशित परिणाम

इस लोकसभा चुनाव में बृहस्पति कांग्रेस को विशेष फायदा देने वाला है। क्योकि बृहस्पति का पारगमन कांग्रेस के पक्ष में होने की संभावना है। इस पारगमन से कांग्रेस को मदद मिलेगी और जिन राज्यों में वह एक भी सीट नहीं जीत पायी थी, वहां इसबार पहले के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने की पूरी संभावना है। लेकिन एक बात जो गौर करने वाली बात है वह यह कि बृहस्पति की वक्री गति से संकेत मिलता है कि कांग्रेस की सत्ता में वापसी उतनी मजबूत नहीं है। हालकि जिन राज्यों में पार्टी ने गठबंधन किया है उनकी कुंडली की दशा के अनुसार कांग्रेस को फायदा होता दिख रहा है। कांग्रेस बृहस्पति-शुक्र-बुध महादशा अवधि से गुजर रही है जो पार्टी के हित में बिल्कुल नहीं है। 8वें घर का स्वामी शुक्र है जो 10वें घर में है। इसलिए हर सीट पर टक्कर है। कांग्रेस को सिर्फ चुनाव में ही नहीं पार्टी के अन्दर की चुनौतियों से भी सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस अपने खोए आधार को वापस पाने के लिए उसे और उत्साही प्रयास करने की जरूरत है। जिस तरह प्रचार है वह लोगों में विशेष प्रभाव डालने में सफल नहीं हो पा रही है। सूर्य पर शनि-केतु की युति एक कठिन समय कहा जा सकता है। हालांकि, शनि और केतु के घनिष्ठ संयोजन में आश्चर्य का तत्व होगा जो कांग्रेस को अप्रत्याशित परिणाम भी दे सकता है। चुनाव के वक्त शुक्र सूर्य के साथ त्रिशंकु में दूसरे घर से गुजर रहा होगा, जो पार्टी पर प्रतिकूल असर डालेगा। इस दौरान चंद्रमा के ट्रांजिट की अनुकूलता नहीं रहेगी। लोकसभा चुनाव से बेहतर प्रदर्शन करते हुए दिख रही है। वोट प्रतिशत भी बढ़ेगा पार्टी का। जिन राज्यों में पार्टी एक भी सीट हासिल नहीं कर पायी वहां इसबार जीतने की पूरी उम्मीद है। राजस्थान, गुजरात, उत्तराखण्ड में पार्टी को इसबार सीटें मिलती दिख रही हैं। मध्य प्रदेश में पार्टी के वोट प्रतिशत में थोड़ा सा इजाफा हो रहा है, जो विजयी सीटों के रूप में बदलेगा। हर प्रदेश में पार्टी ने गठबंधन किया है जो पार्टी के हित में दिखाई दे रहा है।

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CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR

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