46 पैसेंजर्स की जान बचा ली ड्राइवर सलीम ने

आतंकी ने बस में घुसने की कोशिश भी की, लेकिन उसे हेल्पर ने धक्का दे दिया
25 आतंकियों ने अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों से भरी बस पर फायरिंग की। ये कहना है कि टूर ऑपरेटर हर्ष देसाई का, जो बस में मौजूद थे। इस बस को ड्राइवर सलीम चला रहा था। एक आतंकी ने बस में घुसने की कोशिश भी की, लेकिन उसे हेल्पर ने धक्का दे दिया। उधर, ड्राइवर सलीम के चचेरे भाई जावेद ने कहा, “वो (सलीम) 7 लोगों की जान नहीं बचा पाया, लेकिन बस को सेफ जगह ले जाकर उसने 46 पैसेंजर्स की जान बचा ली।’ इसमें 54 लोग सवार थे।
कश्मीर में टेररिस्टों ने अमरनाथ यात्रा से दर्शन कर लौट रही बस को निशाना बनाया। पूरे घटनाक्रम में पुलिस ने बस चालक को दोषी बताया है। पुलिस के बताए अनुसार रात को सात बजे के बाद हाईवे पर किसी भी तरह के वाहनों की आ‌वाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था हटा ली जाती है। कश्मीर के आईजी मुनीर खान ने कहा कि हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथा है, जिसका मास्टरमाइंड पाकिस्तान का टेररिस्ट इस्माइल है।

 सलीम ने बस रोकी नहीं

अमरनाथ यात्रा पर कल बीती शाम बड़ा आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 7 लोगों की मौत हो गई और 19 लोग जख्मी हो गए हैं. बस पर फायरिंग तब हुई जब ये बस अमरनाथ यात्रा पूरी करके लौट रही थी. ये आतंकी हमला और भी बड़ा हो सकता था अगर बस ड्राइवर सलीम होशियारी न दिखाते. जब बस पर आतंकियों ने गोलियां बरसानी शुरू की तब सलीम ने बस रोकी नहीं और बस के एक्सिलेटर को दबाते रहे. सलीम अगर अपनी सूझबूझ न दिखाते तो ये आतंकी हमला और भी बड़ा हो सकता था. सलीम बड़ी ही तेजी से मिलिट्री कैंप तक बस को बिना रोके ले गए.
 

हर्ष देसाई ने बताया, “हम लोग श्रीनगर से 63 किलोमीटर आगे तक आ गए थे। इस दौरान एक टर्न पर मुड़ते ही बस पर फायरिंग होने लगी। मेरे कंधे और पैर में गोली लगी। मेरा दिमाग सुन्न हो गया। गोली लगने के बावजूद ये तो समझ में आ गया कि ये आतंकी हमला था। करीब 25 आतंकियों ने बस को घेर रखा था। हर्ष ने बताया, “आतंकियों के दिल में कोई रहम नहीं दिखाई दे रहा था। वो लगातार गोलियां चला रहे थे। गोलियां इस तरह चल रही थीं, जैसे कि वीडियोगेम में चलती हैं। मैंने बस को वहां से निकालने की कोशिश की। मैंने देखा कि एक आतंकवादी बस में घुसने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान हेल्पर ने उसे चलती बस से धक्का देकर बाहर ढकेल दिया और बस का दरवाजा बंद कर लिया। उसकी बहादुरी से आतंकी बस में नहीं घुस पाया। फायरिंग के बीच हमने बस तेज रफ्तार से दौड़ा दी। करीब 5 किलोमीटर दूर जाने पर आर्मी वाले मिले। हमने उनसे सारी बात बताई। वे तुरंत घटनास्थल की ओर आए, लेकिन तबतक हमला करने वाले आतंकवादी भाग गए थे।
कुछ लोगों ने उसे आगे चलने से रोका था लेकिन मुसाफिरों ने बस को आगे ले जाने का आग्रह किया। सिक्योरिटी काफिले से पिछड़ी ये बस आतंकी हमले का शिकार हुई। हमले की शिकार बस सुरक्षा काफिले से अलग हाे गई। बाइक से आए 3 आतंकियों ने बस पर फायरिंग की और मौके से फरार हो गए। आतंकी बटेंगू में पुलिस जीप पर फायरिंग कर रहे थे। उसी मुठभेड़ के वक्त यात्रियों से भरी बस बीच में आ गई। इसलिए यात्री हमले के शिकार हो गए। इस हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई वहीं 15 लोग घायल हुए हैं। मरने वाले सभी गुजरात के हैं। मृतकों में वलसाड शहर के दो ,धरमपुर के दो तथा एक पारडी का बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक ओम ट्रेवल्स की बस के आगे चल रही सात बसों के काफिला से पिछड़ गई थी। काफिला कड़ी सुरक्षा से गुजर रहा था। जबकि ओम ट्रेवल्स की बस इससे पिछड़ गई थी।
कश्मीर में टेररिस्टों ने अमरनाथ यात्रा से दर्शन कर लौट रही बस को निशाना बनाया। इसमें मारे गए सातों तीर्थयात्री गुजरात के वलसाड जगह से हैं। हमले की शिकार हुई बस के ड्राइवर ने अपनी आपबीती बताई।
हम श्रीनगर से शाम 6:30 बजे चले। हमारी तीन बसें थीं। 30-35 किमी बाद हमारी बस पीछे रह गई। तभी अचानक तीन तरफ से हमारी बस पर अंधाधुंध गोलियां चलने लगीं। हम डर के मारे सीटों के नीचे छुप गए। सिर्फ चीखने की आवाजें सुनाई दे रही थीं। कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। तभी दो गोली मुझे चीरती निकल गईं, एक हाथ और दूसरी कंधे पर। लगा आज जिंदगी का आखरी दिन है। डर के माहौल में यह सब कितनी देर चला पता नहीं। फिर फायरिंग की आवाज थम गई। आर्मी के लोगों ने आकर हमें श्रीनगर अस्पताल में पहुंचाया। मैं और मेरे पिता सलामत हैं। सुनने में आया कि मरने वाले दमन के हैं।
आतंकवादियों ने सबसे पहले अनंतनाग के बोटिंग क्षेत्र में पुलिस के बुलेट प्रूफ बंकर पर गोलीबारी की। जवाब मंा पुलिस ने गोली चलाई, जिसकी वजह से बाइक पर सवार आतंकवादी वहां से भाग निकले। उसके बाद आतंकवादियों ने खन्नाबल के पास पुलिस चौकी पर फायरिंग की। यहां भी पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गोली चलाई, जिससे आतंकवादी फरार हो गए। उसके बाद उन्होंने यात्रियों की बस पर हमला किया। आतंकवादियों के हमले में बस में यात्री घायल हो गए।
हमले के बाद सोमवार रात नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ”जम्मू कश्मीर में शांतिप्रिय अमरनाथ यात्रियों पर कायराना हमले से दुख हुआ। हर किसी को इस हमले की कड़ी से कड़ी निंदा करनी चाहिए। मेरी संवेदनाएं हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से हैं। मेरी प्रार्थनाएं घायलों के साथ हैं। भारत इस तरह के कायराना हमलों के आगे कभी नहीं झुकेगा।” वेंकैया नायडू ने कहा, ” अनंतनाग हमले के दोषियों को छोड़ने का सवाल ही नहीं। जानकारी के मुताबिक, अमरनाथ यात्रियों को ले जाने वाली बस ने इन्फॉर्म नहीं किया। उनके साथ सिक्युरिटी नहीं थी। ऐसा नहीं करना चाहिए। हमारा पड़ाेसी आतंक को प्रोत्साहित कर रहा है। ऐसे में सावधानी रखें। मारे गए लोगों के परिवार वालों के साथ मेरी सहानुभूति है। यात्रा ठीक ढंग से चलती रहे इसका पूरा प्रयास करेंगे।”

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