डॉक्टरों ने काम करने से इनकार – असर AIIMS जैसे बड़े अस्पतालों में भी

डॉक्‍टरों की हड़ताल के खिलाफ कलकत्‍ता हाईकोर्ट में गुरुवार को याचिका

बंगाल की घटना के बाद गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया और 14 जून को हड़ताल पर जाने की बात कही. ऐसे में दिल्ली में भी आज आपको डॉक्टर मरीजों का इलाज करते नहीं बल्कि प्रदर्शन करते दिख सकते हैं. मामला इतना बढ़ गया है कि अदालत तक पहुंच गया है, हड़ताल को लेकल कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसपर आज सुनवाई होनी है.

ये घटना 10 जून करीब साढ़े पांच बजे की है. जब नील रत्न सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक 75 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई. गुस्साए परिजनों ने मौके पर मौजूद डॉक्टरों को गालियां दीं. इसके बाद डॉक्टरों ने कहा- जब तक परिजन हमसे माफी नहीं मांगते हम प्रमाण पत्र नहीं देंगे.

  याचिका पर कलकत्‍ता हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की डिवीजन बेंच में सुनवाई होगी. इस याचिका में हड़ताली डॉक्‍टरों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपील की गई है. याचिका दायर करने वाले डॉक्टर कुणाल साहा के वकील श्रीकांत दत्त ने बताया बीते 10 जून को कोलकाता के नील रतन सरकार अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद दो डॉक्‍टरों को उसके परिजनों की ओर से बुरी तरह पीटा गया.इस घटना के बाद एनआरएस अस्पताल के चिकित्सक को घायल अवस्था में प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया. इसके विरोध में एनआरएस यानी नील रतन सरकार अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी, जिसके चलते काफी मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पूरे बंगाल के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने लगातार 48 घंटे तक कोई परिसेवा नहीं दी. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल की. इसी के विरोध में एक डॉक्टर कुणाल साहा ने कोलकाता हाई कोर्ट में गुरुवार को एक मामला दायर किया है. अपने आवेदन में कुणाल ने कहा है कि बिना किसी देरी के राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा से वंचित मरीजों को जल्द से जल्द सुविधा मुहैया करवाई जाए ताकि किसी भी मरीज को अस्पताल से खाली हाथ न जाना पड़े. साथ ही जो डॉक्टर इस हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं. उनके खिलाफ कठोर कदम उठाया जाए. .

इस मामले में फिर हिंसा भड़क गई, कुछ देर बाद हथियारों के साथ भीड़ ने हॉस्टल में हमला कर दिया. इसमें दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हुए जबकि कई और को भी चोटें आईं. और उसके बाद जब ममता बनर्जी ने हड़ताल वाले डॉक्टरों की निंदा की तो मामला तूल पकड़ता गया. NRS कॉलेज के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल अभी तक इस मामले में अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं.

पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव से शुरू हुई राजनीतिक लड़ाई अब सिस्टम की लड़ाई बनती जा रही है. यहां एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुई मारपीट की घटना से मेडिकल एसोसिएशन में गुस्सा है, डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं तो वहीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डॉक्टरों पर ही हमलावर हैं. बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल का असर अब देश के अन्य हिस्सों में भी दिखना शुरू हो गया है.

डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने को ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की साजिश बताया है. ममता ने कहा है कि बीजेपी अब डॉक्टरों को भी अपने जाल में फंसा रही है. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट भी लिखा और भाजपा को घेरा. उन्होंने लिखा कि NRS अस्पताल में जो भी हुआ वह गलत था, मैंने अपने मंत्री को भी भेजा था. लेकिन डॉक्टर मान नहीं रहे हैं, इसकी वजह से मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बंगाल को सांप्रदायिक माहौल में झोंकना चाहते हैं. उन्होंने बीजेपी पर ही डॉक्टरों को भड़काने का आरोप लगाया. उधर बंगाल में भी कई दल और समूह डॉक्टरों का समर्थन कर रहे हैं, कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम की बेटी शबा हकीम भी डॉक्टरों के समर्थन में उतर आई हैं.

पश्चिम बंगाल सरकार हड़ताली जूनियर डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है. पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष निर्मल माजी ने गुरुवार को कहा कि हड़ताली डॉक्टर अगर काम पर नहीं लौटे तो उनका पंजीयन रद्द हो सकता है और उनका इंटर्नशिप पूरा होने का पत्र रोक दिया जाएगा. उन्होंने विपक्षी दलों पर हड़ताली जूनियर डॉक्टरों को भड़काने का आरोप लगाया और कहा कि विपक्षी दल ममता बनर्जी सरकार की मुफ्त चिकित्सा सेवा योजना को बंद कराना चाहते हैं.

दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों में डॉक्टरों ने काम करने से इनकार कर दिया है. DMA की ओर से आज दोपहर दिल्ली के राजघाट के पास प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जाएगी. कई शहरों में डॉक्टर सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं और नारेबाजी कर रहे हैं. डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से मरीजों पर संकट टूट पड़ा है. AIIMS के बाहर मरीजों के परिजन परेशान घूम रहे हैं. AIIMS के डॉक्टर आज दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से भी मुलाकात करेंगे. डॉक्टर अपनी तरफ से 3 मांगें उनके सामने रख सकते हैं. राजधानी दिल्ली में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने हड़ताल बुलाई है, जिसका असर AIIMS जैसे बड़े अस्पतालों में देखने को मिल रहा है. इसके अलावा मुंबई में भी डॉक्टरों ने काम करने से इनकार कर दिया है. मुंबई के डॉक्टरों का कहना है कि वह साइलेंट प्रोटेस्ट करेंगे. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं. ना सिर्फ दिल्ली और मुंबई बल्कि पंजाब, केरल, राजस्थान, केरल, बिहार, मध्य प्रदेश में भी डॉक्टरों ने काम करने से इनकार कर दिया है. इन शहरों, राज्यों और अस्पतालों में दिखेगा असर…

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