मोदी का मुकाबला संभव नही ; ज्‍योतिषो की बात को उमर अब्दुल्ला ने भी दोहराया;

#उत्‍तराखण्‍ड परिणाम -भाजपा 59 कांग्रेस 9  अन्‍य 2  #उत्तराखंड में सत्ता विरोध लहर खूब चली. #ज्‍योतिषो की बात को उमर अब्दुल्ला ने भी दोहराया – ज्ञात हो कि  2024 के आम चुनावों में बा्ह्रमण की नाराजगी तथा गुरू दोष से भाजपा की हार होगी- ऐसा ज्‍योतिषों ने भविष्‍यवाणी की है-  वही उत्तर प्रदेश में बीजेपी जीत की जिस लहर पर सवार है साफ दिख रहा है कि सूबे में मोदी लहर की ऐसी तूती बोल रही है ये पार्टी अपना  ही इतिहास तोड़ती नजर आ रही है. राम लहर में भी ये पार्टी यूपी में 425 सीटों में 221 सीटें ही जीत पाई थी, लेकिन इस बार 403 सीटों में ही बहुमत का आंकड़ा पार करती दिख रही है.   मायावती- बीजेपी को चुनौती दी कि अगर दम है तो बैलट पेपर से वोटिंग कराकर देख ले.

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वही दूसरी ओर नेशनल  कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की ‘सुनामी’ है ना कि एक छोटे तालाब में उठने वाली लहर. साथ ही उन्होंने विपक्ष को 2019 को भूलकर 2024 के आम चुनावों के लिए तैयारी शुरू करने की सलाह दी है. अब्दुल्ला ने कहा कि देशभर में कोई ऐसा नेता नहीं है जो मोदी का मुकाबला कर सकें और कोई ऐसी पार्टी नहीं है जो 2019 में भाजपा को चुनौती दे सके. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को ‘केवल आलोचना करने के बजाय एक सकारात्मक विकल्प’ के रूप में अपनी रणनीति बदलने की जरूरत है और अन्य राज्यों के नतीजे यह उम्मीद जगाते हैं कि भाजपा अपराजेय नहीं है. 

उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘संक्षेप में देशभर में आज ऐसा कोई नेता नहीं है जो 2019 में मोदी और भाजपा का मुकाबला कर सकें. ऐसे में हमें 2019 को शायद भूल जाना चाहिये और 2024 की तैयारी शुरू करनी चाहिये.’

अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, ‘लगभग सभी विशेषज्ञों:विश्लेषकों ने उत्तर प्रदेश में इस लहर को कैसे छोड़ दिया? यह सुनामी है ना कि एक छोटे से तालाब में लहर है.’ उन्होंने कहा, ‘पंजाब, गोवा और मणिपुर से निश्चित तौर पर यह संकेत मिलेगा कि भाजपा अपराजेय नहीं है बल्कि आलोचना से सकारात्मक विकल्प की ओर रणनीति बदलने की जररत है. मैंने पहले भी कहा है और फिर कहूंगा कि मतदाताओं को एक वैकल्पिक एजेंडा देने की जररत है जो इस पर आधारित हो कि हम बेहतर करेंगे.’

 

;;;रूझानों के बाद अब लगभग साफ हो गया है कि बीजेपी भारी बहुमत के साथ यूपी में सरकार बनाने जा रही है. रुझानों के मुताबिक बीजेपी को मिल रही भारी जीत पर राजनीतिक बयान भी आने शुरु हो गए हैं. यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मतदाताओं को नमन करता हूं कि उन्होंने उत्तर प्रदेश को गुंडा राज से मुक्त कराने के लिए, भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के लिए, यूपी का विकास करने के लिए जिस प्रकार से बीजेपी का समर्थन किया, आशीर्वाद दिया. मौर्य ने आगे कहा, ‘माननीय नरेंद्र मोदी जिनके नेतृत्व में यह चुनाव लड़ा गया. विरोधी हवा उड़ाने की लगातार कोशिश कर रहे थे मोदी जी ने यूपी में इतना समय क्यों दिया. मोदी जी के कारण बीजेपी यूपी में यह चुनाव जीती है. माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष के कारण यह चुनाव जीती है. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की वजह से यह चुनाव जीती है. इसलिए सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं.’

 उत्तर प्रदेश में करारी हार के बाद बीएसपी प्रमुख मायावती ने आरोप लगाया है कि उनकी हार की वजह ईवीएम में गड़बड़ी है. मायावती ने आरोप लगाया कि वोटिंग मशीन ने बीजेपी के सिवाए किसी दूसरी पार्टी के वोट को स्वीकार नहीं किया. मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी को मिली रिपोर्ट के मुताबिक मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी ज्यादातर वोट बीजेपी को ही चले गए. जिससे इस बात को और भी ज्यादा बल मिलता है कि वोटिंग में मशीन में छेड़छाड़ की गई है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज का वोट बीजेपी को चला जाए ये गले से नहीं उतर रहा है. मायावती ने कहा, ‘साल 2014 लोकसभा चुनाव के समय में भी खासकर यूपी के चुनाव के परिणाम के समय भी ऐसी आशंका जताई गई थी. ऐसा हुए बिना तब भी संभव नहीं हो सकता था. ऐसी ही शिकायत महाराष्ट्र निकाय चुनाव में भी की गई थी. आपको याद होगा पत्रकारों द्वारा भी  ऐसा सवाल किया गया था.’ उन्होंने निर्वाचन आयोग से ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों की जांच करने का आग्रह करते हुए कहा कि जब तक ऐसा न हो यूपी और उत्तराखंड के नतीजों को माना न जाए. उन्होंने बीजेपी को चुनौती दी कि अगर दम है तो बैलट पेपर से वोटिंग कराकर देख ले.

उत्तराखंड में सत्ता विरोध लहर खूब चली.

हरीश रावत की हार का सबसे बड़ा कारण उत्तराखंड में घोटालों को भी माना जा रहा है. 
– बीजेपी ने जून 2013 में आई विनाशकारी आपदा में दौरान हुए आबाकारी घोटाले और लूट में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के शामिल होने के दावा किया था.
– चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक आरटीआई का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि हरीश रावत सरकार ने क्रिकेटर विराट कोहली को आपदा राहत फंड से 47 लाख का भुगतान किया है.
– गायक कैलाश खेर को करीब 12 करोड़ के भुगतान का मुद्दा भी जोर-शोर से उठा था जिसे लेकर रावत सरकार की किरकिरी हुई थी.
-इस बार कांग्रेस के 9 बागी विधायकों में से 7 ने बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा है. 
– भाजपा की जीत और कांग्रेस की हार में इन बागी विधायकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 
– पिछले साल कांग्रेस से 9 विधायक अलग होकर भाजपा के साथ आ गए थे. 
– टिकट न मिलने पर कई नेताओं ने कांग्रेस से बगावत की. 
– पार्टी को एक सूत्र में बांधे नहीं रख पाने के कारण भी हरीश रावत को सत्ता से हाथ धोना पड़ा.
– उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत राज्य के लोगों से एक के बाद एक वादे किए, लेकिन उन्हें पूरा करने में नाकाम रहे.

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