उत्तराखंड -हरीश रावत भयंकर हार का अंदाजा तक नही लगा सके

सूचना मंत्री कभी चुनाव नही जीतता # हरीश रावत दोनों सीटों हरिद्वार (ग्रामीण) और किच्छा से हार गए  70   सीटों के रुझान सीटों पर बीजेपी आगे है जबकि कांग्रेस 11 पर, बीएसपी 1 पर -53 सीटों पर बीजेपी आगे है जबकि कांग्रेस 11 पर, बीएसपी 1 पर- चुनाव परिणामों से कांप गये कांग्रेस के मुखिया  #मिथक पूर्ण हुआ- उत्‍तराखण्‍ड में सूचना मंत्री कभी चुनाव नही जीतता-  उत्‍तराखण्‍ड सरकार का सूचना एवं लोकसम्‍पर्क विभाग से जुडा  यह मिथक राज्‍य गठन के बाद से जुडा है # सूचना सलाहकार के कर्मो का खामियाजा मुख्‍यमंत्री को भुगतना पडता है- राज्‍य गठन से लेकर वर्तमान तक- हरीश रावत सरकार की परफॉर्मेंस शून्‍य साबित हुई- www.himalayauk.org (HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND) Leading Web & Print Media; Chandra Shekhar Joshi- Editor 

राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत भयंकर हार का अंदाजा तक नही लगा सके, उनका सारा मैनेजमेन्‍ट असफल साबित हुआ, मतदान से एक दिन पूर्व हार को देखकर उन्‍होने राज्य में गठबंधन सरकार के संकेत दिए हैं. रावत ने   कहा कि वे बहुत सारे निर्दलियों के ‘कायल’ हैं और अगर उन्हें पूर्ण बहुमत मिल भी गया तो वह उन्हें साथ लेना चाहेंगे. 

उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी के बाद लौट सर्दी ने कांग्रेस के पसीने निकाल दिये, चुनाव परिणामों से कांप गये कांग्रेस के मुखिया- देवभूमि की 70 विधानसभा सीटों पर दांव लगाये हुए 637 उम्मीदवारों की धड़कने बढ़ गयी थी. हालांकि उत्तराखंड के चुनावी रुझानों में भी बीजेपी को बहुमत मिल चुका था परन्तुी कांग्रेस के नेता मानने को तैयार नही थे। इसके उपरांत आये चुनाव परिणामो में उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत स्व्यं दो विधान सभा चुनाव हार गए। ज्ञात हो कि ज्यादातर एक्जिट पोल में बीजेपी के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने का अनुमान लगाया गया था। शुरुआती रुझान ही सीएम हरीश रावत के लिए अच्छे दिखाई नहीं पड़ रहे। 49 सीटों पर रुझान मिले थे जिसमें, 37 पर बीजेपी की लीड थी, 10 पर कांग्रेस आगे चल रही थी। इससे पूर्व एग्जिट पोल में भाजपा को स्पबष्ट बहुमत बताया गया था। उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत ने न्यूज चैनलो से बातचीत में कहा था कि राज्य में कांग्रेस बहुमत से सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा, “मेरे मन में उत्साह भी है और आकांक्षा भी है। मैने भगवान से प्रार्थना की है कि जिस तरह मैने पिछले कार्यकाल में काम किया है इस बार उससे भी बेहतर करूं।”परन्तु इस बार भगवान ने उनकी प्रार्थना स्वीकार नही की, 
मतदाता पूरे विधानसभा चुनाव के दौरान खामोश रहे और सत्ताधारी कांग्रेस जीत का दावा करते रहे तथा हरीश रावत फिर से मुख्यबमंत्री पद की शपथ लेने का मुहूर्त निकालते रहे, तथा होली समारोहों में शिरकत करते रहे,
चुनावों का परिणाम कुछ इस तरह है, भाजपा के प्रत्याशी सतपाल महाराज चौबट्टाखाल सीट से भाजपा के प्रत्याशी मुकेश सिंह कोली पौड़ी सीट से प्रेमचंद अग्रवाल ऋषिकेश संजय गुप्ता लक्सर दीवान सिंह बिष्ट रामनगर सीट से पुरकाजी सीट से भाजपा के प्रत्याशी प्रमोद ओटवाल, गणेश जोशी मसूरी सीट से, राजकुमार ठुकराल रूद्रपुर सीट से, राजपुर रोड सीट से बीजेपी के प्रत्याशी खजानदास जीते, जबकि भाजपा के प्रत्याशी सौरभ बहुगुणा सितारगंज सीट से जीते, भाजपा के प्रत्याशी केदार सिंह यमुनोत्री सीट से बाजपुर सीट से भाजपा के प्रत्याशी यशपाल आर्य चुनाव जीत गये
70 में 55 सीटों पर भाजपा आगे चल रही है। कांग्रेस 13 और अन्य 2
भाजपा के प्रत्याशी हरभजन सिंह चीमा काशीपुर सीट से आगे
भाजपा के प्रत्याशी प्रदीप बत्रा रूड़की सीट से आगे
भाजपा के प्रत्याशी भरत सिंह रूद्रप्रयाग सीट से आगे
भाजपा के प्रत्याशी संजीव आर्य नैनीताल सीट से आगे
यमकेश्वर सीट से भाजपा प्रत्याशी ऋतु खंडूड़ी भूषण आगे
भाजपा के प्रत्याशी सुबोध उनियाल नरेंद्र नगर सीट से आगे
भाजपा के धन सिंह नेगी टिहरी सीट से आगे
बीजेपी के हरबंस कपूर देहरादून सीट से आगे
सहसपुर सीट से कांग्रेस के किशोर उपाध्याय आगे
कोटद्वार सीट से बीजेपी के डॉ. हरक सिंह रावत आगे
भाजपा के सौरभ बहुगुणा सितारगंज से आगे
अजय भट्ट रानी खेत से पीछे

हरीश रावत किच्छा सीट से भी हार गये, हरिद्वार ग्रामीण सीट से हरीश रावत यतीश्वरानंद से 12 हजार वोटों से हारे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मालती विश्वास सितारगंज सीट से हारी, कांग्रेस के प्रत्याशी भीम लाल आर्य धनसाली सीट से हारे, हल्‍द्वानी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी इंदिरा हृदयेश पीछे जबकि कांग्रेस के उम्मीनदवार पत्रकार मनोज रावत केदारनाथ सीट से आगे चल रहे हैं, वही यूकेडी के प्रत्याशी सुभाष चंद हरिद्वार ग्रामीण सीट से हारे
विधानसभा चुनाव परिणाम आने से पहले ही उत्तराखंड बीजेपी में जश्न शुरू हो गया है. होली आने से पहले ही बीजेपी में होली शुरू हो गई है. शुक्रवार को हरिद्वार के जगजीतपुर इलाके में बड़ी संख्या में बीजेपी की महिला विंग की कार्यकर्ताओं ने पार्टी के पक्ष में एक्जिट पोल आते ही होली का जश्न मनाना शुरू कर दिया. होली और गुलाल के साथ शुरू हुआ ये जश्न नाच-गाने तक चला. इस मौके पर लोगों की भीड़ और महिलाओं सहित बच्चे भी होली खेलकर जश्न मनाते दिखाई दिए.
11 मार्च को पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानों में बारिश जारी है. केदारनाथ में भी सुबह से ही बर्फबारी हो रही है. उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी से मौसम ठंडा हो गया है. राज्य के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हो रही है तो मैदानी हिस्सों में बारिश चल रही है. केदारनाथ में सुबह से ही बर्फबारी हो रही है. यहां दो फीट से ज्यादा बर्फबारी अभी तक हो चुकी है. बारिश और बर्फबारी से ठंड बढ़ गई है.
कांग्रेस के 9 बागी विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत, अमृता रावत, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, सुबोध उनियाल, उमेश शर्मा काऊ, प्रदीप बत्रा, शैलारानी रावत, शैलेंद्र मोहन सिंघल बीजेपी के साथ हैं। पार्टी ने इनमें से 7 को टिकट दिया है। चुनाव के जो नतीजे आ रहे हैं, उनमें इनकी बड़ी भूमिका मानी जा रही है।
उत्तराखंड में चुनाव से पहले कांग्रेस के 9 बागी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे, इनमें से 7 बीजेपी के टिकट पर चुनाव भी लड़े। पिछले विधानसभा चुनाव में भी यहां दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। इस लिहाज से इस बार इन बागी विधायकों का रोल अहम हो गया था। बीजेपी को उम्मीद थी कि इन 7 विधायकों के पार्टी में आने का उसे चुनाव में पूरा फायदा मिलेगा।
कांग्रेस छोड़ने वाले यशपाल आर्य के बेटे संजीव आर्य ने नैनीताल में ताल ठोंकी है. पूर्व विधायक और विकासनगर में बीजेपी उम्मीदवार मुन्ना सिंह की पत्नी मधु चौहान चकराता सीट पर चुनाव लड़ रही हैं. इसी तरह गृहमंत्री राजनाथ सिंह के समधी नारायण सिंह राणा धनोल्टी में बीजेपी उम्मीदवार हैं.
मुख्यमंत्री हरीश रावत तराई की किच्छा और मैदान की हरिद्वार ग्रामीण यानि दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सहसपुर और बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट रानीखेत से चुनाव लड़ रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की पुत्री रितू खंडूरी यमकेश्वर और पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा सितारगंज में बीजेपी के उम्मीदवार हैं.
उत्तराखंड में चकराता, धारचूला और हरिद्वार में भाजपा आगे, पिथौरागढ से कांग्रेस आगे चल रही है. हरिद्वार ग्रामीण और ऊधमसिंहनगर की किच्छा सीट पर हरीश रावत पीछे चल रहे हैं. भाजपा रूझानोें में 52 सीटों पर आगे चल रही है, जबिक कांग्रेस महज 14 सीटों पर आगे है. चार सीटों पर अन्य बढ़त बनाए हुए हैं. उत्तराखंड में कांग्रेस अभी तक अपने सबसे बुरे प्रदर्शन की ओर बढ़ रही है.
लोहाघाट सीट से कांग्रेस के खुुशाल सिंह अधिकारी आगे
उत्तराखंड में सभी सीटों पर काउंटिंग शुरू हो चुकी है. पहले पोस्टल बैलेट्स गिने जा रहे हैं. उत्तराखंड में 12 सीटों पर पोस्टल बैलेट्स निर्णायक भूमिका में हैं. प्रदेश में करीब 97 हजार पोस्टल बैलेटस हैं. पोस्टल बैलेट्स भाजपा के हक में अधिक दिखाई दे रहे हैं.
उतराखंड एक सैनिक बाहुल्य वाला राज्य है. यहां चुनावों में हर पार्टी सैनिकों के वोटों से अपनी सत्ता का रास्ता निकालती है. पिछले विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव या फिर अन्य चुनावों को देखें तो इनमें सैनिकों के वोट यानि पोस्टल बैलेट भाजपा के हक में ज्यादा गए थे. भाजपा कईं सीटों पर इन्हीं पोस्टल बैलेट से ही जीती थी. प्रदेश की 12 सीट ऐसी हैं, जिन पर पोस्टल बैलेट से चुनाव नतीजे बदल सकते हैं. आंकड़ों को देखें तो प्रदेश में करीब 97 हजार पोस्टल बैलेट मत पत्र हैं.
गौरतलब है कि एग्जिट पोल में उत्तराखंड में भी भाजपा को बढ़त दी गई है. पहले कईं ऐसे मौके आए जबकि पोल और सर्वे ऑड ईवन हो गए. लिहाजा कौन विधायक बनेगा और किसकी सरकार बनेगी ये तो ईवीएम खुलने के बाद ही तय होगा.
कहने की जरूरत नहीं हैं कि उत्तराखंड में पूरा चुनाव प्रचार पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम हरीश रावत की पर्सनलिटी पर केंद्रित रहा. यूं भी कह सकते हैं कि उत्तराखंड के ऊंचे नीचे और टेडे मेढ़े पहाड़ी रास्तों पर नरेंद्र मोदी के करिश्मे का इंतिहान है. साथ ही खाँटी और जमीनी नेता हरीश रावत की सबसे बड़ी सियासी अग्निपरीक्षा थी जिसमें हरीश रावत बुरी तरह असफल साबित हुए,
देवभूमि में करीब 22 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम और दलित मिलकर नतीजों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
. यहां 15 फरवरी को 69 सीटों के लिए वोट डाले गये थे। जबकि एक सीट पर वोटिंग 9 मार्च को हुई। इस बार उत्तराखंड की जनता ने बंपर वोटिंग की और पिछले तीन बार के विधानसभा का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 70 फीसदी वोट डाले। इस बार सीएम हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा सीट से उम्मीदवार हैं, उन्होंने सूबे में 45 सीटें जीतने का दावा किया है। उत्तराखंड में कुल 35,78,995 महिला मतदाताओं समेत कुल 74,20,710 मतदाता हैं। 13 जिलों में फैली 70 विधानसभा सीटों पर 637 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। आज 11 मार्च को यह साफ हो गया कि मतदाताओं ने किनके हक में अपना फैसला दिया है। उत्तराखंड में ज्यादातर सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था लेकिन करीब एक दर्जन सीटों पर बतौर निर्दलीय खड़े हो गये थे, बागी अपनी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दे रहे थे।
70 विधानसभा सीटों में जादुई आंकड़े के लिए 36 का संख्या बल चाहिए. परन्तुण भाजपा इससे ज्यागदा संख्या9 बल जुटा चुकी है

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